घरेलू काम वालियों की चुदाई-2
छोड़ो साहब निरोध। क्यों चुदाई का मजा आधा कर रहे हो। हमारे मर्द नहीं चढ़ाते निरोध लंड पर। उनके पास तो टाइम ही नहीं होता निरोध चढ़ाने का।
Real XXX desi kahani
छोड़ो साहब निरोध। क्यों चुदाई का मजा आधा कर रहे हो। हमारे मर्द नहीं चढ़ाते निरोध लंड पर। उनके पास तो टाइम ही नहीं होता निरोध चढ़ाने का।
मैं भागने वालों में से नहीं थी। मुझे तो इस चुदाई में इतना मजा आ रहा था की बस मैं यही नहीं कह रही थी, “चोदो भड़वो और जोर लगा कर चोदो, फाड़ो मेरी चूत, घुस जाओ अंदर।
मैं राकेश मेरी चूत से पेशाब और चूत के पानी की गंध जरूर आ रही होगी। मैंने उसे बाजू से पकड़ा और कहा “चल आ मुझे चोदके बता।
जेठानी देवरानी की चूतें अभी गरम होना शुरू होती थीं की भाइयों लंड पानी छोड़ कर ठंडे हो जाते थे, औरतें उंगली से ही काम चलIने की कोशिश करती थीं।
Padhiye kaise jab mai train ke safar kar raha tha tab mujhe ek shemale mili jisne toilet me pehle mera muh choda aur fir meri gaand!
नीना ने सलवार उतार दी और लेट गयी और टांगें उठा कर चौड़ी की और अपनी उंगलियों से अपनी चूत की फांकें खोल कर किरण से बोली, “ले ये – ये रही मेरी फुद्दी”
“गुड मॉर्निंग सर” और एक किस मेरे होठों पर किया और एक किस्स पायजामें की ऊपर से ही मेरे लंड पर किया, और हंस कहा “ये शरारती अभी भी सो रहा है”।
अगर कभी औरत की चूत गीली हो जाए और उसमें खुजली मच जाए तो जब तक वो चूत चुद ना जाये और झड़ ना जाए औरत को चैन नहीं लेने देती।
रूबी हमेशा मेरे जेहन में रही। अक्सर किसी भी लड़की को चोदते वक़्त मैं रूबी के साथ चुदाई के बारे में ही सोचता – जो नहीं हो पायी थी।
चूत में चुदाई का असली मजा तब आता है जब लंड चूत के अंदर की खुजली मिटाता है और गांड चुदाई का असली मजा तब आता है जब लंड गांड के छेद के सिरे की खुजली मिटता है।