पिछला भाग पढ़े:- भोली रानी की सुहागरात-9
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कैसे रानी ने अपनी चूत चुदवाने से पहले भाभी के सामने चुदवाने की शर्त रखी। फिर मैंने उसके सामने उसकी भाभी की चुदाई करी। भाभी के बाद रानी की चुदाई की बारी थी। अब आगे-
मैंने अपने लंड पर ढेर सारा तेल लगा लिया और रानी के पैरों के बीच आ गया।
जैसे ही मैंने अपना लंड रानी की चूत पर रखा तो भाभी ने कहा: ऐसे नहीं, मैं बताती हूँ।
मैंने कहा: बताओ?
भाभी ने कहा: आप अपना हाथ इसके पैरों के नीचे से डाल कर इसके कंधे को जोर से पकड़ ले। उसके बाद अंदर घुसिए।
रानी के पैरों के नीचे हाथ डाल कर मैंने रानी के कंधे को जोर से पकड़ लिया।
भाभी ने कहा: अब जैसा मैंने आपको समझाया था, ठीक उसी तरह अंदर घुसा दो।
मैंने रानी के चूत के मुँह पर अपने लंड का सुपारा रख दिया। जैसे ही मैंने धक्का लगाया तो भाभी ने रानी के मुँह को जोर से दबा कर पकड़ लिया। रानी के मुँह से गू गू की आवाज ही निकाल पाई।
भाभी मुझसे बोली: नंदोई जी घुसा दो जल्दी से पूरा का पूरा।
मैं तो ताकतवर था ही, मैंने अपनी सारी ताकत लगाते हुए फिर से एक धक्का मारा। रानी की चूत से खून की धार निकलने लगी। मेरा लंड खून से नहा गया। वो अपने हाथों को जोर-जोर से बेड पर पटकने लगी। उसकी सारी की सारी चूड़ियां टूट गई और उसका हाथ लहुलुहान हो गया।
मुँह दबा होने की वजह से उसके मुँह से केवल गू गू की आवाज ही निकल पा रही थी। मैंने फिर से एक धक्का लगाया। इस धक्के के साथ ही मेरा लंड रानी की चूत में 7″ तक घुस गया। रानी तड़प रही थी।उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे। बेड की चादर पर भी ढेर सारा खून लग गया था।
भाभी बोली: जल्दी करिए।
मैंने एक धक्का और मारा। मैंने गहरी सांस लेते हुए फिर से जोर का धक्का लगाया। इस धक्के के साथ ही मेरा पूरा का पूरा लंड रानी की चूत में समा गया।
भाभी ने बताया: अपना पूरा लंड बाहर निकाल कर एक ही झटके में फिर से अंदर कर दो।
मैंने वैसा ही किया।
भाभी ने कहा: शाबाश नंदोई जी, ठीक इसी तरह से 4-5 बार और करिए।
मैंने 4-5 बार फिर से वैसा ही किया। रानी तड़प रही थी, उसका सारा बदन पसीने से नहा गया था। उसकी सांस बहुत तेज चल रही थी और सारा बदन थर-थर कांप रहा था। मैंने रानी की चुदाई शुरु कर दी। भाभी अभी भी उसका मुँह दबाये हुए थी। उसके मुँह से गू गू की आवाज निकल रही थी।
उसकी चूत ने मेरे लंड को बुरी तरह से जकड़ रखा था। मेरा लंड आसानी से उसकी चूत में अंदर-बाहर नहीं हो पा रहा था। पूरी ताकत के साथ मैं लगभग 10 मिनट तक उसकी चुदाई करता रहा। अब रानी अब कुछ हद तक शान्त हो चुकी थी। भाभी ने अपना हाथ उसके मुँह पर से हटा लिया तो रानी सिसक सिसक कर रोते हुए कहने लगी-
रानी: भाभी, आप दोनों ने मिल कर मुझे मार ही डाला। बहुत दर्द हो रहा है।
भाभी ने कहा: अब तो पहले जैसा दर्द नहीं है ना?
वो बोली: नहीं, अब पहले से बहुत कम है।
भाभी बोली: थोड़ा सबर कर, अभी बाकी का दर्द भी चला जायेगा।
मैं तेजी के साथ उसकी चुदाई कर रहा था। अब वो चीख नहीं रही थी केवल आहें भर रही थी। मैंने उसे 5 मिनट तक और चोदा तो रानी झड़ गई। उसकी चूत और मेरा लंड एक-दम गीला हो गया। अब मेरा लंड थोड़ा आसानी से उसकी चूत में अंदर-बाहर होने लगा था।
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। रानी ने धीरे-धीरे सिसकारियां भरनी शुरु कर दी।
भाभी ने पूछा: अब कैसा लग रहा है?
वो बोली: अब कुछ-कुछ मज़ा आ रहा है, लेकिन दर्द अभी भी है।
भाभी ने कहा: अब इस दर्द को जाने में समय लगेगा। उसके बाद बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा।
वो बोली: समय क्यों लगेगा?
भाभी ने कहा: जब यह तुम्हें 3-4 बार चोद देगा, तब तुम्हारी चूत इसके लंड के आकार की हो जायेगी। उसके बाद यह दर्द अपने आप चला जायेगा।
मैंने और ज्यादा जोर-जोर के धक्के लगाने शुरु कर दिये थे और उसे तेजी के साथ चोद रहा था। रानी ने भी अब धीरे-धीरे अपना चूतड़ उठाना शुरु कर दिया था। वो भी अब मस्ती में आ रही थी। पांच मिनट में ही वो फिर से झड़ गई।
उसने मेरे होंठों को चूम लिया और कहा: अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।
मैंने उसकी चुदाई जारी रखी। 2 मिनट भी नहीं गुजरे थे कि भाभी ने कहा: रानी, अब तुम इसका लंड अपने दूसरे छेद में ले लो।
वो बोली: फिर से दर्द होगा?
भाभी ने कहा: अब ज्यादा दर्द नहीं होगा क्योंकि तुम इसका लंड पहले ही अंदर ले चुकी हो।
वो बोली: फिर इनसे कह दो कि धीरे-धीरे करें।
भाभी ने बताया: यह धीरे-धीरे ही करेंगे मैं हूँ ना यहाँ पर। अगर यह बदमाशी करेंगे तो मैं इन्हें बहुत मारूँगी।
वो बोली: ठीक है।
मैंने अपना लंड रानी की चूत से बाहर निकाला और उसकी गांड में घुसाने लगा। मेरे लंड पर रानी की चूत का ढेर सारा पानी लगा हुआ था। धीरे-धीरे मेरा लंड 7″ तक उसकी गांड में घुस गया। उसके बाद जब मैंने और ज्यादा घुसने की कोशिश की तो उसे फिर से दर्द होने लगा और वो चीखने लगी लेकिन इस बार उसने मुझे रोका नहीं।
वो बोली: अब रहने दो, दर्द हो रहा है।
भाभी ने कहा: बस थोड़ा सा ही तो बाकी है, उसे भी अंदर ले लो।
वो कुछ नहीं बोली। भाभी ने मुझे आंख मारी तो मैंने जोर का धक्का लगा दिया। मेरा बाकी का लंड भी उसकी गांड में समा गया।
वो जोर से चीखी तो भाभी ने कहा: बस हो गया।
उसके बाद मैंने उसकी गांड मारनी शुरु कर दी। थोड़ी देर चीखने के बाद वो शान्त हो गई। अब उसे गांड मरवाने में भी मज़ा आने लगा था।
लगभग 5 मिनट तक मैंने उसकी गांड मारी तो भाभी ने कहा: नंदोई जी अब रहने दो।
मैंने कहा: अभी तो मेरे लंड का पानी ही नहीं निकला है।
वो बोली: मैं मना थोड़े हो कर रही हूँ। अब आप इसकी चूत में अपना लंड डाल कर इसे चोदो।
मैंने अपना लंड रानी की गांड से निकाल कर उसकी चूत में डाल दिया। उसके बाद मैंने पूरे ताकत के साथ जोर-जोर से उसकी चुदाई शुरु कर दी। 5 मिनट में ही रानी फिर से झड़ गई। मैं इसके पहले 2 बार रानी की गांड मार चुका था और 2 बार भाभी को चोद चुका था। इसलिये मेरे लंड का पानी निकालने का नाम ही नहीं ले रहा था।
मैं जोर-जोर के धक्के लगाते हुए अपनी भोली बीवी को चोद रहा था। वो भी अपना चूतड़ उठाने लगी थी।
थोड़ी देर बाद वो बोली: भाभी, अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। इनसे कह दो कि थोड़ा और जोर-जोर से धक्का लगाये।
भाभी ने मुझसे कहा: आपने सुना, यह क्या कह रही है?
मैंने कहा: हां।
वो बोली: तो फिर आप अपनी भोली बीवी का कहा मानो और अपनी ताकत दिखा दो इसे।
मैंने पूरा ताकत लगते हुए बहुत ही जोर जोर के धक्के लगने शुरु कर दिये।
भाभी ने रानी से पूछा: अब ठीक है?
वो बोली: हां, अब मुझे ज्यादा मज़ा आ रहा है।
रानी अब चूतड़ उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी। मेरा लंड उसकी चूत में पूरा का पूरा सटा सट अंदर-बाहर हो रहा था। दस मिनट की चुदाई के बाद रानी फिर से झड़ गई। मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया तो उसने मेरे लंड को तुरन्त पकड़ लिया और कहने लगी: बाहर क्यों निकाल रहे हो? अभी मुझे और मज़ा लेना है।
मैंने कहा: मैं तुम्हें अभी और मज़ा दूंगा। अब तुम घोड़ी की तरह हो जाओ।
वो डोगी स्टाईल में हो गई तो मैं उसके पीछे आ गया। मैंने अपना लंड उसकी गांड में घुसा दिया और उसकी गांड मारने लगा। वो जोश के मारे सिसकारियां भरने लगी। 5 मिनट तक उसकी गांड मरने के बाद मैं अपना लंड उसकी गांड से निकाल कर उसकी चूत में डाल दिया और उसकी चुदाई करने लगा। मैं उसकी कमर को पकड़ कर उसे बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा था। वो भी अपना चूतड़ आगे-पीछे करते हुए मेरा साथ देने लगी थी।
दस मिनट उसकी चुदाई करने के बाद मैं झड़ गया। मेरे साथ ही साथ रानी भी फिर से झड़ गई। मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो भाभी ने रानी से कहा: अब तुम इनके लंड को चाट लो।
वो बोली: मैं इनके लंड को नहीं चाटूंगी। इनका लंड गंदा है।
भाभी ने कहा: गंदा कहां है। इसके लंड पर तुम्हारी चूत का और इसके लंड का पानी ही तो लगा है। इसे चाटने से प्यार बढ़ता है। चाट लो इसे।
वो बोली: मैं नहीं चाटूंगी, मुझे घिन आती है।
भाभी ने कहा: मैं ही चाट लेती हूँ। फिर आगे से तुझे ही चाटना पड़ेगा।
वो बोली: ठीक है, पहले तुम चाट कर दिखाओ, बाद में मैं चाट लूंगी।
भाभी मेरे लंड को चाटने लगी। रानी देख रही थी। मेरे लंड पर लगा हुआ थोड़ा सा पानी भाभी ने चाट लिया फिर रानी से बोली: अब बाकी का तुम चाट लो।
रानी ने शरमाते हुए मेरे लंड को चाटना शुरु कर दिया। उसने मेरे लंड पर लगे हुए बाकी के पानी को चाट-चाट कर साफ़ कर दिया।
भाभी ने रानी से कहा: अब तुम्हें जब ये फिर से चोदेगा तो चिल्लाओगी तो नहीं?
वो बोली: अब क्यों चिल्लाऊंगी? अब तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा है।
तो दोस्तो ये थी मेरी प्यारी भोली बीवी रानी के साथ मेरी सुहागरात की चुदाई की कहानी। ये कहानी आप सब को कैसी लगी ज़रूर बताए। मैं अपनी अगली कहानी में लिखूंगा की कैसे मैंने हनीमून पर अपनी भोली बीवी और उसकी भाभी की चुदाई की। तब तक के लिए अलविदा दोस्तों।