मेरे बचपन का प्यार रूबी – भाग 12 – असली क्या और नक़ली क्या नक़ली

पिछला भाग: मेरे बचपन का प्यार रूबी – भाग 11

रविवार की सुबह शिमला में आखरी दिन

पहले रितु उठी। जवान फुद्दी ज्यादा प्यासी थी। रितु सोफे पर मेरे पास बैठ कर मेरे सीने पर हाथ फेरने लगी। थोड़ी देर बाद ही रूबी ने लंड मुंह से बाहर निकाला और बोली, विक्की, कैसे करोगे “?

मैंने कहा जैसे तुमने इक्क्ठे लंड चूसा है ऐसे ही इक्क्ठे चुदाई करवा लो। एक दूसरी की चुदाई देख कर तरसना नहीं पडेगा। आज दोनों के दोनों दोनों छेद – चूत और गांड चोदूंगा वो भी इक्क्ठे।