मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-16

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रेखा: अरविंद, तुम बढ़िया चोदते हो लेकिन तुमने देख लिया कि अमित का स्टैमिना तुमसे कितना ज़्यादा है। अगर तुम भी अमित के लंड का रस पिओगे, तो तुम भी संगीता को अमित के जैसा ही घंटा डेढ़ घंटा चोद पाओगे। अमित, सर को लंड चुसाओ, लंड का रस पिलाओ।

उस दिन मुझे मालूम हुआ कि खूबसूरत औरतों में तलवार और बंदूक़ की गोली से ज़्यादा ताक़त होती है। रेखा के ये बोलने के बाद भी कि उसने दूसरे 11 आदमियों से चुदवाया है, उस सभी का लंड चूसा है, लंड का रस पिया है, अरविंद ने रेखा की बात मान ली।

मैं और भी चोदना चाहता था, लेकिन रेखा ने कहा कि मैं उसकी बूर से लंड निकाल कर अरविंद को चुसाऊं। मुझे लगा कि रेखा को यह पसंद नहीं आया कि उसे अपने सामने रेखा को दूसरे से चुदवाते देखना बढ़िया लग रहा है। ‌रेखा के 2-3 बार बोलने पर मैंने लंड को बूर के बाहर निकाला।

रेखा: अरविंद, अमित के लंड को बढ़िया से चाटो। मेरी बूर के अंदर की माल लो, और लंड चूसते-चूसते सारा रस पी जाओ।

मैं चुप-चाप बैठा रहा। ना ही मैंने अरविंद से लंड को पकड़ने के लिए कहा, और ना ही मैंने रेखा को टोका कि वो क्यों एक टीचर से स्टूडेंट का लंड चूसने बोल रही थी। मेरा लंड रेखा की बूर के रस से लथ-पथ था। अरविंद ने मेरा लंड पकड़ा और जीभ से चाट-चाट कर लंड को बढ़िया से चाटा।

उसके बाद वो धीरे-धीरे लंड को अपने मुंह में दबाता गया, और लंड की आधी से ज़्यादा लंबाई को खूब चुभला-चुभला कर चूसा। फिर जब मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला था, मैंने अरविंद के माथे को दोनों हाथों से पकड़ कर ज़ोर से लंड पर दबाये रखा। मेरा लंड रस फेंकने लगा। अरविंद के चेहरे से साफ़ दिख रहा था कि उसे ये सब, लंड के रस का स्वाद बढ़िया नहीं लग रहा था। रेखा ने अरविंद के लंड को पकड़ लिया।

रेखा: अरविंद, मुझे मालूम है कि तुम्हें बढ़िया नहीं लग रहा है। लेकिन सारा रस पी लो और जाकर संगीता को चोदो। उस दिन संगीता तुमसे खुश नहीं थी, लेकिन अभी अमित के लंड का रस पी कर उसे चोदोगे तो कुतिया ख़ुद तुमसे बार-बार चुदवाने आयेगी। और अगर संगीता तुम्हारी चुदाई से खुश नहीं हुई, तो तुम जिस गार्ड की बोलोगे मैं उसकी रंडी बन जाऊंगी। तुम्हारे लिए धंधा करुंगी।

मैं लंड को अंदर-बाहर करता रहा, और आखिरकार लंड ढीला होकर अरविंद के मुंह से बाहर आ गया। अरविंद ने मुंह खोला तो हमने देखा कि थोड़ी सा रस तब भी उसके मुंह में था। अरविंद ने भी संगीता और रेखा जैसे चुभला-चुभला कर सारा रस निगल लिया। अरविंद ने मेरा लंड पकड़ लिया।

अरविंद: रेखा, रस का स्वाद उतना बुरा नहीं है लेकिन तुमने कैसे इतनी देर तक इस घोड़े के लंड जैसा लंबा और मोटा लंड चूसा? बाप रे, कितना मोटा है। अमित, हमें बदनाम मत करना, मुझे तुम्हारा लंड चूसना बढ़िया लगा। रेखा ढाई बज रहे है, संगीता ने तीन बजे बुलाया था। जो बना है वहीं खिला दो।

15 मिनट के अंदर ही अरविंद खा पीकर तैयार होकर घर के बाहर चले गये। मैं और रेखा घर में रह गये। हम 2 राउंड लम्बी चुदाई कर चुके थे। रात में उसे फिर से चोदना था।

हमने साथ ही नहाया। एक-दूसरे को खूब रगड़ा। हम खाना खाकर उठे ही थे कि दरवाज़े पर नॉक हुआ।

रेखा: उफ़, गलती हो गई। आज रमा को आने से मना कर देना चाहिए था। इसी औरत ने तुम्हारे रुम में चिट रखा था। इसे मालूम है कि मैंने तुम्हें चोदने के लिए ही बुलाया था।

मैं: मेरी प्यारी कुतिया मां, फिर क्यों घबरा रही हो? उसका काम उसे करने दो तब तक मैं अपनी प्यारी रंडी, तेरी दीदी इंदिरा को आज की चुदाई की दास्तान लिखता हूं।

रेखा ने सिर्फ़ एक कुर्ता पहना, नीचे कुछ नहीं। मैंने अपना कपड़ा पहन लिया। रेखा ने दरवाज़ा खोला। रेखा के साथ जो औरत अंदर आई मैं उसे नहीं जनता था। औरत 30-32 साल की होगी। चेहरा खूबसूरत नहीं था लेकिन बदन गदराया हुआ था। औरत ने साड़ी पहनी हुई थी, लेकिन कपड़ों के उपर से ही उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों का उभार दिख रहा था। मैं उसकी जवानी को और निहारता लेकिन उसने हाथ जोड़ कर मुझे प्रणाम किया।

रमा: अमित साहब, चार दिनों से हमारे कॉलोनी की सभी औरतें और लड़कियां सिर्फ़ आपके बारे में ही बात कर रही है।

मुझे उसकी बात सुन कर आश्चर्य हुआ।

मैं: ना तो मैं तुम्हें पहचानता हूं, और ना ही मैं ये जानता हूं कि तुम किस कॉलोनी में रहती हो। फिर लोग मुझे कैसे जानेंगे?

रमा: 6 घंटे में चोद-चोद कर 2 औरत को रुला डाला। चार बार चोदा और हर बार एक घंटे से ज़्यादा चोदा। हम जैसी औरतों की बूर कोई नहीं चूसता और तुमने दोनों की बूर को चूस-चूस कर पागल कर दिया, और आपकी मां ने किस से चुदवा कर आपको पैदा किया, कि आपका लंड घोड़े के लंड जैसा मोटा और लंबा है?

रमा: अपना लंड अपनी मां की बूर में घुसेड़ो, मां को चोदो, तब उसे पता चलेगा कि घोड़े के लंड से चुदवाने में क्या मज़ा आता है। रेखा मैडम, अपने यार को बोलो कि मुझे भी एक बार घोड़े जैसा लंड दिखा दे।

रेखा: तुम्हारी कॉलोनी की किस औरत को अमित ने चोदा है?

हम बातें कर रहे थे और रमा अपने कपड़े खोलने लगी। रेखा ने भी उसे नहीं रोका। रेखा को चोदने के बाद चौथी औरत मेरे सामने नंगी खड़ी थी। वो मस्त चाल से मेरे पास आई।

रमा: सीमा और उसकी मां जमुना को।बेचारी सीमा कुंवारी थी और जमुना के सामने ही आपके यार ने सीमा की चूत फाड़ डाली। मैं भी तो देखूं कि घोड़े का लंड कैसा होता है!

मैंने रेखा की तरफ़ देखा। रेखा ने नॉड किया और हाथ की अंगुलियों से इशारा करते हुए कहा कि “चोदो”।

रेखा: तू सीमा से जलती क्यों है? मेरे घरवाले को अपनी दीवाना बना ही लिया है, मेरे यार को अपनी जवानी खिला दे। अमित चोद इस रंडी को। मैंने आज घर में ही दो बार चुदवा लिया है और तेरा यार (अरविंद) अपनी घरवाली को इस घोड़े के साथ अकेले छोड़ कर गया‌ है।

मैं एक जगह खड़ा रहा और रमा ने मुझे नंगा कर दिया। उसने लंड को पकड़ लिया।

रमा: सीमा झूठ नहीं कह रही थी। मैंने कई बार घोड़े का लंड देखा है। अमित साहब आपका लंड उसके जैसा ही है।

मैंने लिविंग रुम के सोफ़ा पर ही रमा को लिटाया और 10-12 मिनट उसकी बूर को बढ़िया से चूसा और चाटा।

रमा: 14-15 साल में बहुत से स्टूडेंट्स और टीचर से चुदवाया लेकिन अमित आप पहले आदमी हैं जिसने मेरी बूर का स्वाद लिया। मैं फिर कहती हूं, आपकी मां आपसे चुदवाने के लिए तड़प रही होगी। जल्दी से उन्हें चोदिए।

रेखा, संगीता, और असलम के बाद ये रमा भी मां को चोदने के लिए उकसाने लगी।

मैंने उसकी जांघों के बीच पोज़ीशन ली। एक हाथ से पकड़ कर लंड को बूर के अंदर डालते हुए ज़ोरदार धक्का मारा।

रमा: आहहहहह मज़ा आ गया मैडम, हर चूत को ऐसा ही धक्का चाहिए। चोदो अमित साहब। बहुत जल्दी आपका लंड एक बहुत ही मशहूर औरत के बूर के अंदर होगा।

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