जंगल में अजनबी के मोटे लंड के साथ दंगल

हैलो दोस्तों, उम्मीद है आप सभी हवस से भरपूर, अपने-अपने लंड, गांड, चूत, चूचियां बाजू नाभि जिसमें आपका हवस का वास हो, वहां मसलते, मस्त, स्वस्थ और संतुष्ट होगें।

दोस्तों, हवस हर समय रहती है। बस जागने की देर रहती है। पर हवस की बुझन बड़ी ही टेढ़ी लुल्ली का खेल है। मेरी भी है छोटी से नुनु सी सिसी क्लिटी, या यूं कहें तो चकी लुल्ली, मैंने अपनी लुल्ली को बिस्तर में लंड के सपने देखते-देखते रगड़ रगड़-रगड़ के बर्बाद कर दिया है। बस अब किसी बहन के साथ चेस्टिटी केज पहन के चार लौड़ों के बीच बैठ के फोटो खींच लूं, तो अपनी नामर्दगी पे पूरा स्टैंप लग जायेगा।

सभी सीसी बहनों की तरह मुझे भी अब हवस अपनी लुल्ली नहीं अपनी गांड-चूत, अपने मुंह, अपने स्तनों में महसूस होती है, और उनमें एक खालीपन सा रहता हैं बिना लौड़े के।

जब कोई मस्त लौड़े वाला आशिक लाइफ में नहीं रहता, तो मुझे दारू और गांजा पी के थोड़ी राहत मिलती है। मुझे नशे में सी.डी. करना, और उस मदहोशी में लौड़ों से अपनी गांड-चूत अपना मुंह भरना, उन दरिंदो से अपनी चूची चूतड़ नुचवाना बहुत पसंद है। पर अगर ना भी मिले तो नशा करके टाइम पास हो जाता है।