मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-24

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गार्गी: वो खुद नहीं आया। घर में मेरी छोटी बहन, मेरी बड़ा भाई और मां सो रहे थे, और बाबू जी अपने दोस्त को लेकर मेरे रुम में आये। उसने मेरे सामने घनश्याम से कहा कि वो जितना चाहे मुझे चोदे, लेकिन तीन महीने के अंदर वो अपने बेटे की शादी मुझसे कर देगा। घनश्याम मान गया। बाबू जी उसे मेरे पास छोड़ कर बाहर चले गये। और अमित, घनश्याम रात भर कोशिश करता रहा।

गार्गी: मैंने चूस कर, मुठिया कर, चार बार उसका लंड टाईट किया। वो चार बार मेरे उपर ऐसे ही चढ़ा जैसे तुम चोद रहे हो। वो जब भी मेरी बूर में सुपाड़ा घुसाने की कोशिश करता था, उसका लंड उल्टी कर देता था। रात भर हम नंगे रहे, लेकिन वो लंड को मेरा बूर में नहीं पेल पाया। सुबह वो मेरा पांव पकड़ कर गिड़गिड़ाया कि मैं बाबू जी से यही कहूं कि उसने मुझे चोद चोद कर बहुत खुश किया।

गार्गी: मैं बहुत नाराज़ थी, कि मेरे चाहने पर भी वो मेरा पहला प्रेमी मुझे नहीं चोद पाया। लेकिन सुबह जब बाबू जी ने पूछा तो मैंने कह दिया कि घनश्याम ने मुझे बहुत बढ़िया से चोदा।

गार्गी को चोदने में बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था। मैं अपनी ज़िंदगी की पहली कुंवारी चूत का मज़ा ले रहा था। साथ ही मुझे गार्गी की कहानी भी बहुत ही ज़्यादा मस्त कर रही थी।

मैं: तुम्हारे बाबू जी ने तुम्हें घनश्याम से चुदवाया, तो उसने भी तुझे ज़रूर चोदा होगा?

गार्गी ने माथा हिलाया।

गार्गी: अगली ही रात बाबू जी मेरी नंगी जांघों के बीच थे। घनश्याम ने थोड़ी भी ओरल मस्ती नहीं मारी थी, लेकिन मेरे बाप ने मेरे अंग-अंग को चाटा। बहुत देर तक चूचियों को चूसा, बूर को भी बहुत देर चूसा। लेकिन मेरा बाप भी घनश्याम जैसा ना-मर्द निकला। उसने भी जितनी बार बूर में लंड घुसाने की कोशिश की, हर बार उसके लंड ने भी उल्टी कर दी। मैंने बाद में भी दोनों को कई बार मौक़ा दिया। कई बार दोनों, बाप और मेरा प्रेमी एक साथ मेरे साथ रात गुज़ारी। लेकिन दोनों में से किसी का सुपाड़ा भी बूर में नहीं घुस पाया।

मैं दना दन पेल रहा था। बीच-बीच में चूचियों को चूसता था।

मैं: तुम्हारी चूत पर मेरा नाम लिखा था, फिर कोई दूसरा लंड इस प्यारी चूत के अंदर कैसे घुसता?

गार्गी: उसके बाद मैंने ख़ुद ही दूसरे और पांच मर्दों को, अलग-अलग उम्र के मर्दों को पटाया। सबको चोदने का बहुत मौक़ा दिया। लेकिन मैं क्या करती, मेरी बूर की क़िस्मत में एक गधे का, तेरे लंड का घुसना था, तो दूसरा मुझे कैसे चोद पाता? तुम्हें क्या किसी को भी मेरी बात पर विश्वास नहीं होगा लेकिन ये सच है कि तुमसे पहले सात आदमियों ने मुझे चोदने की कोशिश की, लेकिन नहीं चोद पाये। और जब मैंने देखा कि मेरी क़िस्मत में लंड नहीं है, तो मैं लड़कियों को, जवान औरतों को अपना दोस्त बनाने लगी।

गार्गी: पिछले सात सालों में मैंने 70-75 माल को नंगी किया है। उनकी जवानी की मस्ती लेती हूं। अपनी नंगी जवानी का मज़ा देती हूं। मैं यहां तीन साल से हूं। 5 लड़कियां और 4 जवान औरतें मेरी माल है। रेखा की जवानी का मज़ा यहां आने के कुछ ही दिन बाद से लेना शुरू किया। उसने कभी अपने घरवाले अरविंद से भी चुदवाने नहीं कहा। लेकिन पिछले 5-6 दिन से मुझसे ज़िद कर रही है कि तुमसे चुदवा लूं।

गार्गी: तुम्हारे हेडमास्टर हर बार मुझे नंगा देखने का दस हज़ार देते हैं। परसों जब वे मेरी बूर चाट रहे थे, तभी मैंने उनसे कहा कि मुझे तुमसे चुदवाना है और वहीं तुमसे मुझे चोदने के लिए कहे। अमित बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा है। खूब जमा-जमा कर पेलते रहो।

गार्गी को चोदते हुए मैंने मन ही मन रेखा को थैंक्स किया कि उसने गार्गी को मुझसे चुदवाने कहा। आख़िरकार मस्ती से चुदाई करते-करते हम पस्त हो गये और झड़ने लगे। दोनों ने एक-दूसरे को बेतहाशा चूमा। थोड़ी देर एक दूसरे से चिपके हुए हम अपने-अपने घरों की, स्टूडेंट्स और टीज़र की बात करते रहे।

गार्गी: जानते हो, हेडमास्टर मेरी नंगी जवानी को चाटता है, और उसकी बेटी संगीता के साथ-साथ उसका दलाल असलम मुझसे धंधा करने के लिए कहता रहता है। लेकिन अमित, मैंने फ़ैसला कर लिया है कि कभी धंधा नहीं करूंगी। चलो मुंह हाथ धो लो, खाना लगाती हूं।

हम बेड से उतरे और उसने ज़ोर से लंड पकड़ कर मसला।

गार्गी: मादरचोद, क्या खाता है तू? लंड तो है गधे के जैसा, लेकिन चुदाई करता है कुत्ते जैसी। रेखा ने कहा तो विश्वास नहीं हुआ था लेकिन बहनचोद तुमने मुझे डेढ़ घंटा रगड़ा है। अपनी मां को मुझसे भी मिलाना। जितनी मस्ती उसे अपने बेटे के साथ चुदवा कर आयेगी, उससे ज़्यादा मज़ा उसे मैं उसे दू्ंगी। अपनी रेखा और दोस्त रचना से पूछ लेना। हर दूसरे तीसरे दिन अपनी बूर चुसवाने आ जाती है। साली अभी कुंवारी है। चोदेगा उसे? वैसे वो तेरी बहुत बात करती रहती है।

हम दोनों ने एक साथ अपने सामने खड़े हो कर पेशाब किया। हाथ मुंह धो कर गार्गी ने अपने बिस्तर के नीचे से निकाल कर मुझे तीन किताबें दी।

गार्गी: जब अकेली रहती हूं तो यही सब पढ़ कर, फ़ोटो देख कर मन बहलाती हूं। लेकिन अब नहीं, जब बूर की खुजली ज़्यादा बढ़ जायेगी, तब या तो तुझे बुला लूंगी या फिर खुद तेरे रुम में आ जाऊंगी।

गार्गी चूत्तड़ मटकाती हुई किचन में गई और मैं पॉर्न बुक देखने लगा। हम जितनी तरह की चूदाई के बारे में सोच सकते हैं, उन किताबों में वैसी हर तरह की चूदाई की तस्वीरें थी। कहानी बाली किताब में भी हर तरह की कहानियां थी। लेकिन मुझे वो किताबें पसंद नहीं आई। मैं किचन में गया और गार्गी के कमर में हाथ डाल कर उसके बग़ल में खड़ा हो गया।

मैं: गार्गी, मुझे जीती-जागती औरतों को पढ़ने का शौक़ है, औरतों को चोदने की कहानियों को पढ़ने का नहीं। गार्गी, मैंने सिर्फ़ रेखा और संगीता को ही नहीं, आज शाम संपा और उसकी नौकरानी सपना को भी चोदा। तुम्हें औरतों की जवानी के साथ खेलना पसंद है। रेखा बहुत सुंदर है। संगीता बहुत ही मस्त माल है।

मैं: लेकिन अगर कोई सबसे बढ़िया माल है तो वो संपा है। बहुत ही खुले दिल की और बिंदास औरत है। अकेले में उससे मिलेगी तो वो ज़रूर तुम्हारे सामने नंगी हो जायेगी। उसकी एक जवान बेटी भी है जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है। तुम्हें चोदने के बाद सुबह संपा को भी चोदना है।

गार्गी: उससे बोलोगे कि तुमने गार्गी नाम की कुतिया को चोदा?

मैंने उसके मस्त और कड़क चूत्तड़ों को सहलाना शुरू किया।

मैं: बोलना ही पड़ेगा। मैं अगर अपनी सभी चुदाई की रिपोर्टिंग उसे नहीं करूंगा, तो कुतिया ने धमकी दी है कि ना मुझे रूम के बाहर जाने देगी, और ना किसी को मेरे रुम में आने देगी। आख़िर वार्डन की घरवाली है।

गार्गी: अमित, तुमने मुझे बहुत ही ज़्यादा खुश किया है। कल होटल में तू अपनी मां को चोद और मैं तेरी संपा कुतिया को चोदूंगी।

इस औरत को अपने उपर बहुत भरोसा था। गार्गी 28 साल की थी, 5 फ़ीट 4 इंच लंबी, साफ़ गोरा रंग, चांद सा गोल चेहरा, बहुत ही प्यारी बड़ी-बड़ी काली आंखें, गदराया बदन, 36 इंच की मस्त गुदाज़ चूचियां, 26-28 इंच की कमर, उभरे हुए 36 इंच के चूत्तड़ और लंबी मस्त, सुडौल और लंबी जांघे। तब तक जितनी औरतों को चोदा था, गार्गी के बाल सबसे घने और लंबे थे।

खाना खाने के बात उसने किताब से मुझे मां-बेटे, भाई -बहन और बाप और बेटी की चुदाई की कहानी पढ़ कर सुनाई। और दोस्तों, औरत की आवाज़ में चुदाई की कहानी सुनने का मज़ा चुदाई करने के जैसा ही है। हमने दो राउंड जम कर चुदाई की और ठीक 6 बजे संपा के घर पर नॉक किया। संपा ने डोर खोला। कुतिया नंगी ही थी। उसके बेडरूम में सपना सो रही थी तो वो मुझे अपनी बेटी के रुम के बेड पर ले गई।

संपा: आज बेटी के बेड पर मां को चोद लो। बहुत जल्दी बाप के सामने बेटी को तुमसे चुदवाऊंगी। अमित, तुमने कैसा चोदा यार, सपना के साथ आज कोई मज़ा नहीं आया। चोदो मुझे।

मैंने उसे बहुत चूमा, चूचियों को चूसा और सीधा चोदने लगा। चोदते हुए मैंने गार्गी के साथ की चुदाई की पूरी बात बताई।

मैं: संपा, कल किसी भी समय वो गधी मेरी इस कुतिया की जवानी को खायेगी।

मेरी बात सुन कर संपा नाराज़ नहीं हुई।

संपा: उस गधी को आने दो। तू अपनी मां को चोदना और हम तेरी गधी को ऐसा चोदेंगे की हरामजादी कपड़े पहनना भूल जायेगी। हम दोनों के सामने रंडी तेरे मित्रा सर से भी चुदवायेगी।

गार्गी की तरह इस औरत को भी अपने उपर बहुत भरोसा था। एक राउंड की चूदाई के बाद मैंने वहीं बाथ लिया। संपा ने खुद मेरे लिए चाय बनायी। सपना भी उठ गई थी। दोनों ने मुझे नंगा ही विदा किया।

संपा: मां की चूदाई की पूरी रिपोर्ट दोगे तभी अपनी बेटी को तुमसे चुदवाऊंगी।

मेन रोड पर आकर मैंने एक टैक्सी ली, और साढ़े आठ बजे स्टेशन पहुंच गया। संपा ने ठीक ही कहा था ट्रेन डेढ़ घंटा लेट थी। साढ़े नौ (9:30) बजे ट्रेन स्टेशन पर रुकी। जैसा मैंने सोचा था मां फर्स्ट क्लास से ही उतरी। आख़िर रेलवे के जीएम की घरवाली थी।

उनके साथ एक दूसरी 30-32 साल का जवान औरत थी। उनके साथ एक आदमी मां का एक सूटकेस लेकर उतरा। मैं आगे बढ़ कर मां के फ़ीट छूने के लिए झुका। मां ने मुझे बीच में रोक कर सबके सामने गले लगाया और धीमे से बोली, “जिसे चोदने के लिए, उसकी बूर में लंड पेलने के लिए बुलाया है, उसके पांव नहीं छूते। बूर बहुत खुजला रही है, जल्दी से होटल ले चल और चोद।”

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