शीला की जवानी-13

अब ज्योति और शीला दोनों एक दूसरे के सामने चुदाई करवाने लग गयी थी। रात को मैं ऊपर चला जाता, चुदाई करता और थक कर नीचे आ कर सो जाता।

दो रातों की चुदाई के बाद जब अगली सुबह ज्योति मिली तो बोली, “जीते, कल रात को ख़ास प्रोग्राम है, तैयार रहना।”

ख़ास प्रोग्राम? ज्योति के घर तो मेरा आम या ख़ास एक ही प्रोग्राम होता था, चुदाई का प्रोग्राम। ख़ास प्रोग्राम सुनते ही पहले तो मेरे लंड में हरकत हुई। फिर मैंने लंड को पैंट में ठीक से बिठाते हुए ज्योति से पूछा, “ख़ास प्रोग्राम? क्या मतलब भरजाई?”

ज्योति बोली, “कल मेरे बॉस संधू साहब बीवी नैंसी समेत डिनर पर आएंगे। तुझसे भी मिलवाउंगी दोनों को। मस्त है संधू साहब।” और फिर धीरे से बोली, “शीला भी होगी।”

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