मेरे बचपन का प्यार रूबी – भाग 4 – दूसरा दिन बुधवार, रूबी की चुदाई के किस्से
चुदाई के वक़्त जब मर्द ऊपर लेटता है या जब बाहों में भींचता है, कमर को पकड़ कर धक्के लगाता है उसका भी तो अपना मजा है”।
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चुदाई के वक़्त जब मर्द ऊपर लेटता है या जब बाहों में भींचता है, कमर को पकड़ कर धक्के लगाता है उसका भी तो अपना मजा है”।
जब सरोज की गांड का छेद मुलायम हो गया तो सरोज ऊपर से उठ गयी और बंटी से बोली, “चल अब पीछे से गांड मार, अब चला जाएगा अंदर I
“थोड़ा रोक के रख, इतनी जल्दी झड़ेगा क्या ? शादी बाद बीवी की चुदाई के वक़्त इतनी जल्दी झड़ गया तो तेरी बीवी तुझे छोड़ तेरे बाप के साथ चुदाई करेगी”।
Rahul ko main ek cousin ki shadi mein mili thi. Hum dono uski car mein ghumne chale gaye the aur fir car mein hi chudai ki.
गाड़ी ने आज लम्बा सफर तै करना था इस लिए इधर उधर की चूसा चुसाई ऊंगलीबाजी में वक़्त नहीं बर्बाद किया जा सकता था.
आज घर में तीन गायें थी और एक सांड। गायों ने एक दूसरी की फुद्दी गांड चाट चाट कर तस्सली कर ली थी I पर अगर सांड मस्ती में आ गया तो?
मैं जा कर सोफे पर बैठ गयी और पति पत्नी कि चुदाई देखने लगी। एक हाथ मेरा मेरी चूत को मसल रहा था। “गीली हुई पड़ी थी और मुझे तो थोड़ी फूली भी लग रही थी”
रजनी उकडू होकर उलटा लेट गयी और गांड उठा दी। अब मैंने उसके चूतड़ खोले,गांड का छेद लाल भी था और थोड़ा सी सूजन भी थी।
मामा ने इसके बाद मेरी गांड का उदघाटन भी कर डाला. अब वो मुझे दोनों तरफ से बजाते थे. मुझे भी बिना चुदे चैन नहीं मिलता था. मेरी चूत लंड-लंड करने लगी थी.
चुदाई की आवाजें भी सुनी जा सकती थी फच….. फच…… फच….. । गीली चूत पर लंड का अंतिम सिरा टकराता था तो आवाज़ आती थी फच….. फच….. फच…।