घरेलू काम वालियों की चुदाई-2
छोड़ो साहब निरोध। क्यों चुदाई का मजा आधा कर रहे हो। हमारे मर्द नहीं चढ़ाते निरोध लंड पर। उनके पास तो टाइम ही नहीं होता निरोध चढ़ाने का।
Real XXX desi kahani
छोड़ो साहब निरोध। क्यों चुदाई का मजा आधा कर रहे हो। हमारे मर्द नहीं चढ़ाते निरोध लंड पर। उनके पास तो टाइम ही नहीं होता निरोध चढ़ाने का।
शायद सब को ये बात मालूम नहीं कि असली और कुदरती सुंदरता या तो कश्मीरी लड़कियों में होती है – गोरी चिट्टी गुलाबी रंगत की, या फिर बंगाल की लड़कियों की।
मैं भागने वालों में से नहीं थी। मुझे तो इस चुदाई में इतना मजा आ रहा था की बस मैं यही नहीं कह रही थी, “चोदो भड़वो और जोर लगा कर चोदो, फाड़ो मेरी चूत, घुस जाओ अंदर।
मैंने सुमित को जब लड़के की लड़कों के साथ मस्ती वाली बात बताई तो उसकी आखों में चमक आ गई। इस बात की तो उसने परवाह भी नहीं की कि उसकी बीवी को कोइ और चोदेगा
संदीप ने रेनू को कमर से इतनी टाइट पाकड़ा हुआ था की लम्बे धक्कों के बावजूद संदीप रश्मि को हिलने नहीं दे रहा था। कुत्ता कुतिया को चोदते वक़्त यही करता है।
वैसे आजकल लड़कियां ना भी चुदें तो भी चूत में उंगली तो करती ही हैं। अब ऐसे में चूत की सील कहां बचेगी। लड़की ना भी चुदी हो तो भी सील खत्म हो जाती है।
मौसी ने कहा, “वरुण तेरा लंड जच्छ खासा लम्बा है, कुछ ऐसे चोद कि पूरा का पूरा लंड बाहर निकले और फिर अंदर जाये – एक झटके से। आह मजा आ जाएगा “।
मैंने मौसी से कहा, ”सच कहूं मौसी आप सच में हो तो बहुत सेक्सी – एकदम कड़क”। मौसी हंस कर बोली, “अच्छा ? फिर तो मेरी बहन, तेरी अम्मां, वो भी सेक्सी होगी”।
अब बताओ वरुण तुमने मुझे आगे भी चोदना है या नहीं ? अगर तुमने मुझे चोदना है तो अगर मम्मी तुम्हें चुदाई के लिए कहे तो चोद देना उसे। यहां आना जाना बना रहेगा”।
मेरा हाथ अपने आप ही मेरी चूत पर चला गया, और मैंने चूत रगड़नी शुरू कर दी। पांच मिनट में ही मुझे अजीब सा लगने लगा, जैसे पूरा शरीर झनझना रहा है।