मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-9

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संगीता: तुम इतने बेशर्म हों नहीं मालूम था।

मैं: बहुत ही मस्त हो संगीता। सामने से रचना क्या, रेखा भी आ जायेगी तो उसे चोद लूंगा। लेकिन अगर यहां सच में मैं किसी को चोदना चाहता हूं, तो वो तुम ही हो। 5-6 साल बाद अगर भगवान ने चाहा तो हम शादी भी कर लेंगे। लेकिन अभी जल्दी से जल्दी तुम्हारे साथ सुहागरात मनाना चाहता हूं। रोज़ तुम्हें चोदना चाहता हूं।

संगीता ने ऐसा सोचा भी नहीं होगा कि मैं ऐसा करूंगा। ऐसे खुल कर चोदने की बात करुंगा।

संगीता: मैं कुंवारी नहीं हूं।

मैंने उसकी गालों को सहलाया और झूठ कहा। तब तक मुझे नहीं मालूम था कि उसने अपनी जवानी बेची थी।

मैं: इतना काफ़ी है कि तुम अपनी जवानी को बेचती नहीं हो, तुम रंडी नहीं हो। मेरी बहन ने भी कॉलेज में टीचर से चुदवाया था। अभी कॉलेज के एक बुड्ढे प्रोफेसर को बर्बाद कर रही है। मेरी मां ने भी कहा था कि वो कॉलेज के तीन टीचर से चुदवाती थी। और औरत कभी भी झूठी नहीं होती है। मुझे मौक़ा दो संगीता। अगर जल्दी तुम्हें प्यार नहीं कर पाऊंगा तो मर जाऊंगा। विश्वास दिलाता हूं। मेरे साथ तुम बहुत खुश रहोगी।

संगीता लंबी-लंबी सांसें ले रही थी। उसकी 36 इंच की चूचियां उपर-नीचे हो रही थी। बहुत ही बढ़िया लग रहा था।

संगीता: पहले किसी को चोदा है कि मेरे ही साथ शुरुआत करोगे? मैं बहुत ही गंदी और चुदासी लड़की हूं। परसों ही एक टीचर ने चोदा, अपने को बहुत तीस मार खां समझता है, दूसरी कई लड़कियों को चोदता है। उन लड़कियों ने कहा कि बहुत बढ़िया चोदता है इसलिए मैंने उसे मौक़ा दिया।

संगीता: मादरचोद ने तीन बार अंदर घुसाया लेकिन एक बार भी मुझे खुश नहीं कर पाया। तीनों बार 5-7 मिनट में ही झड़ गया। अब साले ने फिर हाथ लगाने की कोशिश की तो हरामी का लंड काट दूंगी। किस हॉस्टल में रहते हो, कौन सा रुम है?

रेखा की तरह इसने भी होस्टल और रुम नंबर के बारे में पूछा। मुझे लगा कि रेखा की तरह ये भी रुम में संदेश भेजेगी। मैंने होस्टल का नाम और रुम नंबर बता दिया।

वैसे कोई ये नहीं चाहता कि कोई दूसरा आदमी उसकी प्रेमिका को चोदे। लेकिन संगीता की बात सुन कर समझ आया कि अरविंद सर ने संगीता को चोदने क्यों कहा। क्योंकि संगीता ने उन्हें फेल कर दिया था।

संगीता के यह पूछने पर कि मैंने किसी के चोदा कि नहीं मैंने फिर झूठ कहा।

मैं: दूसरे लड़कों की तरह मैं भी अपनी मां को ही चोदने का सपना लेकर बड़ा हुआ, और इस बार कॉलेज खुलने के चार दिन पहले मैंने मां से अपने दिल की बात कह दी कि मैं उन्हें चोदना चाहता हूं।

संगीता: मां बहुत ग़ुस्सा हुई होगी, तुम्हें मारा पीटा होगा?

मैं: नहीं, मां ने पूछा कि मैंने किसी जवान लड़की या औरत को नंगा देखा है। तो मैंने कहा कि नहीं देखा है। यह सुन कर मां नंगी हो गई। पहले तो उसने अपने एक-एक अंग के बारे में बताया और यह भी बताया कि औरत को कैसे खुश कर सकते हैं। संतुष्ट कर सकते हैं। मां ने मुझे भी नंगा किया और लंड को सहलाया। मां ने कहा कि मेरे जैसा लंबा और मोटा लंड उसने पहले नहीं देखा।

मैं: उसने लंड की स्किन को कई बार उपर-नीचे किया और उसने कहा कि मैंने अब तक किसी को नहीं चोदा है। लंड को सहलाते हुए मां ने समझाया कि किसी को भी मां, बहन और बेटी को नहीं चोदना चाहिए। और लगातार तीन रात मां दो औरतों को मुझसे चुदवाने भेजती रही। और जब मां मुझे स्टेशन पर पहुंचाने आई तो उसने कहा, “दोनों औरतों ने तुम्हारी बहुत ही तारीफ़ की है। मैं अगर तुम्हारी मां नहीं होती तो तुम्हारी मुफ़्त की रखैल बन गई होती।”

मुझे पूरा विश्वास था कि मेरी बातें सुन कर संगीता बहुत जल्दी मुझसे चुदवाएगी।

तभी संगीता की मां की आवाज़ सुनाई दी। “अमित, नागिन ने हाथ भी लगाने दिया कि नहीं?”, संगीता की मां हाथ में ट्रे ले कर आते हुए बोली। मैंने उनके हाथ से ट्रे लेकर सेंटर टेबल पर रखा।

मैं: मैडम, मैं इससे ही खुश हूं कि इस खूबसूरत चमकीली नागिन ने मुझे डसा नहीं। बहुत ही प्यारी है आप की प्यारी बेटी संगीता। काश मैं इस से 5-6 साल बड़ा होता, तो ज़रूर इससे ही शादी करता।

संगीता मुस्कुराते हुए बोली, “थैंक यू अमित”

मेरा बहुत बढ़िया समय चल रहा था। चाय-नाश्ता करते हुए मैंने उन्हें अपने परिवार के बारे में सब कुछ बताया। और आख़िर में कहा, “भगवान की कृपा से हम बहुत खुश हैं। बाबू जी रेलवे में जी.एम. की पोस्ट पर हैं, लेकिन उनकी पहुंच बहुत उपर तक है। अगर आप लोगों को कभी हमारी ज़रूरत हो तो बे झिझक बोलिएगा। अगर कुछ भी मदद कर पाया तो हमें बहुत ख़ुशी होगी।”

हम चाय पी रहे थे तो हेडमास्टर साहब भी आ गये। मैंने उनसे भी माफ़ी मांगी कि मैं बिना बुलाए आ गया।

हेडमास्टर: जब इन दोनों मां बेटी ने तुम्हें अपना लिया फिर मैं नाराज़ होने वाला कौन होता हूं?

मैं जब सात बजे होस्टल पहुंचा तब तक मेरे सभी दोस्तों को खबर हो चुकी थी कि मैं हेडमास्टर के घर में बहुत देर तक था।

बहुत से दोस्तों ने मेरा मज़ाक उड़ाया। मैं भी मज़ाक में ही ज़बाब देता रहा। रात के खाने के बाद विनोद मेरे कमरे में आया। मैंने विनोद को टटोलना चाहा।

मैं: यार, संगीता ने अपनी मां के सामने कहा कि मैं बेकार ही उसकी या रचना की लाइन मार रहा हूं। उसने कहा कि अगर मैं गार्ड को रुपया दूं तो वो यही रुम में बढ़िया-बढ़िया माल ला देगा। उसकी मां ने कहा कि बहुत सी टीचर्स की पत्नी और बहन, बेटियों रुपया लेकर चुदवाती है। मुझे तो विश्वास नहीं हो रहा है कि यहां ये रंडीपना भी होता है।

विनोद: संगीता ने ठीक ही कहा है। सिर्फ़ फ़ाइनल ईयर के स्टूडेंट ही अपने रुम में रंडियों को बुला सकते हैं। पिछली रात ही मैंने राजन सर की बीबी पल्लवी को चोदा। 2 घंटे का 3000 लेती है। 300 बनबारी को देना पड़ा। मैंने बनबारी और दूसरे गार्ड से भी कहा है कि जो कोई रेखा मैडम को रुम में लायेगा मैं उसे 5 हज़ार दूंगा। रेखा जितना मांगेगी मैं उसे दूंगा।

मैं: क्या यार तुम भी! 8-9 साल से अरविंद जैसे मर्द से चुदवा रही औरत को चोदने के लिए इतना खर्च करना चाहते हो। संगीता ने ही कहा कि कॉलेज की सभी जवान लड़कियां और औरतें अरविंद सर के लिए तड़पती है। अरविंद ने रेखा की बूर ढीली कर दी होगी।

लेकिन विनोद रेखा को चोदने के लिए कुछ भी कर सकता था।

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