हमारे घर के सामने वाले घर में तृप्ति भाभी रहती थी। उनकी उमर 29 साल थी, और वो 2 साल पहले यहां शादी करके आई थी। जिस दिन पहली बार मैंने उसको देखा था, तब से ही मैं उसका दीवाना हो गया था। भाभी हद से ज्यादा खूबसूरत थी। उनकी ऊंचाई 5 फुट 5 इंच थी। रंग दूध जैसा गोरा था, और फिगर 36-30-38 था।
भाभी की लव मैरेज हुई थी, और वो और भैया अपने परिवार वालों से अलग अकेले रहते थे। भैया का अपना बिजनेस था, और वो उसके सिलसिले में ज्यादातर बाहर रहते थे। भाभी हर तरह के कपड़े पहन लेती थी। ज्यादातर वो लेगिंग्स कुर्ती पहनती थी। किसी खास अवसर पर साड़ी पहनती थी, और घर में नाइटी पहनती थी। कभी-कभी वो जींस और टॉप भी पहनती थी जब उनको अपनी सहेलियों के साथ कहीं जाना होता था।
मैं भाभी का पक्का आशिक था, और हफ्ते में 3-4 बार तो उन्हीं को इमेजिन करके मुठ मारता था। मेरी मम्मी अक्सर उनसे बात करती थी गार्डन में सैर करते हुए। तब मुझे उनको करीब से देखने का मौका मिल जाता था। लेकिन एक दिन मेरी किस्मत चमकी और मुझे भाभी की चुदाई करने का मौका मिल गया। चलिए बताता हूं वो मौका मुझे कैसे मिला।
हुआ यूं, कि मेरा एक दोस्त मेरे घर आया हुआ था पढ़ाई करने के लिए। शाम तक हमारा सिलेबस हो चुका था, तो हम पास के गार्डन में घूमने चल पड़े। शाम का वक्त था, और काफी लोग वहां सैर कर रहे थे। मैं और मेरा दोस्त एक बेंच पर बैठ कर लड़कियां ताड़ने लगे। तभी भाभी हमारे सामने से गुज़री। अब भाभी को देख कर कोई इग्नोर नहीं कर सकता था। ऊपर से उन्होंने काले रंग का टाइट जिम सूट पहना हुआ था, जिसमें से उनका हर एक अंग उभर कर दिख रहा था। उनको देखते ही मेरे दोस्त ने पूछा-
दोस्त: भाई ये टोटा कौन है?
मैं: ये हमारे सामने वाले घर में रहती है। साली चलती फिरती बॉम्ब है। इसी के बारे में मैं तुझे उस दिन बता रहा था कि बहुत सेक्सी है।
दोस्त: यार ये तो जितना तूने बताया उससे कहीं ज्यादा सेक्सी है। ये मिल जाए तो इसको पूरा चाट लूं।
मैं: ये बहुत ऊपर की चीज़ है भाई। अपने जैसों के हाथ नहीं आने वाली।
ये बात बोल कर जब मैंने सामने देखा, तो तृप्ति भाभी सामने खड़ी मुझे गुस्से से देख रही थी। उनको देख कर मेरी गांड फट गई। उन्होंने क्या सुना ये तो मुझे नहीं पता था, लेकिन जिस हिसाब से वो देख रही थी, उससे लग रहा था कि कुछ तो सुना ही था।
फिर मैंने उनसे पूछा: क्या हुआ भाभी, आप ऐसे क्यों देख रही हो?
भाभी: तू घर कब जा रहा है?
मैं: बस अभी थोड़ी देर में।
भाभी: चल तू घर पहुंच, मुझे तेरी मम्मी से कुछ बात करनी है।
जब उन्होंने ये बोला, तो मुझे महसूस हो गया कि आज मेरा मारना पक्का था। क्योंकि मेरी मम्मी को ऐसे लड़के बिल्कुल पसंद नहीं, जो लड़कियों की रिस्पेक्ट नहीं करते। तो अगर उनको पता चलेगा इस बारे में, तो वो पता नहीं क्या हाल करेंगी मेरा।
फिर भाभी अपने घर की तरफ जाने लगी। फिर मैं और मेरा दोस्त जल्दी से मेरे घर की तरफ भागे। मेरे दोस्त ने अपनी किताबें ली, और निकल गया। अब मेरी धड़कने तेज हो चुकी थी, कि भाभी कब आएगी और आगे क्या होगा।
15 मिनट बाद घर की बेल बाजी, मेरे हाथ-पांव कांपने लगे। मैं ऊपर खड़ा खिड़की से नीचे देख रहा था। मम्मी दरवाजा खोलने जा रही थी। जब उन्होंने दरवाजा खोला, तो भाभी सामने खड़ी थी। उन्होंने लेगिंग्स कुर्ती पहनी थी लाल रंग की। वो बहुत सेक्सी लग रही थी, लेकिन उस वक्त ये सब सोचने वाली हालत नहीं थी मेरी।
भाभी दरवाजे पर ही खड़ी रह कर मेरी मम्मी से कुछ बात करने लगी। मैं मन में सोच रहा था कि आज तो मेरी बैंड बजेगी ही। फिर 2-3 मिनट बात करने के बाद वो चली गई। मम्मी ने दरवाजा बंद किया, और पीछे मुड़ कर ऊपर देखते हुए मुझे आवाज दी।
अब मैं क्या करता? मेरे हाथ-पांव कांपने लगे थे। लेकिन नीचे तो जाना ही था। फिर मैं हिम्मत करके नीचे जाने लगा। सीढ़ियां उतरते हुए मम्मी मेरी तरफ ही देख रही थी। फिर मैं मम्मी के पास पहुंचा। मेरी सांसे तेज़ हो रही थी। तभी मम्मी मुझसे बोली-
मम्मी: बेटा तू क्या कर रहा है अभी?
मैं: कुछ नहीं मम्मी, बस ऐसे ही बैठा हूं। क्यों क्या हुआ?
मम्मी: नहीं हुआ तो कुछ नहीं। वो सामने वाली तृप्ति आई थी।
मैं: जी।
मम्मी: उसको कुछ काम था उसके घर पर। उसने कुछ सामान सेट करना था। डिलीवरी वाले डिलीवरी तो कर गए, लेकिन सामान सही जगह पर रख के नहीं गए। वो किसी आदमी का पूछ रही थी कि अगर मुझे पता हो तो। मैंने सोचा तेरे को बोल दूं। बेचारी बच्ची का पति भी घर पर नहीं है, तो तू जाके मदद कर दे उसकी।
मुझे ये सुन कर राहत मिली कि उसने मेरी शिकायत नहीं की थी। फिर मैंने मम्मी को हां बोला, और भाभी के घर की तरफ निकल गया।
इसके आगे क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। कहानी की फीडबैक authorcrazyfor@gmail.com पर दें।
अगला भाग पढ़े:- तृप्ति भाभी की चुदाई-2