मेरी कॉलेज में एक शिवी नाम की गर्लफ्रेंड थी, पर कॉलेज के जमाने के प्यार कहा ही चलते है। कॉलेज खतम होने की 3-4 साल बाद एक दिन उसका कॉल आया ये बताने के लिए कि उसके लिए लड़का पसंद कर लिया गया था, और उसकी शादी होने वाली थी।
हमारी कभी-कभार बीच-बीच में बात हो जाती थी, जन्मदिन या कोई त्योहार की बधाई देने के लिए। कॉलेज के बाद भी हम ऐसे दोस्त थे जो कि कभी-कभार कुछ बातें शेयर कर लेते थे। उसकी शादी की खबर सुन कर मैंने उससे कहा-
मैं: ये तो खुशी की बात है, बैचलर्स पार्टी चाहिए मुझे तो।
उसने कहा: वो तो तुझे देनी चाहिए।
मैंने भी कह दिया: ठीक है, फिर अगले हफ्ते ही कुछ करते है।
वो पुणे में रहती थी। मैंने झट से पुणे जाने का प्लान बनाया। वहा से लोनावाला में एक विला भी बुक कर दिया। और ये सब करने के बाद उसे बताया-
मैं: अब प्लान हो गया है। तू बता तुझे दारू और जो भी चाहिए हो सब रेडी हो जायेगा।
वो बोलने लगी: तू पागल है क्या? बुक भी कर दिया?
मैंने कहा: अब तो हो गया है, चल नहीं तो अब पैसा वेस्ट हो जायेगा। और वैसे भी शादी के बाद कैसी झंड जिंदगी हो क्या पता। अभी मजे कर ले।
फिर वो मान गई: अच्छा चल ठीक है।
मैं अगले हफ्ते पुणे पहुंच गया। और उसे लेकर वहा से लोनावाला निकल गया। जब पहुंचने वाले थे, तब मैंने उसकी आखों पर पट्टी बांध दी, और हाथ पकड़ कर विला तक ले गया। वहा जाकर मैंने उसकी आंखे खोली। तो वो इतना अच्छा विला और व्यू देख के बहुत खुश हो गई।
वो कहने लगी: यार तूने इतना खर्चा क्यूं करा?
मैंने कहा: तेरी शादी है, ऐसे सूखे-सूखे थोड़ी होने दूंगा।
ये कह कर उसे उठा कर पूल में फेंक दिया। और फिर खुद भी कुद गया।
उसने कहा: ये क्या कर दिया, मैं और कोई कपड़े नई लाई थी।
मैंने कहा: कोई बात नहीं, मैं लाया हूं तेरे लिए परफेक्ट ड्रेस।
फिर हम पूल से बाहर निकले और मैंने उसे बिकिनी देते हुए कहा: अभी तो तू ये पहन ले।
शिवी: मैंने कभी इतनी छोटी बिकिनी नहीं पहनी।
राजू: तो क्या हुआ? ये तो प्राइवेट विला है, और हम दोनों ही है। इसके बाद तो तुझे अपने पति के सामने नंगा होना ही पड़ेगा।
उसके पास चारा भी तो नहीं था, वो जा कर छोटी सी बिकिनी पहन आई। वो इतनी छोटी थी कि बस उसकी चूचियों को ही छिपा पा रही थी। बाकी तो उसके पूरे बोबे दिख रहे थे। और बस डोरी ही डोरी थी। नीचे भी बस उसकी चूत ही छुप पा रही थी। बाकी सब दिख रहा था। पीछे से भी बस गांड के गद्दे से एक डोरी जा रही थी।
राजू: बहुत सुंदर लग रही है। तेरा पति बहुत ही किस्मत वाला है (अपना लंड एडजस्ट करते हुए)।
शिवी: कुछ भी। ये इतनी छोटी बिकिनी कौन लाता है?
राजू: तुझ पर बहुत सेक्सी लग रही है। तू इतनी सुंदर है, गोरी चिट्ठी, तुझे ज्यादा ढकने की जरूरत ही नहीं है। ऐसे ही सुंदर है तू तो। चल अब पूल में चलते है।
शिवी: तू तो चेंज कर ले।
राजू: हां मैं भी करता हूं। (अपने बैग में कपड़े टटोलते हुए)
राजू: ओह यार!
शिवी: क्या हुआ?
राजू: मैं अपना स्विमिंग ट्रंक तो लाना ही भूल गया।
शिवी: अब क्या करेंगे?
राजू: कोई बात नई तेरी पार्टी खराब नहीं करेंगे, मैं ऐसे ही आ जाता हूं
(अपने कपड़े उतारते हुए)।
मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए, और लास्ट में अपनी चड्डी जैसे ही उतारी, तो मेरा मोटा लंबा कड़क लंड उसमें से बाहर निकला।
शिवी: ये क्या है? ये खड़ा क्यूं है?
राजू: तूने खुद को आईने में नई देखा क्या? तेरा ये गोरा बदन देख कर ही खड़ा हुआ है मेरा ये लंड।
मैं उसके पास गया, और उसको पकड़ कर पूल में ले गया। उसका ध्यान मेरे लंड पर ही था। हम दोनों पानी में मस्ती करने लग गए। मेरा लंड बार-बार उस पर रगड़ रहा था। कभी उसकी गांड में तो कभी उसकी चूत पर। मैं अपने दोनों हाथ से कभी उसकी कमर पकड़ रहा था, तो कभी उसकी गांड।
फिर जब मैंने देखा कि वो अभी ज्यादा मना नहीं कर रही थी, और अब उसको भी मजा आ रहा था, मैंने अपने दोनों हाथ से उसके बूबे दबा लिए। फिर उनको भोंपू को तरह बजाने लगा। मैं उसके बूबे मसलते हुए उसके गले और कंधे पर चूमने लगा। वो मेरी बाहों में सिसक रही थी। उसकी गांड मेरे लंड पर रगड़ रही थी। मुझसे और काबू ना हुआ। मैं पूल के किनारे निकल कर बैठा, और उसे अपनी तरफ खीच कर लंड चुसवाने लग गया।
शिवी पूल में से मेरा लंड चूस रही थी। मैं उसका सिर पकड़ कर आगे-पीछे हिला रहा था, और अपने लंड को शिवी के गले तक अंदर घुसा रहा था। फिर थोड़ी देर तक उसके सुंदर चेहरे को चोदने के बाद मैं वापिस पूल में कूद गया। फिर उसे पूल की दीवार से सटा कर चोदने लग गया।
शिवी: राजू ये क्या कर रहा है? मेरी शादी होने वाली है।
राजू: तब ही तो चोद रहा हूं। फिर पता नहीं कब तेरी ये गांड तोड़ने का मौका मिले।
मैं शिवी को जोरदार तरीके से चोदने लगा। शिवी की चीखे निकला रही थी। मैंने उसका सिर पानी में डुबा कर चोदना शुरू कर दिया। पानी के अंदर शिवी को चीखे दब गई थी। मैं उसे हर थोड़ी देर में उपर निकलता। जैसे ही वो सांस लेती, उसे वापिस पानी में डुबा कर चोदने लगता। काफी देर तक ठुकाई करने के बाद मैंने उसे छोड़ा।
वो पूल से बाहर निकलने लगी। मैं भी उसके पीछे गया, और पूल के बाहर जमीन पर लिटा कर चोदना शुरू कर दिया। उसकी टांगे मेरे उपर लिपटी हुई थी। और मैं उसे घपा-घप झटके दिए जा रहा था। काफी देर तक चुदाई करने के बाद मैं उसके उपर बैठ गया, और अपना लंड उसके बोबों के बीच रगड़ने लगा। उसके नरम मुलायम बूबे मेरे लंड पर दबते हुए काफी अच्छे लग रहे थे।
थोड़ी देर तक रगड़ने के बाद मेरी पिचकारी छूटने वाली थी। मैंने अपना लंड झट से उसके मुंह में डाला और अपना सारा पानी उसके मुंह में छोड़ दिया। शिवी का पूरा मुंह सफेद-सफेद झाग से भरा था। वो ठस्के लेकर अपने मुंह से मेरा स्पर्म निकाल रही थी।
इसके बाद वो उठ कर बाथरूम गई, और खुद को साफ करने लगी। वो अंदर ही थी। इतने में घंटी बजी और दो लड़कियां आई। मैंने शिवी की मालिश करने के लिए 2 लड़कियां मंगाई थी। शिवी जैसे ही बाहर आई वो एक-दम से बोली-
शिवी: ये कौन है?
मैंने कहा: तू आराम कर, ये तेरी मालिश करेंगी।
शिवी को उल्टा लिटा दिया और वो लोग शिवी की मालिश करने लग गए। मैंने शिवी के दोनों हाथ और पांल बांध दिए। शिवी डर गई थोड़ा।
शिवी: ये क्या कर रहा है?
राजू: डर मत, मालिश का मजा ले। मैं तो बाहर जा रहा हूं।
ये कह कर में बाहर आ गया। और वो भी थोड़ी देर में शांति से मालिश के मजे लेने लग गई। मैंने कॉलेज के ज़माने के शिवी के सारे आशिकों को बुला रखा था, जो कि शिवी को नहीं पता था। एक-एक करके वो अब आ गए। मैंने धीरे से मालिश वाली लड़कियों को इशारा करा कि तुम्हारा काम हो गया। उन्होंने शिवी की आखों पर पट्टी लगाई, और कहा कि थोड़ी देर आराम करो।
इतने में हम सब लौंडे अपना-अपना हथियार निकाल कर शिवी को घेर कर खड़े हो गए। सब अपना लंड हिला रहे थे। और रुका ना गया तो अपना लंड शिवी पर मसलने लगे। शिवी एक-दम हिली और उसकी पट्टी हट गई। इतने लड़कों को देख कर वो चौंक गई।
मैंने कहा: ये लो तुम्हारा गिफ्ट।
ये सभी वो लड़के थे, जिन-जिन का शिवी ने दिल तोड़ा था। अपने टाइम की छिनाल थी शिवी।
इतने में एक ने शिवी के मुंह में लंड घुसाया, तो एक ने उसकी चूत को एक ही झटके में छेद दिया। सब बारी-बारी से अपनी जगह बदल रहे थे। शिवी को बहुत मजा आ रहा था। वो सिसकियां लिए जा रही थी।
इतने में एक ने कहा: पलटाओ इसे। इस रांड की गांड मारनी है।
फिर शिवी को पलटा कर उसकी गांड में लंड घुसा दिया। और उसके मुंह में तो लंड था ही। फिर बारी-बारी से जगह बदल-बदल कर चुदाई शुरू हो गई। चुदते-चुदते आधा पौना घंटा हो चुका था। फिर एक लौंडा नीचे लेटा, और शिवी को उसके खड़े लंड पर बिठा दिया। फिर शिवी को झुका कर एक लंड उसकी गांड में भी डाल दिया।
अब शिवी की गांड और चूत दोनो में लंड अंदर-बाहर हो रहे थे। शिवी की चीखें निकल रही थी कि एक लंड उसके मुंह में भी घुसा दिया। अब 3 लंड से एक साथ चुद रही थी रांड शिवी। उसके पति के लिए हम अच्छे से खोल चुके थे। फिर सब ने शिवी को बीच में बिठा कर अपनी-अपनी पिचकारी मारना शुरू कर दी।
सब की पिचकारी निकलने के बाद शिवी उपर से नीचे तक स्पर्म से ढकी हुई थी। वो अपने उपर से सब का स्पर्म चाटने लग गई। शिवी की सांस जैसे ही नॉर्मल हुई, वो थोड़ा मुस्कुराई, और स्पर्म चाटते हुए बोली-
शिवी: तुम सब मुझसे कितना प्यार करते थे। सब का प्यार चख कर अच्छा लगा।
राजू: मुझे पता था तेरे जैसी रंडी को सबसे चुदने में मज़ा आ जायेगा।
शिवी: पर यार अब शादी के बाद ये मजे कहा मिल पाएंगे।
राजू: तेरा जब मन हो तब बुला लेना, तेरे लिए तो लंड खड़े है हमारे।
फिर बाकी की रात शिवी हर किसी से चुदती रही। वो ये मौका नहीं छोड़ना चाहती थी। उसने सुबह तक सब ही लौंडो के लंड निचोड़ कर रख दिए थे। हम सब के लंड उठने की हिम्मत भी नहीं कर पा रहे थे।
अगले दिन जब हम सब वापिस जा रहे थे, तो शिवी बहुत ही दुखी हो रही थी। वो सब को गले मिल रही थी।
शिवी: मुझे भूलना मत कभी।
हमने भी कहा: ये दिन तो हम कभी नहीं भूलेंगे।
अगले भाग में जानिए कैसे हम सब ने मिल कर शिवी की शादी का जिम्मा उठाया।
अगला भाग पढ़े:- अपनी एक्स गर्लफ्रेंड को रंडी बना कर चोदा-2 (एक्स की शादी)