शीला की जवानी- 8

मैं खास किस्म के कंडोम से अपनी भाभी को चोद रहा था। पढ़िए कैसे मैं उनको चर्म सुख की चर्म सीमा तक ले गया और मुझे मिली एक नई चूत

शीला की जवानी- 7

मैंने बार-बार भाभी की पलंग-तोड़ चुदाई की, और उसका पानी निकाला। पढ़िए फिर कैसे मैंने उसको अपने कंडोम की खासियत बता कर हैरान किया

शीला की जवानी-3

कुछ देर ऐसे ही लेटने के बाद मैं लंड निकालने को हुआ कि ज्योति बोली, “अभी नहीं अजीत। ये कह कर ज्योति ने मेरे होंठ अपने होठों में ले लिए और चूसने लगी।

मेरे चारों बच्चे मेरी जान-2

इतने में वो मेरे करीब आकर मुझे गले लगा लिया और मैं उसके सीने पे सर रखकर रोने लगी। पाँच मिनट तक हम ऐसे ही बैठे रहे। फिर उसने कहा, “माँ, मैं समझूंगा तुझे।