मेरे बचपन का प्यार रूबी – भाग 15 – कहानी का अंतिम दूसरा भाग

पिछला भाग: मेरे बचपन का प्यार रूबी – भाग 14

रूबी की सिसकारियां निकल रहीं थीं आआह आअह रितु आआह मेरी रितू आआह। दस मिनट बाद रूबी बिलकुल गर्म थी लंड लेने को तैयार।

“बस रितु”, रूबी उठी और मेरी और देख कर बोली, “आओ विक्की, चोदो मेरी गांड और चूत – ठप्प ठप्प फच्च फच्च के संगीत के साथ”।

रूबी बेड पर उलटा लेट गयी जैसे रितु लेटी थी चूतड़ उठा कर।

रितु रूबी के पीछे गयी और चूतड़ चौड़े कर के गांड का छेद चाटने लगी। रूबी को मजा आ रहा था, “आआआह आआआह अअअह मेरी प्यारी रितु अअअह”।

रूबी बोली, ” कितना अच्छा चाटती है तू रितु। मस्त कर देती है। अब बस कर, नहीं तो लंड अंदर लिए बिना ही झड़ जाऊंगी”।

रितु हट गयी। मैं गया और गांड के छेद में जेल लगा कर लंड का सुपाड़ा अंदर डाल दिया। रूबी एक “आअह” की आवाज़ निकली, लेकिन ये मस्ती की आवाज़ थी। एक बार में ही मैंने पूरा लंड रूबी की गांड में बिठा दिया। अब रूबी की सिसकारी उईईईईआअह्ह्ह में थोड़ा दर्द था लेकिन मैं नहीं रुका।

कई बार हल्के दर्द में भी मजा आता है।

मैं ये सोच कर चोद रहा था की मुझे झड़ना नहीं है। क्या पता बाद में एक और चुदाई की फरमाइश आ जाये।

मैंने रूबी की कमर पकड़ी और ज़बरदस्त धक्के लगाने लगा उन्ह उन्ह उन्ह। नीचे जब लंड गांड के अंदर बैठता था तो टट्टे चूत से टकराते थे और आवाज करते थे ठप्प ठप्प फच्च फच्च।

रूबी अपनी चूत रगड़ रही थी और चूतड़ आगे पीछे कर रही थी आह विक्की आज तो फाड़ ही दे गांड आअह आआह मजा आ गया चुदाई का ….रितु कहां है तू आआह इधर आ अपनी चूत कर मेरे सामने कर …. अअअअह तेरी चूत का पानी चाटूं मैं आआह रितु आआह विक्की रगड़ और रगड़ मेरी गांड आआह ।

रितु उठी और रूबी के सामने चूत चौड़ी करके लेट गयी। रूबी ने अपना मुंह रितु की चूत में घुसेड़ दिया।

रूबी ने एकदम जोर जोर से चूतड़ हिलाने लगी। मैंने भी जोरदार पंद्रह बीस धक्के गांड में लगाए और ये सोच कर की रूबी को चूत में मजा दूं लंड निकाला एक झटके से चूत में धकेल दिया।

रूबी ने रितु की चूत से मुंह उठाया और बोली, ” नहीं विक्की चूत में नहीं, गांड ही चोद जोर जोर से, चूत का पानी मैं अपने आप निकाल लूंगी”।

मैंने लंड चूत में से निकला और सीधा गांड में फच्च की आवाज के साथ बिठा दिया। फिर मैंने जो धक्के लगाए की रूबी के साथ साथ उसके आगे चूत चौड़ी करके लेटी रितु भी हिलने लगी। रूबी अपने उंगलियों से चूत रगड़ रही थी, और अब तो रितु ने भी नीचे से हाथ डाल कर अपनी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया।

एकदम से रूबी ने रितु की चूत से मुंह हटाया और सिसकारियां आवाजे निकलने लगी,” आअह मेरे विक्की, विक्की , मेरे राजा, मेरी जान……चोद और चोद। निकलने वाला है। रितु निकलने वाला ही आआह अअअह आ गया आ गया आ गया अअअह विक्की गयी मैं गयी आअह फाड़ दे आआह आअह। और एक लम्बी अअअह के साथ रूबी के चूतड़ हिलने बंद हो गए। रूबी को मजा चुका था।

मगर अब रितु रूबी के नीचे अपने चूतड़ हिला रही थी और चूत का दाना रगड़ रही थी आअह….आअह…आअह मैडम, अब मेरा होने वाला है ये क्या हो रहा है आज आअह इतना मजा ? आह आअह आह मैडम आह गई गई गयी मैं गई मैं आआह। रितु भी हिलनी बंद हो गयी।

दोनों दो दो तीन तीन बार झड़ चुकी थी – मगर मेरा लंड खड़ा था इस चक्कर में की अगर एक और चुदाई की फरमाइश आ गयी तो ?

मैंने बड़ी ही धीरे से लंड रूबी की गांड में से निकाला और उतनी ही धीरे से पानी से भरी हुई चूत में डाल दिया। रूबी ने प्यार भरी सिसकारी ली आअह विक्की।

लेकिन इस सिसकारी में उसी समय चुदने की इच्छा से ज्यादा प्यार था – जैसा प्यार बढ़िया से चुदने के बाद एक पत्नी अपने पति के लिए जताती है।

मैंने कुछ देर लंड ऐसे ही रूबी की चूत में रक्खा और फिर लंड निकाल कर सोफे पर बैठ गया। गिलास में अभी व्हिस्की पडी थी – उसीके सिप लेने लगा।

रूबी भी बेड पर ढेर हो गयी थी। रूबी की बगल में ही रितु लेटी थी।

पंद्रह मिनट बीत गए , दोनों आंखें बंद कर के लेटी थीं।

मेरी व्हिस्की खत्म हो चुकी थी। मैं बाथ रूम गया पेशाब करके मैंने अपना और रूबी का गिलास उठाया और दोनों के लिए एक एक ड्रिंक और बना कर ले आया।

सोफे पर बैठ कर सिप लेते हुए रूबी और रितु को देखने लगा जो लग रहा था अभी चुदाई का मजा ले रहीं थीं। पेशाब करने के बाद लंड हल्का हो गया था।

पहले रितु उठी और मेरे पास से होती हुई बाथ रूम चली गयी। दस मिनट गुज़र गए। मैं हैरान हुआ। क्या नहाने लग गयी है रितु ? मैंने गिलास मेज पर रक्खा और बाथ रूम में गया। रितु टॉयलेट सीट पर बैठी थी। आखे मुंदी हुई। मैं रितु के पास गया उसके कंधे को छुआ और पूछा,” क्या हुआ रितु , तबीयत तो ठीक है “?

रितु ने सर उठा कर मेरी और देखा मगर बोली कुछ नहीं। उसने मेरा ढीला हो चुका लंड पकड़ा और चूसने लगी।

मैंने धीरे से लंड उसके मुंह में से निकाला और कंधों से पकड़ कर उसे उठाया। वो एक दम मुझ से लिपट गयी और मुझे कस कर पकड़ किया। मैंने रितु के बाजू हटाने की कोशिश की मगर उसने मुझे नहीं छोड़ा।

तब तक रूबी भी आ गयी। रूबी ने पुछा, “क्या हुआ विक्की “?

मैंने सारी बात रूबी को बताई। रूबी ने कहा, “कोइ बात नहीं मैं देखती हूं “। रूबी ने प्यार से रितु के सर पर हाथ फेरा और बोली, “रितु, क्या हुआ “? रितु ने मुझे छोड़ा और रूबी को लिपट गयी। रूबी रितु की पीठ और चूतड़ों पर हाथ फेरती रही और साथ साथ रितु रितु बोलती गयी

रूबी लिपटे लिपटे ही रितु को कमरे में ले आयी। सोफे पर बिठा कर पूछा , “रितु क्या हुआ बता तो सही “।

रितु ने सर उठाया और बोली, “कुछ नहीं हुआ मैडम, अभी भी चूत में मजा आ रहा है”।

मैं और रूबी दोनों हंस पड़े। रूबी ने रितु के चूतड़ों पर एक प्यार वाली चपत लगाई, “बेवकूफ, तूने डरा ही दिया था “।

फिर रूबी अपना वाला वोडका का गिलास उसके हाथ में ले कर बोली, “ले एक मोटा सिप ले “।

रूबी मुझे बोली, “विक्की तेरी चुदाई से लड़की मस्त हो गयी है। तू झड़ा या नहीं “?

मैंने कहा, “नहीं झड़ा। रोक कर रक्खा है, अगर फिर किसी ने चुदने की फरमाइश कर दी तो “?

“कमाल है यार विक्की तेरे लंड का दम – तेरा चुदाई का स्टैमिना। कितनी चुदाई करता है तू। तेरी बीवी बड़ी ही खुशकिस्मत है।”

फिर रितु से बोली, “रितु चुदना है एक और बार “?

रितु ने रूबी को देखा और बोली “सच मैडम “?

रूबी ने कहा, “सच है – तूने सुना नहीं अभी क्या कहा विक्की ने ? विक्की ने अपने लंड की मलाई रोक कर रक्खी है की अगर हममे में से किसी को फिर चुदना हो तो वो चुदाई कर सके। अब बता कैसे चुदना है इस बार तुझे”।

रितु बोली, ” मैडम मैं अकेली चुदाई नहीं करवाऊंगी। अगर आप चुदाई करवाएंगी तभी मैं भी चुदवाउंगी “।

रूबी बोली, “अरी पागल अगर मैं मना भी करूंगी तो भी ये विक्की मुझे चोदे बिना मानेगा क्या? पूछले इसीसे “।

रितु ने मेरी तरफ देखा।

मैंने हंसते हुए कहा,”बिलकुल I अब तक दोनों की चुदाई की है अब भी दोनों की ही चुदाई करूंगा। अगर कोइ एक नहीं भी मना भी करेगी तो ज़बरदस्ती चोद दूंगा “।

रूबी रितु से बोली, “सुन लिया? अब बता कैसे चुदना है तुझे – चूत में गांड में या मुंह में “?

“बताऊं मैडम “?

रूबी ने कहा, “अरे बता ना, क्या सुबह करनी है ? सुबह जल्दी भी उठना है। नौ बजे से पहले निकलना भी है तेरे सर को। सुबह नाश्ता नहीं करवाएगी इसको जाने पहले “?

रितु रूबी से बोली ,” मैडम ……..”।

रूबी ने बीच में ही रितु को रोक दिया, “रितु मैंने नहीं चोदना तुझे सर से बोल जिसने तेरी चुदाई करनी है – चूत में गांड में या मुंह में “?

रितु ने अब मेरी तरफ देख कर बोला, “सर मुझे तो आप सीधी लिटा कर,चूतड़ों के नीचे तकिया रख कर मेरी टांगें खोल कर मेरी चूत चोदिये। सर भींच लीजिये मुझे अपनी बाहों में। मेरी चूचियां अपने सीने में दबा दीजिये – मेरी जान निकाल दीजिये I सर इतना चोदिये मेरी चूत को इतना चोदिये आज की झाग निकल जाए मेरी चूत में से। चोद चोद कर पानी निकाल दीजिये मेरी चूत का”।

रितु की बात पर रूबी हंस पडी।

मैंने रूबी से पूछा, “और मेरी जान मेरी रूबी, तू कैसे चुदेगी “? रूबी बोली ,”जैसे ये लड़की चुदेगी, ऐसे ही मैं भी चुद जाऊंगी”।

मैंने रूबी से कहा,”तो ठीक है रूबी, तो गर्म कर रितु को”।मतलब की दोनों एक दुसरे की चूत चूसें और चूत को चुदने – चुदाई के लिए तैयार करें।

रितु पहले ही बोल पडी, “मेरी चूत तैयार है सर आपका लंड लेने के लिए। चाहे तो हाथ लगा कर देख लीजिये। पानी से भरी पडी है”।

मैंने कहा, “ठीक है रितु तो चल फिर। पर पहले अपने चूतड़ चौड़े करके अपनी गांड का गुलाबी छेद दिखा एक बार उसका चुम्मा ले लूं”।

रितु ने एक सेकण्ड नहीं लगाया और उल्टी लेट कर अपने चूतड़ उठाकर खोल दिए। रितु की गांड का गुलाबी छेद मेरे लंड में बिजली दौड़ा रहा था।

मैंने छेद को पांच मिनट तक चाटता रहा और रितु आआह सर आआह सर करते रही। जब रितु ने चूतड़ हिलने शुरू कर दिए तो मैंने रितु को लिटा कर उसके गांड के नीचे तकिया रख दिया। टांगें उठा कर देखा तो फुद्दी लेसीले पानी से भरी पडी थी।

मैंने लंड चूत पर रखा और एक ही बार में लंड जड़ तक बिठा दिया टाइट फुद्दी के साथ रगड़ खाता लंड जब अंदर गया तो रितु की सिसकारी निकले आआआह आअह सर ये होती है असली चूत की चुदाई…. मजा आ गया। चलो सर। अब करो मेरी चूत का कल्याण।

अब जो मैंने कस कस के धक्के लगाने शुरू किये तो मैं तब तक नहीं रुका जब तक रितु झड़ नहीं गयी। झड़ते वक़्त जो उसने सिसकारियां ली और जो वो बोली वो हद्द थी – आह सर रगड़ो मेरी फुद्दी आह जोर से सर जोर से आआह आगयी मैं लगाओ सर धक्के मेरी चूत में गांड में आज। मर गई मैं …..इतना मजा मैडम आआह रगड़ दो सर। क्या चुदाई करते हो आप सर जन्नत दिखा देते हो।

आआआआह गयी गयी। और रितु झड़ गयी एक घररररर की आवाज के साथ मेरा भी गर्म लेसदार सफ़ेद निकल गया रितु की चूत के अंदर। लेकिन मैंने धक्के लगाने बंद नहीं किये।

उधर रूबी अपनी ने अपनी चूत में रबड़ का लंड डाला हुआ था चूत के दाने को वाइब्रेटर से रगड़ रही थी। “आआहाह आअह आआह “….उसकी भी सिसकारियां निकल रही थी। आआह आअह ,,,,

मेरा लंड धीरे धीरे ढीला हो रहा था मगर मैं धक्के लगाता जा रहा था। मेरा वीर्य और रितु की चूत का पानी मिल कर चूत से बाहर निकल रहे थे थच्च थच्च के धक्कों की आवाज अब फच्च फच्च में बदल गयी। मेरा पूरा लंड और लंड का अस पास का हिस्सा लेसदार पाने गीला हो चुका था और चिचिपाहट के कारण चिप चिप कर रहा था। मैंने रितु की फुद्दी को देखा तो सफ़ेद सफ़ेद कुछ सारी चूत पर फैला हुआ था।

यही थी चूत की झाग जिसका जिकर रितु कर रही थी – “सर चोद चोद कर मेरी चूत की झाग निकाल दो”।

उधर रूबी भी ढीली पडी थी। लगता यही उसने भी रबड़ का लंड अंदर हिला हिला कर मजा ले लिया था।

मैंने लंड बाहर निकला और जा कर सोफे पर बैठ गया। रूबी ने जब मेरा लंड सफ़ेद चिपचिपे पानी से भरा देखा तो मेरे आगे फर्श पर बैठ मेरा लंड चाटने लगी। चाट चाट कर रूबी ने मेरा लंड बिलकुल सुखा दिया और रितु की चूत चाटने चली गयी।

रितु ने टांगें चौड़ी कर के दोनों हाथ नीचे कर के चूत की फांकें खोल दी। पूरी फुद्दी उस लेसदार सफ़ेद चिपचिपे पानी से भरी पडी थी। रूबी रितु की चूत चाट रही थी और साथ ही अपनी चूत भी खुजला रही थी । रूबी रितु की चूत की एक एक बूंद चाट गयी। रूबी रितु से बोली, जा सर का लंड तैयार कर – अपनी मैडम की फुद्दी के लिए ।

रितु उठी और दस मिनट की दमदार चुसाई से मेरा लंड तैयार कर दिया। रूबी ने बड़ी प्यार भरी नज़रों से मेरा लंड देखा और दोनों बाहें फैला दी – “आ जाओ विक्की और अब मेरी चूत की भी झाग निकाल दो”।

बीस मिनट की रूबी की चुदाई भी रितु की चुदाई जैसी धुआंधार थी।

रूबी रितु से भी ऊंची आवाज में सिसकारियां ले रही थी I

ऊंची ऊंची आवाज में बोल रही थी आआह अअह चोद विक्की अपनी इस रूबी की चूत को करले अपनी हसरत पूरी …… कहां था तो अब तक। सील क्यों नहीं तोड़ने आया मेरी फुद्दी की। क्या चुदाई करता है विकी आअह चोद आह चोद और जोर से निकलने वाला है। अब मत रुकना निकाल दे मेरा मजा। पूरा कर दे। आआह आआह हो गया। आह झाग निकाल मेरी चूत की आज । आआआह और रूबी झड़ गयी। जोर जोर से चूतड़ हिला रही थी। रूबी ने मुझे कस के पकड़ रखा था। तभी मेरा भी पानी निकल गया। मगर मैं धक्के लगता रहा।

रूबी की चूत में भी तो झाग बनानी थी रितु के चूसने चाटने लिए। जब रूबी हिलनी बंद हो गयी और मेरे लंड का आस पास का भाग चिप चिप करने लगा तो मैंने रूबी की चूत में से लंड निकाला और सोफे पर बैठ गया।

रूबी की चूत पूरे सफ़ेद लिसलिसे सफ़ेद पानी से भरी पडी थी – रूबी की फुद्दी की भी झाग निकल गयी थी।

उधर रितु अपनी चूत पर हाथ फेर रही थी। रितु ने पहले हाथ से मेरे लंड पर लगा चिपचिपाहट वाला पानी चाटा , फिर जुबान से लंड और लंड के आस का सारा पानी साफ़ कर दिया। रितु उठी और रूबी के पास जा कर रूबी की टांगें चौड़ी की और फुद्दी खोल कर रूबी के चूत बिलकुल साफ़ कर दी।

चुदाई पूरी हो चुकी थी। अब खाने का किसी का भी मन नहीं था। सब को नींद आ रही थी । इतनी ताबड़तोड़ चुदाई और ऊपर से तीन तीन चार चार पेग शराब।

रूबी और रितु वहीं अगल बगल में लेट गयी।

[email protected]

अगला भाग: मेरे बचपन का प्यार रूबी – भाग 16

Leave a Comment