TMKOC की नई दुनिया-1

एपिसोड 1: बापू जी का बदलता नजरिया और गोकुलधाम का नया नियम

गोकुलधाम सोसाइटी में सुबह का माहौल हमेशा की तरह हलचल भरा था। सूरज की किरणें सोसाइटी के आंगन में पड़ रही थी, और पक्षियों की चहचहाहट के बीच लोग अपने दिन की शुरुआत कर रहे थे।

जेठालाल अपनी दुकान के लिए तैयार हो रहा था। दया किचन में गरबा गुनगुनाते हुए नाश्ता बना रही थी, और तप्पू अपने दोस्तों के साथ तप्पू सेना की अगली शरारत की योजना बना रहा था।

चंपकलाल, जिन्हें सभी प्यार से बापू जी कहते थे, अपनी सुबह की चाय की चुस्की लेते हुए बालकनी में बैठे थे। सब कुछ वैसा ही था जैसा “तारक मेहता का उल्टा चश्मा” में दिखाया जाता है, हंसी-मजाक, छोटी-मोटी नोक-झोंक, और पड़ोसियों का आपसी प्यार।

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