मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-7

पिछला भाग पढ़े:- मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-6

मैंने चिट्ठी 3-4 बार पढ़ी। मुझे विश्वास नहीं हुआ कि कोई औरत इतना गंदा लिख सकती है। अपने बेटे से इस तरह खुल्लम-खुल्ला चुदवाने की बात कर सकती है। अब मैं जल्दी से जल्दी अपनी मां की बूर में लंड पेलना चाहता था। जी तो कर रहा था कि रेखा के घर जाकर उसे खूब चोदू, लेकिन प्रैकटिकल क्लास थी। फिर मैं रुम बंद कर क्लास में चला गया।

क्लास ख़त्म होने के बाद डरते-डरते मैं अरविंद सर के केबिन में गया। उन्होंने मुझे सामने बैठने के लिए कहा। मैं डर रहा था कि सर क्या पता क्या पूछेंगे, और मैं क्या बोलूंगा। लेकिन उन्होंने ने जो पूछा उसके लिए मैं तैयार नहीं था।

अरविंद: 2 साल पहले एक लड़के ने रेखा को एक लाख देकर चोदना चाहा था। लेकिन रेखा ने मना कर दिया था। तुमने कितना देकर रंडी को चोदा?

मुझे लगा कि रेखा ने चुदाई की बात अपने पति को बता दी थी। लेकिन सर की बात सुन कर मुझे बहुत ग़ुस्सा आ गया।

मैं: सर, मेरी रेखा रंडी नहीं है। आपके साथ उसने ईमानदारी से 12 साल साथ निभाया और आप घर की नौकरानी और कॉलेज की लड़कियों को चोदते हैं। मुझे रेखा बहुत पसंद है। मैंने उसे एक पैसा भी नहीं दिया। मैं रेखा को बहुत प्यार करता हूं। सर, मुझे रेखा को प्यार करने से मत रोकिए।

मुझे भी समझ में नहीं आया कि मुझमें इतनी हिम्मत कहां से आ गई। शायद रेखा की चुदाई और मां की चिट्ठी पढ़ कर मुझमें इतनी हिम्मत आ गई। सर थोड़ी देर मुझे घूरते रहे।

अरविंद: जी तो करता है कि तुम्हें कॉलेज से निकलवा दूं। रेखा को रेप करने के जुर्म में जेल भिजवा दूं। लेकिन उस कुतिया को तू बहुत पसंद आ गया है। लेकिन ये बात कि रेखा तुमसे चुदवाती है, किसी को भी मालूम हुई तो फिर तुम्हारे लिए मुझसे बुरा कोई और नहीं होगा। रेखा की बदनामी नहीं होनी चाहिए। अगले रविवार को लंच हमारे साथ लेना।

रेखा को रात भर चोद कर जितना मज़ा आया था, उससे ज़्यादा मज़ा ये देख कर आया कि रेखा का पति हमारे अरविंद सर मुझसे नाराज़ नहीं थे। मैंने उठ कर सर के दोनों फ़ीट को छूकर प्रणाम किया। अरविंद ने मेरे माथे पर हाथ रख कर आशीर्वाद दिया, “सदा सुखी रहो”।

मैं: सर, मैंने रेखा को चोदा हैं। लेकिन अब से आपके सामने भी और दूसरों के सामने भी रेखा को “मां” बोलूंगा।

अरविंद ज़ोर से हंसा।

अरविंद: जिसे चोद लिया है उसे मां बोलोगे! मुझे भी मां-बेटे की चुदाई देख कर बहुत मज़ा आयेगा। अब जब हम चुदाई की बात कर रहे हैं तो तुझे एक बात बताता हूं। अपनी मां को नंगा देख कर, उसे चोद कर, उसे दूसरों से चुदवाते देख कर जैसा मज़ा आता है,‌ वैसा मज़ा कोई और कुतिया नहीं दे सकती है। अपनी मां को चोद लिया? उसे चोदना चाहते हो?

अरविंद सर हमें फिजिक्स पढ़ाते थे। बढ़िया टीचर थे। देखने में भी बढ़िया मर्दों वाली पर्सनेलिटी थी। तभी तो कम उम्र की लड़कियां बहुत ही जल्दी उनसे पट जाती थी। सर से चुदवाती थी। मैंने उनकी बहुत ही खूबसूरत पत्नी की चोदा, यह जान कर भी वो मेरे साथ चुदाई की बात कर रहे थे।

मैं: झूठ नहीं बोलूंगा। पहले तो नहीं, लेकिन पिछली रात रेखा मां को चोदने समय पहली बार अपनी मां को भी चोदने का ख़्याल आया। आपने उन्हें देखा होगा। मेरी मां इन्दिरा और मेरी छोटी मां रेखा एक जैसी ही दिखती है। रेखा को देख कर ही मुझे अपनी मां की ज़्यादा याद नहीं आती थी। सर अगर मौक़ा मिला तो अपनी मां को ज़रूर चोदूंगा। आपने अपनी मां को चोदा है?

मेरी बात सुन कर सर दुखी हो गये।

अरविंद: नहीं यार, जब तक ज़िंदा रही उसकी खुशामद करता रहा लेकिन साली ने चोदने नहीं दिया। मेरे सामने नंगी रहती थी, चूची चूसने देती थी, बूर सहलाने देती थी, मेरा लंड सहलाती थी, लेकिन जब चोदने की बात करता था, तो मेरे सामने घर के जवान माली से चुदवाती थी।

मैं: सर, आपकी घरवाली रेखा मां मेरी पहली औरत है। आपने सबसे पहले किसको चोदा?

अरविंद: अपनी बायोलॉजी की टीचर को। क़रीब 4 साल उसे चोदता रहा। फिर घर में जितनी नौकरानी या नौकर रहते थे, उनके घरों की औरतों को चोदता था। मेरी शादी हुई थी रुबी से, लेकिन सुहागरात मनाया उसकी छोटी बहन रेखा से। रेखा से पहले मैं सात माल को चोद चुका था। इस कॉलेज में 14 साल से हूं। घर में जितनी नौकरानी काम करने आई, सभी को चोदा। उसके अलावा मैंने ध्यान दिया है कि कम उम्र की लड़कियां बहुत जल्दी पट जाती है।

मैं: हम लड़कों को भी आपकी पर्सनेलिटी बहुत पसंद है।

अरविंद: नाम मत पूछना, अभी जितनी लड़कियां कॉलेज में पढ़ रही हैं उनमें से मैं पांच को चोद रहा हूं। तीन दिन पहले संगीता को पहली बार चोदा। अमित, रेखा बहुत सुंदर हैं। लेकिन संगीता जैसी बढ़िया चूची और जांघ बहुत ही कम माल की होती है। तुम भी कोशिश करो शायद संगीता तुमसे चुदवा ले। वैसे रचना तुम्हें बहुत पसंद करती है। अमित, रेखा को चोदते रहना है तो उसे कभी बदनाम मत करना। रविवार को दिन का खाना हमारे साथ खाना।

मैं खड़ा हो गया।

मैं: सर, रेखा के साथ प्यार करने का मौक़ा देकर आपने मेरे उपर सबसे बड़ा उपकार किया है। रेखा की चुदाई की कीमत नहीं लेकिन सर आपको कभी मेरी ज़रूरत हो तो बोलिएगा। रेखा को मैं एक गहना देना चाहता हूं। उन्हें क्या पसंद है?

अरविंद: अपनी छोटी मां से ख़ुद ही पूछ लेना। संगीता को पटा कर चोदो और मुझे बताओ कि रेखा बढ़िया रंडी है या संगीता। परसों संगीता को चोदा था लेकिन साली कुंवारी नहीं थी। किसी और से भी चुदवा रही है। अभी जाओ नाश्ता करो।

मैं केबिन से बाहर आ गया। मैं हद से ज़्यादा खुश था। अरविंद सर ने रेखा को चोदते रहने की प्रमीशन देदी थी। कैंटीन में जा कर नाश्ता किया, चाय पिया, और दोस्तों के साथ समय गुज़ारा।

रात के खाना के बाद 11 बजे रात तक पढ़ाई की। मां की चिट्ठी को बार-बार पढ़ा, और मैंने मां को जवाब लिखा। मैंने चिट्ठी की शुरुआत की।

“ दुनिया की सबसे प्यारी बूर की मालकिन को बेटे के घोड़े जैसे लंबे और मोटे लंड का बहुत-बहुत प्यार “

इसके आगे की कहानी अगले पार्ट में।