फिर वो दोनों करीब आए, और होंठों से होंठ जोड़ दिए। अब मेरी मम्मी और प्रिंसिपल एक-दूसरे के होंठ चूस रहे थे। होंठों को चूसते हुए प्रिंसिपल मेरी मां की कमर को मसल रहा था। मां ह्म्म्म ह्म्म्म की कामुक आवाजें निकाल रही थी। कुछ देर मां के होंठों का रस पीने के बाद उसने किस्स तोड़ी, और मां की मुलायम गर्दन पर किस्स करने लगा। मां मदहोशी वाले एक्सप्रेशंस देने लगी।
प्रिंसिपल ने मां का पल्लू उसके कंधे से नीचे कर दिया, और उसकी गर्दन चूमते हुए उसके चूचों को ब्लाउज के ऊपर से दबाने लगा। मां भी उसकी जांघों पर हाथ फेरते हुए उसके लंड पर अपना हाथ रख ली। दोनों कामुकता में डूबते जा रहे थे, और उनकी चुदाई की प्यास साफ नज़र आ रही थी।
फिर प्रिंसिपल ने मां को अपना मुंह दूसरी तरफ करने को कहा। मां उसकी बात मानते हुए उसकी तरफ अपनी पीठ करके बैठ गई। उसके बाद प्रिंसिपल मां के ब्लाउज का हुक खोलने लगा। देखते ही देखते उसने मां के ब्लाउज को उसके चूचों से अलग कर दिया। मां ने नीचे सफेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी। उसकी ब्रा काफी टाइट थी, जिसमें से उसके चूचे बाहर आने के लिए उतावले हो रहे थे।
फिर प्रिंसिपल ने मां की ब्रा का हुक खोल कर उसको भी उतार दिया। जैसे ही मां की ब्रा उतरी, उसके चूचे ऐसे उछल के बाहर आए, जैसे डैम खुलने पर पानी उछल कर बाहर आता है। फिर प्रिंसिपल ने मां को दोबारा अपनी तरफ घुमाया, और उसके चूचे अपने दोनों हाथों में पकड़ लिए। मां के चूचे इतने बड़े थे, कि उसके हाथों में पूरे नहीं आ रहे थे। अब प्रिंसिपल मां के चूचों को मसलने लगा, और एक-एक करके दोनों निपल्स को मजे लेके चूसने लगा।
मां आह आह की कामुक आवाजें निकालती हुई प्रिंसिपल के सर को अपने चूचों में दबाने लगी। वो भी चूचों की चुसाई का भरपूर मजा ले रही थी। कुछ देर चूचे चूसने के बार प्रिंसिपल ने मां को खड़ा किया। फिर उसने मां की साड़ी का पल्लू पकड़ा, और उसको खींचते हुए दूर जाने लगा। इससे मां घूमने लगी, और उसकी साड़ी खुलने लगी। जल्दी ही मां की पूरी साड़ी खुल गई, और अब वो पेटीकोट में थी। मां का जिस्म बड़ा जबरदस्त लग रहा था।
फिर प्रिंसिपल सोफा पर बैठ गया, और मां को अपने करीब खड़ा कर लिया। उसका चेहरा मां के पेट के सामने था। प्रिंसिपल ने मां की नाभि पर अपना मुंह लगाया, और उसको चाटने लगा। मां ने अपनी आँखें बंद कर ली। मां का पेट चाटते हुए प्रिंसिपल ने मां के पेटीकोट का नाडा खोला, और उसको नीचे गिरा दिया। अब मां सिर्फ हरे रंग की पैंटी में थी। उसकी मोटी गांड पैंटी में फंसी हुई बहुत सेक्सी लग रही थी। मां को ऐसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था। जब मैंने पास खड़े गेटकीपर को देखा, तो वो लंड निकाल के मुठ मार रहा था।
फिर प्रिंसिपल ने मां की पैंटी उतारी, और अब मां उसके सामने पूरी नंगी खड़ी थी। मां की चूत तो दिख नहीं रही थी, क्योंकि हमारी तरफ उसकी पीठ थी, लेकिन प्रिंसिपल की खुशी देख कर पता चल रहा था कि मां की चूत कितनी कमाल की होगी। प्रिंसिपल ने देखते ही मां की चूत पर अपना मुंह लगा लिया, और उसको चाटने-चूमने लगा। मां आहें भरने लगी।
फिर प्रिंसिपल ने मां को सोफा पर लिटाया, और खुद खड़ा हो गया। वो अपने कपड़े उतारने लगा। देखते ही देखते वो पूरा नंगा हो गया। उसका लंड काफी बड़ा और मोटा था। फिर उसने मां की तरफ देखा तो मां ने प्रिंसिपल को देखते हुए एक स्माइल पास की, और अपनी टांगे खोल दी। लेकिन प्रिंसिपल पहले मां के मुंह के पास गया, और अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया। उसने मां के बाल पकड़े, और जोर-जोर से मां के मुंह की चुदाई करने लगा। मां भी किसी रंडी की तरह मुंह चुदाई का मजा ले रही थी।
कुछ देर में प्रिंसिपल का लंड पूरा गीला हो गया। फिर उसने लंड मां के मुंह से निकाला, और उसके ऊपर, उसकी टांगों के बीच आ गया। प्रिंसिपल ने अपना लंड मां की चूत पर सेट किया, और धक्का मार कर अंदर पेल दिया। मां के मुंह से आह की आवाज निकली। अब प्रिंसिपल अपने लंड को मां की चूत के अंदर-बाहर करने लगा।वो पूरी स्पीड पर मां की चुदाई करने लगा। थप थप और आह आह की आवाजों से कमरा गूंजने लगा। ये सीन देख कर मैंने भी अपना लंड बाहर निकाल कर मुठ मारना शुरू कर दिया। लगातार 5 मिनट प्रिंसिपल धक्के देता रहा, और उसके बाद आह आह करते हुए मां की चूत में ही झड़ गया।
इसके आगे क्या हुआ, वो आपको इस कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा। कहानी की इस किश्त को पढ़ कर आपको कैसा लगा, फीडबैक [email protected] पर दें।
अगला भाग पढ़े:- मां की चुदाई कॉलेज में-3