पिछला भाग पढ़े:- मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-11
मेरी किस्मत बहुत ही बढ़िया थी। इलाक़े की सबसे खूबसूरत औरत, अरविंद सर की घरवाली को चोद कर अपनी चूदाई शुरु की, तो एक सप्ताह के अंदर तीन और बढ़िया माल चोदने के लिए मिली।
हेडमास्टर की छोटी बेटी ख़ुद मेरे रुम में चुदवाने आई। रेखा की तरह उसने भी मुझे मां को चोदने के लिए उकसाया। मां की गंदी चिट्ठी पढ़ कर यह विश्वास हो गया था कि मेरी मां भी मुझसे चुदवाने के लिए बेकरार थी।
मैं संगीता को रगड़-रगड़ कर चोद रहा था।
मैं: संगीता रानी, मैं ख़ुद अपनी मां को चोदने के लिए बेकरार हूं। लेकिन रानी मेरे बोलने पर अपने अरविंद सर से एक बार और चुदवा ले। सभी को मालूम है अरविंद बहुत सी लड़कियों और औरतों को चोदता है। मुझे लगता है कि तुम्हारी मदमस्त जवानी देख कर वो ज़्यादा ही बेताब हो गया होगा। इस बार वो ज़रूर तुम्हें ख़ुश करेगा।
संगीता: तुम भी मुझे पहली बार ही नंगी देख रहे हो। पहली बार ही चोद रहे हो। लेकिन तुम तो बहुत ही बढ़िया से चोद रहे हो। जानते हो मैं दो बार झड़ चुकी हूं। मैंने भी अरविंद की बहुत तारीफ़ सुनी थी, इसलिए ही उससे चुदवाया, लेकिन साला ना-मर्द है। आह अमित बहुत ही बढ़िया लग रहा है। अब तुम्हें जब भी मेरी जवानी की ज़रूरत हो मेरे घर आ जाना। तुम्हारे हेडमास्टर घर में रहेंगे फिर भी तुमसे चुदवाऊंगी। दीदी जब भी आयेगी उसे भी तुम्हारे लंड पर बिठा दूंगी।
संगीता जवान थी, बहुत ही कम चुदी थी। मेरे लंड को उसकी बूर बहुत पसंद आ गई थी। लंड ढीला ही नहीं हो रहा था।
मैं: रानी, तुम सोच भी नहीं सकती कि तुम्हें प्यार कर, तुम्हें चोद कर मैं कितना ख़ुश हूं। तुम जिसे भी चोदने बोलेगी उसे चोदूंगा, लेकिन रानी प्लीज़ मेरे बोलने पर एक बार और अरविंद से चुदवा ले।
मैं अरविंद सर को ख़ुश करना चाहता था जिससे कि वो कभी मुझे रेखा को चोदने से ना रोके। और संगीता ने मेरी बात मान ली। हमने कुछ देर और चुदाई की। हम दोनों क़रीब साथ ही झंडे।
संगीता: वाह अमित, मुझे नहीं लगता कि चुदाई का जैसा मज़ा तुमने दिया है, उससे ज़्यादा मज़ा कोई और देगा। मेरा बदन बहुत हल्का हो गया है, मुझे लगता है कि मैं आसमान में उड़ रही हूं। हर रात मैं यहां नहीं आ सकती। आज रात तुम मेरे मेहमान हो। मेरे घर में मेरे ही बेड पर मुझे रात भर चोदोगे। चिंता मत करो, तुम्हारे हेडमास्टर नाराज़ नहीं होंगे। आज ही कभी मौक़ा मिलेगा तो उसे चूचियों को चूसने दूंगी और तुम्हारे साथ चुदवाने का परमिशन ले लूंगी।
अपनी कानों से सुन कर भी मुझे विश्वास नहीं हुआ कि किसी से चुदवाने के लिए कोई लड़की अपने बाप के सामने नंगी होगी। और तब मुझे अपने बाबू जी और बहन की बात याद आ गई। मैं संगीता के उपर से उतर कर उसके बग़ल में आ गया और उसे अपने उपर खींचा।
मैं: जानती हो, जैसा तुमने अपने बाबू जी को चूची चुसवाने की बात की, वैसा ही शायद मेरी दीदी भी अपने बाबू जी से चुदवाती है। मैंने दीदी और बाबू जी के बीच जो बात हुई थी, संगीता को सब बताया। संगीता बात को समझ गई।
संगीता: मैं विश्वास के साथ कहती हूं कि तुम्हारी दीदी किसी से चुदवाना चाहती है। वो अपने बाप से कह रही होगी कि पहले उसे उसके यार से चुदवाने दे तब वो बाप से भी चुदवायेगी।
मुझे संगीता बहुत ही पसंद आने लगी थी।
मैं: उस रंडी को छोड़ो, जिससे चुदवाती है चुदवाये। रानी मैं बहुत ही किस्मत वाला हूं कि तुम मेरी दोस्त हो, लेकिन एक बार अरविंद सर को और मौक़ा दो। नहीं तो तुम दोनों ज़िंदगी भर पछताते रहोगे कि मौक़ा मिलने पर भी एक-दूसरे के साथ बढ़िया से मस्ती नहीं मार सके। मुझे पूरा भरोसा है कि इस बार अरविंद तुम्हें निराश नहीं करेगा।
संगीता: पहले मेरी बूर को चूस चाट कर फिर से गर्म करो। दोबारा चोद कर मुझे आसमान की सैर करवाओ। तब अरविंद के लंड को एक और मौक़ा दूंगी।
मुझे क्या आपत्ति होती। मैंने संगीता के अंग-अंग को चाटा, पहले चूचियों को खूब चूसा, और उसके बाद बहुत देर तक बूर को अंदर-बाहर से चूसा। क़रीब 15-20 मिनट मैं उसके उपर 69 पोज में हुआ। मैं बूर चूस रहा था, और उसने चुभला-चुभला कर लंड को बढ़िया से चूसा।
चोदने में, चूसने-चाटने, और बातें करने में कितना समय गुजर गया, हमें पता ही नहीं चला। मैंने संगीता को कुतिया बना कर चोदना शुरु किया। क़रीब 20 मिनट चोदा होगा कि दरवाज़ा पर हल्का नॉक हुआ।
संगीता: कितना समय हो गया?
हम दोनों ने नज़र घुमा कर टेबल क्लॉक की ओर देखा। सुबह के चार बज गए थे।
संगीता: मादरचोद, कैसे करता है तू? एक महीने के अंदर अपनी मां को यहां बुला। मैं उस कुतिया से पुछूंगी की किस सांड से चुदवा कर उसने तेरे जैसा सांड पैदा किया। दरवाज़ा खोल दो, असलम होगा और मुझे पूरा ठंडा कर।
एक गार्ड बनबारी ने मेरा लंड भी चूसा था, और उसने दो बढ़िया माल को मेरे पास भेजा था। मैंने सोचा कि क्यों ना दूसरे गार्ड को भी अपना लंड दिखाएं। शायद वो भी किसी बढ़िया माल को मेरे पास भेज दे। बूर से लंड निकाल कर मैं नीचे उतरा। दरवाज़ा खोला तो असलम ही था।
संगीता: जल्दी से दरवाज़ा बंद करो।
असलम ने दरवाज़ा बंद किया और मैं फिर से संगीता को पीछे से चोदने लगा। संगीता भी अरविंद से एक बार और चुदवाने के लिए मान गई।
संगीता: असलम भाई, अरविंद सर को जाकर बोल देना कि संगीता उसे एक और मौक़ा देगी। अगर संगीता को चोदना है तो आज ही तीन बजे दोपहर में 30 हज़ार लेकर उसी जगह पर आ जाये। उस ना-मर्द को तीन घंटा समय दूंगी और तू ये क्या कपड़े के उपर से लौड़ा खुजला रहा है? मुझे चुदवाते देख बहुत जोश चढ़ रहा है तो तू भी नंगा हो जा।
एक 19 साल की लड़की ने 50 साल के बढ़िया दिखने वाले मर्द से ऐसे बात की मानो उसका गुलाम हो। संगीता ने कहा और असलम नंगा हो गया।
संगीता: वाह, आज समझ गई कि मेरी जवानी में बहुत आग है। मैं तो समझती थी कि तुम्हारे लंड में अब कोई दम नहीं होगा। लेकिन इस देख कर लगता है कि ये नफ़ीसा की कच्ची चूत को एक धक्के में ही फाड़ देगा। अपनी बेटियों को चोदते हो ना?
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