हैलो दोस्तों, आपका राज़ फिर से आपके लिए नई कहानी लेकर आया हूं, जिसमें कुछ सच्चाई और कुछ कहानी जोड़ी गई हैं।
तो जैसा कि आपको अपनी पहले की कहानी में मैंने बताया है, कि मेरे घर पर मेरे पापा जिनकी उम्र 50, और मां जिनकी उम्र 42 के पास ही होगी, और मेरी उम्र 22 हैं।
चलो आपको थोड़ा और अच्छे से कहानी की हीरोइन मतलब मेरी हॉट मां का फिगर थोड़ा और अच्छे से बताता हूं, कि वो बिना कपड़ों के कैसे दिखती हैं। माफ करना मैंने आपको नाम नहीं बताया हॉट मां का। उनका नाम ज्योति हैं, और खूबसूरत इतनी की अंधेरे कमरे में नंगी बैठा दो तो ज्योति कर दे।
अब आते है मां के फिगर पर। बिना कपड़े के बताऊं तो लंबे काले बाल, जो उसकी नंगी पीठ को पूरा ढके होते है। आगे से नंगे दूध उसके इतने गोरे, बड़े, गोल, थोड़े बड़े, रसीले, जिसपे भूरे रंग के निप्पल बड़े कड़क उसको बुरी नज़र से बचाते है। पेट के दोनों साइड मस्त भरी हुई चर्बी, और बीच में 2 इंच करीब गहरी बड़ी नाभि।
नाभि से नीचे सरकें तो आती है गोरे-गोरे हिस्से के पास चीनी भूरे रंग की चूत, जो फूली हुई तो है, लेकिन बेचारी दोनों मोटी-मोटी चिकनी चमकती हुई जांघों से दबी रहती है। जिसकी वजह से वो हमेशा टाइट ही रहती चुदाई के बाद भी। अब इसके नीचे तक आप सब खुद ही सोच लीजिए, जितना जरूरी था बता दिया हैं।
तो कहानी बहुत साल पहले की हैं, जब मैं 18 साल का था। तब हमारे पापा की दोस्ती बाहर एक शॉप में अंकल से हो गई। मेरे पापा की हमेशा से आदत रही है, सब की मदद करने की। तो उस टाइम उस अंकल की थोड़ी स्थिति ठीक नहीं थी, तो पापा ने ही मदद की। खाने रहने के लिए अपने घर के दरवाजे उनके लिए खोल दिए थे।
लेकिन वो अंकल भी पापा की बहुत इज्जत करते थे, तो वो हमारे घर की सारी जिम्मेदारी ले लिए। और पापा घर की टेंशन से मुक्त हो कर अपने काम पर ही ध्यान देने लगे। एक बात और, मेरी मां पता नहीं कब से चड्डी पहनना छोड़ दी थी।
हमारे घर में 2 ही कमरे थे। तो एक कमरे में अंकल सोते थे। मेरी आदत थी अपनी मां का पेट पकड़ कर सोने की, लेकिन रात में सोते-सोते पता नहीं कब पापा मां को नंगी कर देते थे। जब भी मेरी आंख रातों में खुलती थी, तो मां की चूत पर पापा का हाथ होता था।
एक बार रात को मैंने भी हिम्मत करके मां की चूत को छूने की कोशिश की थी, जब मां और पापा सो रहे थे। चूत पर उस समय शायद हल्के बाल थे, जो मुझे मेरी उंगलियों में चुभे थे लेकिन देख नहीं पाया था। क्योंकि करवट ली थी, तो दबी हुई थी चूत। फिर गांड को छुआ, मस्त चिकनी चमकती हुई थी।
लेकिन पापा सुबह होते ही अपने काम पर चले जाते थे, और अंकल का काम ठीक से चल नहीं रहा था, तो वो घर पर ही रहते थे। लेकिन पता नहीं क्यों मेरी ज्योति मां पापा से थोड़ा रूड बिहेव करने लगी थी। पर वो अंकल के साथ काफी हसी-मजाक करती थी। मैंने कभी ध्यान नहीं दिया था, कि वो मजाक करते हुए अंकल का लंड भी दबा देती थी। ये बात शायद किसी को नहीं पता थी, कि उनका चक्कर कब चालू हुआ, और कब उनकी चुदाई।
एक दिन दोपहर मैं सो रहा था हॉल में, तो मेरी नींद अचानक से खुली। मुझे बाथरूम लगा, तो बाथरूम हमारे रूम में था। तो मैं उठा और जाने लगा, तो रूम की लाइट बंद थी, लेकिन थोड़ा उजाला था हॉल की लाइट से। तो मैं अपनी आधी खुली आंखों से जब अंदर घुस तो देखा कि मां नंगी टांग उठा कर लेटी हुई थी, और अंकल उनकी जांघों के बीच बैठे हुए थे। जैसे ही उन्होंने मेरी आहट सुनी, तो तुरंत हट गए। लेकिन मैं भी आंख मसलता हुआ बाथरूम में चला गया, और कुछ नहीं बोला। फिर सोचने लगा बाथरूम में, क्योंकि मैं जनता था कि ये सपना नहीं हक़ीक़त थी।
तो मेरे दिल में आया कि जिस मां का मैं दीवाना था, उसका दीवाना तो कोई भी बन जाएगा। और फिर पापा भी नहीं कर रहे थे, चुदाई तो मां को भी खुश रहना था।शायद फिर से मुझे भी कुछ मिल जाए देखने को। और ये सारी बात मैं बाथरूम करता हुआ सोच रहा था। फिर बिना कुछ बोले मैं वापस हॉल में आके सोने लगा।
मां और अंकल थोड़े डर तो गए, लेकिन वो शायद यहीं सोच रहे होंगे कि बच्चा क्या समझेगा। तो थोड़ी देर बाद उन्होंने भी अपनी चुदाई जो मेरी वजह से रुकी थी, वो चालू कर दिए, और जल्दी ही करके बाहर आ गए थे। फिर मुझे उठाया, और दोनों ही बड़े प्यार से बात कर रहे थे। वो मुझे घुमाने और मेरी पसंद का खाना बनाने की बात कर रहे थे।
एक बार पापा को एक महीने के लिए अपने काम के लिए बाहर जाना पड़ा, और पापा तो पहले से ही जिम्मेदारी अंकल को दे चुके थे। लेकिन अंकल तो घर के साथ उनकी बीवी की जिम्मेदारी और टांगे दोनों ही उठा रहे थे।
एक रात की बात है। जब मैं जल्दी सो गया था, तो रात में अचानक से मेरी नींद खुली बिस्तर के हिलने से, और मां की सिसकियों से। मैंने धीरे से आंखे खोली, तो रूम में अंधेरा था। मैं अपनी आंख भी पूरी खोलता, तो मां और अंकल को दिखता नहीं। वैसे भी मां अंकल के नीचे थी, तो उनको तो पता ही नहीं चलता। लेकिन वो दोनों बेखौफ मेरे बगल में ही चुदाई कर रहे थे।
अंकल मां की टांगों के बीच गोरी मोटी-मोटी जांघों को उठा कर रखे, और झटके मार रहे थे। और मां अपनी टांगों को उठा कर रखे हुए मजे ले रही थी, और मजे से आवाजें निकाल रही थी।
मां: आह ओह।
अंकल: बहुत गरम है अंदर मेरी रानी। तेरी चूत कितनी टाइट हैं।
मां: बस करो, जलने लगी है। कितनी देर से कर रहे हो आह आह।
अंकल: बस 2 बार मेरी रानी। वाह! जितना चोदो उतना मजा देती है तेरी गरम चूत (और झटके तेज कर दिए)।
मां: नहीं, धीरे-धीरे आह दर्द हो रहा है आह।
और अंकल पूरा लंड का पानी अंदर ही डाल दिए, और नंगी मां के ऊपर ही लेट गए। मां की तो हालत खराब थी, जैसे मेरे उठने से पहले ही उसकी चूत का पानी 3-4 बार निकला हो।
तब अंकल बोले: अभी तो 4 बार ही किया।
मां बोली: आपका चार बार हुआ है, लेकिन मेरा तो 6 हो गया। नीचे कितना जल रहा है। तुम्हें क्या पता पूरी छिल गई है लगता।
तो अंकल बोले: रुको देखता हूं।
मां बोली: नहीं देखो मत। तुम देखने के चक्कर में ही 2 बार और कर लिए हो। अब मैं खुद ही देख लूंगी, और सही कर लूंगी। अब हटो, बेटा बगल में सो रहा है, और तुम्हें कोई डर नहीं। मेरे साथ-साथ पूरा बिस्तर हिलाए पड़े हो।
फिर अंकल मां के दूध पकड़ के बोले: ये भी तो हिले।
तो मां बोली: पूरी मेरे को हिला दिए।
फिर अंकल उठ कर बाहर चले गए, और कपड़े पहन कर वापस मां मेरे पास सो गए। फिर तो ये पूरा महीना चला। मां को उल्टियां होने लगी थी, तो डॉक्टर के पास गए, तो शायद पता चला कि मां बच्चा देने वाली थी। तब अंकल और मां ने जो एक्टिंग की, क्या बताऊं दोस्तों। मां ऐसा एक्टिंग की जैसे उसकी तबियत बहुत खराब थी, या उसको किसी की नज़र लग गई।
तो अंकल उसे लेके गए और बोले: बेटा मैं आता हूं तेरी मम्मी को ठीक करके। तू घर पर रहना।
सुबह का टाइम था और वो निकल गए। मुझे बताया कि किसी मंदिर गए थे, लेकिन मुझे बाद में पता चला कि ये लोग हॉस्पिटल गए थे इंजेक्शन लगवाने, जिससे चुदाई भी चलती रहे, और बच्चे की चिंता भी नहीं रहे, और वहीं पर बच्चा भी गिरवा दिए थे।
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