नमस्कार दोस्तों, मैं आपका प्यार Thor अपनी अगली हिंदी चुदाई कहानी लेके आया हूं। मेरी पिछली कहानियों को अपना प्यार देने के लिए आपका बहुत आभारी हूं। आपकी फीडबैक मुझे और कहानियां लिखने का हौंसला देती है, तो इसी तरह हौंसला बढ़ाते रहें। ये कहानी उत्तर प्रदेश के महेंद्र की है। तो चलिए कहानी शुरू करते है महेंद्र की जुबानी।
हैलो दोस्तों मैं महेंद्र उत्तर प्रदेश कर रहने वाला हूं। मेरी उमर 19 साल है, और मैं कॉलेज का विद्यार्थी हूं। ये कहानी मेरी बहन की चुदाई की सच्ची कहानी है। तो चलिए कहानी शुरू करता हूं।
मेरी बहन का नाम सुनैना है। वो 22 साल की है, और कॉलेज के अंतिम वर्ष में पढ़ाई कर रही है। बहन का रंग गोरा है, और शरीर भरा हुआ है। अगर मैं सिर्फ एक लड़के की नज़र से देखूं, तो मेरी बहन पटाखा है, और किसी भी मर्द का लंड खड़ा करने में सक्षम है।
पिछले कुछ दिनों से मैं देख रहा था, कि बहन आज कल अपने मोबाइल पर बहुत वक्त बिताती थी। वो अक्सर मोबाइल में चैट करके मुस्कुराने लगती थी। इससे मुझे उस पर शक होने लगा, तो मैं उसके मोबाइल को चैक करने की ताक में था। फिर एक दिन सुबह-सुबह जब वो नहाने गई, तो मैंने उसका मोबाइल चैक किया।
मेरा शक सही निकला, और उसका किसी के साथ चक्कर चल रहा था। वो लड़का और कोई नहीं, बल्कि पड़ोस का अजय था। मुझे ये देख कर बहुत गुस्सा आया। चैट के आखिर में दोनों ने आज रात चुपके से मिलने का प्रोग्राम बनाया था। मैंने सोचा आज रात को इन दोनों को रंगे हाथ पकड़ूंगा। लेकिन पहले मैंने अजय के पापा को भी बताने का सोचा, ताकि कहीं ऐसा ना हो कि वो दोनों मुकर जाएं, और मेरा प्लान फेल हो जाए।
फिर कुछ देर बाद मैं अजय के पापा के पास गया, और उनको सारी बात बता दी। वो भी बहुत गुस्सा हुए, और उन्होंने भी दोनों को रंगे हाथ पकड़ने की बात कही। इसके लिए उन्होंने मुझे रात को उनके घर बुला लिया।
फिर रात हो गई, और मैं बहन से पहले ही उनके घर चला गया। अंकल मुझे एक कमरे में ले गए, जो अजय के कमरे के बगल वाला कमरा था। उसमें एक छोटा सा छेद था, जिसमें से अजय का पूरा कमरा दिखता था। अंकल ने वो छेद अजय पर नज़र रखने के लिए करवाया था, लेकिन अजय को इसका पता नहीं था।
फिर अंकल ने मुझे कहा कि जैसे ही वो कुछ करेंगे, हम उन दोनों को पकड़ लेंगे। मैंने अंकल की बात पर सहमती जाहिर की, और उसी रूम में रह कर इंतेज़ार करने लगा। अंकल भी मेरे साथ उसी रूम में थे। कुछ देर बाद रूम का दरवाजा खुला और मेरी बहन और अजय दोनों कमरे में आए। मेरी बहन ने लेगिंग्स-सूट पहना हुआ था लाल रंग का, और मां कसम वो उसमें पटाखा लग रही थी।
अंदर आते ही दोनों एक-दूसरे की बाहों में कैद हो गए, और एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे। ये देखते ही मैंने अंकल की तरफ देखा, तो वो वहां नहीं थे। मुझे लगा कि वो कुछ काम के लिए गए होंगे, और अभी आ जाएंगे। ये सोच कर मैं फिर से कमरे में देखने लगा।
उधर अजय मेरी बहन को मजे लेके चूस रहा था, और कपड़ों के ऊपर से उसके बूब्स को दबा रहा था। मेरी बहन भी उसका पूरा साथ दे रही थी। ये देख कर मेरा भी लंड खड़ा हुआ जा रहा था। देखते ही देखते अजय ने मेरी बहन का सूट और लेगिंग्स निकाल दी, और अब मेरी बहन ब्रा पैंटी में थी। दोस्तों क्या मस्त लग रही थी मेरी बहन। कईं मर्दों का तो उसको देखते ही माल निकल जाए, इतनी कामुक लग रही थी वो।
मैंने सोचा अब इससे आगे नहीं बढ़ने दे सकते उनको, तो मैं अंकल को देखने कमरे के बाहर जाने लगा। जैसे ही मैं दरवाज़ा खोलने लगा, तो मैंने देखा कि दरवाजा बाहर से बंद था। ये देख कर मैं हैरान रह गया। मैंने 2-3 बार धीरे से दरवाजा खटखटाया भी, क्योंकि जोर से खटखटाता तो सुनैना और अजय सचेत हो जाते। लेकिन अंकल का कोई नाम-निशान नहीं था।
अब मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं? मैं वापस गया उन दोनों को देखने, तो अजय मेरी बहन को बिस्तर पर लिटा चुका था। बहन की ब्रा उतरी हुई थी, और अजय उसके गोरे-गोरे बूब्स चूस रहा था। तभी कुछ ऐसा हुआ, जिसको देख कर मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई।
अंकल नंगे रूम में आए, और मेरी बहन की टांगों के बीच बैठ गए। उनको देख कर मैं बहुत हैरान और परेशान था। मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था। तभी अंकल ने मेरे तरफ देखा, और मुझे आंख मार दी, और हंसने लगे। मैं समझ गया कि अंकल ने मेरा चूतिया काट दिया था, और वो भी इसमें शामिल थे।
फिर अंकल ने मेरी बहन की पैंटी उतारी, और उसकी चूत चूसने लगे। बहन की चूत बिल्कुल चिकनी थी। वो भी उनको मना नहीं कर रही थी। इसका मतलब वो सिर्फ बेटे के साथ नहीं, बाप के साथ भी रंगरलियां मना रही थी। अब बाप मेरी बहन की चूत चूस रहा था, और बेटा होंठ और बूब्स।
कुछ देर बहन को अच्छे से चूसने के बाद दोनों ने उसको घोड़ी बना लिया। फिर अजय बहन के मुंह के सामने आ गया, और उसका बाप बहन के पीछे। अजय ने अपना लंड बहन के मुंह में डाल दिया, जिसको वो किसी बाजारू रंडी की तरह चूसने लगी। पीछे से अंकल ने बहन के चूतड़ों को मसला, और चूत पर अपना लंड सेट करके अंदर पेल दिया। बहन को दर्द हुआ, लेकिन मुंह में लंड की वजह से वो चीख नहीं पाई।
लंड अंदर डालते ही अंकल पूरी स्पीड में बहन की चूत चोदने लगे। उधर अजय बहन के मुंह को चुदाई कर रहा था। बहन के मुंह से थूक बहे जा रही थी। कुछ देर बाद जब अजय ने बहन के मुंह से लंड निकाला, तो वो आह आह आह करके सिसकारियां भरने लगी। फिर अजय बहन के मुंह पर लंड से थप्पड़ मारने लगा, और उसका बाप बहन की चुदाई करते हुए उसके चूतड़ों पर थप्पड़ मारने लगा।
फिर अंकल ने भी उसकी चूत से लंड निकाल लिया। अब अजय बिस्तर पर लेट गया, और बहन उसका लंड चूत में लेके उसके ऊपर उछलने लगी। फिर अंकल ने बहन को अजय के साथ चिपका दिया, और उसकी गांड पर लंड सेट करके जोर का धक्का मारा। इससे बहन तड़प गई, और कांपने लगी। लेकिन अजय ने उसको अपनी बाहों में कस लिया। फिर अंकल धक्का पेल बहन की पीछे से चुदाई करने लगे। कुछ देर में बहन मजे से दोनों लंड पर उछलने लगी।
आधा घंटा बहन उनकी रंडी बन कर चुदती रही। फिर दोनों ने उसको बिस्तर पर लिटाया, और अपना माल उसके ऊपर निकाल दिया। कुछ देर बाद अंकल ने दरवाजा खोला, और बोले-
अंकल: अगर अब तुमने किसी को बताया, तो तुम्हारी ही बदनामी होगी।
मैं कुछ नहीं बोला, और चुप-चाप वहां से आ गया।
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