पंडित की कुंवारी बेटी चोदी

हेलो दोस्तों, मेरा नाम श्याम है, और मेरे बेस्ट फ्रेंड का नाम राजू है। जब हम छोटे थे तो लोग हमारे साथ खूब मजाक करते थे हेरा-फेरी के डायलोग को लेकर। पर आज मैं आपको अपनी लाइफ की एक सच्ची कहानी सुनाना चाहता हूं, जो काफी सेक्सी है। ये कहानी मेरी और हमारे इलाके में एक पंडित जी की बेटी सुधा की है। तो अब कहानी सुनाता हूं।

मेरी उमर अभी 21 साल की है। कॉलेज में पढ़ता हूं। हम लोग सीतामढ़ी में रहते है। हमारी फैमिली में सब लोग है, और हम लोग किसानी करते है। पर मैं पढ़ता हूं, और मुझे खेत के काम में जायदा इंटरेस्ट नहीं है। क्योंकि वो बहुत मेहनत का काम है।

सुधा की उमर अभी 19 साल होगी। पर मैं उसे बचपन से देखता था, जब दस साल की होगी और मैं बारह का। धीरे-धीरे वो बड़ी होने लगी, और मेरा उसके प्रति लगाव बढ़ने लगा था। पर वो लोग पंडित थे, और हम लोग दूसरी जात के। पर क्या करें, प्यार जात-पात नहीं देखता। मैं करीब दो साल से उसे फॉलो करने लगा था। पता नहीं पैर अपने आप उसके पीछे चल जाते।

कुछ दिन बाद उसका हैप्पी बर्थडे था वो 19 साल की हो गई थी। पहले जब वो छोटी थी, तो हम सब लड़के उसके बर्थडे पर जाते थे। पर अब नहीं जाते थे। पुजारी जी मुझे बहुत मानते थे, इसलिए मेरा उनके घर आना-जाना था। सुधा का एक छोटा भाई भी था। मैं और मेरा दोस्त राजू बाहर बैठे थे, अंदर से हैप्पी बर्थडे की आवाज आ रही थी। मेरे मन बहुत उत्सुकता थी, पर क्या करें हम बुलाया ही नहीं था।

काफी देर बाद उसका छोटा भाई 2 प्लेट में केक और कुछ और खाने की चीज लेकर आया और बोला, “दीदी ने भेजा है, आज उनका बर्थडे है ना”। मैंने उसके भाई से कहा की, “दीदी को बोलना मैंने हैप्पी बर्थडे बोला है”। वो चला गया और थोड़ी देर बाद आया। वो बोला, “दीदी बोली आप खुद बोल देना”।

मेरे दोस्त राजू ने बोला, “यार क्या लगता है तुझे”? मैं बोला, “क्या लगेगा यार”? वो मुझे थोड़ा साहस देते हुए बोला, “यार वो भी तुझे पसंद करती है। कोशिश करके देख ले शायद हां बोल दे। तूने सुना ना उसके भाई ने क्या कहा”?

मैंने आज तय कर लिया था कि आज सुधा को आई लव यू बोल दूंगा, चाहे जो हो जाए। मैं उसके घर की तरफ देख रहा था। थोड़ी देर बाद वो बाहर निकली। उसने येलो रंग की ड्रेस पहनी थी। खूबसूरत तो वो थी ही, पर आज तो और भी लग रही थी। मैं थोड़ी दूरी पर चल रहा था। वो बार-बार मुड़ कर देख रही थी।

कुछ दूर जाने के बाद वो रुक गई और मुड़ कर देखने लगी। मेरी तो हालत खराब हो रही थी। पर मैं चलता जा रहा था। जैसे ही मैं क्रॉस करके आगे जाने वाला था, तभी उसने कहा, “श्याम”। मैं रुक गया और उसकी तरफ मुड़ कर देखा। वो मुस्कुरा रही थी। वो बोली, “मैं यहां हूं, तू आगे कहा जा रहे हो”? मैं बोला, “कुछ काम से जा रहा हूं”।

मैं बोल नही पा रहा था। तभी मैंने कहा, “हैप्पी बर्थडे”। वो बोली,‌ “थैंक यू, पर बर्थडे कल था”। मैंने कहा, “मैंने तुम्हारे भाई से कहा था”। फिर मैं थोड़ा अटकते हुए बोला, “सुधा तुम आज बहुत खूबसूरत लग रही हो”। वो बोली, “ये बात इतना अटक के क्यों बोल रहे हो”? मैंने कहा, “जो मैं कहना चाहता हूं, उसकी वजह से अटक रहा हूं”। वो बोली, “क्या कहना चाहते हो”?

मैंने आंख बंद कर ली और बोला, “सुधा मैं तुमसे प्यार करता हूं”। तो वो बोली, “आंखे बंद करके कौन लड़की को परपोज करता है”? मैंने आंखे खोली। वो बोली, “देखो श्याम, मैं भी तुमसे प्यार करती हूं, पर घर पे किसी को पता चल जायेगा तो पता नहीं क्या होगा”। मैं बड़ी हिम्मत से उसके पास गया, और किस करते हुए कहा, “जो होगा देखा जायेगा”। फिर वो भी मुझे किस करने लगी। हमें वहा देखने वाला कोई भी नहीं था।

उस दिन के बाद हम लोग छुप-छुप कर मिलने लगे। पर मैं उसे चोद नहीं पा रहा था। उसने भी मुझे कई बार कहा, पर क्या करूं क्योंकि वो जायदा देर घर से बाहर नहीं रह सकती थी। पर एक दिन मौका मिला लेकिन सिर्फ 15 मिनट का। उसके पापा घर पे नहीं थे, और मम्मी बगल घर में पूजा हो रही थी, वहां थी। शाम का समय था। उसने मुझे दिन में ही बताया था, इसलिए इंतजार कर रहा था।

जैसे ही उसने मुझे इशारा किया, मैं तुरंत घर के अंदर चला गया। वो बोली, “ज्यादा टाइम नहीं है हमारे पास”। मैंने कहा, “कोई बात नहीं”। फिर हम किस करने लगे। मैं उसकी चूचियां जो ज्यादा बड़ी नहीं थी उसे दबाने लगा। बहुत सॉफ्ट थी उसकी चूचियां। फिर उसने जल्दी से कपड़े निकाले। क्या बताऊं मेरी तो हालत खराब हो गई। बाहर से जितनी गोरी थी, उससे ज्यादा अंदर से थी। उसकी ब्रा का दाग उसकी चूचियों पे दिख रहा था।

मैंने जल्दी से मुंह में भर लिया और अपना पैंट निकाल दिया। मेरा लंड तो खड़ा ही था। वो हाथ से लंड हिलाने लगी। मैं जब उसकी चूचियों पर हल्के से काटता, तो वो आई-आई करती और उसकी चूचियां लाल-लाल हो जाती। मैं उसे दबाते हुए पी भी रहा था। वो बोली, “श्याम जल्दी करो”। और अपनी चूत सहलाने लगी। मैंने उसे लिटाया, और तुरंत उसकी चूत सहलाने लगा।

चूत बिल्कुल सील पैक थी। छोटी सी छेद दिखाई दे रही थी। मैंने एक उंगली डाली तो वो चिहुंक गई और बोली दर्द हो रहा है। मैंने कहा, “मेरी जान, थोड़ा दर्द होगा, चिलाना मत”। वो सर हिलाते हुए बोली, “हम्म”। मैंने चूत पे काफी थूक लगाया। चूत पूरी चिकनी हो गई थी। फिर मैंने लंड को चूत पे लगाया, और दबाव देते हुए धक्का मारा। लंड थोड़ा अंदर गया, और उसकी चूत फट गई, और खून निकलने लगा।

वो रोने लगी और बोली, “बहुत दर्द हो रहा है। जल रहा है”। मैंने कहा, “सॉरी”।  वो बोली, “कोई बात नहीं”।

फिर मैंने थोड़ा और धक्का मारा, और लंड पूरा अंदर घुस गया। वो बेड पे छटपटाने लगी। मैंने रुक कर उसकी बॉडी को सहलाया, जिससे थोड़ा आराम मिला उसे, पर खून उसकी चूत से बाहर जा रहा था। फिर मैं धीरे-धीरे उसे चोदने लगा। वो आह आह आह मां-मां कर रही थी। मुझे लगा कोई आ ना जाए इसलिए थोड़ी देर बाद लंड बाहर निकाल कर हिलाने लगा, और अपना माल उसके पेट पे गिरा दिया। वो बहुत दर्द में थी। मैं उसे बाथरूम तक ले गया और कहा, “मैं जाता हूं”। वो बोली, “ठीक है”। फिर मैं निकल गया।

बस इतनी कहानी थी, उम्मीद है आपको पसंद आई होगी।

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