पिछला भाग पढ़े:- मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-14
मैं अरविंद सर की घरवाली को कुतिया के पोज़ में उनकी आंखों के सामने चोद रहा था। साथ ही हम दोनों एक-दूसरे का लंड भी सहला रहे थे। अरविंद मेरे चूत्तड़ों को भी सहला रहा था।
अरविंद: रेखा, जब मैंने तुम्हें पहली बार चोदा था, उससे पहले मैं 15-16 रंडियों को चोद चुका था, और अपनी कुतिया मां को चोद रहा था वो अलग। तुम्हें बिल्कुल शर्माने या डरने की कोई ज़रूरत नहीं है। तुम अगर यहां की दूसरी औरतों की तरह धंधा भी करती, तब भी मैं तुम्हें ऐसे भी प्यार करता रहता। दूसरों से चुदवाने से कोई औरत रंडी नहीं होती है।
रेखा: तुम मेरी चूत फाड़ कर चले गये। मैं हर समय तुम्हारे और तुम्हारी चुदाई के बारे में ही सोचती रहती थी। तुम्हारे जाने के कुछ ही दिन बाबू जी मुझे साथ लेकर एक घर में ले गये। वो किसी का फार्म हाउस था। बाबू जी को मालूम नहीं कैसे मालूम हो गया था कि मैंने तुमसे चुदवाया था। बाबू जी ने मुझे धमकाया कि अगर मैं उनकी बात नहीं मानूंगी, तो वो दीदी से कह देंगे कि मैं तुमसे चुदवाती थी।
रेखा: उन्होंने कहा कि अगर मैं उनकी बात नहीं मानूंगी तो फिर वो मुझे तुमसे नहीं चुदवाने देगें। मैं तुम्हें नहीं खोना चाहती थी। मैंने उनकी बात मान ली। उस दिन तीन आदमियों ने मुझे दिन भर चोदा। बाबू जी के सामने दिन भर नंगी रही, फिर भी एक बार भी उन्होंने मुझे हाथ नहीं लगाया। ऐसा क़रीब तीन साल चला।
रेखा: तीन साल में बाबू जी मुझे अलग-अलग जगह ले गये और 11 आदमियों ने मुझे चोदा, बार-बार चोदा। अरविंद, अपनी कसम खा कर कहती हूं, तुमसे शादी के बाद यही मादरचोद पहला आदमी है जो मुझे चोद रहा है।
अरविंद: उस रात जब तुम्हें अमित को उपर से चोदते देखा तो एक मिनट के लिए बहुत ही ज़्यादा ग़ुस्सा आया था। लेकिन फिर तुरंत ही तुम्हें दूसरे के साथ चुदवाते देखना बहुत ही बढ़िया लगने लगा। वह पहला मौक़ा था जब मैं किसी की चूदाई देख रहा था। और आज तो बहुत ही बढ़िया लग रहा है। तुम भी असलम की रंडी बन जाओ और नये-नये लंड से चुदवाओ।
अरविंद की बात सुन कर मुझे बहुत ग़ुस्सा आ गया। रेखा को चोदते हुए मैंने बहुत ही ज़ोर से अरविंद के लंड को दबाया। अरविंद दर्द से चीख उठा।
अरविंद: तीन बजे संगीता को चोदना है, लंड को मत तोड़ो।
मैं: मादरचोद तुमने फिर अगर मेरी मां को किसी की रंडी बनने बोला तो हरामी संगीता के सामने ही तेरी गांड मारुंगा। संगीता तुम्हें नामर्द मान चुकी थी। मेरे बहुत बोलने पर ही वो तुम्हें एक और मौक़ा देने को तैयार हुई है। इस बार मेरा नाक मत कटवाना।
रेखा हमारी बातें सुन रही थी।
रेखा: वाह अमित, मैं बहुत खुश हूं कि तुमने संगीता को चोद लिया। लेकिन चार ही दिन में तुमने उसे पटाया कैसे?
मैंने संगीता से बात करने से लेकर असलम के सामने चोदने की सारी बात बताई। अरविंद ने कहा कि उसने भी संगीता की दीदी को 2 बार चोदा था।
मैं: संगीता ने मुझे रात में अपने ही घर में चुदवाने के लिए बुलाया है। कुतिया कहती हैं कि अपने बाप से, हेडमास्टर से मेरे साथ चुदवाने की परमिशन ले लेगी।
अरविंद: सिर्फ़ लंड के लंबे और मोटे होने से कोई सभी औरतों का प्यारा नहीं हो जाता है। हम सभी को मालूम है कि असलम पिछले तीस सालों से हमारे घर की औरतों और लड़कियों को चोद रहा है। वो ज़रूर बढ़िया चोदता होगा। मैं देख रहा हूं कि तुम भी बहुत बढ़िया चोद रहे हो, और उस रात जैसा ही आज भी एक घंटे से चोद रहे हो।
मैं: मैं क्या करुं सर, आपकी घरवाली की चूत मेरे लंड को बहुत ही ज़्यादा पसंद आ गई है। जब तक मैं यहां हूं, तब तक अगर किसी और ने मेरी मां के बूर में लंड पेला, तो मैं उसकी जान ले लूंगा। आप जाओ और संगीता को खुश करो।
और उस दिन फिर मैंने रेखा को डेढ़ घंटा चोदा। उसकी बूर में रस गिरा कर मैंने लौड़ा बाहर निकाला। रेखा की बूर के रस से मेरा लंड चमक रहा था। रेखा, अपनी घरवाली के सामने ही अरविंद ने मेरे लंड को पकड़ लिया।
रेखा: अब जब तुमने ऐसे मस्त लंड को पकड़ ही लिया है, तो इस लंड पर जो मेरी बूर का माल जमा है, उसका स्वाद क्यों नहीं लेते हो?
मैं: सर, आज दूसरी ही बार अपनी इस प्यारी मां के साथ हूं। तीन-चार बार अपनी मां के बूर को चूसा है, लेकिन अंदर के माल का पूरा स्वाद नहीं ले पाया। अभी आप मेरी मां को चोदिये। फिर मैं आपके लंड को चूस चाट कर अपनी रेखा मां की बूर का असल स्वाद लूंगा।
मेरी बात ख़त्म हुई और अरविंद ने मेरे लंड को चाटना शुरु कर दिया, और उसने क़रीब 20-22 मिनट खूब बढ़िया से चूसा और चाटा। अरविंद के चाटने के कारण लंड फिर टाईट हो गया, और मैं रेखा को सीधा चोदने लगा।
अरविंद: सुना है कि अफ़्रीका में रहने वाले लोगों का और पठानों का लंड तुम्हारे लंड जैसा लंबा और मोटा होता है। बाप रे, बहुत ही मस्त और प्यारा लंड है। जो भी औरत ये लंड देखेगी, वो तुम्हारे साथ ज़रूर चुदवाना चाहेगी।
रेखा: और जो एक बार चुदवा लेगी, वो मेरे जैसी बार-बार चुदवाना चाहेगी। संगीता कुंवारी नहीं थी क्या?
अरविंद: पिछले बुधवार को जब मैंने उसे चोदा तब भी कुंवारी नहीं थी। असलम की माल है तो वो भी उसे चोदता ही होगा।
मैं: जिस रात मैंने अपनी रेखा मां को चोदा, उसकी अगली रात ही मैंने अपने रुम में एक कुंवारी लड़की को दो बार चोदा। बनबारी की माल थी।
रेखा मस्ती भरी सिसकारी मारती हुई चुदवा रही थी। साथ ही अरविंद सर का लंड भी सहला रही थी। अरविंद भी पूरी चुदाई के दौरान घरवाली के नंगे बदन का मज़ा लेता रहा। फिर क़रीब एक घंटे की चूदाई हो गई थी।
रेखा: झड़ने के पहले लंड बाहर निकाल लेना। मुझे चूसना है।
इतना बोल कर रेखा अपने पति का लंड चूसने लगी। क़रीब 10-12 मिनट ही चूसा होगा कि अरविंद लंड को बाहर निकालने की कोशिश करने लगा। लेकिन संगीता के जैसा ही रेखा ने भी लंड को अपने मुंह में ही दबाये रखा। जब सारा रस झड़ गया तो लंड सिकुड़ कर बाहर निकल गया।
मैं रेखा को चोद ही रहा था। रेखा ने अपना मुंह खोला। मैंने धक्का मारना छोड़ दिया, और लंड को बूर के अंदर दबाये रखा। रेखा के मुंह में लंड से निकला गाढ़ा रस भरा हुआ था। हम दोनों को दिखाते हुए चुभला-चुभला कर रेखा ने सारा रस निगल लिया।
अरविंद: रेखा, ये बहुत गंदा काम किया तुमने। तुम बीमार हो जाओगी।
लेकिन रेखा के उपर अरविंद की बातों का कोई असर नहीं हुआ। रेखा ने ज़ोर से कमर उचकायी।
रेखा: अमित, तुमने धक्का मारना क्यों बंद कर दिया? अरे, ये मैंने पहली बार लंड का रस नहीं पिया है। जिन 11 आदमियों से बाबू जी ने चुदवाया था, सभी के सभी 50 साल से उपर के थे। कोई भी मादरचोद बढ़िया से चोद नहीं पाता था, लेकिन सभी लंड खूब चुसवाते थे, और वहां लंड चूसते-चूसते मैंने कई बार ये लंड का रस भी पी लिया था। पहले तो मुझे बिल्कुल बढ़िया नहीं लगा, लेकिन बाद में बढ़िया लगने लगा।
रेखा: अरविंद, तुमने तो कभी लंड चुसवाया ही नहीं, लेकिन उन हरामियों में एक ऐसा था जिसका कहना था कि अगर कोई औरत लगातार लंड का रस पीती है, तो वो बहुत मदमस्त माल हो जाती है। हमेशा जवान रहती है। और अगर कोई मर्द किसी बढ़िया मज़बूत आदमी के लंड का रस पीता है तो मर्द की ताक़त, चुदाई का स्टैमिना बहुत बढ़ जाता है। वो औरतों को बहुत ही ज़्यादा खुश कर सकता है।
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