मां की चुदाई कहानी आपका हार्दिक अभिनंदन। मेरी ये पहली कहानी है, तो अगर कहीं पर कुछ गलती हो जाए, तो उस पर ध्यान ना देते हुए कहानी का मजा लीजिए, जो एक सच्ची कहानी हैं।
मेरा नाम राज है। मेरे घर पर हम 3 लोग ही है, मैं, मेरे पापा, और मेरी हॉट सेक्सी मां। मेरी उम्र 23, पापा की 48 मां की 44 हैं। तो इस कहानी की हीरोइन का फिगर बता दूं।
वो दिखने में गोरी है, भरा हुआ शरीर है, दिखने में बिल्कुल वेलम्मा जैसा। जिसका हर कोई दीवाना है। पापा तो शादी होते ही चोदने लगे, और पहले ही साल में मुझे मेरी मां की चूत से निकाल दिया, और फिर मां का ऑपरेशन करवा दिया, जिससे उनको चोदने में कोई रुकावट ना आए बच्चे की।।
मैं बहुत पहले से ही मां की चुदाई पापा के साथ देख रहा हूं, वो पूरी नंगी करके चोदते थे और नंगी ही मां को सुलाते थे। लेकिन उन्हें पता नहीं था मैं भी रात में कभी-कभी जाग जाता था, और जगता तो ऐसे चमकती हुई मेरी मां नंगी सोई रहती थी। वो इतनी चुदाई से थक के बेसुध सोती थी। तो मैं भी उसकी चूत और गांड को छू कर देखता था। चूत पर छोटे-छोटे बाल होते थे जो चुभते थे, लेकिन पापा उसी चूत को चटकारे लेके चूसते थे, और गांड एक-दम चिकनी गोरी होती थी।
अरे माफ करना, मैंने तो अपनी मां का नाम बताया ही नहीं। उसका नाम ज्योति है, जो अंधेरे में भी नंगी होके उजाला कर देती है। उसका नाम जैसा है, वैसे ही उसका शरीर हैं। तो कहानी शुरू करते है। इस कहानी की हर एक बात सही है। हम ऐसी जगह रहते जरूर है जहां ऐसे रिश्ते को हम बस काल्पनिक ही मानते है। लेकिन इसी काल्पनिक दुनिया में कुछ सच्चाई भी छुपी होती है, तो ये वही छुपी हुई सच्चाई है।
ये बात 2023 की है जब हम तीनों को एक रिश्तेदार के घर पर जाना था। लेकिन पापा को जरूरी काम था, तो उन्हें मुश्किल हो रही थी। कोशिश करने के बाद भी उन्हें समय नहीं मिला, तो तय ये हुआ कि हम मां-बेटा ही जाएंगे।
मैं आपको बता दूं कई बार हम मां-बेटा घूमने भी जाते है, तो हम दोनों को हसबैंड-वाइफ लोग समझ लेते है। तो इस बात से समझ ही सकते है कि मेरी ज्योति ने खुद को किस तरफ मेंटेन किया हुआ है।
खैर जहां हमें जाना था वह पर जाने के लिए सिर्फ बस ही मिलती है। ट्रेन से वहां नहीं जय जा सकता या। ये कहे वहां ट्रेन जाती ही नहीं है। तो हम दोनों का फिक्स हुआ जाना।
दिसंबर का समय था। ठंड शुरू हो चुकी थी, और जहां पर जाना था वहां थोड़े पहाड़ होते है, तो रास्ते में ठंड बढ़ जाती हैं। ये हमें पता नहीं था तो मां और मैं तैयार हुए। मैं अपनी लोवर टी-शर्ट में था, और मां ने एक हॉट ब्ल्यू सारी पहनी अपनी गहरी नाभि के नीचे से। मैं बताना चाहता हूं कि मेरी मां पैंटी नहीं पहनती थी। तो वो सारी पेटीकोट के अंदर से नंगी थी, और अपनी चूत को साफ रखती थी।
हमारी बस स्लीपर वाली थी। हम दोनों की सीट एक साथ थी। शाम को हम दोनों को पापा ने बस में बिठा दिया। हमारी बस निकल गई हमारे शहर से, और हम दोनों ही इधर-उधर की बातें करने लगे। मेरी आदत थी मैं सोते हुए अपनी मां से चिपक कर ही सोता था हमेशा। लेकिन मुझे पता नहीं था इस सफर में उसकी चूत के अंदर घूमने भी मिलेगा, उसका पानी पीने मिलेगा।
थोड़ी रात होने लगी थी। बस को 11 बजे ही रुकना था, लेकिन 8 बजे तक हमने अपना खाना खाया, और अपनी सीट के पर्दे लगा लिए। सीट पर गेट नहीं था, सिर्फ पर्दे थे। हम दोनों लेट गए। मैं अपनी मां के पेट पर हाथ रखा हुआ उनसे बाते कर रहा था, और पेट को भी सहला रहा था। ऐसे में हर लड़का जानता है कि सोते हुए कैसे खड़ा हो जाता है, जब कोई आपके पास और सेक्सी हो तो फिर तो लंड को रोकना मुश्किल होता है।
मेरी आदत थी कि में सोते हुए अंडरवियर में सोता हूं, चाहे कहीं भी रहूं। तो मैं अंडरवियर में था, और शायद मां को मेरा लंड महसूस हो भी रहा था। लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। पर जो औरत रोज लंड की सवारी करती हो, उसकी चूत कैसे रोके खुद को। तो शायद उसकी चूत भी गीली हो रही थी। ठंड में भी उसे हल्का पसीना आ रहा था।
बस की लाइट बंद हो चुकी थी। बस अपनी तेजी में थी और मैं धीरे-धीरे अपनी मां के साथ चिपक रहा था। मां ने एक चादर निकाली और हम दोनों उसके अंदर आ गए। मुझे लगा शायद मां मुझे ठंड से बचाना चाहती थी इसलिए। लेकिन वजह कुछ और थी। चादर ओढ़ते ही मां ने अपनी साड़ी और पेटीकोट एक साथ ऊपर किए, और चूत पर उंगली से रगड़ रही थी।
मां अपनी चूत को रगड़ते हुए आह आह की सिसकियां ले रही थी, जिससे मेरी हल्की नींद टूटी और मैने ध्यान दिया तो मां थोड़ी हिल रही थी। बस के हिलने की गति और मां की गति अलग थी। मुझे भी एहसास हो गया था कि ये गरम हो गई थी। मैं थोड़ा सा अपना पैर अपनी मां के ऊपर रखा तो, उसकी चिकनी जांघ से मेरे अंदर करंट सा दौड़ गया।
आप लोगों ने भी पहली बार किसी की चिकनी जांघ को छुआ होगा तो आप लोग को भी इसका एहसास होगा कि कितना मजा आता है, और ठंड में भी पसीने निकल जाते हैं। दिल की धड़कन तेज होने लगती है, और फिर मेरे साथ तो मेरी रानी थी, जिसे मैं अपनी ख्वाबों की रानी मानता था। जिसे मैं कब से नंगी देखा करता था। तो मेरे पास आज मौका था, जिसे मैं कुछ भी करके छोड़ना नहीं चाहता था।
तो मैं अपने खड़ा लंड को बाहर निकाल कर मां की गांड से रगड़ने लगा। मां जोश में थी। उसे भी लंड की जरूरत थी, तो उसने अपनी चूत में उंगली करनी बंद नहीं की। उसे कुछ ध्यान ही नहीं था कि उसकी गांड पर मैं लंड रगड़ रहा था। फिर मैंने अपना हाथ आगे करके उसकी जांघों पर रख दिया, और रगड़ने लगा, और दबाने लगा। तो उसने पलट कर मेरा हाथ हटा दिया।
वो बोली: ये क्या कर रहा है बेटा?
मैं बोला: जिसकी तुम्हे जरूरत है, उसकी मुझे भी है।
वो बोली: तू मेरा बेटा है, तेरे साथ कैसे कर सकती हूं?
मैं बोला: तो इस बस में कौन हमें जनता है कि हम कौन है? क्या रिश्ते में लगते है? और वैसे भी देखने वाले हम दोनों को तो मिया-बीवी समझते हैं।
वो बोली: नहीं बेटा।
मैं अपना हाथ उसकी जांघों से हटाया नहीं। उसकी जांघ को सहलाता रहा। मैं जनता था उसकी चूत का पानी निकला नहीं था, तो थोड़े समय में मान जाएगी।
इसके आगे की कहानी अगले पार्ट में। मां की चुदाई की ये कहानी आपको कैसी लग रही है, जरूर बताना।
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अगला भाग पढ़े:- मां की चुदाई बस में-2