जवान बॉस के साथ सेक्स-7

पिछला भाग पढ़े:- जवान बॉस के साथ सेक्स-6

उसका हाथ अभी भी मेरी ब्रा को अपने हाथ में पकड़े हुए था। जब मुझे उसकी हाथ की स्लाइड मेरे साथ महसूस हुई और उसने ब्रा को हटा दिया।

अजय: मैं आपकी ब्रा आज अपने पास रखूँगा, दूंगा नहीं।

उन्होंने विजयी रूप से कहा, और ब्रा को छोटे से शाल की तरह अपने कंधों रख लिया। इसी बीच अजय अपने मोबाइल से मेरी सेल्फी लेते हुए कहने लगा-

अजय: आपके सेक्सी फिगर आगे तो अच्छी एक्ट्रेस भी फेल हैं।

मैं उसे फोटो खीचने से मना करने लगी, पर वो नहीं माना।

वो बोला: मेरे देखने के लिए बस।

उसने अपनी उंगलियां मेरी ठुड्डी के नीचे रख दीं ,और उसकी आँखों में देखने के लिए मेरा चेहरा ऊपर उठा दिया। फिर उसने मेरे अब तक के मुक्त स्तन को जोर से पकड़ा और उसे टिप की ओर निप्पल को निचोड़ दिया।

मैंने कहा: यह जानवरों की तरह क्यों नोचते हो? प्यार से किया करो ना।

उसने कहा: आप मेरा माल हो। जैसे चाहूं करूंगा।

मैं: धत्त! इतनी आग लगी है यहां पर (मैंने उसके लंड को मसलते हुए कहा)? अब जल्दी करो जो करना है। टाइम हो रहा है।

बातों ही बातों में अजय ने मेरी जीन्स का बटन खोल दिया। फिर जीन्स की ज़िप को नीचे किया। मैंने अपने हाथों से पैर के बाहर अपनी जीन्स निकाल कर अलग कर दी।

अजय ने अब अपना ध्यान मेरे नीचे की ओर लगाया। उसने अपना हाथ खिसकाया और मेरी योनि पर सहलाने लगा। मैंने अपने प्यार के छेद को उसकी तरफ बढ़ाया क्योंकि मुझे लगा कि उसकी उंगली मोटे बाहरी होंठों को ट्रेस कर रही थी। उसने शरारती अंदाज़ में पूछा-

वो: आज आप हिरोइन बन कर किसके लिए आयी थीं? और ये सेक्सी पैंटी क्यों पहनी है? तेरी पैंटी गीली है, और बहुत अच्छी खुशबू आ रही है। आज तू याद करेंगी मुझसे जो मिलेगा।

मैंने शरमाते हुए कहा: सिर्फ तुम्हारे लिए। बहुत तड़पाते हो। 15 दिन हो गए हैं लास्ट प्यार किये। यहां आग लगी है। जल्दी डालो ना, टाइम वेस्ट मत करो।

अजय: पिछली बार जब आपको चोदा था ना, मैं बस आपके पीछे आपके नाम का मुठ मरता रहता हूं। तूने मेरी नींद उड़ा दी है। मुठ मार मार के मेरा लौड़ा दर्द करता था, फिर भी मारता रहता था। आपने बहुत तड़पाया है। अब देखती जाइये।

मैं: मैं कभी सोच भी नहीं सकती थी, की आपके दिमाग में मेरे लिए इतने गंदे खयाल है।

अजय अपनी उंगलियों से मेरे जी-स्पॉट को सहला रहा था। मैं अब सुपर हीट पर थी और अगर मैं अजय के साथ इस अवस्था में किसी के द्वारा पकड़ी जाती, तो सचमुच मुझे अपनी इज़्ज़त गवानी पड़ती । मेरा जुनून शर्म और शिष्टाचार की सीमाओं को लांघ गया था। पर मुझे अब कोई परवाह नहीं थी। मैं आनंद के समुन्दर में थी।

वह बोले: आप जब मुझे चाहती हो तो बोलती क्यों नहीं? हम दोनों यहां रोज़ प्यार कर सकते हैं। यहां बिल्कुल सेफ है?

मैंने मुस्कुराते हुए कहा: यहां वाशरूम में?

वह बोला: मैं कल ही अपने चैम्बर में आपके लिए एक शानदार काउच रखवाता हूं। डार्लिंग, फॉर अवर लव, आई कैन डू एनीथिंग।

अगले एक मिनट के बाद ही अजय और मैं दोनों नंगे थे, और दोनों के नंगे बदन एक-दूसरे से लिपटे हुए थे। अजय दूध से भरे चूचों को मुँह में लेकर चूस रहा था, और उसकी एक उंगली मेरी चूत में उछल-कूद मचा रही थी। मैं मस्ती के मारे सिसकारियां भर रही थी और मेरी आहें, शायद चीखें कहूं तो ज्यादा ठीक होगा, कमरे में गूंज रही थी।

वो बड़बड़ा रहा था: आज तेरी चूत फाड़ डालूंगा। क्या कहूं मैडम, आप जन्नत की परी जैसी हो। यह काले बाल, ब्लू आईज, सफ़ेद स्किन, गोल-गोल बड़े-बड़े मुम्मे, जो दूध से भरे लगते हैं, बड़ी और गदरायी हुई फ्लेशी गांड। आपको जब पहली बार देखा था तभी सोच लिया था कि आपको रूम में लाकर खूब चोदा करूंगा?

मैंने कहा: अच्छा! इसीलिए मेरा सिलेक्शन यहां बिना किसी इंटरव्यू के हुआ था?

कुछ देर ऐसे ही मज़ा देने के बाद अजय ने मुझे वाशरूम के प्लेटफॉर्म पर बिठा दिया, और खुद मेरी टांगों के बीच में बैठ कर मेरी चूत को सहलाने लगा, और फिर अचानक ही अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया। वो जब अपनी जीभ को नुकीला करके मेरी चूत के दाने पर घिसता, तो मेरी सिसकारी निकल जाती। इसी तरह से वो मुझे बहुत देर तक तक तड़पाता रहा।

तभी कुछ देर बाद ही मैं मजे में इतनी मस्त हो गई, कि मैं अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पाई और उसके मुँह पर ही झड़ गई। और वो मेरी पूरी चूत के रस को उंगली से साफ कर करके चाट गया।

मैंने उससे कहा: अब लो ना।

अब उसने अपना लंड मेरी योनि द्वार में सटाया। मैंने उसके प्यार के औजार को पकड़ा और उसने अपने प्यार के औजार को मेरी क्लीन शेव्ड पुस्सी के अंदर कर दिया। अब उसका 16 सेंटीमीटर मोटा लोहे सा सख्त और गरम लिंग मेरी चूत के अंदर था, और मैंने अपने दोनों पैर उसकी कमर पर लपेट रखे थे। उसने धीरे-धीरे पम्पिंग शुरू कर दी, और मैं मस्ती में आहें भर रही थी। मैं लगभग भीख मांगते हुए उसको चोदने को कह रही थी।

वह मुझे पूरी शिद्दत से चोद रहा था, और मैं उसके होंठों पर और उसके माथे पर कई बार चुंबन दे रही थी। मैंने कस कर उसे मेरी बाहों में पकड़ लिया। मैंने एक हाथ से उसके बालों को भींच रखा था। उसका चेहरा मेरे वक्षों में धंसा हुआ था। वो मेरे बाएं निप्पल को अपने मुंह में दबाये रखे था, और बीच-बीच में बड़ी बेरहमी से चबाये जा रहा था। मैं सिसकारियां ले रही थी। मेरी सिसकारियां उसका जोश बढ़ा रही थी। फिर उसने गति बढ़ाना शुरू किया, और मैं और ज़ोर-ज़ोर से कराहने लगी।

मैं बोली: इतना जोर से जानवर की तरह काटोगे तो चिल्लाऊंगी नहीं तो और क्या करूंगी?

वो बुरी तरह से झटके दे रहे थे।

वाशरूम में प्लेटफार्म पर टिके-टिके ही मैं उसके पूरे औज़ार को अपने बंद गर्भद्वार को टकराते हुए महसूस कर रही थी। मुझे उसका प्यार असीम दर्द दे रहा था। मुझे केवल धक्का देने के बजाय छोटे झटकों से ऊपर की तरफ धकेल रहा था। मानो मेरी पुस्सी को फाड़ डालना चाहता हो ऊऊऊऊच्च…। दर्द बढ़ता जा रहा था।

मैं: प्लीज़ धीरे से डालो, बहुत दर्द हो रहा है। तुम मेरे लिए बहुत बड़े हो। आह मेरे भगवान। मेरी योनि दो टुकडे होने को हैं, प्यार से धीरे-धीरे करिये ना। चोट लग जायेगी, अगर फट गयी तो फिर क्या चोदोगे?

उसने पम्पिंग धीमी की, और अब हमारे ऊपर पूरी खुमारी चढ़ गयी थी। अब हम दोनों हवस में सारी मर्यादा भूल कर डर्टी टॉक्स करने पर उतर आये थे-

वह बोले: मेरी जान, सच्ची बताओ तुम्हें मुझसे चुदने में सचमुच बहुत मज़ा आता है ना?

मैं: हाँ बहुत मज़ा आता है। क्योंकि ये मोटा लम्बा लंड मेरी चूत को तृप्त कर देता है।

अजय: मैडम मैं वादा करता हूं, जिस दिन अच्छे से करने का मौका मिलेगा ना। इस मक्खन जैसी चूत को चोद-चोद कर फाड़ डालूंगा।

मैं: फॉर डालिये ना‌‌ आह, मैं भी तो यहीं चाहती हूं।

अजय: तुम्हारी कसम मेरी जान,  इतनी फूली हुई चूत को चोद कर स्वर्ग का आनंद मिलता है, और फिर इसकी मालकिन चुदवाती भी तो कितने प्यार से है।

मैंने जवाब दिया: जब चोदने वाले का औज़ार इतना मोटा तगड़ा हो, तो चुदवाने वाली तो प्यार से चुदेगी ही। मैं तो आपकी इस गरम रोड के लिए बहुत तड़पी हूं। आखिर मेरी प्यास तो यही बुझाता है।

मैंने उन्हें प्यार से पुचकारते हुए कहा: मुझे ये जंगली शेर पसंद है। ऐसे लंबे और मोटे लंड से चुदने के लिए में आज तक तरसती थी। सर अब प्लीज तंग मत करो। अब और नहीं सहा जाता। जल्दी से करो ना।

ये सुनते ही वह फिर जुट गया अपने काम में? मेरा पूरा एक बूब अपने मुंह में निगल गया। मैं फिर कसमसाने लगी। उसने जोर से काटा,‌‌ और मैं सिहार उठी। उसने बिना किसी सिग्नल दिए फिर अपना लिंग मेरे अंदर पेल दिया।

मैं: आह, मर गयी। मेरी चूत फट जाएगी।  कितना मोटा है रे आपका लंड। इतना मज़ा तो ज़िंदगी भर नहीं आया,‌ आह।

मैं इतनी ज़्यादा उत्तेजित हो गयी थी कि अब बिल्कुल रंडी की तरह बातें कर रही थी।  उसने थोड़ा सा लंड को बाहर खींचा और फिर एक ज़बरदस्त धक्के के साथ पूरा जड़ तक मेरी चूत में पेल दिया। इतने में मेरे मोबाइल में शालिनी का कॉल आने लगा। मैं अजय को स्क्रीन दिखते हुए कहा-

मैं: दो मिनट रुको, मैं बात कर लूं।

वह बोले: फ़ोन उठाओ।

मैंने फोन उठाया और स्पीकर ऑन किया। उधर से शालिनी ने कहा: मैडम आपके स्टूडेंट्स वेट कर रहे हैं? क्या बोलूं?

मैंने अजय की तरफ प्रश्नवाचक से देखा। उसने मुझसे कहा: शालिनी को बोलो कि स्टूडेंट्स को आज वो खुद इंगेज कर ले।

मैंने कहा: ये आप ही बोल दो।

मैंने फोन अजय के तरफ किया।

अजय ने कहा: शालिनी, मैडम अभी मेरे साथ बहुत इम्पोर्टेन्ट वर्क में बिज़ी हैं। मैंने फोन पर बताया था ना, अभी ऑनलाइन वर्क चल रहा है। आज स्टूडेंट्स तुम डील कर लो?

फ़ोन पर बात करते हुए ही उसने मेरी पांच मिनट की भयंकर चुदाई की। मैं पसीने से तर हो गयी थी, और मेरी चूत दो बार इस दौरान पानी छोड़ चुकी थी। फच फच फच  की आवाज़ से पूरा वाशरूम गूंज रहा था।

फ़ोन पर बात करते-करते उसने मुझे घूमने को कहा। वह क्या चाहता था? लेकिन बिना किसी सवाल के मैं मुड़ी।

फिर वह मेरे पीछे आया, और मेरी गीली चूत के छेद में अपना लंड डाल दिया, और उसने अपना लंड मेरी गांड की तरफ से मेरी चूत में घुसा दिया। उसके बड़े लंड की वजह से मुझे थोड़ा दर्द हुआ। आआआआ आआह्ह्ह्ह माँ‌, और ज़ोर की आवाज़ मेरे होंठों से बाहर आई। वो फ़ोन पर बात करते-करते ही मेरे शरीर के साथ खेल रहा था। उसका पूरा मेरे अंदर था, और वह अपने घुटने और जांघों से मेरे नितम्भों को कस कर दबा रहा था।

उसका दूसरा हाथ मेरे निप्पल मरोड़ रहा था। मैं अपनी सिसकियों की आवाज भी दबा नहीं पा रही थी। फ़ोन चालू था और पक्का मेरी सिसकियां शालिनी को सुनाई दे गयी होंगी? ऐसा मैंने सोचा। उसकी हांफती हुई आवाज़ पक्का शालिनी ने नोटिस कर ली होगी।

मैंने उसका फ़ोन काटते ही कहा: फ़ोन करते समय तो रुक जाते। शालिनी को पक्का शक हो गया होगा।

उन्होंने कहा: हो जाने दो ना, क्यों डरती हो आप? डार्लिंग मज़ा तो आ रहा था न? नहीं आ रहा तो निकाल लूं?

मैं: चुप बदमाश! खबरदार जो निकाला,  पूरा करो। और बाहर गिराना अपना माल, पिछली बार की तरह नहीं।

और वो मुझे जोर-जोर से धक्के लगाने लगा। वह मेरे हिप्स पर चिकोटियां काट रहा था। मैं दर्द से सिसकियां ले रही थी, लेकिन उसके ज्यादा जोश दिखाने के कारण वह तुरंत चरम उत्तेजना पर पहुँच गया, और एक-दम से ही वह स्खलित हो गया। यह महसूस करते ही कि उसने फिर इस बार अपना वीर्य मेरे अंदर ही छोड़ दिया है, मैं एक-दम झुंझला उठी-

मैं: क्या सर, फिर अंदर ही छोड़ दिया? आप बहुत लापरवाही करते हो। मुझे प्रेग्नेंट करके ही मानोगे। है ना? एक तो प्रोटेक्शन यूज़ नहीं करते हो। ऊपर से पूरा अंदर ही छोड़ देते हो।

वह हांफते हुए बोले: सॉरी! कंट्रोल नहीं कर पाया। कोई बात नहीं।

मैंने कहा: सॉरी कहने से क्या होता है। इस महीने अभी तक पीरियड नहीं आया है। क्या पता आपके कारण फिर मम्मी बनना पड़े? और इस उम्र में अब मम्मी बनने का मुझे कोई शोक नहीं है।

वह बोला: नहीं अगर आप प्रेग्नेंट होती हो तो आप एबॉर्शन नहीं कराना।

मैं: अच्छा तो हस्बैंड को क्या बोलूंगी? कि सेंटर में आपके साथ मस्ती कर रही थी, और हमसे कंट्रोल नहीं हुआ, और मैं प्रेग्नेंट हो गयी? क्या बात करते हो सर। हस्बैंड हर समय कंडोम इस्तेमाल करते हैं। बवाल मच जायेगा।

वह भी अब सीरियस हो गया और बोला: क्या सही में पीरियड ना होने का मतलब प्रेग्नेंट होना होता है?

मैंने कहा: और नहीं तो क्या? जब आपको करना है तो कंडोम यूज़ किया करो न?

मेरी पुसी में वीर्य लबालब भरा हुआ था। उनके लंड से इतना वीर्य निकला था, जैसे किसी घोड़े का होता है। मेरी बुरी हालत हो चुकी थी। मेरे निपल्स लाल थे। मैंने पैर खोल कर अपनी चूत देखी और मेरी चूत लाल थी। आप समझ सकते है कि उसका लंड कितना तगड़ा होगा। जिसने मेरी चुदी हुई चूत से मानो खून निकाल दिया।

फिर मैं उस अजय का लंड देखने लगी।  उसका लंड हर 1-2 सेकंड में झटके ले रहा था। अजय का लंड अभी भी एक-दम तन्ना हुआ था, और बहुत मोटा काला दिख रहा था। उसका लंड मेरी चूत के पानी से खूब चमक रहा था।

इसके आगे की कहानी आपको अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगी।

अगला भाग पढ़े:- जवान बॉस के साथ सेक्स-8