मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-19

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नगमा: मैंने यह भी सुना है कि अपने घर की औरतों यानी अपना मां, बहन और बेटी को चोदने से मर्द की ताक़त बढ़ती है, चोदने का स्टैमिना बढ़ता है। असलम को देख ही रहे कि इस उम्र में भी बेटी के उम्र की लड़कियां उससे चुदवाने के लिए मरती हैं। एक बार, तुम्हारे कॉलेज की एक लड़की के बहुत कहने पर मैंने तुम लोगों के अरविंद सर के साथ उनके ही घर में चुदवाया था। अरविंद और असलम, दोनों का लंड एक जैसा ही लंबा और मोटा है और दोनों से चुदवाने के लिए जवान लड़कियां मरती है।

नगमा: दोनों ने अपनी मां और बहन को खूब चोदा है। जो भी कारण रहा हो, मुझे तुम्हारे अरविंद सर के साथ चुदाई में कोई मज़ा नहीं आया था। ये तब की बात है जब उसने शादी नहीं की थी।

नगमा सिर्फ़ देखने में ही खूबसूरत नहीं थी, उसका दिल भी बहुत साफ़ था। उसके दिमाग़ में किसी तरह का कन्फ्यूजन नहीं था। जैसा संगीता से कहा था मैंने उससे कहा कि अरविंद अब ज़्यादा बढ़िया से चोदेगा। लेकिन उसने कहा कि उसके मायके ( मां के घर में ) एक यार था, जो बहुत बढ़िया चुदाई करता था। हमने एक राउंड और चूदाई की। सुबह जब असलम उसे लेने आया तो मेरे बहुत ज़िद करने पर भी नगमा ने एक रुपया भी नहीं लिया।

मेरी ज़िंदगी बहुत बढ़िया से चलने लगी। ये तीन औरतें संगीता, नगमा और रेखा मुझसे रेग्युलरली चुदवाती रही। मैंने किसी गार्ड से किसी और लड़की या औरत को मेरे पास भेजने नहीं कहा। जिस रविवार को रेखा ने मेरी मां को यहां बुलाने और बेटे से चुदवाने वाली चिट्ठी लिखी थी, उसके 15वें दिन मेरे लिए फ़ोन आया। शनिवार को दोपहर में, जब मैं क्लास कर रहा था तब फ़ोन आया। फ़ोन हेडमास्टर के ऑफिस में आया था। मैं हेडमास्टर की ऑफिस में गया तो हेडमास्टर साहब अपनी बेटी की बातें करने लगे।

हेडमास्टर: बहुत दिनों से तुमसे बात करना चाह रहा था। संगीता तुम्हारी तारीफ़ करते हुए थकती नही। बहुत प्यार करती है तुम्हें।

मैं: सर अब आपको सब मालूम है। उसे सिर्फ़ मेरे साथ का सेक्स पसंद है। अगर मुझे प्यार करती तो फिर होटलों में क्यों जाती? अरविंद से क्यों चुदवाती? आप हेडमास्टर हैं। आपकी बेटी को चुदवा कर रुपया कमाने की क्या ज़रूरत है?

हेडमास्टर: अमित, इस मामले में मेरी सोच अलग है। इस दुनिया में जो कुछ भी है सबकी अपनी वैल्यू है। जब मुझे मालूम है कि मेरे पास जो चीज है उसकी बाज़ार में बहुत डिमांड है, तो फिर मैं वो चीज़ किसी को मुफ़्त में क्यूं दूं। अपनी बायलॉजी टीचर तुम्हारे साथ समय चाहती है। वो तुम्हारे होस्टल के रुम में नहीं आ सकती। तुम उसे शहर के किसी बढ़िया होटल में ले जा कर चोदो या चाहो तो उसके घर में ही चोदो। मैं वार्डन से कह दूंगा कि तुम्हें रात में बाहर जाने दे।

हेडमास्टर: वैसे तुम्हारे वार्डन की घरवाली भी बहुत मस्त औरत है। उसे भी पटा कर चोदो। गार्गी यहां के किसी गार्ड की रंडी नहीं है। उसे मालूम है कि तुम संगीता को बहुत चोदते हो। संगीता ने तुमसे उसकी मां को चोदने के लिए बहुत कहा लेकिन तुम्हें मेरी घरवाली पसंद नहीं है तो कोई बात नहीं। असलम उसे खुद चोदता ही है हर दूसरे तीसरे रात किसी ना किसी स्टूडेंट्स के रुम में पहुंचाता है। तुम्हारे कई दोस्तों ने मेरी पत्नी को चोदा है। कभी-कभी तो कई स्टूडेंट्स एक साथ मिल कर उसे चोदते हैं। तुम भी एक बार चोद लो। 45-46 साल की है, लेकिन आज भी बहुत आग है उस औरत में।

मैं अचंभे से अपने हेडमास्टर को देखता रहा। 50-52 साल का आदमी कितनी आसानी से अपनी बेटी और घरवाली की चूदाई, उनकी रंडी-पने की बात कर रहा था। मैं चुप ही रहा।

हेडमास्टर: मैं तुम्हारा बहुत आभारी हूं कि तुमसे चुदवाने के लालच में मेरी बेटी ने अपनी जवानी का मज़ा मुझे दिया। जिस रात तुम या अरविंद उसे नहीं चोदते हो संगीता पूरी रात मेरे साथ नंगी रहती है। मैं अब किसी को चोद नहीं सकता, लेकिन उसे मेरा अंगुली से चोदना बहुत पसंद है। अब तो संगीता भी अपने दलाल, अपनी मां के यार असलम से भी चुदवाने लगी है।

तभी फ़ोन की घंटी बजी। पहले हेडमास्टर ने उठाया। हेलो बोल कर रिसीवर मुझे दिया। मैंने हेलो कहा और सामने वाली की आवाज़ सुन कर मेरा दिल खुश हो गया। सामने से मेरी मां बोल रही थी।

मां: बेटा तेरी और तेरी उस रंडी मां, मेरी सौतन की चिट्ठी पढ़ कर मेरी जवानी में, मेरी बूर में आग जलने लगी है। अब बर्दाश्त नहीं कर सकती। कल सुबह की ट्रेन से आ रही हूं, अकेले। तुम मुझे स्टेशन लेने आओ। लेकिन एक पूरा दिन और रात मैं अपने बेटे के घोड़ा जैसे लंड से खेलूंगी। उसके बाद तू जिससे भी, तेरे दोस्त विनोद से, अरविंद से, या असलम से ही चोदने बोलेगा चुदवाऊंगी।

मां: रेखा ने ग्रुप, सामुहिक चुदाई की बात की है। मैं उसके लिए भी तैयार हूं। एक रात होटल में रहने के बाद रेखा के घर में ही रहुंगी। मैं भी तो देखूं कि कुतिया कितनी ख़ूबसूरत है कि मेरा बेटा हर समय उसकी बूर में घुसा रहता है।

मैं: में स्टेशन आ जाऊंगा, लेकिन तुम हेडमास्टर साहब से मेरे लिए कॉलेज से बाहर रहने की परमिशन ले लो।

रिसीवर सर को देते हुए मैंने सर से कहा कि मेरी मां उनसे बात करना चाहती थी। हेडमास्टर ने हेलो कहा। थोड़ी देर उन्होंने मां की बात सुनी।

हेडमास्टर: इंदिरा जी, आपसे बात कर बहुत बढ़िया लगा। हम वैसे स्टूडेंट्स को बाहर रात गुज़ारने की परमिशन नहीं देते हैं। लेकिन आपके बेटे के लिए रुल तोड़ दूंगा। कल पूरा दिन और रात अमित आपके साथ रहेगा और सोमवार से आप जितने दिन रहना चाहे गेस्ट हाउस में आपके लिए रुम रिज़र्व रहेगा। और सोमवार की रात का खाना आप हमारे साथ खाएंगी।

मां ने ज़रूर हां कहा होगा, तभी सर ने रिसीवर नीचे रख दिया।

हेडमास्टर: अमित, तुम्हारी मां की आवाज़ बहुत ही मीठी है।

मैं: सर आप असलम के बारे में कुछ कह रहे थे।

हेडमास्टर: मैंने असलम जैसा मर्द आदमी और कोई नहीं देखा और अब उसके बाद तुम मिले हो। वो कैसे क्या करता है मालूम नहीं। शायद कोई वशीकरण जादू जानता है, तभी वो जिसे चाहता है आसानी से चोद लेता है। मैं शादी करने के बाद सुषमा को, अपनी घरवाली को यहां लेकर आया और अमित एक महीना भी नहीं हुआ कि सुषमा ने सामने से कहा कि उसे असलम बहुत पसंद था, और वो उससे चुदवाना चाहती थी।

हेडमास्टर: मैं क्या बोलता, मैं ख़ुद असलम के कारण बहुत सी लड़की और औरतों को चोद रहा था। इतने सालों में 10-11 टीचर ही ऐसे होंगे जिनकी घरवाली, बहन, या बेटी को मैंने नहीं चोदा होगा। सुषमा ने कहा कि अगर मैं उसे असलम से चुदवाने नहीं दूंगा तो फिर मैं भी किसी और को नहीं चोद पाऊंगा। उसके सात-आठ साल तक सुषमा मेरे अलावा सिर्फ़ असलम से ही चुदवाती रही। संगीता जब 2 साल की हो गई तब असलम सुषमा को भी स्टूडेंट्स के पास भेजने लगा।

फिर हेडमास्टर ने ऐसी बात कही कि मेरा सर चकराने लगा।

हेडमास्टर: डाक्टर ने कहा था कि मैं बच्चा पैदा नहीं कर सकता हूं। ये बात किसी और को मालूम नहीं है। सुषमा ने असलम से चुदवा कर मेरी इज़्ज़त रख ली। प्लीज़ किसी को बोलना मत, मेरे तीनों बच्चों का बाप असलम ही है। ना तो ये बात सुषमा को मालूम है, ना ही असलम को। असलम अभी अपनी दोनों बेटियों को ही चोद रहा है। मेरी बड़ी बेटी सुजाता भी संगीता जैसे अपने बाप असलम से चुदवाती है। बेटा अमित, मेरे बोलने पर आज रात गार्गी को चोद लो।

और हेडमास्टर की बात सुन कर मुझे समझ आया कि असलम इतना बढ़िया क्यों चोदता था कि 50 साल का होने के बाद भी जवान लड़कियां उससे चुदवाने के लिए मरती थी। असलम की घरवाली नगमा ने कहा था कि बेटी को चोदने से आदमी की चूदाई की शक्ति के साथ चोदने का स्टैमिना भी बढ़ता है। और असलम एक नहीं अपनी दो बेटियों को चोद रहा था। सर ने मुझे कॉलेज की बायोलॉजी टीचर गार्गी को चोदने के लिए कहा। मैंने तब तक गार्गी से कभी बात भी नहीं की थी।

मैं क्या बोलता। अपने क्लास में वापस आ गया। क्लास में घुसा ही कि संगीता ने चुटकी ली।

संगीता: लगता है कि हेडमास्टर साहब को तुम्हारे कारनामों की खबर हो गई है। तुम्हें कॉलेज से निकालने के लिए ही बुलाया था ना।

पिछले 15-16 दिनों में मैंने संगीता को 8-10 बार चोद लिया था। मैंने भी मस्ती ली।

मैं: नहीं मेरी प्यारी संगीता रानी, तुम्हारे बाबू जी ने यह कहने के लिए बुलाया था कि बहुत जल्दी मेरी शादी तुमसे हो जायेगी और हनीमून मनाने हम स्विट्ज़रलैंड जायेंगे।

क्लास टीचर ने हमें चुप रहने के लिए कहा। शनिवार को 1 बजे ही छुट्टी हो जाती थी। जिस टीचर को चोदने के लिए हेडमास्टर कह रहे थे, मैं उनके ऑफिस में गया। मुझे देखते ही उन्होंने अंदर आने के लिए कहा। मैं उनके सामने बैठ गया। गार्गी मैडम सीधा मुद्दे पर आ गई।

गार्गी: मुझे मालूम है कि यहां पढ़ने वाले सभी बहुत ही अमीर घर के बिगड़े हुए बच्चे है। मैं चार दूसरे कॉलेज में पढ़ाने के बाद एक साल पहले ही यहां आई हूं। जब यहां के बारे में मालूम हुआ कि यहां पढ़ने वाले सभी लड़के मादरचोद है, अपनी मां से भी बड़ी उम्र की औरतों को चोदते हैं। यहां के टीचर अपनी स्टूडेंट्स को चोदते हैं, तो बहुत ग़ुस्सा भी आया और दुख भी हुआ।

मैं: फिर आप यहां की नौकरी छोड़ कहीं और चले जाइए। यह जगह आप जैसी शरीफ़ औरतों के लिए नहीं है।

गार्गी: क्योंकि यहां जितनी सुविधा है, जितनी सैलरी हैं, कहीं और नहीं है। इतनी सुविधा और बढ़िया सैलरी छोड़ कर मैं नहीं जा सकती।

मैं: मैडम, आप बायोलॉजी की टीचर है और मैंने बायोलॉजी नहीं लिया है। हेडमास्टर ने कहा कि आप मुझसे मिलना चाहती हैं। मुझसे आपको क्या काम है?

गार्गी: मुझे बहुत भूख लगी है। बहुत समय से भूखी हूं। मुझे मालूम हुआ है कि देखने में तुम साधारण मनुष्य हो, लेकिन असल में तुम घोड़ा हो। मैं भी तुम्हारी घोड़ी बनना चाहती हूं। लेकिन एक ही शर्त पर कि जब भी मुझे ज़रूरत होगी तुम मुझे चोदोगे।

गार्गी: मैं दूसरी रंडियों की तरह रुपया लेकर नहीं चुदवाऊंगी। ना ही किसी हालत में कभी तुम्हारे रुम में आऊंगी। कभी-कभी तुम्हारे साथ बाहर घूमने, होटल में रहने जा सकती हूं। अगर बोलोगे तो छुट्टियों में तुम्हारे घर भी चलूंगी। जब तक तुम यहां हो, तब तक मैं तुम्हारी प्रेमिका बन कर चुदवाऊंगी। एक बात पुछूं, सच-सच बताओगे?

मैंने नॉड किया।

गार्गी: मेरी एक बहुत ही बढ़िया सहेली मनोचिकित्सक है। उसका कहना है कि जो भी लड़के कम उम्र में ही चुदाई के शौक़ीन हो जाते हैं, बढ़िया चुदाई करते हैं, उनमें से अधिकतर लड़के अपनी मां से ही चुदाई सीखते हैं, अपनी मां को चोदते हैं। तुम भी अपनी मां को चोदते हो?

मैं: कल मेरी मां आ रही है, आप से मिलवा दूंगा, ख़ुद ही पूछ लीजिएगा। लगता है तुम्हें भी चुदवाने का बहुत शौक़ हैं। कितनों ने चोदा है अब तक?

गार्गी: गलती से भी ये सवाल अपनी घरवाली से मत पूछना। तुम्हें तलाक़ दे देगी। औरत से यह पुछना कि वो किससे चुदवाती है या उसे किसने चोदा है, यह औरत के लिए सबसे बड़ी गाली है।

रेखा ने भी बिल्कुल यही कहा था। मैंने अपने इस टीचर को उपर से नीचे तक देखा।

मैं: प्लीज़, थोड़ी देर के लिए मेरे सामने खड़ी हो जाइए।

गार्गी अपने चेयर से उठ कर मेरी तरफ़ आई और सामने खड़ी हो गई।

गार्गी: यही ऑफिस में चोदोगे! घर आओ, जो भी देखना है देख लेना। आठ बजे तुम्हारा इंतज़ार करूंगी। पहले मेरे हाथ का बना खाना खाना और बाद में जितना चाहो मुझे खाना।

मैं ऑफिस में बैठ ही रहा और गार्गी अपना हैंड बैग लेकर बाहर निकल गई। आज एक नई औरत की बूर में लंड पेलना था।

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