मुकुल कुलश्रेष्ठ – हंसमुख रंगीला साहिल – भाग 2

साहिल अपनी और अपनी भाभी गुंजन की कहानी बता रहा था।

साहिल बोला, “हुआ ये जी की मैं एक दिन दोपहर में घर पर अपने कमरे में लेटा था कि गुंजन आ गई और मेरे पास ही बेड पर बैठ गयी। बोली कुछ नहीं”।

मैंने पूछा “क्या हुआ गुंजन” ? वो बोली “साहिल तेरे भैया क्या ऐसे ही हैं” ?

मैंने गुंजन से पूछा ,”गुंजन मैं कुछ समझा नहीं, ऐसे मतलब कैसे “?

गुंजन बोली, “सुबह जल्दी निकल लेते हैं। चलो वो तो मैं समझती हूं काम धंधे में ऐसा ही होता है। मगर शाम को रात को कोइ बात नहीं कोइ चीत नहीं बस दिन भर के थके सो जाते हैं। अभी हमारी शादी को दिन ही कितने हुए हैं। बाऊ जी ने शादी के बाद कहीं जाने भी नहीं दिया। ऐसा थोड़े ही होता है”।

साहिल बोला, “मैडम माजरा मुझे एक मिनट में समझ आ गया था कि गुंजन कि चुदाई सही नहीं हो रही। मैंने पूछा, “गुंजन सच बता, क्या भैया ढंग से सेक्स नहीं करते या उनमें कोइ प्रॉब्लम है”।

गुंजन बोली, “कोइ प्रॉब्लम नहीं है साहिल। मगर सेक्स करते हैं हफ्ता दस दिन में एक बार”।

मैंने कहा “तो गुंजन तुझे ज्यादा सेक्स चाहिए” ?

गुंजन बोली, “मुझे क्या हर नई ब्याहता लड़की को ज्यादा सेक्स चाहिए होता है”।

मैंने पूछा, “तो फिर”?

वो साफ़ साफ़ बोली, “तो फिर क्या साहिल? तुम कर लिया करो मेरे साथ सेक्स – चोद दिया करो मुझे, जब मेरा मन करे”।

“मैडम जब गुंजन ने मुझे चुदाई के लिए बोली तो एक पल के लिए तो मैं हैरान हुआ था। बात यहां तक आ चुकी थी “?

“मैडम इस बात के लिए तो मैं भी तैयार नहीं था। गुंजन को इस नजर से तो मैंने कभी भी नहीं देखा था। गुंजन आखिर थी तो मेरी भाभी ही – मेरे भाई की बीवी”?

मैंने गुंजन से कहा, “गुंजन मैं कैसे? तू भाई से बात करके देख”।

गुंजन बोली, “साहिल, की थी मैंने बात। वो बोलते हैं जिंदगी में सेक्स ही सब कुछ नहीं होता। अब साहिल ऐसे बातें तो लोग पचपन साठ की उम्र के बाद करते हैं जब मर्दों का लंड खड़ा नहीं होता और औरतों की चूत गरम ही नहीं होती। जवानी में थोड़ा करते हैं। तू साफ़ साफ बता, तू करेगा कि नहीं मेरी चुदाई”?

“मैडम मैंने सोचा लड़की जवान है – बीस साल की। अगर चुदाई चाहती है तो क्या गलत करती है। अगर मैंने ना चोदी तो कहीं और के साथ चुदाई चक्कर में ना पड़ जाए”।

“मैडम, मेरा बाप और मेरा चूतिया भाई तो सुबह के गए रात को ही घर आते हैं। और मैं ही कहां सारा दिन घर पर रहता हूं। ये मेरी भाभी गुंजन इधर उधर से चुदाई करवा कर घर की इज़्ज़त का ही ना कचरा करवा ले – साथ ही अपनी चूत का भी “।

फिर मैंने पूछा,” तो फिर ठीक है गुंजन, बोल कब करवानी है तूने चुदाई “?

“गुंजन तो मैडम लग रहा था कि उसी दिन तभी कि तभी चुदने का मन बना कर ही आयी थी”। वो बोली, “अभी चोद साहिल, मेरी चूट तो गर्म हुई पड़ी है। इसी लिए तो तेरे पास आयी हूं”।

साहिल बता रहा था, “मैडम मैंने कहा ठीक है गुंजन, मैं दरवाजा बंद करके आता हूं “।

“मैडम गुंजन तो चुदाई की पूरी तैयारी करके ही आयी थी”। वो बोली, “दरवाजा मैं बंद करके ही आयी हूं। तू चुदाई कर बस मेरी “। कह कर उसने पूरे कपड़े उतार दिए।

“मैडम, क्या बताऊं, गुंजन की छोटी छोटी ये तनी हुई चूचियां, छोटे छोटे नरम नाजुक चूतड़,और चूत पर सुनहरे भूरे चमकीले रेशम जैसे झांटों के बाल छोटे छोटे झांटों के बाल। मेरा तो मैडम छलांगें ही मारने लगा”।

“मैडम मैंने सोचा, अजीब हिजड़ा है मेरा भाई भी। ऐसी गज़ब की चूत, चूतड़ों वाली लड़की साथ लेटती है और उसका चुदाई का मन नहीं करता? गाली निकली मैडम मेरे मुंह से उसके लिए – “साला मादरचोद”।

“मैडम गुंजन की चुदाई की खुशी से ज़्यादा मुझे अपने निक्क्मे भाई और खड़ूस बाप पर गुस्सा आ रहा था, जिनके कारण इतनी खूबसूरत चूत बाहर का लंड ले रही थी “।

“बस जी मैंने भी लंड बाहर निकाल दिया”। गुंजन ने थोड़ा लंड चूसा और बोली, “चल साहिल, अब और मत तरसा, कर मेरी चुदाई। आज पूरे दस दिन हो गए, लंड के लिए तरस रही है मेरी चूत”।

“बस मैडम उस दिन मैंने गुंजन को चोद दिया – वो भी एक बार नहीं दो बार नहीं तीन तीन बार’।

चुदाई की बड़ी प्यासी हो रही थे गुंजन उस दिन। सिर्फ चूत की सील ही नहीं थी मगर मैडम चूत बड़ी टाइट थी।

“गुंजन हल्के शरीर वाली लड़की है। बाहों में ले कर चुदाई का मजा ही आ गया। बढ़िया से चुदवाती है गुंजन। चुदाई करवाते हुए ऐसे नीचे से ऐसे झटके लगाती है ऐसे चूतड़ घुमाती है – इतनी जोर जोर से उछलती है की क्या बताऊं I और इतनी जोर जोर की सिसकारियां लेती है कि डर ही लगा रहता है कि किसी ने सुन लिया तो “?

“और मैडम, इतनी सी चूत है गुंजन की”। साहिल ने अंगूठे और उंगली से बताया। “उस दिन जब वो चुदवाने आयी और मैंने चूसते हुए उसकी चूत देखी तो पहले तो मैं यही सोचता रहा की इसमें मेरा लंड घुसेगा ही कैसे”।

“मगर मैडम जैसे मैंने अपना खड़ा लंड गुंजन की चूत के छेद रक्खा, गुंजन ने नीचे से वो चूतड़ों का ऐसा जोरदार झटका लगाया की पूरा लंड गुंजन की चूत के अंदर बैठ गया। गुंजन ने एक सिसकारी ली आह साहिल, चल लगा अब लगा धक्के, कर बढ़िया चुदाई मेरी”।

चुदाई करवा कर गुंजन बोली, “साहिल,बड़ी तस्सली के साथ चोदता है तू – पूरा मजा दे दिया तूने आज। तुम्हारे भैया तो चूत भी अपनी जिम्मेदारी समझ कर चोदते हैं। लंड अंदर डाला, धक्के लगाए, मेरा और अपना पानी छुड़ाया और चुदाई खत्म”।

“ना कभी मेरी फुद्दी चूसी ना गांड चूसी, ना लंड चुसवाया, ना कभी अपने लंड का गरम पानी मेरे मुंह में निकला”।

मैडम गुंजन बोल रही थी, “साहिल, अब कम से कम तू मुझे तीन हफ्ते तक तो रोज चोद, दो दो तीन तीन बार जैसे मर्जी चोद – ऐसे ही चोदता रह जब तक मुझे महावारी नहीं आती। कम से कम मेरी इस प्यासी फुद्दी की प्यास तो बुझे। उसके बाद फिर जब भी तेरा मन करे मुझे चोदने का, तू मुझे चोद दिया करना और जब मेरा मन करे तुझसे चुदाई करवाने का मैं तुझे बोल दिया करूंगी”।

“बस मैडम अब जब भी, जितनी बार भी गुंजन बोलती है चुदाई कर देता हूं”।

“अच्छा साहिल, तूने गुंजन की गांड चोदी है “? भावना ने पूछा”।

“नहीं मैडम चोदी तो नहीं, पर जिस दिन वो बोलेगी, चोद दूंगा”।

मैडम एक दिन की बात है हम चुदाई कर के ऐसी लेटे हुए थे कि अचानक से गुंजन ने पूछा,”साहिल तूने कभी गांड चोदी है “?

साहिल बता रहा था। “मैडम मैंने पूछा, “गुंजन तू क्यों पूछ रही है ? तेरा गांड चुदवाने का मन कर रहा है क्या “?

गुंजन बोली, “साहिल कई बार मन तो करता है। जब भी तू मेरी गांड का छेद चाटता है गांड में खलबली सी मच जाती है। तेरा लंड गांड में लेने का मन करता है”।

मैडम मैंने गुंजन को बोल दिया, “गुंजन अब जब भी तेरा गांड चुदवाने का मन करे तू बोल देना “।

गुंजन बोली, “साहिल मैंने तो ऐसे ही पूछ लिया। अब जब तूने बोल ही दिया है तो जब मेरा मन गांड चुदवाने करेगा तुझे बता दूंगी”।

अब आप से क्या छुपाना मैड। जब से गुंजन ने ये गांड चुदवाने वाली बात बोली है, मेरा भी उसकी गांड चोदने का बड़ा मन होने लगा है।

मैडम बड़े ही नाजुक से चूतड़ है गुंजन के, ये छोटे छोटे “। साहिल ने हाथ खोल कर बताया।

और मैडम जब मैंने एक दिन गुंजन की गांड का छेद देखा तो क्या बताऊं आपको मैडम गुलाबी रंग का छोटा सा छेद – ऐसा लग रहा था जैसे किसी औरत के माथे पर गुलाबी रंग की छोटी सी बिंदी लगी हो”I

पर मैडम बात वहीं पर आती है, गांड हो या चूत – चोदने का मजा तब तक नहीं आता जब तक दोनों लड़के लड़की का मन चुदवाने का ना हो। जिस दिन गुंजन का मन करेगा गांड चुदवाई का उस दिन उसे गांड चुदवाने की दर्द में भी मजा आएग। क्यों मैडम ठीक कहा ना मैंने “?

भावना बोली, “सही कह रहा है तू ?

साहिल ने कहा , और मैडम अब तो मैंने जैल भी ला कर रख ली है घर पर ही। क्या पता कब गुंजन का मन कर आये गांड चुदवाने का “।

“सही पूछो तो मैडम, अगर मुझे गुंजन जैसे बीवी मिल जाये ना, तो मैं तो कम से कम छः महीने तक दिन रात चुदाई करूं उसकी। माहवारी वाले दिनों में भी ना छोड़ूं। बाकी दिन चूत, माहवारी के दिनों में गांड”।

मुकुल और भावना फिर हंसी। दोनों ने एक दूसरी के तरफ देखा। दोनों ही अपनी अपनी चूत खुजला रहीं थीं।

मुकुल बोली, बस कर भोसड़ी के साहिल, इतनी बारीकी से गुंजन की चुदाई बता रहा है, हमारी अपनी चूतें गरम हो गयी हैं।

साहिल बोला ,”मैडम गुंजन की मस्त चुदाई याद कर के तो मेरा भी खड़ा हो रहा है। अब मैडम एक एक चुदाई कर लें, अब नहीं रहा जा रहा”। कह कर साहिल ने अपने सारे कपड़े उतार दिए। मस्त शरीर, मस्त लंड।

मुकुल की नजर तो साहिल के लंड से हट ही नहीं रही थी।

भावना बोली, “चलो जीजी आप करवाओ चुदाई पहले”।

साहिल उठा और मुकुल को बोला, “आईये चलिए”।

मुकुल बोली “कहां जाना है यहीं करेंगे चुदाई”।

“इनके सामने”? साहिल ने भावना की तरफ देख कर कहा।

मुकुल बोली “तो क्या हुआ? परसों भी तो अशोक और जनक ने हमें इक्क्ठे ही चोदा था”।

“देखो मैडम”, साहिल मुकुल को बोला, “आप इक्क्ठी रहती हैं इस लिए मैं आप लोगों के चुदाई एक दूसरी के सामने कर दूंगा, मगर मैं अशोक के सामने चुदाई नहीं करूंगा। चुदाई बिलकुल अकेले में ही होनी चाहिए”।

अब बात तो साहिल ये भी ठीक ही कह रहा था।

भावना ने कहा, “चल ठीक है चोद जीजी को और फिर मुझे। जब अशोक आ जाये तो तो फिर अकेले अकेले चोदना”।

मुकुल तब तक अपने कपड़े उतर चुकी थी। साहिल उठ कर मुकुल के सामने खड़ा हो गया। लंड चूसने के लिए। मुकुल ने बड़े ही मजे से लंड चूसा।

साहिल ने मुकुल को उठाया और बाहों में ले कर उसके होंठ चूसने लगा। थोड़ी देर में बोला “आइये”। और साहिल ने मुकुल को बेड पर लेटने का इशारा किया।

मुकुल लेट गयी। साहिल ने मुकुल के चूतड़ों के नीचे एक तकिया रख कर मुकुल की चूत उठा दी । टांगें चौड़ी कर के साहिल ने अपना मुंह मुकुल की चूत में घुसा दिया। कुछ देर चूसने के बाद उठा और बोला, “मैडम तैयार है आपकी चूत तो लंड के लिए”।

मुकुल की टांगें तो चौड़ी ही थी, साहिल ने एक झटके के साथ अपना सात साढ़े सात इंच का लंड मुकुल की चूत में बिठा दिया फच्च की आवाज के साथ।

मुकुल ने “आआह ……साहिल”…. की आवाज के साथ साहिल को जकड लिया। आधा घंटा साहिल ने मुकुल को चोदा।

मुकुल दो बार झड़ी। दूसरी बार झड़ने के बाद मुकुल बोली, बस साहिल अब भावना को चोद। दिखा अपने लंड का दम भावना को।

मुकुल भावना से बोली, “भावना, बड़ा सही चोदता है ये साहिल”।

“आजा साहिल”। भावना अपनी चूत को रगड़ रगड़ कर गीला कर चुकी थी I साहिल ने चूत में उंगली डाल कर कहा, मैडम आपकी ये तो रेडी है। और अगला घंटा उसने भावना को चोद चोद कर भावना का पानी छुड़ा दिया – दो बार।

अशोक आया दो घंटे के बाद। मुकुल और भावना की चुदाई साहिल दो दो बार कर चुका था और तीन तीन बार उन दोनों का पानी छुड़ा चुका था।

साहिल अशोक से बोला, “क्या हुआ अशोक, फिर कोइ काम बता दिया था तेरे बाप ने “?

अशोक बोला, “कुछ ना पूछ यार।अच्छा ये बता तूने इन दोनों मैडमों की चुदाई की या नहीं “?

साहिल नंगा बैठा था, “तू ही पूछ ले, और अब तू भी कपड़े उतार ले। अब चुदाई का तीसरा दौर चलना है “।

अशोक बोला, “क्या ? तू दो दो बार चोद चुका है ? चूत में डाला या गांड में”।

साहिल बोला, “चूत में, गांड में डालने को इन्होने कहा ही नहीं”।

भावना बोली, “अब मैं तो गांड चुदवाऊंगी”। और फिर मुकुल के तरफ देख कर बोली, “जीजी आप “?

मुकुल ने जवाब दिया, “मैं भी गांड में ही लूंगी। चूत की तो तसल्ली हो गयी। एक एक बार गांड चुदवाते हैं फिर सोचेंगे क्या करना है”।

भावना ने अशोक को कहा , “आजा अशोक तू मेरे साथ आजा”। भावना उठी तो अशोक ने पूछ लिया, “कहां जाना हैं मैडम ? यहीं डालते हैं गांड में लंड। शर्माना क्या और किससे”।

भावना बोली, “नहीं अशोक अलग अलग बढ़िया है मस्त चुदाई होगी, जैसे मर्जी करो, जो मर्जी बोलो”।

अशोक ने भी ज्यादा नहीं पुछा। साहिल को बोला, “साहिल वो क्रीम जो गांड में लगाने के लिए लाया था तू , दे दे “।

साहिल ने साथ लाये लिफ़ाफ़े में से एक ट्यूब निकाल कर अशोक को दे दी, और एक अपने पास रख ली।

चलते चलते भावना बोली, “साहिल पंद्रह बीस मिनट के बाद मैं अशोक को यहां भेज दूंगी। अशोक जीजी की गांड चोद देगा, तू मेरे पास आ जाना। दोनों जन दो दो गाँडों का स्वाद लो और हमे भी दो दो लंडों के मजे दो”।

साहिल बोला, “ठीक है मैडम”। फिर अशोक से बोला, “अशोक झड़ के मत आना, मुकुल मैडम की सही गांड चोदनी है तुझे आज। और मुझे भी इन भावना मैडम की गांड को चोद चोद कर पूरा मजा लेना है”।

भावना और अशोक चले गए।

साहिल मुकुल से बोला, “मैडम पहले तो आप उल्टी लेट कर अपने चूतड़ फैलाईये। मैं आपके चूतड़ और गांड चाटना चाहता हूं।

मुकुल ने वैसा ही किया। चूतड़ फैला दिए। गांड का छेद सामने था। साहिल ने पहले तो चूतड़ चाटे। चाटते चाटते हल्के हल्के दांत भी मार रहा था। जब साहिल मुकुल के चूतड़ पर दांत मरता तो मुकुल सिसकारी लेती “आआह आआआह साहिल आआआह”।

मुकुल मस्ती में बोल रहे थी, “साहिल तू बहुत बढ़िया चोदता है। दो बार चोद कर मेरी चूत मस्त हो गई है। काट साहिल काट मेरे चूतड़ों पर काट। मेरी जांघों पर भी काट, मेरी चूचियों पर भी काट आआह”। मुकुल मस्त हो रही थी। चूत चुदाई की मस्ती भी तो अभी नहीं उतरी थी।

साहिल ने कहा “मैडम आपके चूतड़ बड़े सेक्सी है। जब आप चलती हैं और जैसे ये हिलते हैं, देखने वाले का तो मुट्ठ मारने का ही मन करने लग जाता होगा”।

कुछ देर की चुसाई के बाद साहिल खड़ा हो गया।”आईये मैडम अब शुरू करते हैं। साहिल ने मुकुल की गांड पर जैल लगाई। थोड़ी जैल उंगली से अंदर लगाई और लंड छेद पर बिठा कर पूरा अंदर कर दिया।

साहिल ने मुकुल की कमर पकड़ी और लम्बे लम्बे धक्के लगाने लगा। मुकुल सिसकारियां ले रही थी बोल रही थी “आह आआह साहिल चोद मेरी गांड, सुजा दे इसे आज, फुला दे “।

साहिल भी बोलने लग गया, “क्या चूतड़ हैं मैडम आपके क्या गांड है। गद्देदार गठीली आह आआह मजा आ रहा है। ऐसी गांड नहीं चोदी कभी। अब जब भी बोलेंगी आऊंगा चोदने “।
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