दगाबाज़ चाचा-2

पिछला भाग पढ़े:- दगाबाज़ चाचा-1

नमस्ते दोस्तों, मैं आदित्य आज आपके सामने अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हूं। पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था, कि कैसे मेरे पापा की मौत के बाद सब कुछ मेरे चाचा के नाम हो गया था।

फिर चाचा ने हमे पैसे देने बंद कर दिए, और मम्मी पर बुरी नजर डाली। मम्मी ने चाचा के थप्पड़ मार दिया, तो उन्होंने हमें पैसे ना देकर और तंग करना शुरू कर दिया। आखिरकार मम्मी ने हार मान ली, और वो चाचा के कमरे में जाके नंगी हो गई। मैं बाहर खड़ा सब देख रहा था। चलिए अब आगे बढ़ते है।

मम्मी के कामुक बदन देख कर चाचा की आंखें चमक गई। उनके मुंह से लार टपकने लग गई, और लंड पजामें में खड़ा हो गया। फिर चाचा उठे, और मम्मी की तरफ बढ़े। मम्मी अपनी एक बाजू से अपने चूचे छुपा रही थी, और एक हाथ से अपनी चूत छुपा रही थी।

अब चाचा मम्मी के पास आ गए। उन्होंने मां की बाजू पकड़ी, और उसको चूचों से हटाया, और चूचों पर हमला कर दिया। वो मम्मी के चूचों को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लग गए। कुछ देर मम्मी ने अपने आप को कंट्रोल किया, लेकिन औरत ज़ात कितनी देर तक कंट्रोल कर पाएगी। वो भी जिसकी चूत को लंड मिलना बंद हो गया हो।

फिर मम्मी भी सिसकियां भरने लगी, और उनकी चूत गीली होने लगी। चाचा सिर्फ मम्मी के चूचे ही चूस रहे थे, जैसे दूध निकालने की कोशिश कर रहे हो। उन्होंने कम से कम 15 मिनट तक मम्मी के चूचे चूसे। अब मम्मी की सांसे तेज़ हो चुकी थी, और उनके चूचे टमाटर की तरह लाल हो चुके थे।

फिर चाचा ने मम्मी को अपनी बाहों में भरा, और अपने होंठ उनके होंठों के साथ मिला दिए। अब वो दोनों ज़ोर से किस करने लग गए। मम्मी भी चाचा का साथ दे रही थी। शायद इसके अलावा उनके पास कोई चारा नहीं था।

किस करते हुए चाचा अपने हाथ मम्मी की नंगी गांड पर ले गए, और उनके चूतड़ दबाने लग गए। मम्मी की मस्त गांड दबते देख कर मेरा लंड भी उछले मार रहा था। मैं भी अपने लंड को पैंट के ऊपर से मसलने लग गया था।

किस करते हुए चाचा ने मम्मी के चूतड़ खोले, और उनकी गांड के चीर में हाथ डाल कर उनकी गांड का छेद सहलाने लग गए। मम्मी की सिसकियां तेज़ हो रही थी, और वो मदहोश हो रही थी।

फिर चाचा ने मम्मी को खड़े हुए ही अपनी बाहों में उठाया, और बिस्तर पर जाके पटक दिया। फिर उन्होंने अपने सारे कपड़े उतार दिए। चाचा का लंड लगभग 8 इंच का था, और एक दम काला था। मम्मी की नज़र उनके लंड पर ही टिकी हुई थी।

फिर चाचा मम्मी की जांघों के बीच आए, और मम्मी की चूत पर अपना मुंह लगा लिया। पहले वो मम्मी के चूत पर जीभ फेरने लग गए। फिर उन्होंने अपने दांतो से मम्मी की चूत की फांकों को खींचना शुरू किया।

वो जब भी चूत की फांकों को खेंचते, तो मम्मी कांप जाती। फिर चाचा ने अपनी जीभ मम्मी की चूत में डाल दी, और अंदर बाहर करने लग गए। मम्मी इससे पागल होने लग गई, और वो अपना एक हाथ चाचा के सिर पर रख कर उसको अपनी चूत में दबाने लग गई।

मम्मी अपनी गांड हिला कर चूत चुसवाने लग गई थी। वो अपने एक हाथ से अपना एक चूचा भी दबा रही थी। मम्मी की चूत को चाटते हुए चाचा बोले–

चाचा: क्या कमाल की चूत है तेरी भाभी। मुझे भैया से शुरू से ही जलन थी, क्योंकि उनके पास तू थी। लेकिन आज से तू मेरी रानी बन कर रहेगी। तुझे पैसा चाहिए ना, जितना बोलेगी उतना दूंगा। बस मुझे खुश करती रहना।

ये बोल कर उन्होंने फिर से चूत चूसनी शुरू कर दी। अगले 15 मिनट में चाचा ने चूत चूस-चूस कर मम्मी का पानी निकाल दिया। मैं मम्मी की चूत में से बहता सफेद पानी देख पा रहा था। फिर चाचा ने अपना लंड मम्मी की चूत पर रखा, और रगड़ना शुरू कर दिया। मम्मी आह आह कर रही थी, और लंड चूत में लेने के लिए तड़प रही थी। लेकिन चाचा अंदर नहीं डाल रहे थे।

फिर हार कर मम्मी बोली: अब डाल भी दो, कितना तड़पाओगे मुझे।

ये सुनते ही चाचा ने एक ज़ोर का धक्का मारा, और अपना पूरा लंड एक ही बार में मां की चूत में घुसा दिया। मां की चीख निकली, और चाचा मां के होंठ चूसते हुए तेज़ी से धक्के लगाने लगे। अब मेरी मां मेरे चाचा से मज़े लेके चुद रही थी, और मैं उनका बेटा, ये सब अपनी आंखों से देख रहा था।

मैंने भी अपना लंड बाहर निकाल लिया था, और उसको हिला रहा था। उधर चाचा धक्के पे धक्का मारे जा रहे थे, और साथ ही मां के होंठ और चूचे चूसे जा रहे थे। मां ने भी अपनी टांगे चाचा की कमर पर लपेट ली थी, और उनको अपनी तरफ खींच रही थी।

कमरे में से चप चप के आवाज़ें आ रही थी। चाचा ने लगभग 20 मिनट मम्मी को उसी पोजिशन में चोदा। फिर उन्होंने अपना लंड चूत से बाहर निकाल लिया, और मम्मी को घोड़ी बनने को कहा। मम्मी जल्दी से अपने घुटनों के बाल आई, और घोड़ी बन गई।

क्या मस्त लग रही थी उनकी गांड घोड़ी बने हुए। और कितनी बड़ी भी लग रही थी। पहले तो चाचा ने ज़ोर के 2-3 थप्पड़ मम्मी के चूतड़ों पर मारे। फिर उन्होंने अपना लंड मम्मी की चूत पर सेट किया, और धक्का मार कर लंड अंदर घुसा दिया। चूत गीली होने की वजह से लंड आराम से ही अंदर चला गया।

फिर चाचा ने अपने दोनों हाथों से मम्मी के कंधे पकड़े, और ताबड़ तोड़ धक्के देने लगे। मम्मी और चाचा की चुदाई में थप थप के आवाजे आ रही थी। मम्मी के चूचे तेज़ी से हिल रहे थे, और चाचा बार बार हाथ आगे करके उनको मसल रहे थे।

फिर चाचा ने मम्मी के बाल पकड़ लिए, और खींच कर धक्के मारने लग गए। वो बीच बीच में मम्मी की पीठ पर भी किस करते थे।

तकरीबन आधा घंटा चाचा मम्मी को ऐसे ही चोदते रहे। और फिर उन्होंने मम्मी की चूत में ही अपना सारा पानी निकाल दिया। अब वो दोनों बहुत थक चुके थे। मम्मी वहीं बिस्तर पर गिर गई, और चाचा भी दी ऊपर ही गिर गए।

आगे क्या हुआ, ये आपको अगले पार्ट में जानने को मिलेगा। दोस्तों अगर आपको कहानी का मजा आ रहा हो, तो अपने विचार जरूर लिखें।

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