पिछला भाग पढ़े:- मनाली में अंजू की चुदाई-1
मैं: अंजू तुम आज रात नहीं होती तो ये सर्दी कैसे निकलती हा? आह आह उफ्फ, बहुत मजा आ रहा है मेरी जान।
चूत और लंड के बीच में से पच पच की आवाज़ आ रही थी, और ये आवाज पूरे रूम में गूंज कर एक जबरदस्त माहौल बना रही थी। इसी आवाज में से सिसकियां भर्ती हुई अंजू बोली-
अंजू: बस अब चोदो ना जान, तुम ही इस सर्दी में गर्मी दे रहे हो। वरना कौन देता है आह। तुम्हारा ये एहसान रहेगा मुझ पर।
मैं: हां। एहसान का बदला ही तो ले रहा हूं तुझे चोद कर मेरी जान।
और मैं उसे जोर-जोर से पेलने लगा।
अंजू: उफ्फ, और तेज़ सूरज, और तेज़ करो ना मेरी जान।
और वो नीच से गांड का जोर लगाने लगी, जिससे हमारी स्पीड और तेज़ होने लगी।
मैं: हां जान, मुझे स्वर्ग का मजा मिल रहा है।
मैं उसकी बुर की साइड में हाथ लगा कर पेलने लगा। करीब 3 मिनट बाद वो ढीली हो गई। उसकी चूत का पानी उस रात लावा निकल रहा था, एक दम गरम था। ऐसा एहसास जिंदगी में कम ही मिलता है।
मैं सारा पानी चाट गया। मैं अभी भी पूरे जोश में अंजू को चोद रहा था। मुझे उसकी चुदाई करके बड़ा मजा आ रहा था।
अंजू: सूरज अंदर मत छोड़ना अपना पानी। बाहर कहीं भी कर लेना।
मैं: हां बस रुको। बाहर ही निकलूंगा मेरी जान, तुम टेंशन मत लो किसी चीज की।
करीब 10 मिनट चोदने के बाद मैं उसके पेट पर बैठ गया, और उसके दोनों स्तनों के बीच अपना लंड फसा कर लंड की मुठ मरने लगा। फिर मैंने मॉल उसके बूब्स पर ही छोड़ दिया, और बगल में लेट गया।
अंजू: आह सूरज, मजा आ गया आज रात तो। पर ये बात किसी को मत बताना।
मैं: हां ठीक है।
और हम सो गए। फिर सुबह करीब 7 बजे मेरी आंख खुली, तो मैंने राजन को कॉल किया, और डे प्लान पूछा। तो उसने बताया कि 11 बजे चला जाएगा। मैं फ्रेश हुआ, ब्रेकफास्ट ऑर्डर कर दिया, और वापिस रजाई में आ गया। अंजू अपनी गांड चौड़ी करके सोई थी। मेरा लंड फिर खड़ा हो गया उसकी गांड देख कर। मैं बाथरूम में से बॉडी ऑयल ले आया, और अंजू की गांड के छेद पर तेल गिराया।
तेल गांड और चूत के बीच में आ गया। मैंने एक हाथ से तेल को अच्छी तरह चूत और गांड पर लगा लिया, और उंगलियों से मसाज किया 1 मिनट तक। फिर उसकी गांड की तरफ गया, और मुंह गांड की तरफ करके लेट गया। मैं उसकी गांड चाटने लगा। कभी गांड का छेद, तो कभी चूत चाट रहा था।
ऐसा करीब 5 मिनट किया, और अंजू की आंख खुल गई। उसने मेरे को देखा और मुस्कुराई। फिर उसने अपनी चूत का मुंह मेरी तरफ कर लिया, और मेरा सर अपनी चूत में फसा लिया। अब मैं उसकी चूत चाटने लागा, और अंजू भी मेरे लंड पर तेल लगा कर मसाज देने लगी
अंजू: उफ्फ सूरज गुड मॉर्निंग। सुबह-सुबह ही शुरु हो गया?
मैं: बस रहा नहीं गया।
अंजू: उफ्फ आह, चाटो मजा आ रहा है।
और वो मेरे लंड के टोपे को चाटने लगी।
मैं: आह आह अंजू। करो आह उफ्फ।
और लंड को हाला धक्का मार थोड़ा और मुंह में डाला। पर वो बस टोपे को ही चाट रही थी।
अंजू: हां चाटो, चाटो जान, हां-हां करो तेज, उफ्फ।
और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और बस मेरे को चूत में ही दबा कर रखा। फिर मैं उठा, अंजू की चूत के नीचे तकिया लगाया, और उसकी गांड उपर उठाई। फिर तेल उस की गांड के छेद पर लगाया, आपने लंड पर लगाया, और लंड का टोपा गांड के छेद में डाला।
अंजू: आराम से करना सूरज!
मैंने एक हल्का धक्का मारा, और आधा लंड पच करके अंदर चला गया।
अंजू: आई मां, उफ्फ। सूरज थोड़ा धीरे आह।
मैं: हां बेबी रुको।
मैंने उसके कंधो को जोर से पकड़ा, और एक और धक्का मारा। इससे पूरा लंड गांड में चला गया था।
अंजू आगे को भागने लगी, और बोली: नहीं, बस अब नहीं। छोड़ो मुझे मां उफ्फ।
मैंने उसको पकड़ कर रखा और लंड बाहर निकाल लिया। गांड का छेद खुल गया था। मैं तेल लेकर उसकी गांड में डालने लगा, जब तक तेल बहार ना आने लगे।
अंजू: नहीं बस सूरज अब नहीं।
उसकी गांड का छेद बंद हो गया था, और तेल भी बाहर नहीं आ रहा था।
मैं: कुछ नहीं होगा जान।
और फिर लंड गांड में डाल के हल्के-हल्के धक्के मारने लगा।
अंजू: नहीं दर्द हो रहा हैं सूरज। चूत मार लो प्लीज। आह मां मर गई मैं, नहीं।
मैं: चुप साली रंडी।
और अब मैं जोर-जोर से धक्के मारने लगा। 5 मिट में इतनी गर्मी आ गई कि अब रजाई भी हट गई थी।
अंजू: आह आह सूरज, नहीं (वो रो रही थी)। नहीं छोड़ दे साले, अब बस, मां बचाओ।
मैं: रुक साली ले पच पच पच पच अंजू तेरी गांड साली आह।
और अब मैं भी चरम सीमा पर आ गया था मैंने अंजू का सर गद्दे में दबा दिया था। अंजू ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ कर रही थी। पीछे से पैर मार रही थी मेरी गांड पर, पर मैं नहीं रुका।
मैं: आ आ आ आ आह अंजू साली।
और करीब 20 सेकंड बाद उसकी गांड में ही सारा वीर्य निकाल उसके ऊपर लेट गया।
अंजू: उफ्फ उफ्फ सूरज बहुत दर्द हो रहा हैं आह।
वो हांफने लगी। फिर 2 मिनट बाद मैं उसके बगल में लेट गया।
मैं: उफ्फ मजा आ गया अंजू आज तेरी गांड मार कर।
अंजू: साला गांडू, इसमें क्या मजा साले? देख क्या हाल किया। जा, इसके बारे में किसी को मत बताना सूरज।
मैं: ओके जान (उसको किस करने लगा)।
अंजू उठी और बाथरूम जाने लगी। उससे चला भी नहीं जा रहा था। गांड पर हाथ रख चल रही थी। वो फ्रेश हो कर आई, फिर हम सो गए। फिर 11 बजे के बाद हम फिर अपने ग्रुप के साथ टूर पर निकल गए। इस सेक्स के बारे मैंने अपने किसी दोस्त को नहीं बताया। तो ये थी मेरी और अंजू की सेक्स कहानी। आपको कैसी लगी आप मेरे को मेल जरूर करना।