पिछला भाग पढ़े:- मेरी नामर्दी के कारण मां चुदी दोस्त से-1
हेलो दोस्तों, मेरा नाम मनीष है। मैं अभी ग्रेजुएशन का सेकंड ईयर में पढ़ रहा हूं। मेरे साथ ही मेरा एक बहुत ही बिगड़ैल दोस्त राहुल पढ़ता है, जो हमेशा लड़कियों और आंटियों की चुदाई के फिराक रहता है।
उम्मीद है कि पिछले भाग को आपने पढ़ लिया होगा। किस तरह हम लोग पहाड़ों पर झरने के नीचे नहाए, और मम्मी को राहुल ने इधर-उधर टच करके गर्म कर दिया। फिर मम्मी ने रात में मेरे साथ मम्मी चुदाई करनी चाही, पर मैं उनके अंदर लंड डालते ही झड़ गया।
फिर मम्मी गुस्से में मेरे और राहुल के बीच में सो गई। हम सभी सो रहे थे। मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैं एक तरफ मुंह फेर कर लेटा हुआ था, और चादर से अपने पूरे शरीर को ढक लिया था। मम्मी अब राहुल के बगल में लेटी हुई थी।
मैंने चादर को आंखों की जगह से हटाया और देखने की कोशिश की। तब देखा कि राहुल अपनी चादर से बाहर आ गया था, और मम्मी पेट के बल लेटी हुई थी, तो राहुल अपने लंड को मम्मी के गांड पर रगड़ते हुए उन्हें अपनी बाहों में पकड़ कर उनके कान के पास चूमने लगा।
मम्मी को उसका हरकत पसंद आ रही थी। वो लेटी हुई थी, और उसे हटाने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं की। राहुल वैसे ही मम्मी को पीछे से बाहों में भरे हुए, अपना लंड को उनके गांड में रगड़ते हुए, मम्मी की चूचियों के ऊपर अपना हाथ रख कर उन्हें सहलाने लगा। फिर धीरे-धीरे मम्मी की गर्दन और कान के पास चूम रहा था, और कभी गालों पर चुम्मा ले रहा था।
मम्मी बहुत ज्यादा गर्म थी। ऊपर से मैं उनके भीतर लंड डालते ही झड़ गया था। इसकी वजह से वह और ज्यादा उत्तेजित हो गई थी। अब वह राहुल के हर हरकत का मजा ले रही थी।
फिर उसने मम्मी को आगे की ओर पलटा, और उनकी चूचियों को सहलाते हुए, उनके गाल को चूमते हुए, मम्मी के होंठ पर अपने होंठ रख कर रगड़ते हुए उनकी जीभ को चूसने लगा।
मम्मी इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई थी कि उन्हें फर्क नहीं पड़ रहा था कि उनके बगल में उनका बेटा सो रहा था। अब राहुल मम्मी के होठों को चूमते हुए नीचे की ओर आया, और उनकी कमीज को निकाल दिया। मम्मी अब ब्रा और अपनी सलवार पेंटी में उसके सामने थी। उसने झट से मम्मी की ब्रा को भी निकाला, और दोनों चूचियों को हाथ में पकड़ कर बारी-बारी से चूसने लगा।
मम्मी की चूचियों को जीभ से सहला रहा था। मम्मी अपनी आंखें बंद करके बड़ा आनंद ले रही थी। मम्मी कभी भी बाहर के मर्दों से चुदना नहीं चाहती थी। पर वह आज इतने उत्तेजित थी, कि मेरी नामर्दी के कारण उन्हें बाहर चुदने पर विवश होना पड़ा था। वह राहुल के नीचे लेटी उसकी हर हरकत पर आनंद ले रही थी। राहुल उनकी दोनों चूचियों को बारी-बारी से चूस रहा था, और कभी उनके पेट के हर हिस्से को चूम रहा था।
फिर राहुल ने मम्मी के सलवार की नाडे को खींचा, और खोल कर अलग कर दिया। मम्मी अब केवल पेंटी में थी। राहुल उनकी गोरी-गोरी जांघों को चूमने लगा। मम्मी अपनी आंखें बंद करके अपनी चूचियों को खुद से दबा रही थी, और राहुल उनकी जांघों को चूमते हुए उनकी चूत पर पहुंच गया। फिर वो पेंटी के ऊपर से ही दांत से काटने लगा। मम्मी से तो रहा नहीं गया। वह आंखें बंद कर बहुत ही मादक आवाज करने लगी।
राहुल ने मम्मी के पेंटी को निकाल कर अलग कर दिया, और उनकी दोनों जांघों को फैला कर उनकी चूत में अपना गर्म जीभ डाल दिया। मम्मी अपनी आंखों को बंद करके मदहोशी में खोई जा रही थी, और राहुल उनकी चूत के दाने को बड़े प्यार से काट रहा था और चूस रहा था। मम्मी की चूत से रस टपकने लगा। राहुल उसे चूस कर साफ कर दे रहा था। फिर राहुल उठा और मम्मी के मुंह में अपना लंड डाल कर पेलना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर में मम्मी ने राहुल के लंड को चूस कर उसके लंड को चिपचिपा बना दिया। इधर मम्मी की चूत से पानी रिस रहा था।
फिर राहुल ने मम्मी की टांगों को फैलाया और उनके बीच में बैठ कर लंड को उनकी चूत पर सेट किया। फिर धीरे-धीरे धक्का मारते हुए पूरी तरह से अपने लंड को मम्मी की चूत में उतार दिया, और उनके ऊपर लेट कर उनकी चूचियों को सहलाने लगा। मम्मी अपनी आंखें बंद कर मदहोशी में हल्के-हल्के मुंह से सिसकारी निकालने लगी।
राहुल अब अपने लंड को धीरे-धीरे पेलना शुरू किया। मम्मी की चूत से पानी इतना ज्यादा बह रहा था, कि चप चप की आवाज आने लगी, और लंड बहुत ही सुगमता से अंदर-बाहर हो रहा था।
मम्मी चादर को अपने ऊपर डाली, और राहुल मम्मी की चूत में धक्के लगाना जारी रखा। मम्मी के पैर राहुल की कमर में जकड़ी हुए थे और राहुल मम्मी के चूचियों को सहलाते हुए उन्हें चोद रहा था, और उनके होठों को चूस रहा था।
राहुल मम्मी को जब चोद रहा था, तब उनकी पायल से बहुत ही सुरीली आवाज निकल रही थी, और थप थप की तबले जैसी आवाज निकल रही थी। पूरे टेंट में मम्मी और राहुल की चुदाई गूंज रही थी। थोड़ी देर और चोदने के बाद राहुल ने ढेर सारा माल मम्मी के पेट पर उड़ेल दिया।
मम्मी राहुल को खींचते हुए अपने ऊपर गिरा ली, और उसके होठों को चूसने लगी। राहुल ने मम्मी के पेट पर बहुत सारा माल छोड़ रखा था। जब राहुल मम्मी के ऊपर लेट कर होंठ चूसने लगा, तो सारा माल उन दोनों के बदन में घिसने लगा।
मम्मी के चेहरे पर बहुत ही कातिल मुस्कान थी। ऐसा लग रहा था जैसे मम्मी आज चुदाई से बहुत ज्यादा खुश थी। उसने राहुल को देखा और होठों पर एक दो और किस्स की।
फिर वो बोली: हम दोनों बहुत गंदे हो गए हैं। हमें जाकर नहाना पड़ेगा।
राहुल ने मम्मी के होंठों पर किस्स करते हुए बोला: टेंशन क्यों लेती हो जान? चलो आज रात झरने में नहाते हैं। और वैसे भी चांदनी रात है। कितनी सुहानी है। चलो आज तुम्हारी चुदाई एक बार फिर से झरने में करता हूं। कितनी रसीली चूत है तुम्हारी, और तुम हो कि मुझे देने के बजाय भागती रहती थी। आज कितनी खुश लग रही हो चुद कर मुझसे।
राहुल की इस बस बात पर मम्मी हंसते हुए उसके होंठों को चूम ली और फिर दोनों ही नंगे झरने के पास नहाने चले गए। मैं भी थोड़ी देर में टेंट से निकला, और उन दोनों को देखने चला गया। चांदनी रात थी तो चांद की चमक से उनके बदन बिल्कुल चमक रहे थे। दोनों झरने में नहाना शुरू कर दिए।
राहुल मम्मी के चूचियों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। उनके बदन को झरने का पानी ठंडा कर रहा था, और उनके भीतर की आग उनकी गर्मी बढ़ा रही थी। राहुल बिना विचलित हुए उनकी चूचियों को चूस और काट रहा था। मम्मी उसके बालों को सहला रही थी और झरने के पानी में अपनी शरीर को ठंडा कर रही थी।
मम्मी अब राहुल से अपनी चूचियों को चुसवाते हुए काफी मादक आवाज निकाल रही थी। झरने के नीचे रात में कोई था नहीं, तो वह दोनों खूब आनंद में एक-दूसरे के शरीर को चूम और चाट रहे थे। फिर राहुल मम्मी के चूचियों को छोड़ कर नीचे गया, और उनकी टांगों के बीच बैठ कर उनकी रसीली चूत से टपकती रसीले रस को चूसने लगा।
मम्मी का छरहरा गोरा बदन देख कर मेरा लंड फिर से आकार में आने लगा था, पर मैं नामर्द क्या ही कर सकता था? मेरे कारण ही मम्मी आज उससे चुद रही थी, वरना मम्मी कभी भी बाहर के मर्दों को अपने शरीर दिखाई तक नहीं थी। वह पूरी कपड़े पहन कर ही निकलती थी।
राहुल मम्मी की चूत के रस को चूसते हुए ऊपर की ओर आया, और उन्हें एक पत्थर पर बैठा कर लेटा दिया। फिर टांगों को फैला कर उनकी टांगों के बीच अपना बड़ा सा लंड भीतर घुसेड़ दिया। मम्मी इस बार चीख पड़ी। अचानक हुए हमले से वह थोड़ी घबरा गई, और उनकी आंखों से आंसू निकल गए। पर राहुल ने मम्मी के होंठ को चूसते हुए उनकी चूचियों को सहलाया, और उन्हें फिर से मजा देने लगा, और राहुल धीरे-धीरे उनकी चूत में धक्के मारना शुरू कर दिया।
राहुल अब जोर-जोर से मम्मी की चुदाई करने लगा, और मम्मी पत्थर पर झरने के नीचे लेट कर अपने चूत में उसका मोटा लंड लेकर खूब आनंद में चुदवा रही थी।
फिर राहुल ने मम्मी के को उल्टा किया, और उनकी चूत में लंड पीछे से ही डाल दिया, और दोनों चूचियों को पकड़ कर मसलते हुए चोदना शुरू कर दिया। वो मम्मी के गर्दन, पीठ और कान के पास चूमने लगा। मम्मी बेचारी करती भी क्या? वह इतनी मदहोश थी कि झरने का ठंडा पानी भी उनके अंदर की गर्मी शांत नहीं कर पा रहा था लेकिन राहुल का लंड उनके भीतर गर्मी को और बढ़ा रहा था। अब ऐसा लग रहा था कि राहुल का ज्वालामुखी ही मम्मी को शांत कर सकता था।
अब राहुल मम्मी को जोर-जोर से चोदने लगा, और मम्मी पत्थर पर लेट कर उसकी चुदाई का आनंद ले रही थी। फिर राहुल ने मम्मी को पत्थर के सहारे खड़ा किया, और उनकी एक टांग को अपनी कमर में लपेट कर, नीचे से लंड चूत में डाल कर, धक्का मारने लगा। मम्मी काफी मादक आवाज निकाल रही थी। मम्मी की चूचियां राहुल की छाती में दबी हुई थी, और मम्मी उसके गले में हाथ लपेट कर खड़ी हुई उसके होंठ चूस रही थी, और राहुल मम्मी को नीचे से पेल रहा था।
मम्मी राहुल के होंठों को चूस रही थी, और कभी उसकी जीभ को चूस रही थी। वो अपनी जीभ को राहुल के मुंह में डालती, तो राहुल भी मम्मी की जीभ को चूसने लगता, और धक्का इतनी जोर-जोर से मम्मी की चूत में लगा रहा था, कि मम्मी के मुंह से आआआआम्म्म्म्म उउउउउम्मम्मम्म हहहहहह निकल रहा था।
इसी तरह जोर-जोर से धक्के लगाते हुए राहुल मम्मी की चूत में ही अपना लावा उगल दिया, और दोनों एक-दूसरे की बाहों में समा गए।
जैसे-जैसे मम्मी के चूत में राहुल का लावा निकलता, वैसे-वैसे मम्मी के मुंह से मादक आवाज निकालने लगी, और फिर दोनों अलग हुए और अपने शरीर को साफ करके टेंट की ओर आने लगे। मैं भाग कर टेंट में जाकर सो गया और एक आंख को खोल कर उन लोगों को देख रहा था। अंदर आते ही वह लोग अपने कपड़े पहने, और जल्दी से चादर में घुस गए। दोनों थोड़ा कांप रहे थे। राहुल ने मम्मी को अपनी बाहों में कस के पकड़ लिया, और उनके कान के पास चूमते हुए दोनों सो गए। मैं भी फिर सो गया।
सुबह मैं उठा तो देखा कि मम्मी और राहुल दोनों ही टेंट में नहीं थे। सुबह हो चुकी थी। हल्की-हल्की धूप निकल चुकी थी। मम्मी और राहुल बाहर बैठ कर धूप सेक रहे थे, और आपस में बातें कर रहे थे। दोनों की जोड़ी बड़ी प्यारी लग रही थी। मम्मी राहुल से काफी बड़ी थी, परंतु मम्मी का छरहरा बदन बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगता कि वह बहुत ज्यादा उम्र की है। वैसा लग रहा था कि राहुल और मम्मी दोनों गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड थे।
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