उसके बाल खुले हुए हैं और जेठा उसके गले पर किस्स किए जा रहा है। उधर चंपक की भी आंख खुल जाती है और वो तप्पू को ढूंढते हुए हॉल में आ जाता है। तप्पू को क्योंकि ज्यादा कुछ दिख नहीं रहा था, इसलिए वो डाइनिंग टेबल के पास वाली चेयर पर बैठा हुआ था और सिसकियों की आवाजें सुन मस्त हो रहा था।
उसकी आंखें बंद थी और एक हाथ से वो अपने लंड को सहला रहा था। चंपक उसे देख शॉक होता है और सिसकारियां सुन उसे समझ आ जाता है कि अंदर क्या चल रहा है। तभी वो तप्पू के कंधे पर हाथ रखता है जिससे तप्पू होश में आ जाता है। मन में बहुत से सवाल होते हैं चंपक के पर इससे पहले कि वो कुछ पूछे तप्पू नजरें चुरा कर अपने रूम की तरफ आ जाता है। यहां पर एपिसोड एंड होता है।)
रात के करीब 2 बजे हैं। गोकुलधाम सोसाइटी में सन्नाटा पसरा हुआ है। हर घर की लाइटें बंद हैं और सभी सो चुके हैं। तप्पू अपने रूम में बिस्तर पर लेटा हुआ है। उसका दिमाग अभी भी सनी मैडम की बायोलॉजी क्लास और रिप्रोडक्शन चैप्टर में अटका हुआ है। अचानक उसे बेचैनी सी होती है। उसका गला सूखने लगता है। वो करवट बदलता है, लेकिन नींद नहीं आती। आखिरकार वो उठ कर अपने बेड साइड टेबल पर रखे पानी के जग को देखता है। जग खाली है। वो धीरे से उठता है और हॉल की तरफ जाता है।
हॉल में हल्की सी मूनलाइट खिड़कियों से आ रही है। तप्पू किचन की तरफ जाता है और फ्रिज से पानी की बोतल निकालता है। ठंडा पानी पीते हुए वो राहत महसूस करता है। बोतल को वापस रख कर वो अपने रूम की तरफ जाने वाला होता है कि तभी उसे हल्की सी सिसकियों की आवाज सुनाई देती है। पहले तो वो समझ नहीं पाता कि आवाज कहां से आ रही थी। वो रुक कर ध्यान से सुनता है। आवाजें धीरे-धीरे तेज हो रही थी, और अब साफ पता चलता है कि ये जेठालाल और दया के रूम से आ रही थी।
तप्पू का दिल तेजी से धड़कने लगता है। वो धीरे-धीरे उनके रूम के दरवाजे की तरफ जाता है। उसका मन कहता है कि वापस चला जाए, लेकिन उत्सुकता उसे रोक लेती है। वो दरवाजे के की होल से झांकने की कोशिश करता है। की होल से उसे जेठालाल की नंगी पीठ दिखती है, जो बेड पर बैठा हुआ है। उसकी पीठ दरवाजे की तरफ है। दया का चेहरा थोड़ा सा दिखता है, जो सिसकारियां ले रही है। उसकी आंखें आधी बंद हैं और मुंह से हल्की-हल्की “आह… आह…” की आवाजें निकल रही हैं। तप्पू को समझ आ जाता है कि उसके मम्मी-पापा सेक्स कर रहे हैं। उसका दिमाग सुन्न हो जाता है, लेकिन वो रुक कर देखता रहता है।
अंदर का सीन कुछ ऐसा है। जेठालाल बेड पर बैठा हुआ है, उसकी दोनों टांगें फैली हुई हैं। वो पूरी तरह नंगा है, उसकी पीठ पसीने से चमक रही है। दया उसकी गोद में बैठी है, जेठालाल का लंड उसकी चूत में है। दया एक पतली, ट्रांसपेरेंट नाइटी पहने हुए है, जो अब कमर तक ऊपर उठ चुकी है। उसके बड़े-बड़े चूचे जेठालाल के सीने से चिपके हुए हैं। दया धीरे-धीरे ऊपर-नीचे उछल रही है, और हर उछाल के साथ उसकी सिसकारियां तेज हो रही हैं।
उसके लंबे बाल खुले हुए हैं और जेठालाल उसके गले और कंधों पर किस्स किए जा रहा है। जेठालाल का एक हाथ दया की कमर पर है और दूसरा उसकी गांड को सहला रहा है। दया की नाइटी का कपड़ा उसकी गोरी जांघों पर लटक रहा है, और उसकी चूत का गीलापन जेठालाल के लंड को चमका रहा है।
तप्पू की होल से ज्यादा कुछ देख नहीं पाता। दरवाजा हल्का सा बंद होने की वजह से सिर्फ जेठालाल की पीठ और दया का चेहरा ही दिख रहा है। तप्पू का लंड धीरे-धीरे तनने लगता है। वो थोड़ा और करीब जाता है, लेकिन तभी उसे डर लगता है कि कहीं कोई देख ना ले। वो पीछे हट कर डाइनिंग टेबल के पास वाली चेयर पर बैठ जाता है।
सिसकियों की आवाजें अब और तेज हो रही हैं। दया की आवाज में एक मादकता है, “हाय… जेठा… आह… और जोर से…” तप्पू की आंखें बंद हो जाती हैं। वो सिसकियों की आवाज में खो जाता है। उसका एक हाथ अनायास ही उसकी पजामे के ऊपर चला जाता है और वो अपने लंड को धीरे-धीरे सहलाने लगता है। उसका लंड अब पूरी तरह खड़ा हो चुका है। वो सनी की क्लास और अब इस सीन को मिला कर पूरी तरह मस्त हो रहा है।
इसी बीच चंपक लाल की भी नींद खुल जाती है। वो पानी पीने के लिए हॉल में आते हैं। अंधेरे में उन्हें तप्पू डाइनिंग टेबल के पास बैठा दिखता है। चंपक पास जाते हैं और देखते हैं कि तप्पू की आंखें बंद हैं और वो अपने लंड को सहला रहा है। तभी जेठालाल के रूम से दया की सिसकारी “आह… जेठा… हाय…” सुनाई देती है। चंपक को तुरंत समझ आ जाता है कि अंदर क्या हो रहा है। वो शॉक हो जाते हैं, लेकिन तप्पू को इस हालत में देख कर उनका मन और भारी हो जाता है। चंपक धीरे से तप्पू के कंधे पर हाथ रखते हैं।
चंपक: जेठिया का बेटा, ये क्या कर रहा है?
तप्पू हड़बड़ाकर होश में आता है। उसका चेहरा शर्म से लाल हो जाता है। वो जल्दी से अपना हाथ हटाता है और नजरें चुरा कर बोलता है।
तप्पू: द…दादा, वो… कुछ नहीं… बस पानी पीने आया था।
चंपक के मन में ढेर सारे सवाल उठते हैं। वो समझ नहीं पाते कि तप्पू से क्या पूछें। क्या वो सनी की क्लास की बात पूछें या जेठालाल और दया की सिसकियों की? लेकिन इससे पहले कि वो कुछ कहें, तप्पू जल्दी से उठता है और अपने रूम की तरफ भाग जाता है।
तप्पू अपने रूम में पहुंच कर बेड पर लेट जाता है। उसका दिल तेजी से धड़क रहा है। वो सनी की साड़ी, दया की सिसकारियां, और जेठालाल की पीठ को याद करता है। उसका लंड अभी भी तना हुआ है, लेकिन वो अब कुछ नहीं करता। वो बस कंबल ओढ़ कर सोने की कोशिश करता है। उधर चंपक हॉल में खड़े रहते हैं, उनके मन में कई सवाल हैं, लेकिन वो चुप-चाप अपने रूम में चले जाते हैं।
तीसरा एपिसोड समाप्त।
अगला भाग पढ़े:- गोकुलधाम सोसाइटी की नई दास्तां-4