पिछला भाग पढ़े:- अनचाही वासना-2
हिंदी सेक्स कहानी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि पति से असंतुष्ट मौसी और मेरा रोमांस सिनेमा हॉल में शुरू हो गया। घर आ कर हम दोनों एक-दूसरे को अपने इरादे जाहिर कर चुके थे। अब आगे-
वो बोली: बहुत तेज़ हो। तो चलो अब तड़पाओ मत।
फिर मौसी को मैंने बाहों में उठाया, और बेड पर गिरा दिया। जल्दी से फिर मौसी ने मेरा कच्छा निकाल फेंका, और टी-शर्ट भी फेंक दी। मैंने भी मौसी के सारे कपड़े फाड़ कर फेंक दिए। क्यूंकि मुझे पता था कि मौसी से कंट्रोल नहीं होगा, तो मॉल में से आते ही मैंने नहा लिया था, और अपने सारे शरीर के बाल साफ कर दिए थे, लंड के भी।
मॉल में मैंने मौसी को भी हिंट दिया था कि मुझे बाल पसंद नहीं, तो उन्होंने भी बिल्कुल अपने आप को चिकना किया हुआ था। फिर मौसी मेरे लंड को देख कर बोली कि, “क्या लंड है तेरा, तेरे मौसा से तो दुगने साइज का है।”
और फिर क्या, मौसी लॉलीपॉप की तरह मेरे लंड को चूसने लगी। तो मैंने मौसी को रोका कि, “मौसी रुको, लंबा सेक्स करना है ना?” वो बोली, “हां”।
मैं: तो फिर जैसे-जैसे मैं बोल रहा हूं, वैसे करो।
वो बोली: ठीक है।
फिर क्या, मैंने मौसी को उठाया और उनके माथे पर चुम्मा दिया। उन्होंने भी सेम किया। उसके बाद मैंने धीरे-धीरे पूरे शरीर पर चुम्मा किया। उन्होंने भी वैसे ही किया। फिर हमारे होंठ एक-दूसरे में कैद हो गए। हमारी जीभ एक-दूसरे से लड़ रही थी। 15-20 मिनट तक होंठ चूसने के बाद मैंने उनके होंठों पर काट खाया।
वो बोली: ये क्या! दर्द हो रहा है।
मैंने बोला: यही दर्द तो प्यार का दर्द है, मीठा-मीठा प्यारा-प्यारा।
वो बोली: ठीक है।
और उन्होंने भी मेरे होंठ काट खाए। मुझे भी दर्द हुआ पर चलता है। फिर धीरे-धीरे मैंने उनकी गर्दन पर चूची के पास काटना शुरु किया, और अपने निशान छोड़ने लगा। वो भी ऐसा ही कर रही थी, कि फिर मैंने कुछ ऐसा किया, जिसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी।
मैंने उनकी बगल ऊपर की, और उनकी बगल पर चुम्मा देकर उनको चाटना शुरू किया। वो मेरे ऐसा करने पर तड़प उठी थी। उनके मुंह से मादक आवाज़ निकलने लगी। कुछ देर करने के बाद मैंने भी अपनी बगल ऊपर की, तो वो संकोच करने लगी।
फिर मैंने उनसे बोला: ठीक है, तो मैं कमरे में जा रहा हूं।
पर वो अपने आप को रोक नहीं सकती थी, इसलिए उन्होंने भी मेरी बगल चाटी, और कसम से, सच्ची बता रहा हूं दोस्तों, बहुत ही अच्छा लगता है। फिर आगे मैंने एक-एक करके उनके चूचे भींचे, और उनको मुंह में भरने लगा, और चूसने लगा।वो फिर से तड़प उठी क्यूंकि मैं बार-बार उनके चूचों पर काट खाता।
फिर आखिरकार मैंने अपना लंड उनके मुंह में दिया, और वो बहुत अच्छे से चूसने लगी किसी रंडी की तरह। 10 मिनट चूसने के बाद जब मैं झड़ने वाला था, तो मैंने उनको रोका और बेड पर लेटा दिया। फिर उनके पैरों को फ़ैला कर मैंने उनके अंगूठे से चूमना शुरू किया, और उनकी जांघो पर चूमता हुआ उनकी चूत पर चुम्मा देने के बाद उसको चूसने लगा। कभी मैं दाने को काट लेता, तो कभी अपनी जीभ पूरी गहराइयों तक ले जाता। अब उनका बुरा हाल ही चुका था। उनके मुंह से आवाज़ें पूरे कमरे में गूंज रही थी-
मौसी: कहां से सीखा है ये तूने सब? इतना मज़ा तो पूरी ज़िंदगी में कभी नहीं आया।
और वो पागलों की तरह मेरा सर अपने अंदर देने लगी। उसके बाद मैंने उनको कुतिया बनाया और बोला-
मैं: ये तो बस ट्रेलर है। अब ये देखो।
और ये कहते ही मैंने उनकी गांड के छेद पर चुम्मा दे दिया। चुम्मे से ही वो कांप उठी थी। फिर आखिरकार मैंने उनकी गांड चूसनी चालू की, जिससे वो बहुत ज्यादा तड़प रही थी। फिर मैंने उनको सीधा किया, और खड़ा होकर मैं उनके मुंह की तरफ गया। मैंने उनसे अपने आंड चूसने को कहा। पहले तो वो सोची, फिर उन्होंने अपने मुंह में ले ही लिया।
अब मेरे भी मुंह से आवाजें निकलने लगी: मौसी हाय मौसी, मार डाला।
फिर मैंने उनसे गांड चाटने को बोला। वो मानना नहीं चाह रही थी। मैंने फिर से जाने को बोला और कहा-
मैं: शायद आपको मज़े चाहिए ही नहीं। या आपको सिर्फ अपने मज़े की पड़ी है। मेरी कुछ पड़ी ही नहीं है।
मौसी ने मुझे रोका और बोली: ठीक है अब से जो तुम बोलोगे वो ही होगा।
फिर क्या था, मौसी ने मेरी गांड चूसी, चाटी और मेरा काम तमाम हो रहा था। सच्ची में दोस्तों बहुत मज़ा आया। फिर मैं सीधा लेट गया, और मौसी को मेरे ऊपर आने को कहा। मौसी समझ नहीं पा रही थी, क्यूंकि उन्होंने कभी 69 सुना भी नहीं होगा। तो मौसी मेरे ऊपर आयी और मैंने मौसी को अपने मुंह पर बैठाया, और उनकी चूत चूसने लगा।
वो भी अपने शरीर से पूरा दबाव दे रही थी। मैंने भी फिर उनकी कमर पर धक्का मारा, और वो सीधा मेरे लंड पर पहुंची। वो कुछ कर नहीं रही थी, बस आह आह कर रही थी। तो मैंने थोड़ा उन्हें उठाया और बोला-
मैं: मेरा भी चूसो, इसी कारण ये पोजिशन ली है।
फिर उन्होंने भी मेरा चूसा। करीब 10-15 मिनट के बाद हम दोनों झड़ गए, मौसी मेरे मुंह में और मैं मौसी के मुंह में। हम दोनों 10 मिनट तक ऐसे ही रहे। फिर मैंने मौसी को उठाया, और हम साइड में लेट गए।
मैंने मौसी से पूछा: मौसी उम्मीद करता हूं मजा आया होगा आपको।
वो बोली: आज मैंने जन्नत देख ली है।
मैं बोला: अभी तो जन्नत देखनी बाकी है।
फिर करीब 30 मिनट के बाद मैंने उनको लंड चूसने का इशारा किया। उन्होंने मेरा इशारा समझा, और वो लौड़ा चूसने लगी। करीब 2 मिनट में मेरा लौड़ा फिर से खड़ा हो गया। मैंने उनके मुंह में से निकाला, और उनकी चूत पर रखा। फिर पहला झटका मारा। सही से ना चुदने की वजह से उनकी चूत बिल्कुल नई नवेली टाइट थी। तो मेरा आधा ही लंड उनकी चूत में जा पाया।
उनके मुंह से चीख निकल पड़ी। और फिर दूसरा झटका जब मैंने मारा, तो मेरा लौड़ा पूरा उनकी चूत में चला गया। उनकी आंखो में आंसू आ गए, और वो चीख मार कर रोने लगी। क्यूंकि बच्चों का कमरा पास में ही था, और वो इस चीख से उठ सकते थे, तो मैंने बराबर में से अपना कच्छा उठाया, और उनके मुंह में दे दिया।
फिर मैंने अपना काम चालू रखा। करीब 10 मिनट टाइट चुदायी के बाद जब मुझे महसूस हुआ कि ढीली हो गई थी, तो मैंने उनके मुंह से अपना कच्छा निकाला, और उन्हें सांस लेने का मौका दिया। मैंने अपना काम चालू रखा, और अब उनके मुंह से चीखें नहीं मादक आवाजें निकल रही थी-
मौसी: आह आह आह आह, मार डाला, मज़ा आ रहा है, और तेज़, और तेज़।
और करीब 30 मिन बाद मैंने उनसे पूछा: मैं झड़ने वाला हूं, कहा झाड़ू?
तो वो बोली: अपना पहला बीज मेरे मुंह में झाड़ो।
तो मैंने उनके मुंह में झाड़ दिया, और इस बीच वो 3-4 बार झड़ चुकी थी, और बार-बार कांप जाती थी। उसके बाद हम ऐसे ही नंगे सो गए और रात भर हमने 3-4 बार सेक्स किया। 2 बार मैंने उनके मना करने पर भी उनकी गांड मारी, जिसमे उनको दर्द तो हुआ, पर बहुत मज़ा आया।
उसके बाद तो अगले 6 महीने मैंने उनको दिन-रात अपनी रखैल बना कर रखा। जहां जी चाहता था मैं उनको चोद देता था, और वो भी एक रंडी की तरह कहीं भी चुद जाती थी। गाड़ी में, पार्क में, सुनसान जगह, मूवी में, होटल में।
एक बार तो उन्होंने मुझसे अपनी मांग भरवाई और बोली: आज से मैं आपकी पत्नी हूं।
और उस रात हमने सुहागरात मनाई। जब 6 महीने बाद मौसा जी आने वाले थे, तो उसके एक दिन पहले सेक्स के बाद मौसी ने कहा: तेरे मौसा 1 साल के लिए आ रहे है। क्यूंकि उनकी पोस्टिंग यहां हुई है 1 साल के लिए। तो हम इतना सेक्स नहीं कर पाएंगे। तो तू आज अपना बीज मेरे अंदर ही निकाल दे।
मैंने ऐसा ही किया, और मैं भी फिर अपने घर आ गया था। करीब 1 महीने बाद मौसी का कॉल आया कि मुबारक हो आप बाप बनने वाले हो। फिर 9 महीने बाद हम सब गए और मौसी को लड़का हुआ। जब मैंने उसको अपनी गोद में लिया, तो मौसी बोली-
मौसी: देखो ना बिल्कुल आप पर गया है।
हम दोनों एक-दूसरे को देख कर मुस्कराने लगे।
तो दोस्तों कैसी लगी आपको मेरी ये सच्ची कहानी? मेरे मेल पर जरूर बताइएगा, और ऐसे ही कुछ किस्से सुनने के लिए मेल कीजिए
[email protected] पर।