पिछला भाग पढ़े:- मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-17
मैं 12 बजे के पहले संगीता के घर पहुंच गया। रेखा की तरह वो भी मेरा इंतज़ार कर रही थी। वहीं बरामदे पर हम दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया, चूमा, और मैंने चूचियों को खूब दबाया। मैंने झुक कर उसे बाहों पर उठाया और उसने जिस रुम की तरफ़ इशारा किया, मैं उसी रुम में ले गया। मैंने उसे बेड पर लिटाया और एक-दूसरे को खूब रगड़ते हुआ दोनों नंगे हुए।
मैं: रानी, मेरी चुदाई इतनी बढ़िया लगी कि तुमने अपने घर में मुझसे चुदवाने के लिए अपने बाप का लौडा चूसा? बेचारा असलम बहुत दुखी है कि तुमने उससे नहीं चुदवाया।
संगीता लंड को बहुत प्यार से मसल रही थी।
संगीता: इतनी जल्दी क्या है? साले ने मुझे घर पहुंचाया और मां को चोद लिया। असलम से भी चुदवा लुंगी। लेकिन तुम्हें मेरी जवानी इतनी बढ़िया लगी कि उस खूबसूरत हसीना रेखा की बूर में लंड पेलने के बाद भी मुझे पेलने आ गया।
संगीता की बात सुन कर मैं घबरा गया। मुझे लगा कि शायद अरविंद ने ही संगीता को बता दिया था कि मैं रेखा को चोद रहा था।
मैं: रानी, रेखा ने तेरा क्या बिगाड़ा है जो उसे बदनाम करने पर तुली हो? रेखा मुझसे क्यों चुदवायेगी?
संगीता: क्योंकि तू सबसे बढ़िया चोदता है। अच्छा किया जो तुमने मुझे अरविंद से चुदवाने कहा। मालूम नहीं उस दिन क्या हो गया था। लेकिन आज तो सर ने मुझे मस्त कर दिया। तेरे जैसा तो नहीं लेकिन आज अरविंद ने बहुत बढ़िया चोदा। बीच-बीच में उससे चुदवाती रहुंगी। जब रात में तुमने अरविंद से चुदवाने की ज़िद की, तभी मुझे संदेह हुआ कि आख़िर ये खूबसूरत लड़का अरविंद से चुदवाने की ज़िद क्यों कर रहा है।
संगीता: मैंने उसे प्यार से पूछा और उसने तोता जैसा सब बोल दिया कि सोमवार की रात को तुमने उसे कैसे चोदा और यह भी कहा कि आज तुमने सर के सामने ही उसकी घरवाली को चोदा और तुम दोनों को अकेले छोड़ कर वो मुझे चोदने आये था।
मैंने संगीता को सब कुछ बता दिया कि कैसे मैंने रेखा से बात की और कैसे उसने मुझे घर बुलाया। मैंने संगीता से बार-बार खुशामद किया कि ये बात किसी और को नहीं मालूम हो कि मैंने रेखा को चोदा है।
संगीता: जब तक मेरे गुलाम बन कर रहोगे, तब तक तुम्हारी रेखा मां की बदनाम नहीं होगी। मैं जिसे भी चोदने बोलूंगी तुम उसे चोदोगे। जहां साथ चलने बोलूंगी साथ चलोगे।
मैं: जो हुक्म मलिका, ये गुलाम हर हमेशा आपकी सेवा में है।
संगीता: अब पहले मलिका की बूर चूसो और जम कर चोदो। अरविंद को भी सिखाओ कि बूर चूस कर औरत को कैसे मस्त करते हैं। मुझे तुम्हारा बूर चूसना और चाटना भी बहुत ही ज़्यादा पसंद आया।
फिर अगले चार घंटा में मैंने बूर चूस कर उसे मस्त किया ही दो बार लंबी चुदाई की और दोनों बार उसकी बूर के अंदर ही रस गिराया। संगीता ने चुदाई के पहले भी और बाद में भी लंड को बढ़िया से चूसा, लेकिन पिछली रात जैसा उसने रस को निगला नहीं।
संगीता: सच अमित, तुम जादूगर हो। तुम सोच नहीं सकते की मैं कितनी संतुष्ट हूं, कितनी खुश हूं। बूर तो खुश हुई ही दिल भी खुश हो गया है। तुम्हारे रुम से आने के बाद मैंने मां को असलम के पास चुदवाने भेज दिया। असलम ने ठीक ही कहा कि वो मेरा मां को 22 साल से चोद रहा है। मां को भी असलम से चुदवाना बहुत पसंद है। मैं बाबू जी के पास रह गई। मैंने रुम में लाईट जला दी और नंगी हो गई।
संगीता: नंगे बदन को बाबू जी के बदन से रगड़ने लगी तो कुछ ही देर में उनकी नींद खुल गई। बाबू जी ने मुझे नंगा देखा तो चूचियों को दबाने लगे। मैंने उनसे कहा कि मुझे घर में ही अमित से चुदवाना है और बाबू जी तुरंत मान गये। मैं एक घंटा से ज़्यादा बाप के साथ नंगी रही। उसने चूचियों के साथ-साथ बूर भी चूसा लेकिन बेचारे का लंड ढीला का ढीला ही रहा। अब सो जाओ, कल क्लास भी करना है।
लेकिन मैं वापस होस्टल आ गया। असलम ने फिर पूछा तो मैंने कह दिया कि रोज़ रोज़ इतना चूदाई करुंगा तो मेरी तबियत ख़राब हो जायेगी। फिर भी उसने ज़िद की।
असलम: साहब, आज सिर्फ़ मेरी बेगम नगमा रहेगी। आप जितनी देर उसे रखना चाहो रखना। संगीता की मां से काफ़ी कम उम्र की है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि वो आपको हर तरह का मज़ा देगी। जो बोलिएगा सब करेगी। बाद में जब बोलिएगा अपनी बेटी नफ़ीसा को भी आपके पास ले आऊंगा।
असलम ने बहुत ज़िद की तो मैंने उसे उसकी बेगम “नगमा” को भेजने के लिए कह दिया। जब भगवान चाहता था कि मैं नई-नई माल को चोदूं तो मैं क्यों मौक़ा गवाऊँ।
मैं दो ढाई घंटा सोकर थोड़ा फ़्रेश हुआ। दिन में कुछ खास नहीं हुआ। संगीता मुझसे दूर रही लेकिन प्रैक्टिकल के समय देखा कि संगीता बहुत मुस्कुराते हुए अरविंद से बात कर रही थी। ग्यारह बजे असलम खुद अपनी बेगम नगमा को लेकर रुम में आया। संगीता की तरह उसने भी बुर्का पहना था। असलम ने दरवाज़ा बंद किया और उसने ख़ुद ही अपनी बेगम के बुर्का को निकाल दिया। नगमा बिल्कुल नंगी थी। उसने बुर्का के नीचे कुछ नहीं पहना था। मैं उस नंगी औरत को देख कर खड़ा हो गया।
मैं: असलम, ये तुम्हारी बेगम है? बाप रे, कितनी सुंदर है ये औरत! लोग बेकार ही रेखा मैडम को खूबसूरत कहते हैं। नगमा बेगम, आपसे ज़्यादा खूबसूरत और कोई हो ही नहीं सकती। इतने सालों से यहां हूं, कभी नहीं सुना कि असलम की बेगम इतनी ग़ज़ब की खूबसूरत है।
मैं बोल रहा था और असलम ने मेरा पाजामा खोल दिया और मेरे लंड को पकड़ लिया।
नगमा: सच असलम बहुत ही बढ़िया, बहुत ही प्यारा लंड है।
मैंने असलम को धक्का दिया।
मैं: असलम तुम बाहर जाओ। घर की औरत को कभी भी दूसरों के सामने नंगा नहीं करना चाहिए। अपने घर की औरतों के अलावा जिसे भी लाओगे उसे तुम्हारे सामने चोदूंगा लेकिन नगमा या नफ़ीसा को नहीं। तुम बाहर जाओ।
असलम दुखी होकर बाहर चला गया। मुझे लगा कि असलम ख़ुद तो बढ़िया चोदता ही था, इसे अपने घर की औरतों को दूसरे से चुदवाते देखना भी पसंद था।
नगमा सही में बहुत ही खूबसूरत औरत थी। 5 फ़ीट 5 इंच लंबी, बहुत ही गोरा प्यारा रंग, लचकदार बदन, वजन क़रीब 60 किलो, देखने से बहुत ही मुलायम लग रही थी। उसकी चूचियां रेखा की चूचियों से थोड़ी ढीली लग रही थी, फिर भी काफ़ी गुदाज़ थी, 34 इंच साईज़ की चूचियां थी। कमर भरा हुआ और आकर्षक था। लंबी और सुडौल जांघें बहुत ही मादक दिख रही थी।
मैं: अगर तुम्हारी बेटी भी तुम्हारी जैसी ही खूबसूरत है तो मैं उससे शादी कर लूंगा।
नगमा: चेहरे और बदन की ख़ूबसूरती पर मत फिसलो। शादी हमेशा किसी शरीफ़ घर की शरीफ़ लड़की से ही करना, जिसे ना धन दौलत का लालच हो और ना तुम्हारे जैसे बांका नौजवान को देख कर चुदवाने के लिए तरसे। हमारे और रेखा जैसी खूबसूरत औरतें सिर्फ़ चुदाई के लिए सही औरत है। चुदाई का जैसा मज़ा संगीता जैसी मस्त गदराई माल देंगी, वैसा मज़ा कोई भी खूबसूरत औरत नहीं दे सकती। नफ़ीसा को चोदना है तो पहले मुझे दिखाओ कि तुम्हारे इस डंडे में कुछ दम भी है कि नहीं। पहले मुझे चोदो।
अपनी बेगम की बात सुन असलम चला गया। मैंने दरवाज़ा बंद किया और 30-35 मिनट की ओरल के बाद मैंने नगमा को सीधा चोदना शुरु किया। कुछ ही देर चोदने के बाद लगा कि औरत की उम्र ज़्यादा नहीं है, 30 साल से कम ही होगी। नगमा की बूर भी रेखा की बूर जैसी ही बहुत टाईट तो थी ही, बहुत रसीली और गर्म भी थी। चूचियां भी गुदाज़ और कड़क थी। नगमा लगातार सिसकारी मार रही थी।
मैं: नगमा, तुम खुद किसी जवान लड़की जैसी चुदाई का मज़ा दे रही है, फिर तुम्हारी बेटी अभी चुदने लायक़ कैसे हो सकती है?
हर धक्के के साथ नगमा का चूत्तड़ उपर-नीचे हो रहे थे।
नगमा: तुमने ठीक ही समझा। मैं संगीता या रचना जैसी जवान तो नहीं हूं, लेकिन चुदाई के लायक़ बेटी की मां भी नहीं हूं। नफ़ीसा मेरा सौतेली बेटी है। मेरी अपनी बेटी अभी 8 साल की ही है। मेरा उम्र अभी 30-31 साल ही है। मैं आसिफ़ की चौथी बेगम हूं। उसकी पहले की तीनों बेगम उसे छोड़ कर भाग गई।
मुझे यह सुन कर अजीब सा लगा कि असलम जैसे बढ़िया चोदने वाले मर्द की औरत उसे छोड़ कर भाग जाए।
मैं: मैंने सुना है कि असलम बहुत बढ़िया चोदता है। उसने पिछली रात ही कहा कि उसने क़रीब 600 लड़कियों और औरतों को चोदा है, फिर ऐसे आदमी की घरवाली उसे क्यों छोड़ेगी?
नगमा: क्योंकि असलम मौगा है। आप लोग जिस औरत या लड़की को 3-4 हज़ार देकर चोदते हैं वैसी रंडियां हमारे घर आकर मुफ़्त में असलम से चुदवाती है। मादरचोद हर रोज़ घर में ही किसी ना किसी को चोदता है।
मैं: किसी भी औरत को बढ़िया नहीं लगेगा कि उसका घरवाला उसके सामने किसी को चोदे। तुम भी उसे छोड़ दोगी?
नगमा: पहली तीनों बेगम इसलिए नहीं भागी कि असलम ने उनके सामने दूसरों को चोदा। वो इसलिए भागी कि असलम उन सभी को दूसरों के सामने नंगा होने, उनसे चुदवाने बोलता था। मैं भी जब यहां आई तो असलम एक दिन तुम्हारी ही उम्र के तीन लड़को को लेकर घर आया और मुझे उनके सामने नंगा नाचने और उनसे चुदवाने बोला।
मैं: तुमने चुदवाया?
नगमा: चुदवाया, मैंने लड़कों के सामने असलम को चप्पल से बहुत मारा। साथ ही धमकाया कि आगे से कभी किसी लड़के को लेकर घर आया तो पुलिस में शिकायत कर दूंगी। वो बहुत डर गया और उस घटना के 10 साल बाद उसने आज तुम्हारे बारे में कहा। मुझे उसे नीचा दिखाने का मौक़ा मिला। मैं उसके सामने खुद भी और नफ़ीसा को भी चुदवाना चाहती थी, लेकिन तुम तो बहुत शरीफ़ निकले। किसी के सामने उसके घर की औरत को नहीं चोदोगे। बहुत ही बढ़िया से चोद रहे हो यार, बहुत मज़ा आ रहा है।
हमने एक-दूसरे को रगड़ते हुए खूब जम कर चुदाई की। फिर दोनों झड़ गये, पस्त हो गये। थोड़ी देर लंबी लंबी सांसें लेने के बाद हम दोनों नॉरमल हुए। मैं उसके उपर से उतर कर उसके बग़ल में लेटा और वो मेरे उपर आ गई। उसने कई बार होंठों और गालों को चूमा।
नगमा: बेटी के बारे में पूछना बेकार है। अपनी मां को चोदते हो या अपनी बहन को?
मैंने प्यार से उसके गोरे चिकनी गाल पर चपत लगाया।
मैं: ऐसा क्यों पूछ रही हो? कोई अपनी मां बहन को भी चोदता है क्या?
नगमा बूर को मेरे लंड पर रगड़ रही थी।
नगमा: सैकड़ों, हज़ारों लोग चोदते हैं। मैंने अपनी आंखों से सैकड़ों बार असलम को अपनी मां और बहन को चोदते देखती थी। एक बार उसने मुझसे परमिशन मांगी कि मैं दूसरों को घर में लाकर असलम की मां और बहन को चुदवाने दूं, लेकिन मैंने मना कर दिया। मैंने मना किया तो उसने अपनी मां और बहन को किसी होटल में बेच दिया है। अब वे दोनों मां-बेटी किसी होटल की रंडी है।
नगमा चुदाई की मस्ती दे ही रही थी। उसकी बातें भी बहुत मज़ेदार थी।
अगला भाग पढ़े:- मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-19