फिर मैं उसको काम समझाने लगा। काम बताते हुए मेरी नज़र उसकी क्लीवेज पर जा रही थी, जो उसकी कुर्ती के गले में से दिख रही था। उसने भी ये चीज नोटिस करी, लेकिन कुछ कहा नहीं। फिर वो अपने काम पर लग गई।
कुछ दिन बीत गए, अब हमारी अच्छी-खासी बात होने लगी। मैं उसके जिस्म को देख-देख कर पागल होने लगा था। फिर एक दिन मैंने सोचा क्यों ना उसको अपने प्यार के जाल में फांसा जाए।
बातों के दौरान उसने मुझे अपने जन्मदिन की तारीख बताई थी, जो 2 दिन बाद ही थी। मैंने उसके जन्मदिन की तैयारी करनी शुरू कर दी। मैंने अगले दिन उसको बहाना बना कर काम पर आने से मना कर दिया, और घर को सजा दिया। मैंने केक भी मंगवा लिया। फिर जन्मदिन वाले दिन जब वो आई, तो अंदर आते ही हैरान हो गई। फिर मैंने सॉन्ग लगाया, और उससे केक कटवाया। वो बहुत खुश थी। उसने खुशी के मारे मुझे गले से लगा लिया। लेकिन फिर झिझकते हुए पीछे हो गई। तब मैंने उससे पूछा-
मैं: क्या हो गया?
वो: माफ कीजिए मैं खुशी के मारे आपके गले लग गई।
मैं: इसमें माफी की क्या बात है?
वो: मैं आपकी नौकरानी हूं, ये आपको शोभा नहीं देता।
मैं: मैंने तुम्हें हमेशा अपना दोस्त समझा है। और आज तो मैं तुम्हें… चलो छोड़ो (और मैंने आंखों से आंसू आने की एक्टिंग की)।
ये देख कर वो बोली: आज आप मुझे क्या?
मैं: नहीं कुछ नहीं।
वो: बोलिए ना।
मैं: मैं बताना चाहता था कि मुझे तुमसे प्यार है।
वो: नहीं, ये नहीं हो सकता। आपका और मेरा कोई मुकाबला नहीं है।
ये सुन कर मैं उसके पास गया, और उसको बाहों में ले लिया। फिर मैं बोला-
मैं: मैं तुमसे प्यार करता हूं, और तुम्हें अपना बनाने से मुझे कोई नहीं रोक सकता। सिवाय इसके कि तुम मुझे पसंद नहीं करती। बोलो, नहीं करती मुझे पसंद?
ये सुन कर उसने आँखें झुका ली। मैं समझ गया कि उसकी हां थी, और मैंने उसी वक्त उसके होंठों से अपने होंठ चिपका लिए। वाह, क्या स्वाद था उसके होंठों का नमकीन-नमकीन। मैं पागलों की तरह उसके होंठ चूसने लगा। वो भी मदहोश हो कर मेरा साथ देने लगी। मैंने उसको कस के गले लगाया हुआ था, जिससे उसके चूचे मेरी छाती में दब कर मुझे और गरम कर रहे थे। नीचे मेरा खड़ा लंड उसकी कमर पर लग रहा था। मुझे यकीन है इसको महसूस करके वो भी गरम हो रही होगी।
फिर मैंने उसके होंठ छोड़े, और उसकी गर्दन पर किस्स करने लगा। वो मेरे बालों को सहलाने लगी। गर्दन चूमते हुए मैंने उसकी कुर्ती उठाई, और लेगिंग्स पकड़ कर नीचे खिसका दी। अब नीचे मैं उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी गांड सहलाने लगा। उसकी गांड बहुत सॉफ्ट थी। फिर मैंने उसको बेड पर लिटाया, और अपने कपड़े उतारने लगा। मुझे नंगा होते देख वो भी कपड़े उतारने लगी।
अब मैं अंडरवियर में था, और वो ब्रा और पैंटी में थी। मैं उसके ऊपर कूद पड़ा, और उसको हर जगह किस्स करने लगा। उसकी ब्रा मैंने उतार दी, और उसके चूचे चूसने लगा। वो पागल होने लगी। फिर मैंने उसकी पैंटी उतारी, और उसकी बालों से भरी चूत को चाटने लगा। वो मुझे मना करने लगी गंदा है बोल कर, लेकिन मैं नहीं रुका। वो पागल हो रही थी।
कुछ देर चूत चाटने के बाद मैंने अपना अंडरवियर उतारा, और अपना लंड उसकी कुंवारी चूत पर रखा। लंड रगड़ने पर वो कांप रही थी मस्ती में। फिर मैंने धक्का मारा, और टोपा चूत में घुसा दिया। उसकी चीख निकल गई, लेकिन उसने मुझे रोका नहीं। उसकी चूत बहुत टाइट थी, उसमें से हल्का खून भी निकल आया। फिर मैंने 3-4 धक्के और मारे, और लंड पूरा उसकी चूत में घुसा दिया।
उसकी आंखों में आंसू आ चुके थे। फिर मैंने उसके होंठ चूसते हुए, और चूचे दबाते हुए उसकी चुदाई करनी शुरू की। कुछ चीखों के बाद वो आह आह की मधुर आवाजें निकालने लगी। ये देख कर मैंने चुदाई की गति बढ़ा दी, और ताबड़तोड़ उसको चोदने लगा। उसके चूचे मैंने चूस-चूस कर लाल कर दिए थे।
कुछ देर बाद मैंने उसको घोड़ी बना दिया, और पीछे से उसकी चूत चुदाई करने लगा। उसके चूतड़ मस्त हिल रहे थे। आधे घंटे की चुदाई के बाद मैंने उसको घुमाया, और उसके मुंह में लंड डाल कर अपना सारा माल निकाल दिया। वो रंडी की तरह सारा माल पी गई।
उस दिन से लेकर जब तक मेरा कॉलेज खत्म हुआ, तब तक मैंने उसको चोदा। अब वो एक औरत दिखने लगी थी। फिर जैसे ही मेरा कॉलेज खत्म हुआ, मैं वहां से बोरिया-बिस्तर लेके गायब हो गया। मैंने उसको अपने घर का पता गलत बता रखा था, ताकि वो मुझे ढूंढ ना पाए। उसके बाद मैं दोबारा उससे कभी नहीं मिला।
दोस्तों कहानी कैसी लगी gulati.gulati555@gmail.com पर बताएं।