पिछला भाग पढ़े:- सड़क पर हुई पत्नी की अदला बदली-2
स्कूल से ही विनोद को चुदाई के बहुत ऑफ़र मिलने लगे थे। लेकिन तमन्ना के लिए उसने किसी दूसरी लड़की को हाथ भी नहीं लगाया। लेकिन मेकैनिक की कमसिन खूबसूरत पत्नी को देख कर विनोद अपना सुध-बुध खो बैठा। विनोद औरत के बग़ल में बैठा और उसकी बड़ी-बड़ी काली आंखों में देखते हुए होंठों को चूमा। विनोद चिकने गालों को सहलाने लगा।
विनोद: खूबसूरत परी, मेरा नाम विनोद है। बहुत कमाता भी हूं और बहुत अमीर भी हूं। तुम्हें रानी बना कर रखूंगा। आसिफ़ को तलाक़ दे कर मुझसे निकाह कर लो।
बोलते हुए विनोद ने औरत के बदन के उपर से चादर हटा कर नीचे फेंक दिया। विनोद ने नंगी चूचियों को सहलाया, और थोड़ी-थोड़ी देर निप्पलस को चूसा।
विनोद: बहुत ही खूबसूरत हो बेगम।
औरत: मैं तरन्नुम हूं। आसिफ़ की तीसरी बेगम हूं। जो भी मिलती है सभी से अपनी बेगम बनने के लिए कहते हो?
विनोद: मेरी अब तक की ज़िंदगी में तुम सिर्फ़ दूसरी ही औरत हो जिसके साथ मैंने प्यार का इज़हार किया है।
विनोद ने तरन्नुम को उसकी और तमन्ना की प्रेम कहानी के बारे में बता दिया।
विनोद: तमन्ना मुझसे बहुत प्यार करती है। लेकिन अब मैं उसे प्यार नहीं कर पाऊंगा। मुझे प्यार करने दो।
तरन्नुम लेटी रही और विनोद उसके सामने नंगा हो गया। तरन्नुम ने हाथ आगे बढ़ा कर लंड को पकड़ लिया।
तरन्नुम: तुम बिल्कुल वैसे ही मर्द हो जिसका मैं सपना देखा करती थी। मुझे प्यार करो।
लेकिन विनोद ने सीधा चोदना शुरु नहीं किया। तरन्नुम छटपटाती रही लेकिन विनोद ने उसके अंग-अंग को सहलाया, चाटा, और बूर को अंदर-बाहर से खूब चूसा।
तरन्नुम: ये तो तुमने दिखा दिया कि तुम किसी गली के कुत्ते जैसा चाटते हो। अब यह भी दिखा दो कि तुम कुत्ते जैसे घंटो चोद भी सकते हो। क़रीब 30-35 मिनट की मस्ती के बाद विनोद ने बूर में लंड पेला। कुछ देर चुप-चाप चुदाई करने के बाद विनोद ने तरन्नुम को खूब चूमा, चूचियों को चूसा।
विनोद: मुझे पूछना तो नहीं चाहिए लेकिन तुम्हारे मां-बाप ने इतने बड़े उम्र के आदमी से शादी क्यों की?
तरन्नुम को बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था।
तरन्नुम: हम बहुत गरीब है। तीन साल पहले अब्बू ने आसिफ़ से 7 हज़ार रुपये क़र्ज़ लिया था। आसिफ़ ने इसी शर्त पर क़र्ज़ दिया था कि अगर अब्बू ने समय पर क़र्ज़ नहीं चुकाया तो मेरा निकाह आसिफ़ से कर देंगें। मुझे लगता है कि अब्बू ने जान बूझ कर ही क़र्ज़ अदा नहीं किया, और पिछले ही दिन मेरा निकाह आसिफ़ से हो गया। मैं उसकी तीसरी बेगम हूं। झूठ नहीं बोलूंगी, आसिफ़ बढ़िया चोदता है, लेकिन साहब आपके साथ जो मज़ा आ रहा है, जैसा बढ़िया लग रहा है, वैसा मज़ा उसने कभी नहीं दिया।
विनोद को ये 2 दिन की ब्याहता औरत बहुत ही ज़्यादा पसंद आ गई थी।
विनोद: मैं कल ही तमन्ना को छोड़ दूंगा, तरन्नुम मुझसे निकाह कर ले। मैं तुम्हें रानी बनाकर रखूंगा।
इन दोनों की चुदाई कर रही जोड़ी को खबर नहीं थी कि तमन्ना क़रीब 15 मिनट से उनकी चुदाई देख रही थी। खिड़की से उनकी बातें सुन रही थी। जब विनोद ने कहा कि वह तरन्नुम को रानी बना कर रखेगा, तमन्ना वहां से हट गई, और वापस कार के पास गई।
विनोद को अपनी पत्नी के पास छोड़ कर, टूल बॉक्स लेकर आसिफ़ घर से निकल गया। रात के सन्नाटे में कार ढूंढने में उसे दिक़्क़त नहीं हुई। उसने कार की खिड़की पर नॉक किया, और कार की चाबी तमन्ना को दिखाई। तमन्ना कार से उतर गई।
आसिफ़: साहब को इस तरह ऐसे सुनसान जगह पर इतनी खूबसूरत औरत को छोड़ कर नहीं जाना चाहिए था।
तमन्ना: लेकिन साहब हैं कहां?
आसिफ़ ने कार का बॉनेट खोला और तमन्ना से कार स्टार्ट करने कहा। 2-3 बार ट्राई करने के बाद भी कार अपनी जगह से नहीं हिली।
आसिफ़: ये बेल्ट या एक्सल का प्राब्लम है। अगर टूट गया होगा तो फिर कार के वर्कशॉप में ही ले जाना पड़ेगा। आप अंदर बैठ जाइये।
तमन्ना: तुम्हारा घर कहां है?
आसिफ़: डेढ़ दो किलोमीटर ही होगा। वो देखिये, यहां से भी दिखाई दे रहा है। लेकिन इतनी रात में अकेले जाने का सोचियेगा भी मत। अंदर बैठ कर सोने की कोशिश कीजिए।
तमन्ना कार में बैठ गई। लेकिन 10 मिनट बाद ही आसिफ़ ने देखा कि तमन्ना उसके घर जा रही थी। आसिफ़ ने नहीं रोका। उसने मन ही मन कहा, “बढ़िया है, मैडम को भी मालूम होना चाहिए की उनका घरवाला कितना बड़ा हरामी है।” तब भी आसिफ़ के मन में इस औरत को चोदने की बात नहीं आई थी।
तमन्ना क़रीब 40 मिनट बाद वापस आई। आसिफ़ ने उससे कुछ नहीं पूछा लेकिन तमन्ना कार के अंदर नहीं बैठी। आसिफ़ से थोड़ी ही दूर पर खड़ी होकर उसे काम करती देखती रही। आसिफ़ ने भी नहीं पूछा कि उसने घर में क्या देखा। आसिफ़ की अपनी तीन बेगम थी ही, उसने कई दूसरी औरतों को भी चोदा था। और उस समय उसके दिल में तमन्ना को चोदने की चाहत जगी।
लेकिन उसने तमन्ना से कुछ कहा नहीं। जो काम कर रहा था ध्यान से करता रहा। कुछ देर बाद उसने नज़र उठायी तो देखा कि तमन्ना के बदन पर टॉप नहीं था। एक टाइट जीन के उपर गुलाबी रंग की ब्रा थी। दोनों की नज़र मिली, लेकिन दोनों में से किसी ने कुछ नहीं कहा। कुछ और समय गुजरा। आसिफ़ ने देखा कि ब्रा भी ज़मीन पर थी। तमन्ना टॉपलेस खड़ी थी। “उफ़! कितनी बढ़िया चूची है इस औरत की।”
आसिफ़ ने फिर कुछ नहीं कहा।
तमन्ना: कार ठीक होगी की नहीं? कि सिर्फ़ समय बर्बाद कर रहे हो?
आसिफ़ समझ गया कि तमन्ना ने घर में दोनों को चुदाई करते देखा होगा, इसलिए ये भी गर्म हो गई थी।
आसिफ़: ख़राबी पकड़ में आ गई है। एक्सल अपनी जगह से खिसक गया है। 15-20 मिनट में हो जायेगा। आप बहुत ही खूबसूरत हैं। इतनी हसीन औरत मैंने पहले नहीं देखी।
आसिफ़ फिर काम करने में व्यस्त हो गया। काम करते-करते उसने अपने लुंगी के फ़ोल्ड को खोला। लुंगी नीचे गिर गया। तमन्ना और नज़दीक चली गई। उसने जींस की बेल्ट और बटन को खोला, और जींस को नीचे ठेल दिया।
इसके आगे क्या हुआ, ये आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा।
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