पिछला भाग पढ़े:- मामा के घर जाके श्रेया के साथ पहला सेक्स-1
दोस्तों वहां पे एक बेड था जिसका बिस्तर फोल्ड करके रखा था। क्योंकि वहां सोने कोई नहीं जाता था। और 4 कुर्सियां थी। बाकी स्टोर रूम तो था ही। काफी सामान पड़ा था फालतू वाला। जगह काफी थी कमरे में।
वहां कमरे में गए तो श्रेया बोली: यहां क्या है ऐसा कि लड़कियां गन्दी होती है?
मैं बोला: बस 15-20 मिनट रुको, दिखाता हूं।
और उसको मैं कुर्सी पे खिड़की के पास बिठा दिया। उसे भी मेरे साथ रहना पसंद था, तभी वो दोपहर में आने के बाद शाम को ही जाती थी वापस। घर में भाभी भी उसकी मना नहीं करती थी, क्योंकि दोनों परिवार में अच्छा चल रहा था सब कुछ।
वो मेरे सामने बैठी थी। मैं उससे नज़रें चुरा के उसकी कमर या उसकी बूब्स देख लेता था, जो टी-शर्ट से कुछ-कुछ बाहर दिख रहे थे। उसकी टी-शर्ट थोड़ी छोटी थी, तो उसकी कमर आराम से दिख रही थी। पर वो मुझे ये सब देखते नहीं देख पा रही थी।
मेरे मन में अब उसके लिए गन्दी फीलिंग आनी शुरु हो गई थी। खैर 10 मिनट बाद ही एक लड़की आई और नल के पास सारे कपड़े निकालने लगी। और ब्रा चड्डी में आ गई।
मैं उसे दिखाया और बोला: देखो नीचे अब खिड़की से।
फिर उसने जैसे ही देखा, वो उसको रोकने के लिए बोलने ही वाली थी कि मैं उसका मुंह दबा लिया।
मैं बोला: प्लीज़ नहीं श्रेया, बोलोगी तो ये लोग शिकायत करेंगी मामा से। बाद में फिर अच्छा नहीं होगा।
तो वो समझ गई, लेकिन गुस्से में बोली: आप क्यों आते हो इनको देखने? ये गन्दी लड़कियां है सच में। चलो नीचे आप प्लीज़, मुझे नहीं रुकना यहां।
वो जाने लगी तो मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया दोनों हाथों से। मेरे दोनों हाथ उसकी कमर पे थे, और वो अपने हाथ से छुड़ाने की कोशिश करने लगी। पर मैं नहीं छोड़ा।
वो बोली: मैं मामी से बता दूंगी, नहीं तो छोड़ दो।
तो मैं छोड़ दिया। वो नीचे चली गई। मैं उसे जाते रोक नहीं पाया। फिर मैं वही दरवाजे पे रुक के उसका इंतजार करने लगा कि शायद वापस आये। 5 मिनट बाद मैं भी नीचे गया, तो वो मुझे गुस्से में लग रही थी। मैं सॉरी बोला श्रेया से।
तो वो बोली: प्रॉमिस करो आज से नहीं जाओगे उन सब को देखने।
तो मैं मान गया। फिर वो ठीक है बोल के फिर चुप होकर बैठी रही। मेरी समझ में नहीं आया क्या बोलूं अब।
फिर अचानक से वो बोली: आप मुझे इतनी जोर से पकड़े, क्यों?
मैं बोला: उसके लिए भी सॉरी।
तो 5 मिनट बाद वो चुप-चाप लेट गई बेड पे। इससे उसकी टी-शर्ट और ऊपर हो गई, क्योंकि उसने दोनों हाथ अपने ऊपर किये थे लेटने के बाद, और मुझे देखने लगी लेटे-लेटे। 2 मिनट बाद अपने एक हाथ उसने पेट पे रखे और बोली-
श्रेया: खाना खा के आई थी, इतना जोर से पकड़े कि पेट में दर्द होने लगा।
मैं बस चुप-चाप उसको देख सुन रहा था। फिर धीरे से मैं 3-4 बार सॉरी बोलते-बोलते अपना एक हाथ उसके पेट पे रख दिया।
मैं बोला: श्रेया प्लीज़ मामी से नहीं बोलना, मैं आयोडेक्स लगा देता हूं।
तो वो कुछ बोली नहीं। इससे थोड़ा भरोसा हुआ मुझे उस पर, और मैं अंदर जाके आयोडेक्स लाया। वो बस मुझे घूर रही थी। मैं उससे नजर नहीं मिला रहा था, बस आयोडेक्स उंगली में निकाल के उसकी कमर और पेट पे लगाया।
फिर धीरे-धीरे से मालिश करने लगा। मैं देखा वो अपनी आंख खोल बन्द कर रही थी। जब नजर मिल जाती थी तो बन्द कर लेती थी।
शायद उसे भी मजा आ रहा था, बस बोल नहीं पा रही थी। मैं थोड़ा सा और आयोडेक्स निकाल के हल्का सा टी-शर्ट ऊपर किया, और पूरे पेट पे लगाने लगा। तो उसकी सांसे तेज तेज चलने लगी।
मैं बोला बीच में कि: दर्द कुछ कम हुआ?
तो बोली: नीचे है दर्द अभी तो।
मैं फिर हाथ पेट के निचले हिस्से में ले गया और मालिश करने लगा। मैं जान बूझ के अब एक-दो उंगली उसकी लेगी के अंदर तक डाल के मालिश करने लगा। वो कुछ बोल नहीं रही थी, बस आंख बंद किए लेटी रही। उसे बहुत मजा आ रहा था, ये मैं समझ चुका था।
मैं मालिश करते-करते उसकी चूत जो कि लेगी में एक-दम चुस्त चिपकी थी, उसको निहार रहा था। क्या बताऊं मेरा क्या हाल था बस मालिश करते-करते। 5 मिनट बाद वो पेट के बल लेट गई तो मैं समझ गया कि पीछे कमर में मालिश करवाना चाहती थी।
अब मैं ढेर सारा आयोडेक्स निकाल के पहले उसकी लेगी को थोड़ा हल्का सा नीचे सरका दिया। जिससे कि उसकी गांड की गहराई अब 2 इंच तक दिखाई देने लगी।
मैं अब जोर-जोर से उसकी कमर पे मालिश करने लगा। जितनी बार नीचे हाथ ले जाता, उतनी बार थोड़ी-थोड़ी करके उसकी लेगी को उसकी गांड के नीचे खिसकाता जा रहा था। वो कुछ नहीं बोल रही थी, तो मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही थी। तभी मैं नीचे झुक के उसकी गांड में एक किस कर लिया। फिर एक झटके में पूरी लेगी नीचे कर दिया, और नंगा कर दिया।
वो तकिया में खुद का मुंह छिपाए थी। शायद शर्म आई होगी। वो जानती थी कोई ये सब कभी नहीं जान पायेगा जो हो रहा था, और मामी भी रात में आयेगी, तो कोई डर भी नहीं था। इसीलिए वो पूरा मजा भी लेना चाहती थी।
मैं बेड से नीचे आ गया, और उसकी गोरी गोरी गांड को देखने लगा। काफी टाइट और सेक्सी गांड थी सच में। वो लेटी रही वैसे ही, तो मैं उसके गांड को फैला के देखने लगा। तो पीछे से ही उसकी गुलाबी चूत के दर्शन हो गए। मेरा लिंग कसम से उफान मारने लगा था। मेरा बस चलता तो तुरंत पीछे से उसके ऊपर खुद को नंगा करके चढ़ के उसकी गांड में ही अपने लिंग को डाल के झाड़ देता।
पर मुझे उसे भी पूरा मजा देना था, इसलिए खुद पे कंट्रोल किया। इसीलिए मैं बाथरूम गया और सुसु करके आया तो देखा कि वो अब उठ के अपनी लेगी ठीक करके बेड पे बैठी थी। मैं जब वापस आया तो नजर नहीं मिला पा रही थी।
कहानी जारी रहेगी।
अगला भाग पढ़े:- मामा के घर जाके श्रेया के साथ पहला सेक्स-3