अंजली बहुत ही खूबसूरत औरत थी। अमीर मां-बाप की बेटी थी। सही समय पर एक अमीर घर के पढ़े-लिखे लड़के आनंद से शादी हो गई। आनंद को यह देख कर बहुत ही ख़ुशी हुई, कि उसकी गज़ब की खूबसूरत औरत सुहागरात को कुंवारी थी। अंजली की बुर में लंड पेलने में आनंद की हालत ख़राब हो गई थी।
अंजलि कुंवारी थी लेकिन आनंद नहीं। इसलिए जब उसे मालूम हुआ कि उसकी शादी बहुत ही खूबसूरत औरत से हो रही थी, तो उसने मन बना लिया था कि जैसे उसने कई लड़कियों को चोदा था, वैसे ही उसकी होने वाली घरवाली भी शादी से पहले चुदवा चुकी होगी। लेकिन नहीं, अंजली को किसी ने नहीं चोदा था। पहली चुदाई के बाद-
आनंद: अंजली मैं बहुत ख़ुश हूं कि मुझे एक पवित्र लड़की मिली। लेकिन मैं तुमसे पहले कई लड़कियों के साथ सो चुका हूं। पर आज वादा करता हूं, कि अब तुम्हारे अलावा किसी और को…
लेकिन अंजली ने आनंद को आगे नहीं बोलने दिया।
अंजली: मुझे इसका कोई दुख नहीं कि तुमने मुझसे पहले किसी को चोदा है। और मैं ये भी दिल से कह रही हूं कि शादी के बाद भी किसी को चोदोगे तो मुझे कोई दुख नहीं होगा। अरे तुम्हारे जैसा मर्द दूसरों को नहीं चोदेगा तो क्या कोई ना-मर्द चोदेगा। जो पटती है उसे आराम से चोदो बस कोई भी रंडी या तुम्हारी कोई भी प्रेमिका घर के अंदर नहीं आनी चाहिए। वरना मैं तुम दोनों का खून कर दूंगी।
ऐसी दिलदार पत्नी पाकर कोई भी खुश होता, आनंद भी बहुत खुश था। दोनों की ज़िंदगी आराम से चलने लगी। अंजली की ख़ूबसूरती के बहुत दीवाने हो गये थे। सुन्दर तो पहले भी थी लेकिन आनंद के साथ चुदवाने लगी तो वो और भी सुंदर होती गई, मस्त हो गई।
अंजली 5 फ़ीट 5 इंच लंबी थी। उसका वज़न 45 केजी से बढ़ कर 56 केजी हो गया। शादी के 3 साल बाद 32 इंच की चूचियां बढ़ कर 36 इंच की खूब गुदाज़ और मांसल हो गई। कमर भी 22 इंच से बढ़ कर 24 की हो गई। आनंद से लगातार चुदवाने के कारण अंजली का चूतड़ भी बहुत मस्त और आकर्षक हो गया था। सबसे प्यारा था उसका रंग, गुलाबी पन लिए हुआ गोरा रंग देखने वालों के लंड को खड़ा नहीं करता था, बल्कि उनके दिल को ठंडक देता था।
लेकिन अंजली की हथिनी जैसी चाल देख कर, एक चूतड़ को दूसरे चूतड़ से रगड़ खाते देख कर, नामर्दों का लंड भी खड़ा हो जाता था। लेकिन अंजली की बदक़िस्मती, ना तो शादी के पहले ही, ना ही शादी के तीन साल बीत जाने पर भी किसी भी आदमी ने सामने आकर उसे चोदने की बात नहीं की।
शादी के तीन साल बाद आनंद की तरक्की हुई और तरक्की के साथ तबादला भी हो गया। एक बड़े शहर से एक छोटे शहर में आना पड़ा। चार बेडरूम का बड़ा सा मकान भी मिला। मकान के आगे एक बड़ा सा फूलों का बाग़ान भी था। सरकार की तरफ़ से एक माली भी मिला था, जो हर रोज़ सुबह 3-4 घंटा बाग़ान की देखभाल करता था। माली का नाम बलदेव था। सभी उसे प्यार से बल्लू पुकारते थे। उसकी उम्र क़रीब 35 साल की थी।
अंजली को भी फूल बहुत पसंद थे। हर सुबह अंजली काफ़ी समय बाग़ान में गुज़ारती थी। धीरे-धीरे दोनों में बातें होने लगी, और फिर बहुत बातें होने लगी। घर में एक नौकरानी भी थी माया। वो सुबह 7 बजे आती थी और 10 बजे के पहले चली जाती थी। बल्लू भी 10 बजे तक चला जाता था। माया दोबारा शाम को 5 बजे आती थी, और 7 बजे तक चली जाती थी।
आनंद 9 बजे के पहले घर से निकलता था और क़रीब 7 बजे वापस आता था। 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक अंजली घर में बिल्कुल अकेली रहती थी।
पहले एक अपार्टमेंट की तीसरी मंज़िल पर रहते थे। दोपहर में औरतें एक-दूसरे के घर आती-जाती थी। अंजली काफ़ी पौपुलर हो गई थी। लेकिन इस नयी जगह पर कोई दोस्त या सहेली नहीं थी। आस-पास के सभी घर एक-दूसरे से काफ़ी दूरी पर थे।
नयी जगह पर तीन महीने गुजर गये। हर शनिवार, रविवार और छुट्टी के दिन आनंद उसे घुमाने-फिराने ले जाता था। लेकिन अंजली को घर में ही कोई ऐसा चाहिए था जिसके साथ वो खुल कर बात कर सके, हंसी मज़ाक कर सके। उसने अपनी मां को, दीदी को थोड़े दिन साथ रहने के लिए बुलाया, लेकिन किसी के पास समय नहीं था। माली बलदेव उससे बातें तो बहुत करता था, लेकिन वो भी कभी घर के अंदर नहीं आया। सबसे पहले उसने माया से कहा कि वो ज़्यादा समय उसके साथ रहे।
माया: दीदी आपके जैसी खूबसूरत औरत के साथ रहना बहुत ही क़िस्मत की बात है। लेकिन मेरा अपना घर परिवार है। 2 छोटे-छोटे बच्चे हैं। मैं नहीं रह सकती। आप बल्लू से क्यों नहीं कहती कि वो दिन भर घर में रहे?
अंजली: तू पागल है क्या? तू बोलती है कि बल्लू जैसे हट्टे-कट्टे आदमी को घर में साथ रखूं। साला खड़े-खड़े चोद लेगा।
अंजली ने पहली बार माया के साथ चुदने-चुदवाने की बात की। माया ने बात पकड़ ली।
माया: बल्लू या कोई दूसरा चोद ही लेगा तो क्या हो जायेगा? हम औरतों का जन्म ही चुदवाने के लिए होता है। आप हर समय जवान और खूबसूरत नहीं रहेंगी। बाल बच्चे हो जायेंगें। आपका बदन ढीला हो जायेगा तो फिर कोई आंख उठा कर भी नहीं देखेगा। आप सात-आठ घंटा अकेली रहती है। इतनी देर में आराम से 3-4 कस्टोमर को संभाल लेगी। शहर में एक बढ़िया होटल है। आपको बहुत बढ़िया क़ीमत मिलेगी। मेरे साथ चलिए मैं आपको उससे मिलवा दूंगी। कई दूसरे साहब लोगों की घरवालियां वहां धंधा करती है।
अंजली ने उसे ज़ोर का धक्का दिया।
अंजली: मैं तेरी जैसी रंडी नहीं हूं, मर जाऊंगी, लेकिन अपने को कभी बेचूंगी नहीं। तू जा मैं अकेले रह लूंगी।
माया तो चली गई लेकिन उसकी बातों ने अंजली के दिल में तूफान ला दिया। उसने अपनी दीदी को फ़ोन किया, और माया के साथ जो बात हुई सब ज्यों का त्यों बताया।
दीदी: तेरी माया ने ग़लत नहीं कहा। हम औरतों का जन्म ही हुआ हैं मर्दों को खुश करने के लिए, चुदवाने के लिए।
अंजली: कुतिया मुझे धंधा करने के लिए उकसा रही है।
दीदी: मुझे मालूम है कि आनंद जी बढ़िया कमाते हैं। उनकी बढ़िया आमदनी है। अगर तुम्हें चुदाई की क़ीमत नहीं चाहिए तो अपने माली, आनंद के ड्राईवर, मज़दूरों से दोस्ती कर। एक बात तो पक्की है कि चुदाई का जितना मज़ा ये मज़दूर, ड्राइवर, माली जैसे लोग देते हैं, वैसा मज़ा लाख रुपया लेकर भी किसी अमीर के साथ चुदवाने में नहीं आयेगा।
अंजली को चुदाई की बातें करना सुनना बढ़िया लगने लगा था।
अंजली: लगता है कि तू मज़दूरों से, अपने ड्राइवर से खूब चुदवाती है!
जिस समय दोनों बहनों में ये बात हो रही थी, अंजली 24 साल की थी, और उसकी दीदी अर्चना 32 साल की थी।
दीदी: तू सिर्फ़ भोली ही नहीं, अंधी भी है। एक कमरे में दीनु मुझे चोदता था, और दूसरे कमरे में बाबू जी का ड्राइवर हमारी मां को चोदता था।
अंजली को अपनी बहन की बात पर विश्वास नहीं हुआ। अंजली की दीदी और मां भी बहुत खूबसूरत थे।
अंजली: रंडी, मुझे गर्म करने के लिए तू झूठ बोल रही है।
दीदी: अपने बेटे समर की कसम। हम दोनों मां-बेटी ने तीन आदमियों से लगातार 6 साल चुदवाया। तुझे बताती हूं, मेरी पहली चुदाई अपने घर के नौकर दीनु ने ही की थी। शादी के पहले एक साल तक वो मुझे लगातार चोदता रहा, और शादी के बाद भी 5 साल तक मैं उससे चुदवाने ही जाती थी। बाबू जी के 2 ड्राइवर ने और एक दर्ज़ी ने हम दोनों मां-बेटी को खूब चोदा।
दीदी: तुझे राजन अंकल बढ़िया से याद होंगे। उन्होंने तुझे अपना लंड दिखाया था। लेकिन तुमने उस पर ध्यान नहीं दिया। पिछले 12 साल से राजन मुझे चोद रहा है, और रंडी समझ कर नहीं अपनी दूसरी घरवाली समझ कर मुझे बहुत कुछ देता है। ससुराल में तीन मज़दूर से चुदवा चुकी हूं, और मेरे प्यारे ससुर जी को बहू की बुर बहुत ही ज़्यादा पसंद है। तुमने कहा कि तेरा एक माली है, उसे मौक़ा दे फिर वो तुम्हें अकेले नहीं रहने देगा।
अंजली: मुझे नहीं मालूम था कि तू इतनी बड़ी हरामजादी है। अब तुझसे कभी बात नहीं करुंगी।
अगला भाग पढ़े:- मेरी खूबसूरत पत्नी को अकेले रहना पसंद नहीं-2