ग्रुप सेक्स – समूह में चुदाई – भाग 3

पिछले भाग: ग्रुप सेक्स – समूह में चुदाई – भाग 2

इस भाग में – सपना मेहता की चुदाई हुई – रगड़ रगड़ कर.

पूनम, अमृता, रेनू और रश्मि मुझे दो सांडों से चुदने के लिए छोड़ कर दुसरे कमरे में जा चुकी थी I

अब मैं घोड़ी की तरह खड़ी थी। मेरे चूतड़ पीछे की तरफ, संदीप का लंड मेरे मुंह में था।

जुगल मेरे पीछे गया। चूतड़ पकड़ कर जरा से ऊपर किये, मेरी चूत की फांकें खोली, लंड मेरी चूत के छेद पर रक्खा और फच्च से लंड मेरी चूत के अंदर डाल दिया।

जुगल ने मेरी कमर कस के पकड़ ली – बिलकुल ऐसे जैसे कुत्ता कुतिया को चोदते वक़्त कुतिया को आगे की टांगों में जकड़ लेता है – और चुदाई चालू कर दी।

क्या धक्के लगा रहा था जुगल I बीच बीच में पूरा लंड निकाल कर एक झटके से अंदर डालता था।

जुगल के बड़े बड़े टट्टे जब मेरे चूतड़ों से फट्ट …ठप्प की आवाज के साथ चूत पर टकराते थे तो ऐसा लगता चुदाई को चार चाँद लग गए है – सोने पर सुहागे वाली बात थी।

बीस मिनट तक मैं ऐसी चुदी की मजा ही आ गया। जैसे जन्नत मिल गयी हो।

बीस मिनट के बाद जुगल अअअअअह की आवाज की साथ झड़ गया और ढेर सारा गरम पानी मेरी चूत में छोड़ दिय।

मेरी तो गिनती ही नहीं थी मैं कितनी बार झड़ी।

सिसकारी मेरी निकल नहीं रही थी क्यों की संदीप के लंड से मेरा मुंह गले तक गया हुआ था। कुछ देर जुगल ऐसे ही खड़ा रहा। जब उसका लंड ढीला होना शुरू हुआ तो उसने लंड चूत में निकाल लिया।

संदीप का लंड अभी भी खड़ा ही था। संदीप ने मेरे मुंह में से लंड निकाला और मेरे पीछे आया। संदीप ने भी जुगल की तरह मेरे चूतड़ थोड़े ऊपर किये और मेरी चूत में लंड डाल कर मुझे चोदने लगा।

मेरी चूत मेरे पानी और जुगल की वीर्य से भरी पडी थी।

संदीप का मोटा लंड जब अंदर जाता था तो अजीब सी आवाज आती थी फच्च फच्च खच्च खच्च।

संदीप ने भी मुझे दस मिनट चोदा और खड़ा लंड बाहर निकाल लिया।

वो अभी तक भी नहीं झड़ा था। आधे घंटे की लगातार चुदाई के बाद मेरी तो चूत में मीठा मीठा दर्द होने लगा था।

संदीप ने मुझे सीधा किया और सोफे पर बिठा दिया। लंड मेरे सामने कर दिया।

मैंने सोचा संदीप लंड चूसने को कह रहा है।

मगर नहीं उसने मेरा हाथ में अपना लंड पकड़ाया और मुठ मारने का इशारा किय।

मुझे रेनू और रश्मि का नजारा याद आ गया।

“क्या संदीप अपने लंड का पानी मेरे ऊपर छोड़ना चाहता है”?

मैं भी उतावली हो रही ये देखने के लिए की इस मोटे लंड के बारीक से छेद में से सफेद गाढ़ा गर्म पानी कैसे निकल कर मेरे ऊपर गिरता है।

मैं संदीप का लंड पकड़ कर मुठ मारने लगी।

संदीप लंड चुसवाई और चुदाई के बाद गरम ही था I सात आठ मिनट ही मैंने मुठ मारी होगी की संदीप आअह आअह सपना की आवाज के साथ झड़ गया।

इतना गरम पानी निकला उसके लंड में से कि मेरी दोनों चूचिया सफ़ेद पानी से भर गयीं। आधे मिनट के बाद जब संदीप के लंड में से पानी निकलना बंद हुआ तो रेनू और रश्मि की तरह मैंने संदीप का वीर्य अपनी चूचियों पर मल लिया और हाथ को चाट कर साफ़ कर लिया।

तब तक रेनू, रश्मि, पूनम और अमृता भी आ गयी थीं – नंगी। पूनम ने तौलिये से मेरी मम्मों को और चूत को साफ़ किया और सब लोग जहां जगह मिली बैठ गए।

रेनू ने मुझसे पूछा, “सपना कैसी रही रगड़ाई”।

मुझे अब चुदाई और रगड़ाई का फर्क समझ आ चुका था।

रश्मि बोली, “सपना हमारा चार पति पत्नी का ग्रुप है। ऐसे ही महीने में दो तीन बार मिल कर चुदाई करते हैं। अगर तुम लोगों ने भी हमारे इस ग्रुप में शामिल होना है तो हो सकते हो। सब को तुम बहुत पसंद आयी हो”।

फिर शरारत से संदीप और जुगल की तरफ मुंह करके बोली “कयों जुगल, संदीप बोलो”।

दोनों हंस दिए I

अमृता बोली, “सपना को सुमित से भी तो पूछने दो। सपना सुमित को कैसे मनाएगी”।

मेरे मुंह से निकल गया, ” मैं मना लूंगी “।

उसके बाद संदीप और जुगल की पत्नियों, पूनम और अमृता की रश्मि और रेनू के पतियों राजन और अनूप ने चुदाई की।

मैं रश्मि और रेनू देखती रहीं और अपनी चूतों में उंगली करती रही। हमारी चूतें तो इतने रगड़ी जा चुकी थी की और चुदवाने का दम ही नहीं था।

सारी कहानी सुनाने के बाद सपना चुप हो गयी।

मैंने सपना से पुछा, “तो सपना तुम लोग उस ग्रुप में शामिल हो गए। मगर सपना तुमने सुमित को कैसे मनाया, सुमित से बात कैसे की”।

सपना ने जवाब दिया, “मैंने खाली सुमित को इतना ही कहा कि रेनू और रश्मि आईं थीं, वो एक ग्रुप बनाने की बात कर रहीं थीं जिसमे कुछ पति पत्नी शामिल होंगे। इस ग्रुप के लोग महीने में दो तीन बार किसी एक के घर मिलेंगे और आपस में मस्ती करेंगे। लड़के लड़कों के साथ। लड़कियां लड़कियों के साथ और फिर लड़के लड़कियों एक दुसरे के साथ।

मैंने सुमित को जब लड़के की लड़कों के साथ मस्ती वाली बात बताई तो उसकी आखों में चमक आ गई। इस बात की तो उसने परवाह भी नहीं की कि उसकी बीवी को कोइ और चोदेगा – वो भी उसके सामने।

उसने कहा “ठीक है जैसा तुम ठीक समझो, मुझे तो कोइ एतराज़ नहीं”।

और हम उस ग्रुप में शामिल हो गए – पहले चार जोड़े, थे अब पांच हो गए।

सपना ने बात जारी रक्खी, “अब चुदाई में कोइ कमी नहीं। अब खूब चुदाई होती है रगड़ाई के साथ”।

“अब हमारा पांच जोड़ों का एक ग्रुप है I ‘ग्रुप सेक्स’ के मजे लेने के लिए – खूब ग्रुप सेक्स करते हैं। पांच पति पांच पत्नियां। पांचों ही लड़कियां हेटेरोसेक्सुअल हैं – आधी समलिंगी, आधी नार्मल”।

“जब लड़के कुछ लड़कियों की चुदाई करते हैं, बाकी एक दूसरी की चूत चाटती हैं। जो लड़कियां एक दूसरी के चूत चाटती है, उनके पति एक दुसरे का लंड चूसते हैं “।

“संदीप और जुगल, पक्के औरतखोर हैं – लम्बे मोटे लंडों वाले। सांड। साले ऐसे चोदते हैं”, सपना एक पल को रुकी फिर बोली, ” ऐसे चोदते हैं जैसे लड़की चुदाई छोड़ कर कहीं भागी जा रही है। धक्के ऐसे लगाते हैं जैसे लंड गले तक पहुंचा देना है”। ये बताते हुए सपना हंसी I

“उनकी अपनी बीवियां तो उनसे चुदवाती ही हैं, ग्रुप की बाकी लड़कियां भी उनसे चुदवाने के लिए बेताब रहती हैं”।

एक बात बताऊं जस्सी, मुझे इन दोनों से – जुगल और संदीप से चुदाई करवाने बड़ा मजा आता है। वैसे मुझे क्या सभी लड़कियों को इन दोनों से चुदवाने का मजा आता होगा”।

“ये दोनों भी बड़े मजे से चूतड़ पकड़ कर रगड़ रगड़ कर चोदते हैं”।

“इन दोनों की एक ख़ास आदत और भी है। साले हमेशा लड़की का पानी छुड़ा कर अपने लंड का गर्म गर्म पानी लड़की के मुंह में या लड़की की चूचियों पर निकालते I

मैंने सपना को कहा, “सपना, कभी कभी ऐसा करना तो ठीक है, मगर हमेशा ऐसा करना …. कुछ अजीब नहीं? ये तो कमाल की आदत है”।

सपना बोली “अजीब तो है – वैसे हमेशा तो नहीं करते, मगर जब करते हैं तो मजा बड़ा आता है। मुंह भर जाता है उनके गर्म लेसीले पानी से”।

“जब चूचियों पर पानी निकालते हैं तो बड़ा ही मजा आता है I जस्सी सही बताऊं, मुझे तो लंड में से गाढ़ा गाढ़ा सफ़ेद पानी निकलते देख कर ही चूत में कुछ कुछ होने लग जाता है। अब तो मैं तो सुमित को भी कई बार बोलती हूं कि मेरी चुदाई करने के बाद मेरी आँखों के सामने मेरी चूचियों पर लंड का पानी निकाले, चूत में नहीं”।

“और जस्सी, जब वो ऐसा कर रहे होते हैं – मतलब चूचियों पर पानी छुड़ा रहे होते हैं तो बाकी लड़कियां भी देखने आ जाती हैं। देखते देखते अपनी चूत में उंगली करती हैं और अपनी चूचियों को मलती हैं I

मेरे मुंह से निकला, “अजीब बात है”। मगर मुझे अपनी चूचियों पर कुछ गरम गरम लगने लगा था।

सपना बोली, “हां जस्सी अजीब तो है मगर ये ग्रुप होते ही इस लिए है कि जो काम पति पत्नी आपस में नहीं कर पाते – जो करने उन्हें अजीब लगते हैं, वो ग्रुप में लड़के लड़कियां एक दूसरे के साथ करते हैं”।

सपना ने संदीप और जुगल की चुदाई ऐसे बताई मेरी तो अपनी चूत में खुजली होने लगी और ऐसे लगा जैसे गले में कुछ फंसा हुआ है I

“कहीं संदीप या जुगल का लंड ही तो नहीं “?

सपना बता रही थी, “बाकी के तीनों मर्द हेटेरोसेक्सुअल हैं – आधे समलिंगी I आधे नार्मल – आधे लौंडे बाज। चूत चूसते भी हैं, चोदते भी है। उधर लंड भी चूसने में भी इनको मजा आता है – हमारे मर्दों के तरह”।

“अब हम आपस में मिलते रहते हैं। सारे पांचों पति पत्नी तो हमेशा नहीं मिल पाते हमेशा, मगर कभी तीन कभी दो तो कभी चार जोड़े मिलते रहते हैं और मजे लेते हैं”।

मैंने पूछा, “सब कुछ एक दूसरे के सामने होता है”?

सपना मेहता ने बताया, “वैसे तो लगभग सभी के घरों चार पांच कमरे हैं ही। सब अलग अलग कमरों में चले जाते हैं और चुदाई करते हैं। कई बार सामने भी चुदाई हो जाती है । जैसे नए साल की शाम को या फिर ऐसे ही किसी ने बोल दिया आज यहीं चुदाई होगी”।

“बस फिर वहीं हो जाती है चुदाई – एक दूसरे के सामने”।

मैंने फिर पूछा,”लेकिन एक बात बताओ सपना कौन लड़की किससे चुदवाएगी, ये फैसला कैसे होता है। अगर सारी लड़कियां उन जुगल, या संदीप से ही चुदवाना चाहें तो “?

सपना ने बताया, “ऐसा कुछ नहीं है। संदीप और जुगल ग्रुप में बहुत पहले से हैं। ग्रुप की लड़किया उन से चुद चुकी हैं। वैसे भी सब मर्दों की कोइ ना कोइ पसंदीदा लड़की है। कईयों की एक से ज़्यादा लड़कियां भी ग्रुप में पसंद हैं”।

“यही हाल लड़कियों का भी है। सबके अपने अपने पसंदीदा मर्द हैं। वैसे जुगल और संदीप से तो सारी लड़कियां हर वक़्त ही चुदवाने के लिए तैयार रहती हैं”।

फिर जैसे सपना अपने आप से बोली, “साले चोदते भी तो ऐसे जोर जोर से हैं। झाग निकाल देते हैं चूत में से”।

सपना की इस बात पर मेरी हंसी छूट गयी।

सपना बता रही थी। “इक्क्ठे होने के दस मिनट बाद ही सब नंगे हो जाते हैं। जो जिसको मर्जी चूमना चाहे चूमे । जिसकी मर्जी चूत चाटे। कोइ भी लड़की जिसका मन करे लंड चूसे – कोइ बंदिश नहीं। किसी को कोई एतराज़ भी नहीं होता “।

मगर कभी कभी कुछ अलग करने के लिए – मजे के लिए कुछ अलग भी करते हैं। जैसे कि लड़कों के नाम पर्चियों पर लिख कर रख दिए जाते हैं और लड़कियां बारी बारी से एक पर्ची उठाती हैं। जिसके हिस्से में जो मर्द आ गया वो उससे चुदवाती हैं “।

मैंने पूछा “अगर किसी के हिस्से में उसके अपने ही मर्द की पर्ची निकल आये तो” ?

सपना हंसी, “तो फिर समझ लो उस दिन उन दोनों पति पत्नी की ईद हो गयी”।

मैंने पूछा, “ईद? वो कैसे”?

सपना ने बताया, “वो लड़की उस दिन मनमर्जी के मर्द से चुदेगी और वो मर्द उस दिन ग्रुप की मनमर्जी की लड़की को चोदेगा। कई बार तो मस्ती इतनी होती हैं कि जिनकी पर्ची निकाल आयी वो लड़की सारे ही मर्दों से चुदाई करवाती हैं। यही हाल मर्द का भी हो जाता है। अगर उसमें दम हुआ तो सारी लड़कियों को बारी बारी चोद देता है “।

ये बातें सुन कर मेरी तो चूत में खुजली फिर से होने लग गयी।

मैंने सपना से कहा, “अगली बार हम भी आएंगे तुम्हारे इस ग्रुप में”।

फिर थोड़ा रुक कर मैंने सपना से कहा, “सपना लेकिन आज क्या होगा। मेरा तो चुदने का मन होने लगा है। बुलाओ इन साले आधे समलिंगियों – लौण्डेबाजों को।

सपना हंसी और उस कमरे की तरफ चल पड़ी। वापस आ कर बोली, “आ रहे हैं”।

“तुमने किससे चुदवानी है ? अपने वाले से कि मेरे वाले से”?

मैं भी हंसी, “पर्ची डालें”?

सपना भी हंसी, “छोड़ो पर्ची वर्ची। एक दूसरे के मर्द से ही चुदवाती हैं”।

मैंने भी कहा, “ठीक है”।

“और उसके बाद उस दिन सपना के पति सुमित ने मुझे और मेरे पति राज ने सपना को चोदा – एक दूसरे के सामने”।

राज सपना को पीछे से चोद रहा था। बीच बीच में सपना के मांसल चूतड़ों पर एक धप्प भी लगा देता था। सपना कि चूतड़ थे ही बड़े सेक्सी।

लेकिन एक बात थी, लग नहीं रहा था की राज सपना को पहली बार चोद रहा है। ऐसा लग रहा था पहले भी चोदता रहता होगा।

ये मेरे लिए एक नया तजुर्बा था और ग्रुप सेक्स की शुरूआत भी थी I

जब मैंने सपना से इस ग्रुप का हिस्सा बनने की इच्छा जताई तो सपना ने कहा, “जस्सी मुझे कोइ एतराज़ नहीं। मगर एक बार ग्रुप के बाकी लोगों को भी बताना होगा I वैसे मुझे नहीं लगता कि औरों को भी कोइ एतराज़ होगा “।

फिर हंस कर बोली, “तुम जैसी सुन्दर और सेक्सी लड़की को तो सारे मर्द चोदना चाहेंगे – संदीप और जुगल तो खास करके “।

सपना ने फिर कहा, “अगले हफ्ते सारे हमारे घर पर इक्क्ठा होंगे। तुम दोनों भी आ जाना। सब से तुम्हारा परिचय भी करवा देंगे। अगर किसी को कोइ एतराज़ नहीं हुआ – जो कि मैं समझती हूं नहीं होगा – तो तुम लोग भी हमारे इस ग्रुप में शामिल हो जाओगे”।

सपना बता रही थी , “इस पहली मुलाक़ात में जरूरी नहीं कि तुम लोग भी चुदाई में हिस्सा लो। खाली देखो कि बाकी लोग क्या और कैसे करते हैं। अगर ठीक लगे तो उसी दिन चुदाई कर लो और करवा लो। मगर ये तुम लोगों की मर्जी पर होगा”।

इसके बाद हम भी उस पांच के ग्रुप में शामिल हो गए।

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