पिछला भाग पढ़े:- मेरी खूबसूरत पत्नी को अकेले रहना पसंद नहीं-19
दर्ज़ी पहले से भी ज़्यादा जमा-जमा कर अंजली को चोद रहा था। खूब रगड़-रगड़ कर चोद रहा था। उसे पहले से ज़्यादा मज़ा आ रहा था।
दर्ज़ी: माया, तेरी छोटी बहन (अंजली) को तीसरी बार चोद रहा हूं। मैं दो बात समझ गया हूं। एक तो यह कि एक के बाद एक सैकड़ों आदमी अंजली को चोदे, अंजली बेटी दिमाग़ से भले ही थक जाये लेकिन इसकी बूर कभी नहीं थकेगी। दूसरी बात कि इस अंजली बेटी को जितनी बार चोदो हर बार अलग-अलग मिठाई खाने का मज़ा मिलता है।
दर्ज़ी: आनंद साहब, अंजली बेटी को चोदने से मुझे कभी मत रोकना। जितनी जल्दी हो सके अंजली को लेकर मेरे घर आओ। मैं अंजली को अपनी गोदी में बिठाऊंगा और घर की सभी छोटी बड़ी औरत को तुम्हारे सामने नंगा कर दूंगा। तुम जिसे भी चाहो चोदो, चाटो, अपने साथ लेकर घर में रखो। लेकिन एक पूरी रात अंजली को मेरे साथ मेरे घर में रहने दो। आप जो बोलोगे मैं करूंगा। अपनी सारी संपत्ति आपको दे दूंगा। जब तक मेरे लंड में दम है अंजली को चोदने से मना मत करना।
दर्ज़ी अंजली का दीवाना हो गया था। दर्ज़ी को ही नहीं अंजली को भी दर्ज़ी से प्यार हो गया था।
अंजली: चाचा, तुमने बहुत काम कर लिया। अब अपने घर के दूसरे लोगों को दुकान संभालने दो और तुम अपनी इस बेटी को संभालो। दिन भर मैं अकेली रहती हूं। मुझे अकेला रहना बिल्कुल पसंद नहीं है। तुम मेरे साथ रहो। जब भी तुम्हारे लंड में जोश आ जाये अपनी बेटी को चोद लेना।
माया पूरी मस्ती से चुदवा रही थी।
माया: आनंद, अपनी घरवाली को संभालो। कुतिया, तू अब केडिया की माल है उसकी रंडी है। वो तुम दोनों की गांड फाड़ देगा।
अंजली ने ज़ोर से चूत्तड़ उचकाया।
अंजली: उसकी चिंता मत कर। मैं उसे अपना पेशाब पीने, टट्टी खाने बोलूंगी वो भी करेगा। आज ही देख लेना। उसके बेटा बहु के सामने केडिया से आनंद का लंड चुसवाऊंगी। और आनंद, अब मैं अकेली नहीं रह सकती। या तो अपने मां-बाबू जी को मेरे साथ रहने के लिए तैयार करो, नहीं तो हर रोज़ मेरे लिए नये-नये मर्द का इंतज़ाम करो। मेरा जो भी रेट रखना चाहो रखो, लेकिन अब मुझे हर रोज़ बार-बार चुदाई चाहिए। कल ऑफिस जाओगे तो किसी बहाने माया के भाई पंकज को 11 बजे के आस-पास भेज देना। देखें माया का बहनचोद भाई मुझे चोद पाता है कि नहीं।
दर्ज़ी डर गया कि अंजली दूसरों से चुदवाती रहेगी तो उसका नंबर नहीं आयेगा।
दर्ज़ी: लेकिन बेटी मैं?
अंजली ने बहुत ही प्यार से दर्ज़ी को अपनी बाहों में बांध कर चूमा। उसकी लंबी दाढ़ी को सहलाने लगी।
अंजली: चाचा, बोला ना तेरी इस बेटी की बूर तुम्हारे लंड के लिए हमेशा खुली रहेगी। अपने सास ससुर और मां-बाप के सामने भी तुमसे चुदवाऊंगी। बहुत मस्त कर रहे हो चाचा।
ऐसे ही चुदाई चलती रही। दोनों ने क़रीब 40-45 मिनट चोदा।
अंजली: हमारी बूर बहुत थक गई है। केडिया के घर में भी बहुत चुदवाना पड़ेगा। अब पहले जैसा तुम दोनों एक दूसरे के मुंह में चोदो।
अंजली दोनों को एक-दूसरे के लंड का रस पिलाना चाहती थी। दोनों औरतों ने सोचा कि अंजली की बात पर दोनों मर्द नाराज़ होंगे। लेकिन दोनों मुसकुराये।
दर्ज़ी: बेटी, जब तुमने पहली बार मुझे आनंद का लंड चूसने कहा तो मेरा मन किया था कि तुम्हारी जान ले लूं, लेकिन तुम्हारी बूर के रस से लथ-पथ लंड को चूसने चाटने में बढ़िया लगा। आनंद, अपनी रंडी माया की बूर का स्वाद लेने दो। माया को कई सालों से जानता हूं। जैसे दूसरी माल पर ध्यान नहीं देता था, वैसे ही माया की जवानी पर पहले नज़र नहीं गई। लेकिन माया तुम्हारे अंदर अभी बहुत गर्मी है। बहुत ही मस्त माल हो तुम भी। आनंद, तुम अपनी घरवाली की बूर का स्वाद लो और मुझे माया की जवानी का टेस्ट लेने दो।
आनंद तब भी माया को दनादन पेल रहा था। जब उसके सामने दोनों ने एक-दूसरे का लंड चूसा तो उसे वो देखना बहुत बढ़िया लगा था। अंजली की तरह वो भी अब मर्दों को अपना गुलाम बनाना चाहती थी। उसने अचानक आनंद को धक्का दिया और अपने उपर से अलग कर दिया।
आनंद वहीं चित हो गया और दर्ज़ी फुर्ती से उसके उपर 69 पोज में हो गया। माया ने दर्ज़ी का लंड पकड़ कर आनंद के मुंह में दबाया और दर्ज़ी ख़ुद माया के बूर के रस से लथ-पथ लंड को जड़ से पकड़ कर चारों तरफ़ से चाटने लगा।
आनंद ने भले ही बहुत बढ़िया चोदा हो, लेकिन दोनों कुतिया को दर्ज़ी का लंबा और मोटा लंड ज़्यादा पसंद आया।
माया: कुतिया अंजली, तुमने एक ही दिन में चार मर्द को बर्बाद कर दिया। अपनी बूर से निकला लंड केडिया, आनंद, बल्लू और दर्ज़ी को चुसवाया। लेकिन रानी, मर्दों का एक-दूसरे के लंड को चूसते देखने बहुत बढ़िया लग रहा है। चाचा 5 फ़ीट 11 इंच लंबा है तो इसका लंड 8 इंच से ज़्यादा लंबा है। मुझे बढ़िया से मालूम है कि लंड के लंबा होने से यह नहीं कहा जा सकता है कि वह बढ़िया चूदाई भी करेगा।
माया: आनंद 5 फ़ीट 8 इंच लंबा है। इस मेरी बहन को आनंद के साढ़े 6 इंच लंबे लंड से मज़ा नहीं आता है, लेकिन मेरी बूर को आनंद का लंड बहुत पसंद आ गया है। केडिया का आदमी भीमा 6 फ़ीट 6 इंच लंबा है, और उस अफ्रीकी आदमी का लंड 9 इंच लंबा भी है और चाचा के लंड से भी ज़्यादा मोटा है। अंजली बूर को तैयार रख, आज रात भीमा भी तुझे चोदेगा।
अंजली: अरे रानी, भीमा ही क्यों, तू किसी असली गधे और घोड़ा से भी चुदवायेगी तो चुदवा लूंगी। एक ही दिन में बल्लू और चाचा से चुदवा लिया तो भीमा और केडिया के तीनों बेटों से भी चुदवा लूंगी।
ये दोनों औरतें मस्ती की बातें कर ही रही थी कि दोनों लंड से रस निकलने लगा। अंजली ने देख लिया।
अंजली: चाचा और आनंद, एक भी बूंद बर्बाद मत होने दो। मर्द के लंड के रस में बहुत ताक़त होती है। बीच-बीच में मर्द के लंड का रस पीते रहोगे तो तुम्हारी चुदाई की ताक़त भी बढ़ती रहेगी। और भी बढ़िया से हम जैसी माल को चोद पाओगे।
अंजली ज्ञान बांटती रही और दोनों मर्दों ने एक दूसरे के लंड से निकला सारा पानी गटक गये। दोनों ने अपना मुंह खोल कर दिखाया। किसी के मुंह में एक भी बूंद रस नहीं था।
दर्ज़ी: सच कहता हूं बूर के रस से लथपथ लंड चूसना, चाटना बढ़िया लगा लेकिन अंजली बेटी रस का स्वाद एक दम बेकार था।
माया: डाक्टर जब कड़वी दवा देते हैं तभी रोग दूर होते हो। मर्द के रस में सबसे ज़्यादा ताक़त होती है। जो औरत बार-बार मर्द के लंड का रस पीती है वैसी औरत ही मर्दों को ज़्यादा खुश करती है। तुम भी अगर लंड का रस पीते रहोगे तो तुम भी ज़्यादा समय तक अंजली जैसी चुदासी माल को चोदते रहोगे।
बातें करते चारों ने अपने को साफ़-सुथरा किया। दोनों औरतों ने मेकअप किया और फिर सभी तैयार हो गये। दर्ज़ी ने अपने बैग से रुपया निकाला।
दर्ज़ी: माया, तुमने दस हज़ार मांगा था, ले ये पचास हज़ार। ध्यान रखना किसी और को कभी पता नहीं चलना चाहिए कि हमने तुम दोनों को चोदा है।
माया: बेफिक्र होकर रहो। मैं कभी तुम्हें बदनाम नही करुंगी। चाचा, मुझे भी तुम्हारे लंड से चुदवाना बहुत बढ़िया लगा। आगे भी चुदवाऊंगी।
माया के लिए वो दिन बहुत ही बढ़िया था। सुबह केडिया ने साठ हज़ार दिया था, और अब दर्ज़ी ने उसे पचास हज़ार दिया। दर्ज़ी के साथ की बढ़िया चूदाई से ज़्यादा उसे उतना रुपया मिलने की ख़ुशी थी। चाय नाश्ता कर दर्ज़ी घर के बाहर चला गया।
ठीक नौ बजे भीमा अकेला नहीं आया, केडिया भी साथ में आया। पीछे की सीट पर केडिया दोनों औरतों के बीच बैठा, और आनंद को भीमा के बग़ल में बैठना पड़ा। कुछ ही देर बाद कार एक बहुत ही आलीशान घर के पोर्टिको में रुकी।
सभी कार से नीचे उतरे। केडिया के घर के सभी लोग बाहर इनका इंतज़ार कर रहे थे।
एक औरत (बड़ी बहु): ये तो बिल्कुल अपनी सास है।
दूसरी बहु: हां दीदी, ये खूबसूरत औरत बिल्कुल अपनी सास सिमरन जैसी है।
छोटी बहु: हां दीदी, ऐसा लग रहा है कि हमारी सासु मां हमें आशीर्वाद देने आई है। कितनी खूबसूरत हैं ये।
तीनों बहुओं को लगा कि अंजली के रूप में उनकी सास सिमरन वापस आई थी। बहुओं की बातें सुन केडिया और उसके तीनों बेटों को भी लगा कि अंजली साक्षात सासु मां सिमरन थी।