पिछला भाग पढ़े:- मामा के घर जाके श्रेया के साथ पहला सेक्स-2
श्रेया बोल भी नहीं रही थी तो मैं ही उससे बोला-
मैं: क्या हुआ श्रेया?
तो वो बोली: आप मुझे भी गन्दी लड़की समझ के ही ये सब किये ना?
मैं उसका हाथ पकड़ लिया अपने हाथ में, और चूम लिया।
फिर बोला: नहीं श्रेया, मैंने ऐसा कब बोला कि तुम गन्दी हो? जब से तुम मुझे दिखी हो, तब से तुम्हें पसन्द करता हूं। वरना मैं कब का चला गया होता वापस अपने घर।
तो वो अब मुझे नजर मिला के देखने लगी। मुझे उसपे अब प्यार आ गया, और मैं उसके होंठ चूम लिया। वो भी मेरा हाथ जोर से पकड़ ली। फिर मैं उसे लेके बेड पे लेट गया। उसने कोई इनकार नहीं किया, और अब उसके होंठों को चूसने लगा। मैं कभी उसके गाल चूसता, तो कभी होंठ।
वो भी चूसने लगी थी मुझे। मैं अपने एक हाथ से उसकी लेगी के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा। वो अपनी टांगे खोल दी क्योंकि मालिश करते-करते पहले ही वो काफी उत्तेजित हो चुकी थी, और इसके आगे के बारे में वो सोच ली होगी।
मैं ऊपर से 5 मिनट तक सहलाते-सहलाते अब हाथ उसकी अंडरवियर में डाल के जैसे ही चूत पे ले गया, वो मेरा हाथ पकड़ ली।
वो बोली: प्लीज़ नहीं।
तो मैं बोला उसके कान में: कुछ नहीं होगा श्रेया, डरो नहीं, भरोसा करो।
तो उसने हाथ हटाया अपना। मैं अंदर से अब जब चूत सहलाया, तो वो पागल हो गई कसम से। पूरी चूत उसकी गीली हो चुकी थी, और वो मदहोश होती जा रही थी।
मैं महसूस किया कि उसने धीरे से मेरे लिंग पे हाथ लगाया। तो मैं समझ गया कि उसे भी मन था लिंग के साथ मस्ती करने का। फार मैं अपना लोअर चड्डी सहित नीचे खिसका दिया। वो शर्मा के आंखे बंद कर ली, और मेरे लिंग को कस के पकड़ ली अपने हाथ से। मुझे जन्नत मिल गई हो ऐसी फीलिंग आने लगी।
मैं उसकी चूत सहला रहा था, और वो मेरे लिंग के साथ खेलने लगी।
10 मिनट ऐसे ही सब चलता रहा। फिर मैं उठा और उसको पूरे कपड़े उतारने को बोला। वो उठी और आंख बंद किये-किये ही अपनी टी-शर्ट निकाली, और ब्रा खोलने लगी। तो मैं पीछे से हेल्प किया। मैं नीचे से उसकी लेगी व चड्डी पूरी खींच के निकाल दिया। अब वो मेरे सामने बेड पे पूरी नंगी लेटी थी।
मेरी भी बर्दाश्त के बाहर हो रहा था। मैं भी सारे कपड़े उतार के बेड पे आके लेट गया उससे चिपक के, और प्यार से चूमने लगा उसके बूब्स को। उसके निप्पलों को नोचते-नोचते लाल कर दिया, और 10 मिनट तक मैं उसके निप्पलों से खेलता रहा। कभी मुंह में लेके चूसता, तो कभी जीभ से दोनों निप्पल छूता। कभी दांतो से निप्पल काट लेता। उसे सब अच्छा लग रहा था।
मेरा लिंग मैं उसकी जांघ पे लगातार रगड़ रहा था। थोड़ी देर बाद मैं उठा, और उसकी कमर के नीचे एक खराब चादर मोड़ के लगा दी। फिर एक तेल की शीशी लेके आया, और उसकी चूत पे ऊपर से तेल गिराने लगा। वो सिसकने सी लगी जैसे मजे में।
अब मैं हाथ से उसकी चूत पे तेल मलने लगा, और पेट पे भी, और तेल लेके उसकी चूचियों पे भी लगाने लगा। वो मदहोश होकर लेटी रही। मैं सारे मजे देता रहा। फिर थोड़ा सा तेल मैं भी अपने लिंग पे लगाया, और अब उसके ऊपर आके उसकी चूत पे सटाने लगा। वो अपने पैर और खोल दी जोश में।
मैं समझ गया कि चूत उसकी इतनी गर्म थी कि अब लिंग अंदर लेने का मन था उसका। तो मैंने देर ना करते हुए अपना लिंग एक झटके में उसकी चूत में घुसा दिया। वो मेरे लिंग को पकड़ ली उसको इतना दर्द हुआ, पर मैं आराम-आराम से उसको चोदना शुरु किया तो 5 मिनट बाद वो हाथ हटा ली।
तेल इतना लगा दिया था कि लिंग आराम से चूत में सरक-सरक के उसको मजा दे रहा था। मुझे भी मस्त लग रहा तेल के साथ चोदने में। मैंने अब दोनों हाथ से उसकी चूचियों की मालिश और चुदाई एक साथ शुरु की। वो बस जोर-जोर से आहें भर रही थी।
सब भूल गई थी वो क्या अच्छा क्या बुरा। कोई आ भी जाता तो कोई फर्क ना पड़ता उतने समय। 15 मिनट तक जोर-जोर चोद-चोद के उसको पागल कर दिया मैंने। अचानक वो मुझे कस के दोनों हाथों से पकड़ ली पीठ पे। तब मैं समझ गया कि वो झड़ रही थी। मैं अब हल्के-हल्के से अंदर-बाहर करने लगा तांकि मजा आ जाये भरपूर उसे।
हमसे पहले ही उसने झड़ के अपना पूरा पानी चादर पे छोड़ दिया। फिर भी मैं लगातार झटके मार-मार के चोदना बन्द नहीं किया। उसके झड़ने के बाद 5 मिनट चोदने के बाद मेरा भी झड़ने वाला था, तो मैं बोला-
मैं: श्रेया मेरा भी निकलने वाला है।
तो वो बोली: अंदर ही गिरा दो।
तो मैं और जोर से चोदने लगा
करीब 5 मिनट बाद मैं भी पूरा पानी उसकी चूत में छोड़ दिया।
दोस्तों सच में तेल लगा कर चोदने में पानी बहुत ज्यादा निकलता है। कभी आप सब भी करके देखना।
फिर दोनों पूरी तरह से झड़ने के बाद भी आधे घण्टे तक एक-दूसरे को चूमते-चाटते लेटे रहे वैसे ही नंगे।
फिर वो अचानक से उठी और बोली: लड़कियां नहीं आज से ये जान लो मेरी बात कि लड़के ही गन्दे होते हैं सबसे ज्यादा।
मेरी हंसी निकल गई। मैंने भी हां में सिर हिला दिया कि ठीक है श्रेया मान लिया मैं। गर्मी इतनी हो रही थी कि क्या कहें। फिर दोनों साथ में बाथरूम में गए, और एक-दूसरे को साबुन लगा लगा के नहलाये। नहाते-नहाते भी 15 मिनट बाद फिर से दोनों के जोश में आने पे फिर से वहीं पे उसे डॉगी स्टाइल में चोदने लगे। वो मना नहीं कर पाई। 15 मिनट बाद फिर से हम दोनों झड़ गए।
वो बहुत खुश लग रही थी चुदने के बाद से। उसको भी मजा आया आज पूरा। फिर हम 2 घण्टे साथ में सोये चिपक के नंगे ही। 5 बजे उठ के जब वो कपड़े पहन के घर जाने लगी, तो मैं फिर से उसे रोक के चूमने लगा, और जोश में लाके फिर से पूरे कपड़े उतार के तीसरी बार भी चोद-चोद के झड़े दोनों।
फिर वो चली गई बोली कि भाभी ने चिल्लाए कहीं, तो मैंने जाने दिया। आज भी उसके साथ के सेक्स को मैं भूल नहीं पाया।
बताओ दोस्तों कैसी लगी मेरी आज की स्टोरी?