मां बेटे की चुदाई – एक मनोचिकित्सक की ज़ुबानी-17

पिछला भाग पढ़े:- मां बेटे की चुदाई – एक मनोचिकित्सक की ज़ुबानी-16

असलम के साथ हुई मस्त गांड और चूत चुदाई के बाद मालिनी के पास बस असलम को शादी के लिए हां करने के लिए मनाना बाकी था। कैसे रबड़ के लंड असलम को दिखा कर मालिनी ने असलम को मनाया, अब ये जानिये।

मैंने घंटी बजाई और प्रभा को फिर से चाय के लिए बोल दिया। ड्राइवर शंकर कही इधर-उधर ना खिसक जाए, इसलिए जब प्रभा चाय लेकर आयी तो मैंने प्रभा को शंकर को बुलाने के लिए कहा।

मैंने चाय का कप असलम के हाथ में पकड़ाया। तभी क्लिनिक के बाहर वाले से दरवाजे से शंकर आया और बोला, “जी मैडम, आपने बुलाया?”

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