मैंने बात टालने की कोशिश की, लेकिन मैं पकड़ा गया। फिर मौसी बोली कि, “मैंने सब सून लिया है। मैं पटाखा लग रही हूं, और कब चोदेगा मुझे?” मौसी के मुंह से ये सब सुन कर मैं शॉक हो गया।
मैंने बोला: सॉरी मौसी उसकी तरफ से।
तो मौसी बोली: क्यों, नई पटाखा नहीं हूं मैं?
मैंने बोला: नहीं ऐसा नहीं है।
मौसी बोली: मतलब मैं हूं?
मैं घबरा गया, लेकिन फिर मौसी मेरा हाथ पकड़ कर बोली: अरे मजाक कर रही हूं।
और वो मेरा हाथ पकड़ कर चलने लगी। मॉल में कई लोग मौसी को और मुझे देख कर ये ही समझ रहे थे, कि हम दोनों पति-पत्नी थे। जब हम एक जगह शॉपिंग कर रहे थे, तो मौसी वहां अपने लिए ब्रा-पैंटी खरीद रही थी। तो जब मैं वहां से हटने लगा, तो मौसी बोली-
मौसी: क्या हुआ? शरमाओ मत, अपनी गर्लफ्रेंड को नहीं दिलाते क्या?
तो मैंने मौसी को बताया कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी।
तो मौसी बोली: ठीक है, पर कभी तो बनेगी। तो आज सीख ले।
और इतने में ही वहां के सेल्समैन ने मुझसे कहा: भैया भाभी ठीक कह रही है। आपको पता होने चाहिए कि आपकी इन पत्नी को क्या पसंद है क्या नहीं।
जितने में मैं उसको कुछ बताता, इतने में मौसी ने मेरा हाथ पकड़ लिया, और उससे बोली: वो ही तो मैं इनको समझा रहीं हूं। समझ हीं नहीं रहे।
मुझे इतना अच्छा लगा, कि गाड़ी बिलकुल सही जा रही थी। फिर उसके बाद मैंने मौसी के लिए कुछ सेक्सी सेक्सी ब्रा-पेंटी ली, और ट्रांसपेरेंट नाइटी ली, और 2-3 जोड़ी थांग की ली। मौसी उनको देख कर कहने लगी कि, “पक्का तूने कभी शॉपिंग नहीं करवाई किसी को?”
मैंने बोला: नहीं, ये तो मैंने ऑनलाइन देखे है।
उसके बाद हमने एक हॉलीवुड मूवी देखने का फैसला किया, और हम थिएटर में चले गए। वह मूवी हॉरर थी, और भीड़ भी कम थी, तो मैंने 2 कोने की सीट ली। तो वहां के टिकट वाले ने भी मुझे आंख मारी, और बोला, “एन्जॉय योर शो सर विद मैम।” फिर क्या हम दोनों सीट पर बैठ गए। वहां पर सिर्फ कपल्स ही थे, और सब मूवी कम चुदाई में ज्यादा लगे हुए थे।
पूरा थिएटर सिर्फ आवाज़ों से गूंज रहा था, कि इतने में ही एक डरावने सीन की वज़ह से मौसी मेरी छाती पर आ लगी। इतनी चुदाई देखने की वजह से मेरा लंड टना हुआ था। मौसी की मेरे लंड पर नज़र गई, क्यूंकि छाती में मुंह होने की वजह से उनका मुंह थोड़ा और नीचे हो गया, और मेरा लंड उनके मुंह पर लग रहा था।
आखिरकार मौसी की वासना का बांध टूटा, और मौसी ने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया पैंट के ऊपर से ही। इतने में मैं कुछ बोलता, उनका दूसरा हाथ मेरे मुंह पर था, तो मैं समझ गया कि काम हो गया। उस अंधेरे में होने की वजह से मौसी ने मेरी पैंट खोली, और कच्छे में से लंड बाहर निकाला, और सीधा मुंह में लेने लगी।
उनके होंठों के स्पर्श से मेरे शरीर में करंट सा दौड़ गया, और मेरा भी हाथ उनकी पीठ पर से होता हुआ उनकी गांड को दबाने लगा सलवार के ऊपर से ही। उन्होंने भी इशारा समझा और अपना नाडा ढीला कर दिया, तो सीधा हाथ उनकी कच्छी में होता हुआ पीछे से उनकी चूत में चला गया। अब हम दोनों ही गरम हो रहे थे। लगभग 15 मिन के बाद मैं मौसी के मुंह में झड़ने लगा, और मौसी भी सारा रस पी गई।
इतने में मौसी भी झड़ गई थी। मौसी फिर ऊपर उठी और मेरी तरफ देख कर शरमाने लगी। पूरी मूवी खत्म होते-होते मौसी फिर से मेरा लंड चूसने लगी। फिर जब मूवी खत्म हुई, तो लाइट ऑन हो चुकी थी। लेकिन मैं अभी नहीं झड़ा था। मैंने मौसी को हिलाने की कोशिश की, पर मौसी फुल जोश में मेरा लौड़ा चूस रही थी। इतने में एक वेटर आया और उसने हमें टोका कि, “मैम मूवी खत्म हो चुकी हैं।” इतने में मैं भी झड़ गया उसके मुंह में।
फिर मौसी उठी और बेशर्म की तरह अपना नाडा टाइट किया, और उठ कर चलने लगी। उनके मुंह पर अभी भी मेरा वीर्य लगा हुआ था। उसके बाद हम घर पहुंचे। बच्चे आए हुए थे, तो हमने तब तो कुछ किया नहीं। लेकिन हमारी आंखे एक-दूसरे को चोदे जा रही थी। फिर रात हुई और मैं सो गया था बच्चों के पास ही। इतने में मुझे मेरी चादर खिचती हुई महसूस हुई।
मैं उठा तो मैं दंग रह गया वो सीन देख कर। मौसी ने थांग पहने हुए थे, जिसमे वो एक नंबर की रंडी लग रही थी। मेरा तो देखते ही तन गया, और मौसी मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने साथ-साथ अपने कमरे में ले जाने लगी। मैं भी कुत्ते के जैसे अपनी कुतिया के पीछे जाने लगा जीभ लपलपाता हुआ।
कमरे में पहुंच कर मौसी मुझसे बोली: इतना चाहता है मुझे?
मैं बोला: मैं तो आपकी सेवा करना चाहता हूं, जो मौसा नहीं कर पा रहे है। और आप इस मशीन का सहारा ले रही थी। तो इससे पहले कि आपकी वासना का बांध कहीं बाहर टूटता, और आप असली वाली रंडी बनती, क्यों ना मैं ही आपको चोद दूं।
इसके आगे की कहानी अगले पार्ट में। यहां तक की कहानी के लिए अपनी फीडबैक आप sunnylostsoul308@gmail.com पर दे सकते है।
अगला भाग पढ़े:- अनचाही वासना-3