पड़ोसी के दमदार घोड़े की सवारी-1

दोस्तों मेरा नाम मिनाक्षी है। मैं राजस्थान के एक छोटे से गांव की रहने वाली हूं। अभी मेरी उम्र 21 साल है। यह सेक्स कहानी 2 साल पहले शुरू हुई जब मैं 19 साल की कमसिन कली थी। मेरा रंग गोरा है, और सुंदर चेहरा है। मेरी लम्बाई 5.8 फीट है जो मेरी गांव की सभी सहेलियों से थोड़ी ज्यादा है। उस समय मेरा फिगर 32-26-34 था।

मेरी लंबाई ज्यादा होने के कारण मैं पतली और सुंदर दिखती थी, जिससे सभी गांव के लड़के मेरी और आकर्षित थे। मेरे घर में मैं और मेरी बूढ़ी मां है। मेरे पिता जी का निधन बचपन में ही हो गया था। मेरा एक भाई था, जिसकी भी एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। घर में मेरी बूढ़ी मां और मेरे अलावा कोई नहीं है। घर के खर्चे के लिए हमारे पास मेरे पिता जी की थोड़ी बहुत पुश्तैनी जमीन है, जिससे हमारा घर का खर्चा चल जाता है।

जैसे ही मैं 19 साल की हुई, और जवान होने लगी, तो गांव के सभी लड़के और मर्द मुझे भूखी निगाहों से देखने लगे। मेरा गांव में इधर-उधर जाना भी थोड़ा मुश्किल होता जा रहा था, क्योंकि लोगों को लगता था कि इसके घर में बोलने वाला कोई भी मर्द नहीं है, एक बूढ़ी मां के अलावा।

बारहवीं के बाद मैंने पढ़ाई छोड़ दी, और घर पर ही मां के साथ रहने लगी, और उनका ख्याल रखने लगी। हमारे मोहल्ले में ही एक आदमी था जिसका नाम मोहन है। जो अभी 15 दिन पहले ही 10 साल की सजा काट कर जेल से छूटा था। मोहन मेरे भाई का पुराना दोस्त था। वह जेल से छूटते ही हमसे मिलने हमारे घर पर आया था, और मेरी मां को बोला था कि, “कोई भी चीज की आवश्यकता हो तो मैं अब यहीं हूं। किसी भी प्रकार की मदद के लिए मुझे आप बोल देना।”