हेलो दोस्तों, मैं अरुण 22 साल का दिल्ली का रहने वाला हूं। घर पर मैं मम्मी के साथ रहता हूं। पापा विदेश में जॉब करते हैं। मैं अपने माता-पिता की अकेली संतान हूं मम्मी मुझे बहुत प्यार करती है। मम्मी की उम्र 42 साल है। वह दिखने में बहुत ही ज्यादा सुंदर, गोरी और सुशील है। मम्मी का नाम सोनम है।
बात तब की है जब मैं 19 साल का हुआ था, और मेरा उस दिन बर्थडे था। मैं कॉलेज नहीं गया। मम्मी मेरे लिए अच्छे-अच्छे खाने और केक बना रही थी। मम्मी मुझे बहुत दुलार करती थी। मैं उनके पास गया और उनकी मदद करने लगा। वह बार-बार मुझे मना कर रही थी, पर मैं उनकी मदद करने के साथ छेड़ भी रहा था। मम्मी हंस भी रही थी और झूठ-मूठ का मुझे डांटने का नाटक कर रही थी।
मम्मी: अच्छा चल ये बता आज पार्टी में कौन कौन आ रहा है?
मैं: मैं किसी को इनवाइट नहीं किया, सिर्फ आप ही मेरे दोस्त हो…
मम्मी थोड़ी भावुक हो गयी, और मेरे गालों को अपनी हथेली में लेकर बोली: चल कोई बात नहीं। तेरी यह पार्टी में आज यादगार बना दूंगी।
हम दोनों हंसने लगे, और फिर मैं मम्मी की मदद करने लगा। शाम हुई, मम्मी बहुत ही सुंदर साड़ी पहन कर तैयार हो गई थी। मैं भी कपड़े पहन कर तैयार हुआ। हम दोनों केक काटने की तैयारी करने लगे।
मम्मी म्यूजिक चलाई, और मैं केक काटा। पहले मम्मी को खिलाया, फिर मम्मी मुझे खिलाई, और हम दोनों नाचने लगे। मम्मी जब मुझे केक खिलाई तो मेरे होठों के पास थोड़ा केक लग गया।
तो मम्मी बोली: रुक, मैं अभी साफ कर देता हूं।
मम्मी हाथ बढ़ाई केक साफ करने के लिए, लेकिन फिर ना जाने उन्हें क्या हुआ, वो हाथ मेरे गालों पर ले गई और मुझे अपने करीब खींचते हुए मेरे होंठ को अपने होंठ में दबा कर चूसने लगी।
ज्यादा लंबा नहीं था, पर मम्मी ने मेरे केक को साफ करके मुस्कुराते हुए बोली: केक तेरे मुंह पर लगी थी, तो तुझे क्या जरूरत थी मेरे होंठ को चूसने की। देख मेरे होंठों की लाली तूने चूस ली।
मम्मी की होंठ बिना होंठ लाली के गुलाबी लग रहे थे। बहुत ही प्यारी लग रही थी मम्मी। फिर हम दोनों खाना खाए, और उसके बाद खूब बातें किया, और साथ में ही सो गए। हम दोनों मां-बेटे साथ एक ही बिस्तर पर सोते थे, पर कभी एक-दूसरे के साथ जिस्मानी संबंध नहीं बनाए थे। हम दोनों में असीम प्रेम था।
उसके बाद हम दोनों में प्रेम बढ़ता चला गया। फिर एक दिन मेरी कॉलेज की छुट्टी थी, तो मम्मी मुझे घूमने के लिए नदी के पास ले गई। नदी के पास और कोई नहीं था। हम दोनों बैठ कर बातें कर रहे थे। हम दोनों को एक-दूसरे का साथ बहुत अच्छा लगने लगा। उस दिन भी मम्मी ने मेरे होंठ पर किस करके बोलीहै
मम्मी: तू मेरा सबसे अच्छा बेटा और दोस्त है।
फिर हम घर चले आए। एक दिन मम्मी ने मुझसे बोली: चलो सिनेमा चलते हैं।
मैं बहुत खुश हुआ और मम्मी को बाइक पर बिठा कर सिनेमा घर ले आया। बहुत ही अच्छी मूवी लगी थी। मम्मी उस दिन सलवार सूट पहन कर आई थी। सलवार सूट में मम्मी बिल्कुल दीदी की तरह ही लगती है।
सिनेमा घर में ज्यादा लोग नहीं थे। हम दोनों कोई अच्छी सी जगह पकड़ कर बैठ गए। सिनेमा चलने लगा। बहुत ही अच्छी फिल्म थी। हम दोनों खूब इंजॉय कर रहे थे। उसमें जब रोमांटिक सीन आया तब मम्मी मेरी ओर देख कर मुस्कुराई और मैं भी उन्हें देख कर मुस्कुराया।
मम्मी मेरे होंठ पर हल्की सी किस्स करके हंसने लगी। मैं फिल्म देख कर थोड़ा एक्साइटेड हो गया था। मैंने फिर से मम्मी के सर को पकड़ा और उनके होंठों को चूसने लगा। इस बार मम्मी मेरी भरपूर साथ दे रही थी। हम दोनों सिनेमा घर में ही एक दूसरे के होंठ को चूसने लगे।
फिर मम्मी मुझसे अलग हुई और बोली: काफी शैतान हो गया है तू। हम दोनों मां-बेटे हैं। इससे ज्यादा हमें नहीं करना चाहिए।
मैं थोड़ा नाराज हुआ, और उदास बैठ गया।
तभी मम्मी मुझे अपनी ओर खींचते हुए बोली: मेरे बेटे, नाराज होने की जरूरत नहीं है। हम दोनों को पब्लिकली लव अफेयर नहीं करना चाहिए। मैं मम्मी की बातों को समझ गया। और फिर मम्मी मेरे हाथ पकड़ कर मुझे सिनेमा घर से बाहर लाई, और मैं बाइक निकाला और घर चले आए।
रात को खाना खा कर जब हम दोनों सोने के लिए लेटे हुए थे, तब मैं मम्मी से पूछ बैठा: मम्मी क्या आप मुझसे प्यार करती हो?
मम्मी: तुम्हें क्या लगता है, इतना कुछ क्या केवल मां कर सकती है?
मैं मम्मी की बातों को समझ गया, और उन्हें गले लगा लिया। मम्मी भी मुझे अपनी बाहों में लेकर मेरी बालों को सहलाने लगी।दूसरे दिन मम्मी जब किचन में खाना बना रही थी, तब मैं उनके पीछे से गया, और अपनी बाहों में पकड़ कर उनके गाल पर किस्स कर लिया। मम्मी भी जवाब में पलट कर मुझे अपनी बाहों में कस ली, और मेरे होंठों पर किस्स कर ली।
मैं: मम्मी माय लव, आज आपको डिनर पर ले जाना चाहता हूं।
मम्मी मेरे होठों पर किस्स करके मुस्कुराते हुए जवाब दे दी। मैं खुश होते हुए कॉलेज चला गया और जब घर वापस आया तब मम्मी बहुत ही सुंदर परी की तरह फ्रॉक पहन कर तैयार हो गयी थी। शाम होने वाली थी। मैं भी जल्दी से तैयार हुआ और बाइक निकाल कर हम दोनों चल दिए।
मैंने सारा इंतजाम कर रखा था। मैं मम्मी को हाईवे से थोड़ी सी दूरी पर एक जंगल के पास ले गया। वहां पर लवर के लिए बहुत ही अच्छा होटल बना हुआ था, और होटल के मैनेजर से फोन पर बात हो चुकी थी। वहां पर काफी रोमांटिक इंतजाम किया हुआ था। मम्मी उस जगह को देख कर बहुत खुश हुई।
मम्मी: इस तरह की प्यार तो तुम्हारे पापा भी कभी नहीं किए थे।
मैं: इस तरह के प्यार केवल प्रेमी ही करते हैं।
हम दोनों एक-दूसरे के बाहों में आ गए। हल्की-हल्की लाइट जल रही थी। चारों ओर फुल बिछे हुए थे, और पास में ही छोटी सी तलाब थी। मम्मी को यह रोमांटिक जगह बहुत ही रोमांचित कर रही थी। हम दोनों ने काफी देर तक वहां एंजॉय किया, और बातें की। उसके बाद खाना खाए और होटल में चले आए।
होटल में बिस्तर पर फूल बिछे हुए थे, जैसे सुहागरात का सीन हो। मम्मी यह देख कर शर्मा गई और अपने सर को मेरे सीने में छुपा ली। मैं मम्मी को बाहों में भर लिया और उनके कान में धीरे से बोला-
मैं: मेरी जान यह सब आपके लिए ही है। आज मैं अपनी लव अफेयर को यादगार बनाना चाहता हूं।
मम्मी मेरी ओर देखी। उनकी आंखों में प्यार बरस रहा था। मैं मम्मी के गालों को सहलाने लगा। मम्मी अपनी आंखों को बंद की मैंने उनके होंठ पर अपने होंठ रख दिए।
हम कमरे में खड़े हुए एक-दूसरे के होंठों को चूस रहे थे। फिर मैं मम्मी को अपनी गोद में उठाया, और बिस्तर पर सुला दिया। बिस्तर गुलाब से सजा हुआ था। गुलाब की खुशबू और मम्मी के बदन की खुशबू दोनों मुझे रोमांचित कर रहे थे। मैं मम्मी के गाल तो कभी गर्दन को चूमने लगा।
मम्मी भी मेरा साथ दे रही थी, और वह भी मेरे गाल और गर्दन को चूम रही थी। मैं मम्मी के हर मुलायम हिस्से को सहला रहा था। धीरे-धीरे में मम्मी के कपड़े को उतार दिये, और उन्हें नंगा कर दिया। मम्मी शर्म से अपने मुंह को छुपा ली। मैं अपने कपड़े भी पूरी तरह से उतार दिया, और मम्मी के ऊपर लेट गया।
मम्मी का गोरा और कोमल बदन मेरे तन-बदन में आग लगाने लगी। मैं उनके हर गोरे अंग को चूमने लगा। मम्मी मेरे साथ देते हुए मेरे बालों को सहला रही थी, और मुंह से सिसकारी भरने लगी। मम्मी के गोरे मुलायम गोल-गोल चूचियों को चूसने में मुझे बड़ा आनंद आने लगा।
धीरे-धीरे में मम्मी के टांगों के बीच गया, उनकी गोरी चूत को देख कर मेरा लंड टाइट हो गया है। मैं उनकी चूत को फैलाया। अंदर से बिल्कुल गुलाबी थी। मन किया कि अभी उनकी चूत को खा जाऊं, पर मम्मी शर्मा रही थी।
मैं अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़ने लगा। उनकी चूत पानी छोड़ने लगी, और मेरा लंड गीला हो गया। मैं हल्के से धक्का दिया, और मेरा लंड आधा उनकी चूत में घुस गया।
मम्मी की चूचियों को सहलाने लगा, और धीरे-धीरे धक्का लगाने लगा। मम्मी की चूचियों को चूसते हुए मैंने एक और शॉट मारा, और पूरा लंड उनकी चूत में उतार दिया। मम्मी थोड़ी सी चिखी पर थोड़ी ही देर में शांत हो गई। मैं उनकी चूचियों को सहलाते हुए चोदना शुरू कर दिया।
मम्मी की मुलायम गुलाबी चूत चोदने में मुझे बहुत मजा आ रही थी। उस रात में ना जाने कितनी बार किस-किस पोजीशन में मम्मी की चूत चोदी, और हम दोनों रात भर वहीं रहे। सुबह जब हम लोग उठे, तो मम्मी उस दिन बहुत ज्यादा खुश लग रही थी। वह मेरे बाहों में थी, और मुझसे बोली-
मम्मी: आज मैं अपने सच्चे प्रेमी को पाकर धन्य हो गई!
मैं: मम्मी आप मेरा पहला प्यार हो। मैं आपको कभी नहीं भूलाऊंगा। मैं हमेशा आपके साथ रहूंगा!
फिर हम दोनों एक-दूसरे को किस्स किये और घर वापस आ गए।