दो गायें और दो सांड-2

पिछला भाग पढ़े:- दो गायें और दो सांड-1

अन्तर्वासना कहानी अब आगे से-

असलम का फोन आते ही मैंने सोच लिया था दो गाये तो सामने ही थी – एक मैं और दूसरी रागिनी। अब दूसरा सांड भी मिल गया था – मस्त लंड वाला असलम। एक सांड तो था ही, मोटे लंड वाला संदीप।

कानपुर पहुंचते ही सरताज होटल से उसने मुझे फोन किया। दो बजे थे और असलम मुझसे मिलना चाहता था। कलाई जितने मोटे और आधे हाथ जितने लम्बे लंड वाले असलम से मिलने के लिए मैं भी बेताब थी। मैंने कह दिया, “आ जाओ असलम, मैं तुम्हारा इंतजार कर रही हूं।”

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