मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-20

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मैं इस बात से बहुत खुश था कि आख़िरकार मेरी मां अपने बेटे, मुझसे चुदवाने के लिए देहरादून आ रही थी। मां ने फ़ोन पर कहा कि एक पूरा दिन और रात मेरे साथ होटल में मस्ती मारेगी और उसके बाद रेखा के साथ रहेगी।

हेडमास्टर ने मां को गेस्टहाउस में रहने के लिए कहा और मुझसे कहा कि मैं बायोलॉजी टीचर गार्गी को चोदू। मैंने उस औरत से कभी बात भी नहीं की थी, लेकिन जब मैं गार्गी से मिला तो उसने खुल कर चुदवाने की बात की, और मुझे अपने घर में रात गुज़ारने के लिए आमंत्रित किया।

गार्गी के ऑफिस से कैंटीन आते समय मेरे दिमाग़ में ये बात आई कि लोग बेकार ही हम मर्दों को बदनाम करते हैं कि हम मर्दों को चुदाई की ज़्यादा ज़रूरत है। लेकिन ये ग़लत है। सच तो यह है कि औरतें ही ज़्यादा चुदासी होती है, बस उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए, बढ़िया चोदने वाला मिलना चाहिए।

बड़े-बड़े घरों की बेटियों, घरवाली असलम जैसे गार्ड से मुफ़्त में चुदवाती है, तो इसका क्या मतलब हो सकता है?ख़ैर मैंने खाना खाया और रुम में जा कर आराम करने लगा। विनोद फिर रुम में आया।

विनोद: यार तुमने सब के उपर क्या जादू किया है कि सभी हेडमास्टर, अरविंद सर, और संगीता भी तुमसे बहुत हिल-मिल गये हैं? यार तुम रेखा के पास जाते हो। किसी तरह उसे मनाओ कि मुझसे चुदवा ले। यार अगर उसे नहीं चोद पाया तो पागल हो जाऊंगा। ना तो क्लास में मन लगता है, और ना पढ़ने में जी लगता है।

उस रविवार से, जब अरविंद के सामने रेखा को चोदा तब से उसे हर दूसरे दिन चोदता ही था। कभी-कभी एक दिन में ही चार बार चोदता था। मैंने सोचा कि अब जब मैं रेखा को लगातार चोद ही रहा था, तो क्यों ना अपने दोस्त विनोद को भी मौक़ा दूं।

मैं: रेखा को चोदने के लिए कितना देना चाहते हो? बनबारी और असलम ने कहा है कि 2-3 हज़ार में ही बढ़िया-बढ़िया माल रुम में आ जाती हैं। फिर क्यों उतनी चुदी हुई औरत को चोदना चाहते हो?

लेकिन विनोद रेखा को चोदने के लिए पागल हो रहा थ। मैं थोड़ी देर विनोद को ध्यान से देखता रहा।

मैं: तुम्हारी एक छोटी बहन भी है ना। अगर तुम अपना मां और बहन को मुझसे चुदवा दो,‌ तो उसके बाद मैं तुम्हें अपनी दोनों मां, रेखा और अपनी सगी मां को तुमसे चुदवा दूंगा। जितनी जल्दी अपनी मां और बहन को मुझसे चुदवाओगे, उतनी जल्दी तुम अपना लंड रेखा की बूर में डाल सकते हो। एक बात और, मेरी दोनों मां तुमसे चुदवाने का कितना लेंगी मैं नहीं जानता, लेकिन मैं तुम्हारी मां बहन को चोदने के लिए एक रुपया भी नहीं दूंगा। लेकिन मुझसे चुदवाने के बाद दोनों तुम्हारा थैंक्स करती रहेगी कि तुमने दोनों को मुझसे चुदवाया।

पिछले 20-21 दिनों से चुदाई कर मुझे अपने उपर बहुत भरोसा हो गया था, कि मैं किसी भी औरत को पूर्ण संतुष्टि प्रदान कर सकता था। मेरी बात सुन कुछ देर विनोद मुझे एक टक घूरता रहा।

विनोद: रेखा को चोदने के लिए मैं 2 लाख तक दे सकता हूं। तुम्हारी मां ज़रुर 40 साल से उपर की होंगी। अगर मुझे पसंद आई तो उन्हें भी 20-25 हजार दे दूंगा। लेकिन इससे पहले कि तुम मेरी बहन और मां को चोदो मुझे रेखा की या अपनी मां की नंगी जवानी दिखलाओ। उन दोनों को सिर्फ़ नंगा देखने के लिए 10-10 हज़ार दूंगा।

इतना बोल कर विनोद मेरे रुम के बाहर चला गया। मैंने विनोद की चाहत के बारे में बहुत सोचा और मैंने फ़ैसला किया कि विनोद की चाहत के बारे में मैं ख़ुद रेखा से बात करुंगा।

क़रीब पांच बजे शाम को मैं अपने होस्टल के वार्डन, जो होस्टल से ही जुड़े हुए तीन बेडरूम के मकान में रहते थे, उनके घर पहुंचा। पहले भी उनके घर कई बार आया था, लेकिन मित्रा सर ने कभी घर के अंदर भी आने नहीं कहा था। मेरे कॉल-बैल बजाने पर एक 24-25 साल की औरत ने दरवाज़ा खोला। ये ज़रूर मित्रा सर की नौकरानी होगी।

मैंने उसे अपना नाम और रुम नंबर बताया। वो मुझे बाहर रुकने बोल कर अंदर गई। थोड़ी देर बात ही वो वापस आई और मुझे आश्चर्य हुआ जब उसने मुझे अंदर आने कहा। “आप बैठिए, सर अभी आते हैं।”

मैं सोफ़ा पर बैठा और वो औरत अंदर से एक कोल्ड ड्रिंक से भरा ग्लास लेकर आई। उसके पीछे एक बहुत ही गोरी, हेल्दी, भरे-पूरे बदन वाली औरत आई। उस समय मैं जिस तीन माल को चोद रहा था, समझ लीजिए कि तीनों रेखा, नगमा और संगीता का बदन फ़िल्म की हीरोइन माधुरी दिक्षित जैसा था। जबकि इस औरत, वार्डन की घरवाली का बदन हेमा मालिनी जैसा था।

औरत: अमित, इससे पहले मैंने तुम्हें स्पोर्ट्स डे के फंक्शन में प्राइज़ लेते देखा था। मैं तो तुम्हें बहुत ही शरीफ़ लड़का समझती थी, लेकिन अब सुन रही हूं कि आज-कल तुम लड़कियों को बहुत तंग कर रहे हो, उन्हें डरा रहे हो।

मैं समझ गया कि इस औरत के कान में भी मेरी चुदाई की तारीफ़ पहुंच गई थी। मैंने मुस्कुराते हुए दोनों हाथ जोड़ कर प्रणाम किया।

मैं: मैडम, 2-3 लड़कियों और औरतों को छोड़ कर मैं किसी और से बात भी नहीं करता हूं, और वे सभी मेरी बहुत ही बढ़िया दोस्त हैं। आज भी उनसे बात की है। उनके बातों से नहीं लगा कि मैं उन्हें तंग करता हूं या वे मुझसे परेशान है।

यह बोल कर कि मैं 2-3 औरतों से ही बात करता हूं मैं फस गया।

औरत: तुम मुझसे पहली बार ही मिल रहे हो इसलिए अपना नाम बता देती हूं। मेरा नाम संपा है, संपा मित्रा। मेरे दो बच्चे हैं। बड़ी बेटी है 19 साल की कानपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है। उससे छोटा एक बेटा है यहीं के स्कूल में 9वीं क्लास में है। मैं भी तो सुनूं कि तुम्हारी खास-खास दोस्त कौन हैं। उन तीनों का नाम बताओ।

मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता था। मैं चुप ही रहा।

संपा: लगता है कि तुम उन तीनों को खूब चोदते हो, इसलिए नाम नहीं ले रहे हो। घबराओ मत, यहां की ज़्यादातर औरतें रंडी है। कोई बदनाम नहीं होती। घबराओ मत, हम तुम्हारी माल को भी बदनाम नहीं करेंगे।

इस औरत को भी मालूम था कि यहां बहुत सी रंडियां थी। मुझे लगा कि ये औरत भी स्टूडेंट्स से चुदवाती थी।

संपा: तुम अगर यह सोच रहे हो कि यहां की दूसरी औरतों की तरह मैं भी तुम जैसे स्टूडेंट्स से चुदवाती हूं, तो बिल्कुल ग़लत है। मैं अपने आदमी से बहुत खुश हूं। जल्दी अपनी माल का नाम बताओ।

मैं फिर भी चुप रहा।

संपा: नहीं बताना है तो मत बताओ लेकिन आज से अभी से मैं सारे गार्ड को वार्न कर दूंगी कि ना तो कोई औरत तुम्हारे रुम में आ पाए, और ना तुम रात में बाहर जा सकोगे। सिर्फ़ पिछले 7 दिन में तीन रात कोई बुर्का पहन कर तुम्हारे रुम में आई और रात भर तुम्हारे साथ रही, और हर दूसरी रात तुम रात भर होस्टल से बाहर रहे। तुम्हें मालूम है ना कि रात में होस्टल से बाहर रहना सबसे बड़ा गुनाह है? कल ही तुम्हें यहां से निकलवा दूंगी।

वो मुझे निकलवा सकती थी कि नहीं मुझे नहीं मालूम था, लेकिन मैं बहुत ही डर गया। मैंने तीनों का नाम ले लिया। मैंने आगे बढ़ कर संपा के दोनों फ़ीट को पकड़ लिया।

मैं: मैडम प्लीज़, किसी को बदनाम मत कीजिए। मेरे रुम में आने वाली हेडमास्टर की बेटी संगीता और असलम गार्ड की चौथी बेगम नगमा है। मैं रात में या तो संगीता को चोदने जाता था, या फिर अरविंद सर की घरवाली रेखा को।

संपा: नगमा के बारे मैं नहीं जानती लेकिन संगीता को देख कर ही लगता है कि साली रंडी है। लेकिन विश्वास नहीं हो रहा है कि तुम रेखा को चोद रहे हो।

नौकरानी: मैडम, भूल गई कि सीमा ने क्या कहा था?

नौकरानी ने सीमा का नाम लिया लेकिन मुझे उस समय यह याद नहीं आया कि बनबारी ने जिस मां बेटी की जोड़ी को मेरे रुम में भेजा था उस जोड़ी की बेटी का नाम सीमा था।

संपा: अभी तुम सर से क्यों मिलने आये हो?

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