अब रात आयी तो उन्होंने हमें घर के अंदर चटाई और रजाई पर सुलाया, और खुद बाहर आंगन में सोने चले गए। दोस्तों, उस अमावस की रात मेरी चूत की आग भड़क उठी। मैं बच्चों के सोते ही बाहर गई और राज के बाजू में साड़ी उतार कर पेटीकोट ब्लाउज में लेट गई। मैंने बिना डरे झट से उनकी लुंगी में हाथ डाला और उनका लौड़े की मूठ मारने लगी।
आह, नींद में मुझे अपनी बीवी समझ कर वो मजा लेने लगे और मेरे चूचे दबाने लगे। अब उन्होंने मेरा सर पकड़ा और लंड मेरे गले में उतार कर चोदने लगे। आह कितना मोटा काला बदबूदार था, लेकिन मैं मजे में थी।
राज: आह साली कुतिया, आज तू लौड़ा चूसने को कैसे राजी हो गई। रोज तो नखरे करती है। आज लाइन पर आ गई तो पूरा माल चूस चल।
मैं चुप-चाप एक-एक बूंद गटकने लगी और गोटे दबा-दबा कर माल निकालने लगी। वो तड़प-तड़प कर सारा माल मुझे खिलाने लगे। थोड़ी देर में सब झाड़ दिया और सो गए। मैं उसी हालत में उनकी छाती पर सो गई। दोस्तों आप यकीन नहीं करोगे। सुबह मेरी आंख खुली कुछ गरम सख्त महसूस कर के। मैंने पाया कि राज उसी हालत में मेरा पेटीकोट ऊपर चढ़ा कर अपना 6 इंच का मोटा हथियार धड़ाधड़ मेरी चूत में घोंप-घोंप कर मार दौड़ा रहे थे और अब मुझे मजा आ रहा था।
मैं: आह राज इस बंजर जमीन में बीज डालो।
राज: आह आह आह बहन जी और तेज चोद लूं?
मैं: राज साले मजदूर! नेकी और पूछ-पूछ। निकाल दे सारा मसाला।
ये बात सुन कर उसने मुझे पास के पेड़ पर जम के धक्का दिया, और चूत चोदता रहा एक घंटे तक। उफ्फ इतना चोदा कि मेरा मन कोठे पर बैठने का होने लगा। हो भी क्यों ना, आए दिन छिनार जैसी हरकतें तो थी ही मेरी। मैंने उसे मुंह पर झाड़ने का बोला और उसके गाढ़े-गाढ़े सीमन से अपना फेशियल कराया। मजा आ गया दोस्तों।
लेकिन मजा तो अब दुगना होने वाला था। राज ने बताया कि उनके घर में कितनी किल्लत थी, और वो कितनी उधारी में था। तो मैंने उसे कुछ आइडिया दिए।
मैं: राज तुम एक काम करो ना। किसी तरह अपनी बीवी को मना कर उसे पैसों के बदले चुदाने को बोलो। काफी मदद मिलेगी।
राज: हम्मम। बहन जी, कोशिश करता हूं दिल पर पत्थर रख के।
मैं: वैसे तुम्हे कोई पता है जो चूत के बदले तुम्हारे काम आ जाए?
राज: हांजी, मेरा जो ठेकेदार है। आए दिन मजदूर औरतों से जबरदस्ती अपनी हवस शांत करता रहता है।
मैं: अच्छा! तुम्हारे जितना ताकत वाला है क्या?
राज: अरे बहन जी, जो भी औरत उसके शिकंजे में आती है 3–4 हफ्ते काम पर नहीं आती। साला हैवान है, हैवान।
मैं: बस फिर तय रहा। तुम मुझे चुदाओ उससे और उसकी वीडियो बना के साले को धमका कर पैसे ठगो।
राज: सच में बहन जी?
मैं: हां-हां मेरे राजा भैया!
और मैं फिर उसके लंड पर भूखी कुतिया की तरह टूट पड़ी। कस-कस के मुठ मारी और फिर दांतों से काट-काट खाने लगी। आह राज का फिर सारा माल मेरे गले में उतर गया।
दोस्तों अगले दिन बच्चों को भेज कर मैं राज के साथ उसके ठेकेदार के पास बिल्कुल कड़क सामान बन कर पहुंची। मैं जाते ही उनसे दादागिरी करने लगी।
मैं: क्यों ठेकेदार जी, क्यों इस गरीब पर धौंस जमा रहे हो आप? क्या आप एक गरीब की मदद नहीं कर सकते?
ठेकेदार: मैडम हर चीज का दाम होता है। मदद कर देंगे, लेकिन आपको भी कुछ सहयोग करना चाहिए ना उसमें?
मैं: हां मेरा पूरा सहयोग मिलेगा आपको।
ठेकेदार: मैडम, आप समझ रहीं है ना?
मैं: क्यों, मैं कोई बच्ची दिखती हूं?
ठेकेदार: मेरे ठेकेदार दोस्तों को बुला लेता हूं।
ये कह कर उसने अपने 2 मुस्टंडे पहलवान दोस्त वहां बुला लिए, और मुझे हाथ पकड़ कर एक खाली कमरे में ले जाने लगा।
ठेकेदार: यारों आज तुम्हे मजदूर औरतें नहीं, इस हसीना की चूत दिलवाऊंगा।
ये कहते ही उसने मेरा ब्लाउज पकड़ कर उतार डाला। इतने में दूसरे ने मेरा हाथ मोड़ा और अपना लंड मेरी गांड में रगड़ने लगा। उफ्फ साले ऊंट कहीं के। साथ ही राज छुप कर पूरी चुदाई की वीडियो बना रहा था, ताकि बाद में अपना काम निकलवा सके। तीसरे ने मेरे मम्मों पर अपना लंड झाड़ना शुरू कर दिया।
फिर दोस्तों मेरे साथ हर तरह का अमानवीय काम हुआ। मेरे गले तक दो लंड एक साथ उतारे गए। मेरी चूत में और गांड भी दबा की मारी गई। खड़े-खड़े घोड़ी बना के उल्टा लटका के तीनों ने मुझे खूब चोदा। बहुत चुदी मैं। उफ्फ आह ईयाह आह आह आह मां आह चुद गई मम्मी। मुझे बदहवास हालत में तीनों ने वही पटक दिया।
कसम से इसके बाद मैंने कई महीनों तक चुदाई की छुट्टी कर दी दोस्तों। लेकिन अब मेरी चूत चुदे बिना कैसे रहती। खैर, वीडियो बनाने के बाद, मेरी फोटो ब्लर कर के राज ने अपना काम भी निकलवा लिया और अपनी बीवी को ठेकेदार से बजवाना भी नहीं पड़ा। ऐसे नेक काम करने का भी अपना मज़ा होता है दोस्तों। इस कहानी पर अपने विचार साझा करने हेतु मेल करें rita.suvansiya@gmail.com