मेरे बचपन का प्यार रूबी – भाग 11 – शनिवार के रात सेक्स टॉयज़ का धमाल

पिछला भाग: मेरे बचपन का प्यार रूबी – भाग 10

रूबी रितु का बहुत ध्यान रखती थी.

रूबी बोली, “अब बात करते हैं इन नक़ली लंडों की जो असली जैसे दीखते हैं और वैसी ही चुदाई भी करते हैं।

जब रितु का मन करता है तो वो मुझे साफ़ साफ़ तो नहीं कह पाती, मगर उस दिन रात का खाना जल्दी बना लेती है, नहा धो कर तैयार हो जाती है। वैसे तो रितु बहुत सफाई पसंद है – साफ़ सुथरी रहती है – मगर चुदाई के समय हम एक दूसरी को चूमती चाटती हैं। एक दूसरी की चूत,चूचियां, चूतड़ चाटती हैं ।

किचन में काम करने वालों के कपड़ों में से प्याज और मसलों की गंध आती ही है। जिस दिन ऐसा हो और रितु में से हल्की खुशबू आ रही हो तो समझ लो उसका चुदाई का मन है”।

रूबी बोलती रही, “और ऐसे में वो बिना चुदाई करवाए और पूरी तरह झड़े बिना के आज नहीं मानेगी। फिर बोली, एक बात बताऊं विक्की, चुदाई का ध्यान आते या चुदाई का जिक्र आते अगर कभी औरत की चूत गीली हो जाए और उसमें खुजली मच जाए तो जब तक वो चूत चुद ना जाये और झड़ ना जाए औरत को चैन नहीं लेने देती।

मगर मैं रितु को बिलकुल एहसास नहीं होने देती की मुझे पता लग गया है की वो चुदना चाहती है। मैं उस दिन भी उसे यही कहती हूं, “रितु आज आजा, बड़ा मन कर रहा है “।

मैंने पूछा , “कितना वक़्त लग जाता है तुम दोनों को इस चुदाई से फारिग होने में “।

रूबी बोली, दो घंटे भी लग जाते हैं – तीन घंटे भी लग जाते हैं।

मुझे हैरानी हुई दो तीन घंटे दो लड़कियों केलिए एक दूसरी का पानी छुड़ाने के लिए कम नहीं होते।

मैंने रूबी से पूछा, काफी समय लग जाता है रूबी। नहीं “?

रूबी बोली, देख विक्की आदमी और औरत की चुदाई ही असली चुदाई है। बाकी दो लड़कियों का आपस में सेक्स या दो लड़कों का आपस में सेक्स ये असली चुदाई नहीं। तेरा लंड देखने भर से मेरी और रितु की चूत में आग लग जाती है – चूत गीली हो जाती है , गांड का छेद फड़कने लग जाता है और लंड अंदर लेने का मन करता। उंगली अपने आप चूत में खुजली करने लगती है”।

लेकिन जब दो लड़कियां नंगी खड़ी होती हैं तो एक दूसरी को नंगी देख कर चूत गीली नहीं होती, गांड का छेद नहीं फड़फड़ाता। ये करने के लिए वाइब्रेटर का सहारा लेना पड़ता। रबड़ के लंड को चूत में आगे पीछे करना पड़ता है। तब जा के कहीं चूत पानी छोड़ती है। गांड का छेद फड़फड़ाता है। इसी तैयारी को करते करते एक घंटा बीत जाता है।

बाकी फिर चूत चाटना, चूचियां चूसना गांड के छेद पर जुबान फेरना – इसके बाद कहीं जा कर चूत पानी छोड़ती है और मजा आता है”।

“लंड लंड ही होता है विक्की”।

“कितनी ज्ञान भरी बातें कर रही थी रूबी”।

बात करते करते हम दो दो ड्रिंक्स खत्म कर चुके थे। तीसरा ड्रिंक गिलास में डाल कर रूबी ने रितु को आवाज़ लगाई। रितु आयी और खड़ी हो गयी।

रूबी ने कहा, “रितु ऐसा कर सारा सामान ले आ और तैयार हो जा। आज तेरे सर ने हमे ‘वो’ सब करते हुई देखना है “।

“वो सब”, रितु समझ गयी और पूछा, “मैडम कमरे में ही ले जाऊं या यहां ले कर आऊं”।

रूबी ने कुछ सोचा, फिर कहा, ” चल यहीं ले आ। पहले विक्की को दिखाते हैं”।

रितु गयी और दो बॉक्स ले कर आ गयी।

रितु जो दो बक्से ले कर आयी, उनमें एक में तो एक बॉक्स में तो दो वाइब्रेटर थे। एक लंड की तरह का, एक शेव करने वाले ब्रश की तरह। रूबी ने बताया, “विक्की, इसका काम तो देख ही चुका है “। लंड की तरह दिखने वाले वाइब्रेटर को उठा कर बोली। फिर ब्रश की तरह दिखने वाले वाइब्रेटर को उठा कर बोली ,” ये चूचियों के लिए है। गांड के छेद के ऊपर रगड़ने पर भी बड़ा मजा देता है, लेकिन चूत के दाने पर रगड़ें तो चुभता है ।”

फिर दूसरा बक्सा खोला। उसमे से एक कमर में बांधने वाली चौड़ी सी बेल्ट निकाली। और साथ में था तीन लंडों का एक सेट। ये लंड बेल्ट पर लगाए जा सकते थे। जिसको चुदाई करनी होती थी वो इस बेल्ट को अपनी कमर पर बांध लेती थी और जो भी रबड़ का लंड चुदवाने वाली को पसंद आता था वो उसमें लगा लेती थी।

मैंने तीनो लंड उठा कर देखे। एक तो साधारण दिखने वाला लंड थी। हल्के भूरे रंग का और सुपाड़ा गुलाबी रंग का – असली लंड जैसा ही दिखता था। दुसरे लंड का सुपाड़ा फूला हुआ था और लंड के नीचे के हिस्से से बड़ा था। तीसरे लंड में कुछ ख़ास था। आगे के आधे हिस्से के ऊपर एक ख़ास किस्म की रबड़ की पतली सी परत थी जिसको असली लंड की परत की तरह ही आगे पीछे किया जा सकता था।

तीनो लंडों की मोटाई और लम्बाई एक जैसी ही थी – अगर आसानी से समझना हो तो मेरे लंड के लगभग बराबर।

मैंने रूबी से पूछा , “रूबी, तुम लोग कौन सा इस्तेमाल करते हो”।

रूबी बोली “ये दो”। रूबी ने फूले सुपाड़े और रबड़ की परत आगे पीछे होने वाले लंड को उठा कर बताया। ये दोनों जन्नत की सैर करवा देते हैं। ये परत आगे पीछे वाला तो चूत के अंदर ऐसी रगड़ाई करता है की सच मुच के लंड का एहसास कवाता है। और ये मोटे सुपाड़े वाला जब चूत से बहार निकाला जाता है और चूत का छेद फैलता है तो मजा ही आ जाता है – ये रितु की पसंद का है।

शायद रितु की चूत टाइट है इस लिए रगड़ाई तो कोइ भी लंड कर देता होगा। फूले सुपाड़े वाला भी रितु की चूत अंदर से रगड़ देता होगा।

मेरा लंड खड़ा होने लगा। रूबी ने मेरी पेंट का उभार देख कर कहा, “विक्की तेरा ये तो मांग रहा है “। रूबी मेरे लंड की तरफ इशारा कर के बोली “।

फिर रितु को बोली ,” चल रितु कमरे में और बेल्ट बांध ले और ये वाला लगा ले “। मोटे उभार वाले सुपाड़े वाला लंड रितु को दे कर बोली। “आज तू पहले मुझे चोदेगी”।

रितु चली गयी, पांच सात मिनट बाद अपना ड्रिंक खत्म करके हम भी उठे और कमरे की तरफ चल पड़े।

कमरे में पहुंचे तो देखा रितु नंगी खड़ी थी और ने बेल्ट लगा रक्खी थी और उभार वाले सुपाड़े वाला लंड उसमें लगा हुआ था – बिलकुल सीधा – खड़े लंड की तरह। रितु की उभरी चूचियां और सख्त चूतड़ और अब आगे लंड। मेरा तो मन कर रहा था मुठ मार कर ही लंड का पानी निकाल दूं।

मैं वापस बार में गया और अपने गिलास में एक ड्रिंक और डाल कर ले आया और सोफे पर बैठ गया I स्कॉच की बोतल भी साथ ही ले आया, कौन बार बार उठ कर ड्रिंक बनाये।

रूबी ने मुझ से पूछा, “विक्की आम तौर पर तू कितने तरीके से चुदाई करता है। कोक शास्त्र में तो 84 चुदाई के तरीके बताये हैं, मगर सारों से चुदाई नहीं हो सकती – सारे कामयाब नहीं हैं “।

मैंने जरा सोच कर कहा ,”पांच तरीके से”।

रूबी बोली, “बता जरा, रितु तू भी सुन ले। काम आएंगे”।

मैंने बताना शुरू किया, “पहला तो वही है लड़की सीधी लेट गयी। चूतड़ों के नीचे तकिया रख कर फुद्दी ऊपर उठा दी, टांगें उठा कर चौड़ी कर दी। इससे फुद्दी का छेद सामने आ जाता है अब लंड अंदर किया और चुदाई शुरू। मैंने बात जारी रखी, अब इसमें कई नीचे लेती लड़की की टांगें अपने कंधों पर रख ऊपर की तरफ होते हैं और लड़की चूत ऊपर उठती जाती है। मगर रूबी मुझे ये पसंद नहीं”।

“क्यों पसंद नहीं तुझे ये विक्की,” रूबी ने पूछा।

मैंने बताया, “इस लिए की इससे नीचे से लड़की मस्ती में चूतड़ ना तो घुमा सकती है ना ऊपर नीचे हिला सकती है। लड़की का आधा मजा तो बीच में ही रह जाता है। लड़कियों को चुदाई के समय चूतड़ घुमाना और ऊपर नीचे करना चुदाई के मजे को दुगना कर देता है”।

रूबी बोली, “बिलकुल ठीक। मेरे कई चोदू मेरे साथ ऐसा करना चाहते हैं, मगर मैं साफ़ मना कर देती हूं। रितु तू भी देख और समझ ले। अपने पति को पहले दिन ही समझा देना ये बात – अगर वो तुझे ऐसे चोदना चाहे तो …..”।

फिर रूबी मुझे बोली, “विक्की इन दिनों में तू तो हम दोनों को अच्छा ख़ासा चोद चुका है। एक एक बार ऐसे भी चोद दे – बहुत चूतड़ हिला चुकीं हम तो, क्यों रितु “? इस बार रूबी और रितु दोनों ही हंस दीं। “हां अब आगे बता विक्की”।

इसी में दूसरा है की लड़की बेड के किनारे पर सीधी लेट जाती है और लड़का फर्श पर खड़ा हो कर लड़की की टांगें उठा देता है – चाहे तो अपने कंधों पर भी रख सकता है। इसमें लड़की चूतड़ हिला घुमा सकती है। इस चुदाई के दौरान लड़का लड़की की चूचियों के निपलों को उंगलियों से मसलता है “।

अब रूबी और रितु कुछ नहीं बोल रही थी। ऐसा लग रहा था की उनकी चूत गर्म हो रही थी।

मैं बोला, “तीसरा है पीछे से। लड़की फर्श पर खड़ी हो जाती है और आगे की और झुक जाती है।

चोदने वाला लड़की की कमर पकड़ कर लंड अंदर डाल कर चुदाई करता है। इसमें ये है की पूरा लंड बाहर निकाल कर फिर से अंदर डालने में आसानी रहती है – और लंड पूरा जड़ तक बैठ जाता है । नीचे लड़की के चूतड़ों से चुदाई करने वाले के टट्टे टकराते हैं और आवाज़ आती है थच्च फच्च – ये आवाज लड़की को मस्त कर देती है”।

मगर इसमें मुसीबत ये है की अगर लड़के की लम्बाई ज्याद हुई तो लंड चूत के छेद में डालने के लिए लड़के को अपने घुटने मोड़ने पड़ते हैं और उसका मजा आधा हो जाता है। मगर उसने गांड का छेद चोदना हो तो ये तरीका कामयाब है। लड़की चूतड़ इसमें भी हिला डुला सकती है। इसमें बीच बीच में चोदने वाला गांड के अंदर उंगली या अंगूठा भी डालता रहता है”।

चौथा है बेड के किनारे पर कुहनियों और घुटनो के बल उकडू हो कर लड़की चूतड़ पीछे कर के ऊपर उठा देती है। चूत चुदाई और गांड चुदाई का सब से कामयाब तरीका है – लंड भी पूरा अंदर जाता है। अगर केवल गांड चोदनी हो या चूत और गांड दोनों एक साथ चोदनी हों तो ये तरीका सब से बढ़िया है “।

मैंने रितु की तरफ देख कर पूछा, “क्यों रितु”? रितु की गांड और चूत को मैंने ऐसे ही चोदा था। रितु शर्मा गयी।
और हां, इसमें भी चोदने वाला गांड के अंदर उंगली या अंगूठा डालता रहता है”।

मैंने अपनी बात जारी रक्खी, “और पांचवां और आख़री तरीका है की खूंटा”, अपने खड़े लंड की तरफ इशारा कर के मैंने कहा ,”खड़ा कर के बेड पर लेट जाओ और जो कुछ लड़की करना चाहे – चूसना चाहे, चूत में लेना चाहे , गांड में लेना चाहे – उसको करने दो। फिर उन दोनों की तरफ देख कर कहा ,”ये हम कल करने वाले हैं “।

रूबी बोली “वा…….”।

मैंने बीच में टोका, “एक बात और, ये जो उभरे सुपाड़े वाला लंड है, ये बाद की चारों चुदाईयों में पूरी मस्ती देगा। पूरा बाहर निकालो और अंदर डालो। सुपाड़ा निकलते वक़्त फुद्दी का छेद या अगर गांड में है तो गांड का छेद खुल जाएगा और मजा आएगा”।

रूबी बोली, “अब देख हमें और मजे ले – हम चारों तरीके से आपस में चुदाई करेंगी। मगर मुट्ठ मत मारना। तेरे लंड का लेसदार सफ़ेद पानी हम दोनों की अमानत है – बर्बाद नहीं जाना चाहिए “। रितु ये बात सुन कर हंस दी। मेरी भी हंसी छूट गयी।

उन दोनों ने फिर जो जलवे बिखेरे, मजा ही गया। जब एक धक्के लगाती थी तो उसकी चूचिया जो हिलती थी – देखने भर से मस्ती आ रही थी।

रितु ने तो लंड वाली बेल्ट लगा ही रक्खी थी। पहले चार तरह की चुदाई रितु ने की। पीछे वाले चुदाई में लंड रूबी की गांड में भी डाल दिया। जब एक बार रितु ने रूबी की गांड में से पूरा लंड बाहर निकाला तो रूबी की सिसकारी निकल गयी। उभरे सुपाड़े के कारण गांड का छेद खूब फैला। और गांड चुदाई का तो मजा ही इस छेद की रगड़ाई से होता है।

रूबी ने सिसकारी ली, “आआह आआह रितु ऐसे ही कर, पूरा बाहर निकाल और फिर डाल अंदर। मजा आ गया रितु। क्या बढ़िया लंड है ये वाला”।

जब रितु के चुदने का टाइम आया आया और लंड वाली बेल्ट रूबी ने लगाई तो सिसकारियां और तेज हो गयी। रूबी को चुदाई का तजुर्बा ज्यादा था। रितु की चुदाई वो अच्छे से कर रही थी। कब लंड को कैसे अंदर करना है कब और कितना बाहर निकालना है, रूबी को सब पता था। रितु जब नीचे चुदवा रही थी तो बहुत तेज तेज चूतड़ हिला रही थी। कम उम्र के कारण रूबी से ज्यादा चुस्ती थी – ऊपर से चुदाई का शौक।

दोनों की चूतें भी गर्म हो चुकी थी। पीछे से चूत चुदाई के वक़्त रितु बोली, “मैडम गांड में डालिये और वैसा ही करिये”। खूब झटके लगा रही थी रूबी और खूब हिल रही थी रितु। रूबी ने खूब सारी जैल लगाई रितु की गांड के छेद पर और उभरे सुपाड़े वाला लंड धीरे धीरे रितु की गांड में डाल दिया। पूरा अंदर जाने के बाद रितु ने जो चूतड़ हिलाये और जो सिसकारियां ली – कमाल ही हो गया। इतना मजा आ रहा था रितु को गांड चुदाई का ?

मैंने सोचा अब तो एक बार और इसकी गांड ठंडी करनी ही पड़ेगी – “आज ही करूंगा”।

मैंने अपने ज़िंदगी में ये नजारा नहीं देखा था – और शायद देखने को मिले भी ना।

फिर उनकी सिसकारियां और चूतड़ हिलाना, मेरे लंड में आग भर रहे थे। बीच बीच में उनकी सिसकारियां तेज़ हो जाती थी – जैसे झड़ गयी हों।

मैंने अपने लिए एक मोटा पेग बनाया। “अब इन दोनों की चूत और गांड की प्यास बुझाने के लिए ये शराब ही काम आने वाली है”।

चुदाई से पहले अगर शराब उचित मात्रा में पी जाये तो उसके सुरूर के कारण लंड जल्दी नहीं झड़ता – और तब तक नहीं झड़ता जब तक आप ना चाहें । आज मैं इन दोनों की चुदाई की अच्छे से तस्सली करवाने वाला था – गांड चुदाई में भी और चूत चुदाई में भी।

जल्दी ही दोनों औरतों ने एक दूसरी की तस्सली कर दी। दोनों अगल बगल ही लेट गयीं ।

मैं बैठा स्कॉच के सिप ले रहा था, और इंतज़ार कर रहा था कब ये कहें की आओ चढ़ो हमारे ऊपर और करो हमारी चुदाई।

वो वक़्त जल्दी ही आ गया। पहले रूबी उठी। मेरे सामने बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी।

कुछ ही देर में रितु उठी और रूबी की बगल में ही बैठ गयी। रूबी ने लंड अपने मुंह से निकाला और रितु की तरफ कर दिया। दोनों बारी बारी से लंड चूस रहीं थी।

“दोनों का एक एक हाथ नीचे उनकी चूत को सहला रहा था”।

चुसाई तेज़ हो गयी थी, मतलब चूतें तैयार हो रहीं थीं।

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