पिछला भाग पढ़े:- मां की सुहागरात दूसरे की शादी में
तो आगे की सेक्स कहानी बताता हूं।
मौसा जी अपनी साली मतलब मेरी मां ज्योति को देख कर मस्ती मजाक कर रहे थे। और मैं तो दूर से देख रहा था। लेकिन मेरी मां उसको मजाक में ही ले रही थी। जानती थी कि बेटे ने पहले ही बताया था दुल्हन जैसे लग रही थी आज, और तैयार हुई भी थी साड़ी स्लीवलेस ब्लाउज पहन कर। तो किसी का भी खड़ा करने को काफी था।
और वहीं पर मेरे नए दोस्त बैठे बातें कर रहे थे, और बोल रहे थे: यार तुम्हारी ही बीवी हम सब की बीवी से ज्यादा खूबसूरत और हॉट हैं। हर लड़का ऐसे ही फिगर वाली बीवी की तलाश में होता है। लेकिन हमारी बीवी का शरीर तो अभी भरा ही नहीं है। पर तुम्हारी बीवी का शरीर पहले से ही भरा हुआ हैं। तो क्या शादी के पहले से ही तुम ज्योति को जानते हो?
तो मैंने बताया: जानता तो पहले से ही था, लेकिन चुदाई नहीं की थी। चुसाई जरूर की थी, तभी ऐसा फिगर बना हैं।
तो सबने बोला: अच्छा यार सही हैं।
लेकिन कोई कुछ ज्यादा नहीं बोलना चाहता था। क्योंकि वह सब अच्छा दिखना चाहते थे, और अपने मन की गंदगी को ज़ाहिर नहीं करना चाहते थे। इतनी बात होते ही मैंने देखा मेरी मां के पास मौसा जी जो मस्ती में लगे थे, वो अपनी बीवी को बुलाने लगे। क्योंकि वो भी गरम हो चुके थे, जो उनके पजामे से दिख रहा था।
वो जानते थे साली से वो मिलेगा नहीं तो बीवी की चूत में ही डालना पड़ेगा। तो अपनी बीवी को साथ लेके चले गए। इतने में जो दोस्त अपनी बीवी के साथ चुदाई कर रहा था, वापस तैयार होके निकला।
लेकिन उसकी बीवी सोती रही शायद। इतने में रात होने लगी, और सब इधर-उधर अपने कामों में लग गए। रात की पार्टी के लिए थोड़ा फ्रेश होने के लिए, मैं अपने रूम पर आया तो मेरी मां भी मुझे देखते हुए पीछे-पीछे आ गई।
मैं बाथरूम में था तो मुझे पता ही नहीं चला मेरी मां ज्योति कब रूम में आई, और रूम को बंद कर के बेड पर लेट कर हवा खाने लगी। मैं जैसे ही बाहर आया, तो ज्योति को लेटा देख का मेरा वापस खड़ा हो गया। लेकिन मैं जनता था कि अभी सही टाइम नहीं था। क्योंकि कोई भी बाहर से बुलाने आ सकता था। पर मुझसे रुका नहीं जा रहा था।
फिर भी मैंने अपने लंड को समझाया, और ज्योति के पास गया, तो वो मुझे अपने ऊपर खींच ली। मुझे समझ ही नहीं आया कि ये क्या हुआ। मैं समझ गया कि मेरे से ज्यादा तो जोश में मेरी मां थी, और बोलने लगी एक बार कर लेते हैं।
लेकिन मैं थोड़ा होश में आया, और उसे थोड़ा और तड़पाने के लिए समझाने लगा कि अभी नहीं करेंगे, बाद में करेंगे। लेकिन वो तो अपनी चड्डी निकाल कर लेट गई थी। पर मैं जनता था कि औरत को जितना तड़पाओ उतना ज्यादा मेज़ देगी चूत।
फिर मैं उसकी चूत पर हाथ लगाते हुए बोला (उसकी चूत एक-दम गरम चिकनी थी। रस निकल रही थी, लेकिन मैं होश संभालते हुए बोला): मेरी जान, अभी तुमको देखने वाले बहुत हैं। तो कोई भी आ सकता हैं। थोड़ा सबर करो।
लेकिन उससे नहीं हो रहा था। तो मैं उसकी टांगों को उठा कर बीच में बैठ गया, और उसकी रस टपकती चूत को थोड़ा रगड़ा। जिससे उसकी आह निकल गई। मैं समझ गया कि लंड की भूखी थी मेरी शेरनी की चूत।
लेकिन मैं इसे और आगे बढ़ाना चाहता था। तो मैंने उसकी मोटी-मोटी जांघों को चूमते हुए अपने कंधों पर रख लिया, और उसकी चूत को धीरे से चाटा। जिससे उसकी तड़प और बढ़ गई, और अपनी गांड को उठा कर अपनी चूत को मेरे मुंह में देने लगी।
मैं भी उसको ठंडी करने के लिए पूरी चूत जो चिकनी गुलाबी रसीली फूली हुई थी, उसको पूरा मुंह में लेके चूसने लगा। जिससे वो बिस्तर में अपना सिर इधर-उधर करने लगी, और अपनी दोनों गरम जांघों से मुझे अपनी चूत पर दबाने लगी। उसकी चूत इतनी ज्यादा गरम थी कि मेरे चूसने से वो ज्यादा देर टिक नहीं पाई, और 5 मिनट में ही पूरा पानी निकल दी, और शांत हो गई।
लेकिन उसे फिर भी लंड की भूख थी। पर अब मैं थोड़ा हट गया, जिससे उसकी चूत थोड़ी देर के लिए शांत रहेगी, और मैं उसके बगल में लेट कर, उसकी चूत को पकड़ कर बोला-
मैं: मेरी दुल्हन अब थोड़ी देर तक ये तुझे परेशान नहीं करेगी, और अब तो सबसे मिलना हो गया है। तो बस अब सब को अपना चेहरा दिखा कर जल्दी से जल्दी अपने रूम में आना है, तो तैयार हो जा थोड़ा फ्रेश हो कर।
तब मेरी मां मेरे लंड को पकड़ कर बोली: आज तो इसको बैठने नहीं दूंगी, और बैठ भी गया तो वापस खड़ा करके इसकी सवारी करूंगी। और तुझे बताऊंगी, तेरी ये बीवी अंदर से कैसी है।
मैं बोला: ठीक है मेरी जान। आज तो ये लंड भी तुझे बताएगा कि इस चूत के अंदर तक जहां कोई नहीं गया, वहां तक की सैर करेगा, और तेरी मीठी-मीठी आवाज से और तेरे इस चूत से रस से पूरा कमरा खुशबू से महक जाएगा।
तो हम दोनों तैयार होके वापस सबसे मिलने लगे, जो शाम को पार्टी में आने थे, और इसी सब में हम दोनों को 2 घंटे कब बीत गये, पता ही नहीं चला। तभी मेरे मोबाइल में रिंग हुई। देखा तो मेरी मां का कॉल था।
ज्योति: कहां हो? मैं अपने पति के साथ सुहागरात का इंतजार कर रही हूं।
राज़: मैं तो अपनी ही बीवी को ढूंढ रहा था। अब पता चला मेरी बीवी तो रूम में पहले से है, तो मैं भी आ रहा हूं।
और मैं रूम में चले गया रूम के पास जैसे ही पहुंचा, तो देखा कि मेरे जो दोस्त बने थे, वो वहीं सब अपने अपने रूम के पास खड़े थे, और मुझे आता देख हेलो किए वापस और बोले: आज तो तुम्हारा हनीमून होगा।
मैं हंसा और बोला: अब देखो यार इतनी थकान के बाद तो बस नींद ही आती हैं।
सब हंसे लगे और बोले: ये तो सही बोला यार।
मैं बोला: चलो चलता हूं।
और मैंने अपने रूम का दरवाजा जैसे ही खटखटाया, तो मेरी मां ने ओपन किया। वो रूम में पूरा अंधेरा करके रखी थी।
मैं बोला: लाइट नहीं है क्या?
तो बोलती है: लेकिन उसकी जरूरत है क्या? मेरा हाथ पकड़ो और आ जाओ।
मैं अंदर गया और मां ने रूम लॉक कर दिया। फिर लाइट जैसे ही ऑन करी, मैं तो अपनी मां को ही देखता रह गया। क्या सेक्सी ड्रेस पहनी हुई थी जो उसकी घुटने से ऊपर थी। मस्त रसीली जांघें, और अंदर से शायद उसने कुछ पहना नहीं था। पूरी ऊपर से नीचे तक एक-दम चमक रही थी
मैं बेड के पास खड़ा उसको देखता ही रहा, लेकिन वो तो भूखी शेरनी की तरह मेरे ऊपर कूद पड़ी। लेकिन फिगर इतना मस्त और भारी हो तो में तो सीधा बेड में गिर पड़ा। वो मुझे बस चूमती रही, फेस पर जोरों से और मैं भी उसके हाथ को चूसने लगा। वो मेरे होंठों को अपने दांतों से काटने लगी।
आगे की कहानी हमारी सुहागरात की है। आप सब अपना फीडबैक जरूर दीजियेगा।
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