पिछला भाग पढ़े:- मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-30
राजेंद्र: तुमने रविंद्र से चुदवाना छोड़ दिया?
इंदिरा: कोई बेवकूफ औरत ही उतना बढ़िया चोदने वाले को छोड़ेगी। जब तक ससुर और रविंद्र ज़िंदा रहे, मैं दोनों से चुदवाती रही। मेरी बेटी अनीता का असल बाप कौन है मैं नहीं जानती। लेकिन उस लड़की ने मेरे पति से चुदवाना शुरु कर दिया है। कुतिया बोलती है कि मेरा पति उसका बाप नहीं है। बेटा, पिछली शाम ट्रेन में चढ़ने से पहले 23 साल में सिर्फ़ तीन ही लंड मेरी बूर में घुसे थे। लेकिन एक ही दिन में तीन और लंड ने मेरी बूर का मज़ा ले लिया। बेटा कितना रगड़ेगा रेणु को, बेचारी बच्ची है।
मां की कहानी सुन कर बेटा इतना मस्त हो गया कि उसके लंड ने रस छोड़ दिया। रेणु छटपटाने लगी। लेकिन अमित ने लड़की के माथे को लंड पर दबाये ही रखा, और जब लंड ने पूरा पानी छोड़ दिया, तब अमित ने लंड बाहर निकाला। फिर रेणु के मुंह को खोल कर सबको दिखाया। रेणु ने सारा रस निगल लिया था।
इंदिरा: रेणु, मैं 23 साल से चुदवा रही हूं। लगातार लंड चूसा है, लेकिन 5-7 मिनट से ज़्यादा कभी नहीं। लेकिन लड़की तुमने एक घंटे से ज़्यादा चुदवाया, और क़रीब एक घंटा लंड भी चूसा, और लंड का रस भी पी गई। बहुत आग है तेरे अंदर।
इंदिरा अपनी जगह से खड़ी हुई।
इंदिरा: देख रही हूं तुम दोनों महा चुदक्कड़ हो। अगर रुम में रही तो किसी ना किसी का लंड हम दोनों की बूर में घुसा ही रहेगा। राजेंद्र, मुझे शहर घुमाओ। बेटे की रंडियों के लिए कुछ गहने खरीदने है। बेटा तुम भी चलो।
इंदिरा ने कहा और रेणु ने अमित के लंड को पकड़ लिया।
रेणु: इंदिरा मैडम, चाचा आपको बढ़िया से शहर घुमा देंगे। जो ख़रीदना है वो भी खरीदवा देंगे। अमित को मेरे साथ रहने दीजिए।
रेणु ने रुम से ही फ़ोन किया। कुछ देर के बाद फ़ोन की घंटी बजी।
रेणु: नमस्कार लाला जी, रेणु बोल रही हूं।
सामने वाले ने कुछ कहा।
रेणु: लाला, मैंने भी आपको समिरा भाभी के लिए ही फ़ोन किया है। हम और समिरा तो रहेंगे ही, साथ में हम दोनों से भी कहीं बढ़िया एक माल है। तीनों को चोदना है तो वियाग्रा खा कर 5 लाख नगद लेकर आ जाइये। अगर समिरा को आपने खुश कर दिया, तो फिर वो आपसे हर हमेशा मुफ़्त में ही चुदवायेगी।
सामने वाले ने क्या कहा नहीं सुनाई पड़ रहा था।
रेणु: पांच लाख से एक पैसा भी कम नहीं। हम तीन माल और आप दोनों मर्द के अलावा एक ऐसा लड़का है जिसका लंड तो घोड़ा के जैसा है ही, चुदाई कुत्ते के जैसी करता है। आप मेरी बूर में 15 मिनट भी नहीं रहते हो, और चाचा के सामने उसने एक घंटा से ज़्यादा पेला। अगर रंभा को बढ़िया चुदाई चाहिए तो उसे ले आओ। क्या पता आज रंभा अपने बाप से भी चुदवा ले। 9 बजे तक आ जाना।
रेणु ने फ़ोन नीचे रख दिया।
अमित: बहुत देर से चाय नहीं पिया, रेणु बढ़िया चाय पिलाओगी।
रेणु: हां, इन दोनों को छोड़ो, चलो मेरे साथ।
राजेंद्र और इंदिरा रुम में रह गये और कपड़े पहन कर रेणु और अमित बाहर निकल गये।
इंदिरा: अमित के सामने तुमसे चुदवाने में शर्म आ रही थी। अभी साढ़े तीन ही बजे है। एक बार और प्यार कर लो, उस के बाद हम बाहर जायेगें।
राजेंद्र: वे दोनों फिर यहां आ सकते हैं। चलो मैं तुम्हें अपने स्पेशल रुम में प्यार करूंगा।
सही में इंदिरा और राजेंद्र को एक-दूसरे से बहुत प्यार हो गया था। अब ये देखना था कि इंदिरा पूरे समय इसी होटल में रहेगी या अमित के साथ उसके होस्टल भी जायेगी।
जैसा राजेंद्र ने कहा था इंदिरा को हल्का फुल्का कपड़े पहना कर दूसरे रुम में ले गया और इस बार दोनों ने मस्ती की सिसकारी मारते हुए 25-30 मिनट नहीं 50 मिनट चुदाई की।
राजेंद्र: रानी मुझे याद नहीं कि आख़िरी बार मैं किसकी बूर में आधा घंटा से ज़्यादा देर तक लंड को टाइट रख पाया था। इंदिरा वापस मत जाओ, मेरे ही साथ रहो, रानी बना कर रखूंगा।
इंदिरा: राजा, तुम भी मुझे बहुत भा गये हो। मैं सिर्फ़ तुमसे प्यार करने हर महीने आऊंगी। अमित को बोलूंगी भी नहीं। उसके साथ, बेटे से 2-3 बार चुदवा लिया वहीं बहुत है। मैं उस घोड़े के धक्के को बार-बार नहीं संभाल सकती। तुम अपने बेटे आनंद से भी बहुत बढ़िया से चोदते हो।
इंदिरा ने रात की सारी बात उसे बता दी।
राजेंद्र: मैं भी यही सोच रहा था कि तुम्हारे जैसी मस्त माल को अकेला देख कर आनंद ने तुम्हें छोड़ कैसे दिया। लेकिन यह नहीं सोचा था कि समिरा को नींद की गोली खिला कर भी तुम्हें चोद सकता था। आज तुम्हारे सामने समिरा को हम तीनों चोदेंगे। आनंद के सामने समिरा को चोदने और दूसरों से चुदवाते देखने में बहुत मज़ा आता है। अगली बार ज़्यादा मज़ा मारेंगे। चलो तैयार हो जाओ, बाज़ार चलते हैं।
आधे घंटे के बाद ये दोनों बाज़ार की तरफ़ चले गये। अमित को लेकर रेणु नीचे गई। रिसेप्शन में एक दूसरी लड़की भी थी। रेणु ने पहचान करवायी, “ये मेरी सबसे प्यारी सहेली शोभा, और ये हैं अमित। घोड़ा के लंड जैसा लंड तो है ही, बूर में लंड घुसता है तो फिर निकलने का नाम नहीं लेता है। मादरचोद ने एक घंटे से ज़्यादा चोदा, और उससे ज़्यादा देर तक लंड चुसवाया।”
बोल कर रेणु ने शोभा के कान में कुछ कहा। शोभा ने नॉड किया और अमित को लेकर रेणु रेस्टोरेन्ट के अंदर घुसी। सभी वेटर और दूसरे स्टाफ ने रेणु को प्रणाम किया। दोनों एक टेबल के चेयर पर आमने-सामने बैठे।
अमित: रेणु, तेरी बहुत शान है !
रेणु: हम पहली बार ही मिले हैं इसलिए मैंने सब कुछ नहीं कहा। ये राजेंद्र और उसका बेटा दोनों मेरे गुलाम है। जो बोलूंगी सब करेंगे। आनंद की घरवाली समिरा को दोनों के सामने बेचती हूं। बहुत ही मस्त माल है। जम कर चोदना। औरत हूं तो चुदवाना पड़ता है। अगर मेरे पास भी लंड होता तो मैं खड़े-खड़े दोनों की गांड मारती। अमित, आनंद नहीं, राजेंद्र चाचा को अपना लंड चुसाओ, मैं तुम्हारी गुलाम हो जाऊंगी।
अमित: मुझे तुम बहुत ही अच्छी लगने लगी हो लेकिन लगता है कि मेरी मां को तेरा चाचा बहुत पसंद आ गया है।
रेणु: हर बेटे को अपनी मां को चोदने की तमन्ना होती है। तुमने अपनी मां को चोद लिया और दूसरे से भी चुदवाते देखा। अब घिसी हुई बूर को छोड़ो, मुझसे दोस्ती करके रहोगे तो जब भी आओगे नई-नई माल खिलाऊंगी। अमित तुम बहुत ही बढ़िया चोदते हो। जैसे भी हो आज मेरे सामने चाचा को अपना लंड चुसा दो।
रेणु का एक हाथ टेबल पर था। अमित ने उसके हाथ को पकड़ कर उपर उठाया, और आगे और पीछे दोनों साइड चूमा।
अमित: तू जो चाहती है मैं करूंगा।
दोनों ने बातें करते हुए नाश्ता किया, चाय पिया, और उसके बाद रेणु दुबारा शोभा के पास आई।
शोभा: मीटिंग हॉल। मैं बाद में आती हूं।
रेणु: जल्दी आना।
बोल कर अमित को साथ लेकर रेणु एक एसी हॉल में गई। रूम में धूप अंधेरा था। रेणु को मालूम था कि स्वीच कहां था। रेणु ने स्वीच ऑन किया। कई लड़कियों की खिलखिलाहट की आवाज़ सुनाई दी।
अमित ने देखा कि सामने कई कुर्सियां थी, और उनके पीछे लाईन से आठ लड़कियां खड़ी थी। देख कर ही लगा कि सभी लड़कियां 19-21 साल की थी। सभी बिल्कुल नंगी थी। लेकिन उन्होंने अपनी जवानी को कुर्सियों के पीछे छिपा रखा था। सिर्फ़ चेहरा और नंगे कंधे दिख रहे थे।
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