पिछला भाग पढ़े:- ससुराल में साली जी को बजाने का मौका मिला-1
सोनिया जी को चोदने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। आज बहुत दिनों के बाद सोनिया जी की चूत मिली थी।। मैं सोनिया जी की चूत में ताबड़-तोड़ लंड पेल रहा था। सोनिया जी की दर्द भरी चीखों से भाभी जी परेशान होकर करवटे बदल रही थी।
“आहाहाह आह्ह आईईईई अआह आह्ह आईईईई ओह मम्मी। ओह्ह्ह रोहित जी आह्हा आह्हा।”
“ओह्ह्ह सोनिया जी बहुत मज़ा आ रहा है आहाहा।”
“ओह्ह्ह रोहित जी बहुत दर्द दे रहा है आपका लंड।”
“मज़ा भी तो बहुत देता है सोनिया जी।”
मेरे लंड की धुंआधार ठुकाई से भाभी जी का पलंग चूड़-चूड़ करने लगा था। मैं सोनिया जी को बुरी तरह से चोद रहा था।। सोनिया जी को भाभी जी के सामने चोदने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरा लंड सोनिया जी की जम कर खबर ले रहा था।
“आह्ह आह्ह आईईईई धीरे धीरे, आहहह आह्ह ओह रोहित जी।”
“ओह्ह्ह सोनिया जी बजाने दो।”
मेरा लंड सोनिया जी के चूत के पड़खचे उड़ा रहा था। अब ताबड़-तोड़ ठुकाई से सोनिया जी बहुत ज्यादा हिल चुकी थी। तभी सोनिया जी की चीखें रूक गई और उनकी चूत में उबाल आ गया। फिर क्या था, कुछ ही पलों में सोनिया जी का पानी निकल गया। अब मेरा लंड सोनिया जी के पानी में भीग कर तर-बतर हो चुका था।
“ओह्ह्ह आह्हा सिस आईई ओह्ह्ह रोहित जी आपने तो मेरा पानी ही निकाल दिया।”
“हाँ सोनिया जी, अभी तो और निकलूंगा।”
मैं सोनिया जी को अभी भी ताबड़-तोड़ तरीके से चोद रहा था। मैं लगातार सोनिया जी की चूत के पड़खचे उड़ा रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक सोनिया जी को ऐसे ही चोदा।
अब मैंने सोनिया जी के ब्लाउज के हुक खोल दिए और फिर ब्लाउज को उतार दिया। अब मैंने सोनिया जी की ब्रा खोल उनके बोबों को नंगा कर दिया। मैं सोनिया जी के बोबों पर टूट पड़ा।
तभी मेने सोनिया जी के बोबों को मुट्ठियों में भींच लिया और फिर ज़ोर-ज़ोर से सोनिया जी के बोबों को दबाने लगा। अब सोनिया जी जी दर्द से कसमसाने लगी।
“आईईईईई आईईईईई आह्ह ओह रोहित जी आराम से दबाओ। दर्द हो रहा है।”
“ओह्ह्ह सोनिया जी दबाने दो अहह बहुत मज़ा आ रहा है।”
“ओह्ह्ह रोहित जी धीरे, धीरे, आह्ह ओह्ह्ह मम्मी।”
मैं जम कर सोनिया जी के बोबों को निचोड़ रहा था। सोनिया जी के बोबों को निचोड़ने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। सोनिया जी की तो दर्द के मारे गांड फट रही थी।
“आईईईईई ओह सिसस, आईईईईई आईईईईई।”
अब थोड़ी ही देर में मैंने सोनिया जी के बोबों को बुरी तरह से मसल दिया। अब मैंने सोनिया जी के बोबों को मुंह में दबा लिया और उन्हें जम कर चूसने लगा।
“उँह आह्हा ओह्ह्ह आह्हा।”
आज बहुत मेहनत के बाद सोनिया जी के चूचों को चूसने का मौक़ा मिला था। मैं मिले हुए मौके का जम कर फायदा उठा रहा था। सोनिया जी के टाइट चूचे चूसने की बात ही अलग थी।
“ओह सोनिया जी आह्ह बहुत रसीले है। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है, ऊँह।”
सोनिया जी भाभी जी के पलंग पर आराम से बोबे चुसवा रही थी। मैं तो भूखे शेर की तरह सोनिया जी के बोबे चूस रहा था। इधर मेरा लंड सोनिया जी की चूत की सैर करने के लिए फिर से उतावला हो रहा था। मैं सोनिया जी के खजाने को जम कर लूट रहा था।
अब सोनिया जी एक हाथ से मेरे बालों में हाथ डाल कर उन्हें सहला रही थी। मैं सोनिया जी के बोबों को झटके मार मारकर चूस रहा था।
“ओह्ह्ह रोहित जी, उँह सिसस आह्हा।”
फिर मैंने थोड़ी देर में ही सोनिया जी के बोबों को चूस डाला। अब मैं फिर से सोनिया जी टाँगो में आ गया, और उनको फोल्ड कर दिया। अब सोनिया जी टाँगे पीछे पहुँच चुकी थी। अब मैंने सोनिया जी की चूत में लंड फसाया और फिर सोनिया जी को बजाने लगा।
“आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह ओह मम्मी। आह्ह आह्ह आह्ह।”
“ओह मेरी रानी आह्ह आज तो तेरी चूत की खैर नहीं।”
“ओह रोहित जी। आह्ह पेल लो। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”
मैं पलंग पर खड़ा होकर सोनिया जी की चूत में ताबड़-तोड लंड पेल रहा था। मेरा लंड फूल स्पीड में सोनिया जी की चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। मेरा लंड सोनिया जी की चूत में अब एक-दम तीखा वार कर रहा था। चूत में लंड ठुकाई की आवाजें भाभी जी साफ-साफ सुन रही थी। सोनिया जी मेरे लंड की ताबड़-तोड़ ठुकाई से बुरी तरह से पस्त हो रही थी।
“आईईईई आह्ह आहा आह्ह सिससस्स आह्ह ओह आह्ह ओह सिससस्स।”
“ओह मेरी रानी।”
अब सोनिया जी ताबड़-तोड ठुकाई से बुरी तरह से झल्ला रही थी। मेरा लंड एक-दम सीधा भाभी जी की चूत में खलबली मचा रहा था। अब पलंग और ज्यादा आवाजें कर रहा था। आज तो सोनिया जी की पलंग तोड़ चूदाई हो रही थी।
“ओह रोहित मरर्रर्र गाईईई मैं तो आह्ह बहुत दर्द हो रहा है। अब मत चोद ऐसे।”
“ओह सोनिया जी चोदने दो। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”
अब सोनिया जी भला क्या कहती। वो चुप हो गई। मैं दे दना-दन सोनिया जी की चूत में लंड पेल रहा था। मुझे सोनिया जी को फोल्ड करके चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था। फिर मैंने सोनिया जी को बहुत देर तक फोल्ड करके बजाया।
अब मैंने सोनिया जी को पलंग से नीचे उतार दिया। अब मैं पलंग के किनारे बैठ गया। तभी सोनिया जी समझ गई कि उन्हे क्या करना था? अब सोनिया जी नीचे बैठ गई और मेरे लंड को मसलने लगी।
“आह्हा ओह्ह्ह्ह सोनिया जी।”
भाभी जी उनके कोमल-कोमल हाथों से मेरे लंड को मसल रही थी। सोनिया जी के हाथो में मेरा लंड और ज्यादा फूल गया था। वो अच्छे से मुट्ठी में कस कर मेरे लंड को मसल रही थी। फिर सोनिया जी ने मेरे लंड को मसल कर लाल कर दिया।
“ओह्ह्ह सोनिया जी, आह्हा।”
सोनिया जी ने मेरे लंड को मसल कर मुंह में लिया और उसे चूसने लगी।
“ओह्ह्ह सोनिया जी। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है, अहहा।”
सोनिया जी अब बिंदास होकर मेरे लंड का मज़ा ले रही थी। मैं सोनिया जी के बालों को सम्हाल रहा था। अब सोनिया जी धीरे-धीरे लंड चूसने की स्पीड को बढ़ाने लगी।
“ओह्ह्ह सोनिया जी। आहहा ऐसे ही चूसो मेरा लंड। आहहा बहुत अच्छा लग रहा है।”
सोनिया जी भूखी शेरनी की तरह मेरे लंड पर टूट पड़ी थी। वो जम कर मेरा लंड चूस रही थी। वो उनकी भाभी के सामने ही मेरे लंड का लॉलीपॉप बना रही थी। भाभी जी बिल्कुल पास में ही सो रही थी। सोनिया जी अपने हिसाब से मेरे लंड के साथ खेल रही थी।
“ओह सोनिया जी। आह्ह और चूसो। आह्ह।”
सोनिया जी खूब झटके मार मार कर मेरा लंड चुस रही थी। आज तो सोनिया जी मेरे लंड पर बुरी तरह से टूट पड़ी थी। फिर सोनिया जी ने बहुत देर तक मेरा लंड चुसा। सोनिया जी मेरे काले लंड को लाल कर चुकी थी।
अब मैंने सोनिया जी को उठाया, और उन्हें घोड़ी बनने
के लिए कहा। अब सोनिया जी पलंग को पकड़ कर घोड़ी बन गई। बस फिर क्या था। मैं तो कब से घोड़ी की सवारी करने के लिए तैयार था। अब मैंने सोनिया जी की चूत में लंड रखा, और सोनिया जी की कमर पकड़ कर उन्हें जम कर चोदने लगा।
“आईईईईई ओह आहाहाह आह्ह ओह्ह्ह मम्मी।”
“ओह मेरी घोड़ी, आहहह, आह्ह मज़ा आ रहा है।”
मेरा लंड धमा-धम सोनिया जी की चूत की सैर कर रहा था। सोनिया जी घोड़ी बन कर मेरा लंड ले रही थी। मैं भी घोड़ा बन कर सोनिया जी की चूत में जम कर लंड पेल रहा था। सोनिया जी को घोड़ी बना कर पेलने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरे लंड के झटको से चारपाई चुड़-चुड़ कर रही थी।
“आह्ह आहा अहह आहाहा सिसस्ससस्स उन्ह आज आहाहाह आहाहा आह्ह ओह्ह् रोहित जी आराम से करो ना उन्ह।”
“आराम से ही तो कर रहा हूँ सोनिया जी।”
आज तो सोनिया जी को नानी याद आ रही थी। मुझे तो सोनिया जी को घोड़ी बना कर चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं गांड हिला-हिला कर सोनिया जी की चूत में लंड डाल रहा था। भाभी जी ठुकाई की आवाजें सुन कर बार-बार करवटें बदल रही थी। ऐसा लग रहा था कि भाभी जी की चूत भी लंड मांग रही थी। सोनिया जी की चीखे माहौल को और ज्यादा कामुक बना रही थी।
“ओह्ह्ह रोहित जी। आह्ह सिसस ओहह आह्हा।”
“ओह्ह्ह सोनिया जी। आह्हा।”
“आह्ह्ह रोहित जी बहुत बढ़िया तरीके से पेलते हो आप। बहुत मज़ा आ रहा है आपसे ठुकवाने मे।”
“मुझे भी आपको पेलने में बहुत मज़ा आ रहा है।”
“हाँ रोहित जी खूब मजे ले लो।” तभी मैंने भाभी जी पर पंच मारा।
“हम तो मजे ले रहे है लेकिन भाभी जी तो सूखी ही है। मज़ा तो भाभी जी को भी मिलना चाहिए ना।”
मैं सोनिया जी की जम कर ले रहा था। आज तो बहुत लंबे इंतज़ार के बाद सोनिया जी को बजाने का मौका मेरे लंड को मिल ही चुका था। मेरा लंड फिर से सोनिया जी का पानी निकलने में लगा हुआ था। सोनिया जी भी बढ़िया तरीके से मेरा लंड ले रही थी।”
“ओह्ह्ह्ह आह्हा सिसस हाँ रोहित जी। देदो ना भाभी को भी मज़ा।”
तभी मैंने भाभी जी को हिलाया लेकिन वो कुछ कहने को तैयार नहीं थी। भाभी जी सोने का नाटक कर रही थी।
“वो तो कोई जवाब ही नहीं दे रही है।”
“कोई बात नही रोहित जी। जब भाभी की इच्छा हो तब मजे दे देना उनको। आप तो पहले मेरी खुजली मिटाओ।
“हाँ सोनिया जी।”
तभी ताबड़-तोड़ ठुकाई से सोनिया जी का पानी निकल गया। अब मेरे लंड के झटको से सोनिया जी का पानी नीचे गिर रहा था। मैं सोनिया जी को बजाये जा रहा था। मेरा मोटा तगड़ा लंड सोनिया जी की जम कर खबर ले रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक सोनिया जी को घोड़ी बना कर बजाया।
अब मैंने सोनिया जी को वापस पलंग पर पटक दिया, और फिर से सोनिया जी टाँगे खोल दी। अब मैंने सोनिया जी चूत में लंड फँसा दिया, और उन्हें बाहों में कस कर बजाने लगा।
“आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स आईईईई आईईईई।”
“ओह सोनिया जी बहुत मस्त माल हो आप। आहा बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है आपको चोदने में आह्ह।”
“चोद लो रोहित जी। आह्हा आह्हा आह्हा।”
मैं सोनिया जी के छेद में जम कर लंड पेल रहा था। सोनिया जी का सेक्सी जिस्म अब पसीने में भीगने लगा था।। दीदी मेरी पीठ को सहला रही थी। मैं सोनिया जी चूत में गांड हिला-हिला कर लंड पेल रहा था।
“आहा ओह सिससस्स आह्ह सिसस्ससस्स ओह रोहित जी आहा सिससस्स आह्ह बससस्स ऐसे हो चोद मुझे। आह्ह।”
“हाँ मेरी रानी।”
तभी मैं तगड़े जोश में आ गया और मैंने मेरे लंड के घोड़े दौड़ा दिए। अब मैं जोर-जोर से सोनिया जी को बजाने लगा। तभी ताबड़-तोड़ ठुकाई से पलंग बुरी तरह से चूड़-चूड़ करने लगा। सोनिया जी भी मेरे लंड के वार से फड़फड़ाने लगी।
“आईई आईई आईई ओह्ह्ह रोहित जी आहह आहाहा और जोर-जोर से आहह आहह आईई।”
“ले साली और जोर से।”
आज मेरा लंड सोनिया जी की चूत की आग को भड़का चुका था। मैं सोनिया जी की चूत में दे दना-दन लंड पेले जा रहा था। लेकिन सोनिया जी की चूत की आग शांत नही हो रही थी।
कहानी जारी रहेगी……..
जो भी भाभी,आंटी या लड़की खुद को अकेली महसूस कर रही हों तो मेल करें –
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